17 February 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. ZIMSAT-2: ज़िम्बाब्वे का अंतरिक्ष में अगला कदम
- A2. नैफिश्रोमाइसिन: भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक
- A3. एलआरएलएसीएम: भारत की नई क्रूज मिसाइल
- A4. TOI-6651b: एक अनोखा एक्सोप्लैनेट
- A5. पैंटसिर: भारत-रूस का संयुक्त सुरक्षा कवच
- A6. द्रव और तापीय विज्ञान में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 6:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
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क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
ZIMSAT-2: ज़िम्बाब्वे का अंतरिक्ष में
अगला कदम
ZIMSAT-2: Zimbabwe's Next Step in
Space
जिम्बाब्वे ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने रूस के वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम से अपना दूसरा उपग्रह, ZIMSAT-2 लॉन्च किया है। यह उपग्रह देश के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मददगार साबित होगा।
मुख्य बिंदु
•
उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरा: ZIMSAT-2 में एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरा लगा है। यह कैमरा पृथ्वी की सतह की बहुत स्पष्ट तस्वीरें ले सकता है, जिससे विभिन्न प्रकार के अध्ययन और निगरानी में मदद मिलेगी।
•
उपयोग के क्षेत्र: यह उपग्रह कृषि, संसाधन खोज, पर्यावरण की निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
•
निरंतर प्रगति:
ZIMSAT-2 का सफल प्रक्षेपण अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नवाचार में ज़िम्बाब्वे की निरंतर प्रगति को दर्शाता है। इससे पहले, नवंबर 2022 में, ज़िम्बाब्वे ने अपना पहला उपग्रह, ZIMSAT-1 लॉन्च किया था।
ZIMSAT-2 के लाभ
•
कृषि में मदद: यह उपग्रह किसानों को उनकी फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी करने, उपज का अनुमान लगाने और मिट्टी की उर्वरता का आकलन करने में मदद करेगा।
•
संसाधन खोज:
ZIMSAT-2 की मदद से देश में मौजूद विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाया जा सकेगा, जिससे उनका बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।
•
पर्यावरण निगरानी: यह उपग्रह वनों की कटाई, प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय समस्याओं पर नज़र रखने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे।
•आपदा प्रबंधन: ZIMSAT-2 प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा और जंगल की आग की निगरानी करने में मदद करेगा, जिससे समय पर राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा सकेंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. ZIMSAT-2 को किस देश से लॉन्च किया गया?
a) भारत
b) चीन
c) रूस
d) संयुक्त राज्य अमेरिका
2. ZIMSAT-2 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) संचार
b) मौसम की भविष्यवाणी
c) पृथ्वी अवलोकन
d) सैन्य निगरानी
3. ZIMSAT-2 में किस प्रकार का कैमरा लगा है?
a) इन्फ्रारेड कैमरा
b) अल्ट्रावायलेट कैमरा
c) उच्च-रिज़ॉल्यूशन मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरा
d) थर्मल कैमरा
4. ZIMSAT-2 किन क्षेत्रों में मदद करेगा?
a) केवल कृषि
b) केवल पर्यावरण निगरानी
c) कृषि, संसाधन खोज, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन
d) केवल आपदा प्रबंधन
5. IMSAT-2 से पहले ज़िम्बाब्वे ने कौन सा उपग्रह लॉन्च किया था?
a) ZIMSAT-3
b) ZIMSAT-1
c) ZIMSAT-4
d) कोई उपग्रह नहीं
A2.
नैफिश्रोमाइसिन: भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक
Nifithromycin: India's First Indigenous Antibiotic
20 नवंबर, 2024 को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारत के पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक "नैफिश्रोमाइसिन" को लॉन्च किया। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह देश को एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) से लड़ने में मदद करेगा।
मुख्य बिंदु
पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक: नैफिश्रोमाइसिन भारत में विकसित पहला एंटीबायोटिक है।
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) से मुकाबला: इस एंटीबायोटिक का उद्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से निपटना है, जो एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है।
विकास में सहयोग: नैफिश्रोमाइसिन को "बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल" (BIRAC) के सहयोग से विकसित किया गया है।
बाजार में उपलब्धता: इसे फार्मा कंपनी "वोल्काईट" द्वारा "मिक्नाफ" नाम से बाजार में उतारा गया है।
उपयोग: यह एंटीबायोटिक सामुदायिक-अधिग्रहित जीवाणु निमोनिया (CABP) के उपचार के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नैफिश्रोमाइसिन के लाभ
दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया से मुकाबला: यह एंटीबायोटिक उन बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है जो अन्य एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी हो गए हैं।
गंभीर बीमारियों का इलाज: यह निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले हैं।
आत्मनिर्भरता: यह भारत को एंटीबायोटिक दवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. नैफिश्रोमाइसिन क्या है?
a) एक टीका
b) एक एंटीवायरल दवा
c) एक एंटीबायोटिक
d) एक दर्द निवारक दवा
7. नैफिश्रोमाइसिन को किसने लॉन्च किया?
a) प्रधानमंत्री
b) राष्ट्रपति
c) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
d) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
8. नैफिश्रोमाइसिन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) वायरल संक्रमण से लड़ना
b) एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) से निपटना
c) कैंसर का इलाज करना
d) हृदय रोग का इलाज करना
9. नैफिश्रोमाइसिन को किस कंपनी ने बनाया है?
a) सिप्ला
b) रैनबैक्सी
c) वोल्काईट
d) सन फार्मा
10. नैफिश्रोमाइसिन किस बीमारी के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है?
a) मलेरिया
b) डेंगू
c) निमोनिया
d) तपेदिक
A3.
एलआरएलएसीएम: भारत की नई क्रूज मिसाइल
LRLACM: India's New Cruise Missile
पहला सफल परीक्षण: 12 नवंबर, 2024 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) का पहला उड़ान परीक्षण किया।
मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपण: मिसाइल को मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लॉन्च किया गया।
1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता: LRLACM 1,000 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकती है।
टेरेन हगिंग क्षमता: यह मिसाइल दुश्मन के रडार से बचने के लिए जमीन से बहुत नीचे उड़ती है, जिसे टेरेन हगिंग क्षमता कहा जाता है।
स्वदेशी तकनीक: मिसाइल को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, बेंगलुरु द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु के सहयोग से विकसित किया गया है।
LRLACM की खासियत:
•
लंबी दूरी की मारक क्षमता: यह मिसाइल 1,000 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है, जो इसे भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बनाती है।
•
टेरेन हगिंग क्षमता: यह क्षमता मिसाइल को दुश्मन के रडार से बचने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करती है।
•
मोबाइल लॉन्चर: मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपण की क्षमता मिसाइल को अधिक लचीला और तैनात करने में आसान बनाती है।
•
स्वदेशी विकास:
LRLACM का विकास भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है और रक्षा उत्पादन में देश की क्षमताओं को मजबूत करता है।
LRLACM का महत्व:
•
रक्षा क्षमताओं में वृद्धि: LRLACM भारत की रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है और देश को किसी भी खतरे का सामना करने के लिए अधिक सक्षम बनाती है।
•
आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: इस मिसाइल का विकास भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है और विदेशी निर्भरता को कम करता है।
•
रणनीतिक महत्व:
LRLACM भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार है, जो देश को किसी भी संभावित संघर्ष में बढ़त प्रदान कर सकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. LRLACM का पहला उड़ान परीक्षण कब किया गया था?
(a) 10 नवंबर, 2024
(b) 12 नवंबर, 2024
(c) 15 नवंबर, 2024
(d) 20 नवंबर, 2024
12. LRLACM की मारक क्षमता कितनी है?
(a) 500 किलोमीटर
(b) 750 किलोमीटर
(c) 1,000 किलोमीटर
(d) 1,250 किलोमीटर
13. LRLACM को किस लॉन्चर से लॉन्च किया गया था?
(a) स्थिर लॉन्चर
(b) मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर
(c) विमान
(d) पनडुब्बी
14. LRLACM की कौन सी क्षमता उसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करती है?
(a) उच्च गति
(b) कम ऊंचाई पर उड़ान
(c) टेरेन हगिंग क्षमता
(d) स्टील्थ तकनीक
15. LRLACM को किसके सहयोग से विकसित किया गया है?
(a) DRDO
(b) एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, बेंगलुरु
(c) भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद
(d) उपरोक्त सभी
A4.
TOI-6651b: एक अनोखा एक्सोप्लैनेट
TOI-6651b: A Unique Exoplanet
•
खोज: भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नए एक्सोप्लैनेट की खोज की है, जिसे TOI-6651b नाम दिया गया है।
•
आकार और द्रव्यमान: यह ग्रह पृथ्वी से 5 गुना बड़ा और 60 गुना भारी है।
•
स्थान: यह सूर्य से 690 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
•
विशेषता: यह नेपच्यूनियन रेगिस्तान के किनारे पर स्थित है, जहाँ इस आकार के ग्रह दुर्लभ हैं।
•
कक्षा: यह अपने तारे की परिक्रमा 5 दिनों में पूरी करता है, जबकि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में 365 दिन लगते हैं।
•
उपकरण: इस ग्रह की खोज 2nd PRL एडवांस्ड रेडियल वेलोसिटी अबू स्काई सर्च (PARAS-2) का उपयोग करके की गई थी।
अतिरिक्त जानकारी (Additional Information)
•
TOI-6651b एक उप-शनि वर्ग का ग्रह है।
•
यह खोज एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।
•
यह खोज भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16.
TOI-6651b एक्सोप्लैनेट का आकार पृथ्वी से कितना गुना बड़ा है?
(a) 2 गुना
(b) 5 गुना
(c) 10 गुना
(d) 20 गुना
17.
TOI-6651b एक्सोप्लैनेट का द्रव्यमान पृथ्वी से कितना गुना भारी है?
(a) 10 गुना
(b) 30 गुना
(c) 60 गुना
(d) 100 गुना
18.
TOI-6651b एक्सोप्लैनेट सूर्य से कितनी दूर स्थित है?
(a) 190 प्रकाश वर्ष
(b) 390 प्रकाश वर्ष
(c) 690 प्रकाश वर्ष
(d) 990 प्रकाश वर्ष
19.
TOI-6651b एक्सोप्लैनेट की खोज किस उपकरण का उपयोग करके की गई थी?
(a) जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप
(b) हबल स्पेस टेलीस्कोप
(c) 2nd PRL एडवांस्ड रेडियल वेलोसिटी अबू स्काई सर्च (PARAS-2)
(d) इनमें से कोई नहीं
20.
TOI-6651b एक्सोप्लैनेट अपने तारे की परिक्रमा कितने दिनों में पूरी करता है?
(a) 5 दिन
(b) 10 दिन
(c) 20 दिन
(d) 30 दिन
A5.
पैंटसिर: भारत-रूस का संयुक्त सुरक्षा कवच
Pantsir: India-Russia's Joint Security Shield
भारत और रूस ने मिलकर पैंटसिर वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली बनाने का समझौता किया है। यह समझौता भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत होगी।
समझौता: भारत की भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और रूस की रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
मिसाइल की खासियत:
यह मिसाइल 36 किलोमीटर तक की दूरी तक मार कर सकती है।
यह 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है।
इसकी गति 1,300 मीटर प्रति सेकंड है।
बंदूकें: इसमें दो 30 मिमी ऑटो-तोपें हैं, जो 4 किलोमीटर तक की दूरी तक ड्रोन जैसे खतरों को नष्ट कर सकती हैं।
सुरक्षा: यह प्रणाली हवाई हमलों से महत्वपूर्ण ठिकानों और इमारतों की रक्षा करने में सक्षम है।
अतिरिक्त जानकारी
पैंटसिर एक रूसी शब्द है, जिसका मतलब है "कवच"।
यह प्रणाली रूस में बनाई गई है और दुनिया के कई देशों में इस्तेमाल की जाती है।
भारत भी अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. पैंटसिर वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को संयुक्त रूप से किन दो देशों ने विकसित किया है?
(a) भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका
(b) भारत और रूस
(c) रूस और चीन
(d) चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका
22. पैंटसिर मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता कितनी है?
(a) 20 किलोमीटर
(b) 36 किलोमीटर
(c) 50 किलोमीटर
(d) 70 किलोमीटर
23. पैंटसिर प्रणाली में शामिल 30 मिमी ऑटो-तोपों की मारक क्षमता कितनी है?
(a) 2 किलोमीटर
(b) 4 किलोमीटर
(c) 6 किलोमीटर
(d) 8 किलोमीटर
24. पैंटसिर शब्द का क्या अर्थ है?
(a) रक्षक
(b) कवच
(c) योद्धा
(d) आकाश
25. पैंटसिर वायु रक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(a) दुश्मन के टैंकों को नष्ट करना
(b) हवाई हमलों से महत्वपूर्ण ठिकानों की रक्षा करना
(c) नौसैनिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान करना
(d) दुश्मन के संचार को बाधित करना
A6.
द्रव और तापीय विज्ञान में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र
Center of Excellence for Research in Fluid and Thermal Sciences
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिलकर 'द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए समझौता किया है।
इसरो इस केंद्र की स्थापना के लिए 1.84 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निधि प्रदान करेगा।
यह केंद्र अंतरिक्ष यान थर्मल प्रबंधन, हाइब्रिड रॉकेट में दहन अस्थिरता और क्रायो-टैंक थर्मोडायनामिक्स सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यह केंद्र निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करेगा:
अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान के थर्मल प्रबंधन में सुधार के लिए अनुसंधान करना।
हाइब्रिड रॉकेट में दहन अस्थिरता को समझना और कम करना।
क्रायो-टैंक थर्मोडायनामिक्स का अध्ययन करना, जो अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
द्रव और तापीय विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षित करना।
यह केंद्र भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अतिरिक्त जानकारी:
यह केंद्र IIT मद्रास में स्थापित किया जाएगा।
इस केंद्र में इसरो के वैज्ञानिक और IIT मद्रास के प्रोफेसर और छात्र मिलकर काम करेंगे।
यह केंद्र द्रव और तापीय विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. 'द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए किसने समझौता किया है?
(a) भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
(b) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT दिल्ली) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
(c) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
(d) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT बॉम्बे) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
27. इसरो इस केंद्र ('द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान
के लिए उत्कृष्टता केंद्र)
की स्थापना के लिए कितनी प्रारंभिक निधि प्रदान करेगा?
(a) 1.54 करोड़ रुपये
(b) 1.64 करोड़ रुपये
(c) 1.74 करोड़ रुपये
(d) 1.84 करोड़ रुपये
28. यह केंद्र ('द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र) किन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा?
(a) अंतरिक्ष यान थर्मल प्रबंधन
(b) हाइब्रिड रॉकेट में दहन अस्थिरता
(c) क्रायो-टैंक थर्मोडायनामिक्स
(d) उपरोक्त सभी
29. यह केंद्र ('द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र) निम्नलिखित में से कौन सा उद्देश्य पूरा करेगा?
(a) अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान के थर्मल प्रबंधन में सुधार के लिए अनुसंधान करना
(b) हाइब्रिड रॉकेट में दहन अस्थिरता को समझना और कम करना
(c) क्रायो-टैंक थर्मोडायनामिक्स का अध्ययन करना
(d) उपरोक्त सभी
30. यह केंद्र ('द्रव और तापीय विज्ञान' में अनुसंधान
के लिए उत्कृष्टता केंद्र) कहाँ स्थापित किया जाएगा?
(a) इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु
(b) IIT दिल्ली
(c) IIT मद्रास
(d) IIT बॉम्बे
Miscellaneous Current Affairs Questions
31. रेल मंत्रालय वन-स्टॉप समाधान के लिए कौन-सा ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है?
(a) रेल साथी
(b) रेल कनेक्ट
(c) सुपरऐप
(d) रेल सुविधा
32. वित्त मंत्री ने हाल ही में स्वदेशी लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) विकसित करने के लिए कितने करोड़ के 'परमाणु ऊर्जा मिशन' की घोषणा की है?
(a) ₹10,000 करोड़
(b) ₹15,000 करोड़
(c) ₹20,000 करोड़
(d) ₹25,000 करोड़
33. ICC महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप 2025 का खिताब किसने जीता?
(a) भारत
(b) ऑस्ट्रेलिया
(c) इंग्लैंड
(d) दक्षिण अफ्रीका
34. सरकार ने 2025 एशियाई शीतकालीन खेलों के लिए कितने सदस्यीय भारतीय दल को मंजूरी दी?
(a) 78
(b) 88
(c) 98
(d) 108
35. हाल ही में किस देश ने दो मिसाइलों एतेमाद और ग़दर-380 का अनावरण किया?
(a) ईरान
(b) इराक
(c) सऊदी अरब
(d) संयुक्त अरब अमीरात
नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।
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