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18 March 2025 Current Affairs Questions

 18 March 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों !

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी: 2024 का विश्लेषण
  • A2.  ट्राजन-155: भारत और फ्रांस का शक्तिशाली तोपखाना 
  • A3.  ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV): एक उभरता खतरा
  • A4. जीवाणुओं से शून्य-अपशिष्ट बायोप्लास्टिक
  • A5. गुजरात में पक्षी जनगणना: एक महत्वपूर्ण कदम
  • A6. अंतरिक्ष में लोबिया और रोबोटिक हाथ का कमाल

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 6:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी: 2024 का विश्लेषण
Record-Breaking Heat in India: 2024 Analysis

 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 2024 में भारत ने 1901 के बाद से सबसे अधिक तापमान का अनुभव किया है।

 औसत न्यूनतम तापमान दीर्घकालिक औसत से 0.90 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

 वार्षिक औसत तापमान 25.75 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो दीर्घकालिक औसत से 0.65 डिग्री अधिक है।

 वर्ष 2024 ने 2016 के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जब औसत भूमि सतह वायु तापमान सामान्य से 0.54 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

 साल के अंतिम तीन महीने (अक्टूबर-दिसंबर) रिकॉर्ड में सबसे गर्म थे, और अक्टूबर 2024 व्यक्तिगत रूप से 123 वर्षों में सबसे गर्म महीना था।

 IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि वर्ष 2024 में वार्षिक औसत भूमि सतही वायु तापमान दीर्घकालिक औसत (1991-2020 अवधि) से 0.65 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

 यह तापमान वर्ष 2016 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया उस समय औसत तापमान सामान्य से 0.54 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

 साल 2024 में पूरे देश के औसत मासिक न्यूनतम तापमान जुलाई, अगस्त, सितंबर, और अक्टूबर के दौरान सबसे अधिक दर्ज किए गए।

अतिरिक्त जानकारी:

 इस तापमान वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और वनों की कटाई शामिल हैं।

 बढ़ते तापमान का कृषि, जल संसाधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

 जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में गर्मी की लहरें अधिक बार और अधिक तीव्र हो रही हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 2024 में भारत ने 1901 के बाद से क्या अनुभव किया है?

a) सबसे कम तापमान

b) सबसे अधिक वर्षा

c) सबसे अधिक तापमान

d) सामान्य तापमान

Answer and Explanation

2. 2024 में औसत न्यूनतम तापमान दीर्घकालिक औसत से कितना अधिक रहा?

a) 0.54 डिग्री सेल्सियस

b) 0.65 डिग्री सेल्सियस

c) 0.90 डिग्री सेल्सियस

d) 1.0 डिग्री सेल्सियस

Answer and Explanation

3. 2024 में वार्षिक औसत तापमान कितना था?

a) 25.50 डिग्री सेल्सियस

b) 25.75 डिग्री सेल्सियस

c) 26.0 डिग्री सेल्सियस

d) 26.25 डिग्री सेल्सियस

Answer and Explanation

4. किस वर्ष ने 2024 से पहले सबसे अधिक औसत भूमि सतह वायु तापमान का रिकॉर्ड बनाया था?

a) 2010

b) 2016

c) 2020

d) 2023

Answer and Explanation

5. 2024 में किस महीने में 123 वर्षों में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया?

a) अगस्त

b) सितंबर

c) अक्टूबर

d) दिसंबर

Answer and Explanation

 

A2.
ट्राजन-155: भारत और फ्रांस का शक्तिशाली तोपखाना
Trajan-155: Powerful Artillery from India and France

 ट्राजन-155 मिमी टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।

 आर्मेनिया ने अपनी सेनाओं के लिए इस प्रणाली को चुना है, और आने वाले महीनों में इसकी डिलीवरी होने की उम्मीद है।

 इस आर्टिलरी सिस्टम को एलएंडटी और केएनडीएस फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।

 भारतीय सेना ने इस प्रणाली का परीक्षण किया है, और यह विभिन्न इलाकों में संचालन सहित सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है।

 52-कैलिबर टोएड गन सिस्टम के कई सबसिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं, जैसे कि सहायक बिजली इकाई, नियंत्रण कक्ष और रोलिंग गियर असेंबली।

 यह आधुनिक युद्ध की मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इसमें इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद के प्रकार के आधार पर 40 किलोमीटर से अधिक की रेंज है।

 यह तोप हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है।

 यह तोप कम समय में अधिक गोले दागने में सक्षम है।

अतिरिक्त जानकारी:

 यह प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 इस तोप के आर्मेनिया के द्वारा खरीदे जाने से भारत की रक्षा निर्यात क्षमता भी प्रदर्शित होती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

6. ट्राजन-155 मिमी तोपखाने प्रणाली को किन दो देशों ने मिलकर विकसित किया है?

 a) भारत और रूस

 b) भारत और अमेरिका

 c) भारत और फ्रांस

 d) भारत और इजराइल

Answer and Explanation

7. ट्राजन-155 मिमी तोपखाने प्रणाली को किस देश ने अपनी सेना के लिए चुना है?

 a) पाकिस्तान

 b) बांग्लादेश

 c) आर्मेनिया

 d) श्रीलंका

Answer and Explanation

8. ट्राजन-155 मिमी तोपखाने प्रणाली की अधिकतम सीमा कितनी है?

 a) 20 किलोमीटर

 b) 30 किलोमीटर

 c) 40 किलोमीटर

 d) 50 किलोमीटर

Answer and Explanation

9. ट्राजन-155 मिमी तोपखाने प्रणाली के विकास में किन कंपनियों ने योगदान दिया है?

 a) L&T और KNDS फ्रांस

 b) DRDO और HAL

 c) BHEL और BEL

 d) TATA और Mahindra

Answer and Explanation

10. ट्राजन-155 मिमी तोपखाने प्रणाली की कैलिबर कितनी है?

 a) 50-कैलिबर

 b) 52-कैलिबर

 c) 55-कैलिबर

 d) 60-कैलिबर

Answer and Explanation

 

A3.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV): एक उभरता खतरा
Human Metapneumovirus (HMPV): An Emerging Threat

 ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संबंधी वायरस है जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है।

 इसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था।

 यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें श्वसन संबंधी अन्य महत्वपूर्ण रोगजनक जैसे कि रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और पैराइन्फ्लुएंजा वायरस भी शामिल हैं।

 यह वायरस सभी आयु समूहों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं।

 लक्षण:

     खांसी

     बुखार

     नाक बहना या बंद होना

     गले में खराश

     सांस लेने में कठिनाई

     घरघराहट

 फैलाव:

     संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है।

     दूषित सतहों को छूने से भी फैल सकता है।

 उपचार:

     वर्तमान में HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है।

     उपचार लक्षणों को कम करने पर केंद्रित है, जैसे कि बुखार कम करना और सांस लेने में सहायता करना।

 रोकथाम:

     अच्छी स्वच्छता प्रथाओं का पालन करना, जैसे कि बार-बार हाथ धोना।

     खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकना।

     बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचना।

     वर्तमान में इस वायरस से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

 भारत में मामले:

     भारत में 06 जनवरी, 2025 तक HMPV के तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कर्नाटक में दो और अहमदाबाद में एक मामला शामिल है।

 वैश्विक परिदृश्य:

     कोविड-19 महामारी के बाद, चीन सहित कई देशों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें HMPV भी शामिल है।

     2001 में खोजे जाने के बावजूद, HMPV के लिए अभी तक कोई टीका विकसित नहीं किया गया है।

अतिरिक्त जानकारी:

 HMPV एक एकल-स्ट्रेंडेड, नकारात्मक-संवेदी RNA वायरस है।

 यह वायरस मौसमी होता है, और आमतौर पर सर्दियों और वसंत ऋतु में अधिक फैलता है।

 यह वायरस खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गो के लिए ज्यादा खतरनाक है।

 इस वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करना और स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरुरी है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

11. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की खोज किस वर्ष की गई थी?

 a) 1999

 b) 2001

 c) 2005

 d) 2010

Answer and Explanation

12. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) किस परिवार से संबंधित है?

 a) रेट्रोविरिडे

 b) पैरामाइक्सोविरिडे

 c) कोरोनावायरस

 d) राइनोवायरस

Answer and Explanation

13.  ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के सामान्य लक्षणों में क्या शामिल है?

 a) खांसी और बुखार

 b) नाक बहना और गले में खराश

 c) सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट

 d) उपरोक्त सभी

Answer and Explanation

14.  ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रसार कैसे होता है?

 a) दूषित भोजन से

 b) दूषित पानी से

 c) संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से

 d) दूषित सतहों को छूने से

Answer and Explanation

15. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के लिए वर्तमान में कौन सा उपचार उपलब्ध है?

 a) एंटीवायरल दवाएं

 b) टीका

 c) लक्षणों को कम करने पर केंद्रित उपचार

 d) एंटीबायोटिक्स

Answer and Explanation

 

A4.
जीवाणुओं से शून्य-अपशिष्ट बायोप्लास्टिक
Zero-Waste Bioplastics from Bacteria

 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (IIT मद्रास) ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत् रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग के समर्थन से "जैव शून्य-अपशिष्ट बायोप्लास्टिक" विकसित करने के लिए एक केंद्र लॉन्च किया है।

 यह केंद्र बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग विकसित करने पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।

 बायोप्लास्टिक की तीसरी पीढ़ी में बायोमास से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उत्पादन करने के लिए सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है।

 ये बायोप्लास्टिक कृषि अवशेषों या शैवाल जैसे अपशिष्ट पदार्थों से बनाए जा सकते हैं और आण्विक स्तर पर बायोडिग्रेडेबल हैं।

 केंद्र का एक प्राथमिक उद्देश्य टिकाऊ खाद्य पैकेजिंग समाधान विकसित करना है।

 केंद्र चिकित्सा वस्त्रों के लिए बायोप्लास्टिक की जांच भी कर रहा है, जिसमें चिकित्सा प्रत्यारोपण में उपयोग के लिए कृषि अपशिष्ट से प्रोटीन-आधारित सामग्री शामिल है।

अतिरिक्त जानकारी:

 बायोप्लास्टिक, पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं, क्योंकि वे नवीकरणीय संसाधनों से बने होते हैं और प्राकृतिक रूप से विघटित हो सकते हैं।

 आईआईटी मद्रास का यह केंद्र बायोप्लास्टिक के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और एक टिकाऊ भविष्य बनाने में मदद कर सकता है।

 यह केंद्र पॉलीहाइड्रॉक्सीएल्केनोएट्स, पीएचए जैसे विकल्पों पर कार्य कर रहा है जिससे कि कम लागत में इसका उत्पादन किया जा सके।

 यह केंद्र फलों की तरह टिकाऊ पैकेजिंग को विकसित करने पर कार्य कर रहा है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

16.  आईआईटी मद्रास में "जैव शून्य-अपशिष्ट बायोप्लास्टिक" केंद्र किसके समर्थन से लॉन्च किया गया है?

     a) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

     b) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

     c) रसायन और उर्वरक मंत्रालय

     d) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय

Answer and Explanation

17.  आईआईटी मद्रास का बायोप्लास्टिक केंद्र किस प्रकार की पैकेजिंग विकसित करने पर केंद्रित है?

     a) गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पैकेजिंग

     b) एल्युमीनियम पैकेजिंग

     c) बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग

     d) कागज पैकेजिंग

Answer and Explanation

18.  बायोप्लास्टिक की तीसरी पीढ़ी में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उत्पादन करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है?

     a) रासायनिक उत्प्रेरक

     b) उच्च तापमान

     c) सूक्ष्मजीव

     d) सिंथेटिक पॉलिमर

Answer and Explanation

19.  आईआईटी मद्रास का बायोप्लास्टिक केंद्र किस प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों से बायोप्लास्टिक बना रहा है?

     a) केवल औद्योगिक अपशिष्ट

     b) केवल घरेलू अपशिष्ट

     c) कृषि अवशेष और शैवाल जैसे अपशिष्ट पदार्थ

     d) केवल प्लास्टिक अपशिष्ट

Answer and Explanation

20.  आईआईटी मद्रास का बायोप्लास्टिक केंद्र चिकित्सा वस्त्रों के लिए किस प्रकार की सामग्री की जांच कर रहा है?

     a) सिंथेटिक फाइबर

     b) धातु-आधारित सामग्री

     c) कृषि अपशिष्ट से प्रोटीन-आधारित सामग्री

     d) कांच के फाइबर

Answer and Explanation

 

 

A5.

गुजरात में पक्षी जनगणना: एक महत्वपूर्ण कदम

Bird Census in Gujarat: A Significant Step

 गुजरात के जामनगर में 3 से 5 जनवरी, 2025 तक, बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी, गुजरात (BCSG) द्वारा समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य में भारत की पहली तटीय और वेडर पक्षी जनगणना की गई।

 यह भारत का पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान है।

 यह क्षेत्र उत्तर में साइबेरिया के प्रजनन क्षेत्रों से लेकर दक्षिण-पश्चिम एशिया, मालदीव और ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र के गैर-प्रजनन शीतकालीन क्षेत्रों तक फैला हुआ है।

 प्रवासी पक्षी, विशेष रूप से जलपक्षी, अपने वार्षिक प्रवास के दौरान कई देशों से गुजरते हुए इस फ्लाईवे से अपनी यात्रा पूरी करते हैं।

 जामनगर में 300 से अधिक स्थानीय और प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं।

 अकेले वेडर पक्षियों की 50 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

 इनमें से 'कैब प्लोवर', 'ग्रेट नॉट' जैसे पक्षी अन्यत्र अत्यंत दुर्लभ हैं, लेकिन जामनगर में बहुतायत में पाए जाते हैं।

 इस जनगणना का उद्देश्य तटीय और वेडर पक्षियों की आबादी और उनके आवासों के बारे में जानकारी एकत्र करना है।

 यह जानकारी पक्षी संरक्षण प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है।

 यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, और इसकी जैव विविधता का संरक्षण करना आवश्यक है।

अतिरिक्त जानकारी:

 वेडर पक्षी वे पक्षी होते हैं जो उथले पानी या कीचड़ में भोजन की तलाश करते हैं।

 तटीय पक्षी वे पक्षी होते हैं जो तट के पास रहते हैं।

 यह जनगणना पक्षी संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

ज़रूर, यहाँ 5 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं:

21. भारत की पहली तटीय और वेडर पक्षी जनगणना कहाँ आयोजित की गई थी?

a) गोवा

b) केरल

c) गुजरात

d) तमिलनाडु

Answer and Explanation

22. पक्षी जनगणना किस संस्था द्वारा आयोजित की गई थी?

a) भारतीय वन्यजीव संस्थान

b) बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी

c) बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी, गुजरात (BCSG)

d) भारतीय प्राणी सर्वेक्षण

Answer and Explanation

23. जामनगर में कितने स्थानीय और प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं?

a) 100 से अधिक

b) 200 से अधिक

c) 300 से अधिक

d) 400 से अधिक

Answer and Explanation

24. वेडर पक्षी क्या होते हैं?

a) वे पक्षी जो पेड़ों पर रहते हैं

b) वे पक्षी जो पानी में तैरते हैं

c) वे पक्षी जो उथले पानी या कीचड़ में भोजन की तलाश करते हैं

d) वे पक्षी जो रेगिस्तान में रहते हैं

Answer and Explanation

25. जामनगर में कौन से दुर्लभ पक्षी बहुतायत में पाए जाते हैं?

a) मोर और तोता

b) चील और गिद्ध

c) कैब प्लोवर और ग्रेट नॉट

d) कोयल और गौरैया

Answer and Explanation

 

A6.
अंतरिक्ष में लोबिया और रोबोटिक हाथ का कमाल
Triumph of Cowpeas and Robotic Arm in Space

 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने POEM-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में सफल प्रयोग किए।

 इस मिशन में, लोबिया के बीजों का एक बैच अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक अंकुरित हुआ। लोबिया को हिंदी में लोबिया और तमिल में धट्टापयारू के नाम से जाना जाता है।

 यह अंकुरण विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के CROPS (ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज के लिए कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल) प्रयोग के तहत हुआ।

 इसके अलावा, RRM-TD (रिलोकेटेबल रोबोटिक मैनिपुलेटर-टेक्नोलॉजी डेमोस्ट्रेटर) वॉकिंग रोबोटिक आर्म का भी पहली बार परीक्षण किया गया।

 RRM-TD, जिसे वॉकिंग रोबोटिक आर्म के रूप में भी जाना जाता है, IISU द्वारा विकसित चलने की क्षमता वाला भारत का पहला अंतरिक्ष रोबोटिक मैनिपुलेटर है।

 इस मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में जैविक प्रयोगों और रोबोटिक तकनीकों का परीक्षण करना है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 इस मिशन से प्राप्त जानकारी गगनयान मिशन में मददगार होगी।

अतिरिक्त जानकारी:

 POEM-4, PSLV (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) रॉकेट का चौथा चरण है, जिसका उपयोग वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए किया जाता है।

 इस मिशन में विभिन्न ISRO प्रयोगशालाओं, निजी स्टार्ट-अप फर्मों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकों सहित कुल 24 पेलोड शामिल थे।

 अंतरिक्ष में बीज उगाने का अध्ययन अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं को तलाशने में मदद करेगा।

 रोबोटिक आर्म का परीक्षण अंतरिक्ष में कचरा साफ करने और अन्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

26. ISRO के POEM-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में किस फसल के बीज सफलतापूर्वक अंकुरित हुए?

a) गेहूँ

b) चावल

c) लोबिया

d) मक्का

Answer and Explanation

27. विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के किस प्रयोग के तहत लोबिया के बीज अंकुरित हुए?

a) RRM-TD

b) CROPS

c) PSLV

d) गगनयान

Answer and Explanation

28. RRM-TD क्या है, जिसका परीक्षण POEM-4 मिशन में किया गया?

a) एक उपग्रह

b) एक रॉकेट

c) एक वॉकिंग रोबोटिक आर्म

d) एक अंतरिक्ष यान

Answer and Explanation

29.  POEM-4 किस रॉकेट का चौथा चरण है?

a) GSLV

b) PSLV

c) SSLV

d) ASLV

Answer and Explanation

30. अंतरिक्ष में बीज उगाने का अध्ययन किस मिशन में मददगार होगा?

a) चंद्रयान

b) मंगलयान

c) गगनयान

d) आदित्य-L1

Answer and Explanation

 


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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।




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