23 March 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. नेपाल में शक्तिशाली भूकंप
- A2. पाकिस्तान का पहला स्वदेशी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सैटेलाइट लॉन्च
- A3. ब्लू ओरिजिन का 'न्यू ग्लेन' रॉकेट: अंतरिक्ष की नई उड़ान
- A4. नेंगघू-1: ऊर्जा भंडारण में चीन की नई क्रांति
- A5. वाघशीर: समुद्र का साइलेंट हंटर
- A6. भारतीय नौसेना का नया उत्कर्ष: एक बहुउद्देशीय पोत
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 6:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
नेपाल में शक्तिशाली भूकंप
Powerful
Earthquake in Nepal
7 जनवरी,
2025 को नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया।
भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिगात्से में था, जो नेपाल की सीमा के करीब है।
इस भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए, जिनमें बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम शामिल हैं।
शिगात्से तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है।
यह शहर तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख व्यक्ति पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है।
भूकंप के कारण हुई क्षति के आंकलन और राहत कार्यों के लिए नेपाल और भारत सरकार सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।
भूकंप के कारण कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है और कुछ स्थानों पर भूस्खलन की भी खबर है।
भूकंप के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
भूकंप के कारण नेपाल और तिब्बत के कई हिस्सों में संचार और बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई।
भूकंप की गहराई धरती से 10 किलोमीटर नीचे थी।
अतिरिक्त जानकारी:
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो पृथ्वी की सतह में अचानक ऊर्जा के निकलने के कारण होती है।
भूकंप के दौरान, इमारतों, पुलों और अन्य संरचनाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
भूकंप से बचाव के लिए, लोगों को भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहने और आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. 7 जनवरी, 2025 को नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में आए भूकंप की तीव्रता कितनी थी?
a) 6.5
b) 7.1
c) 7.8
d) 8.0
2. भूकंप का केंद्र कहाँ स्थित था?
a) काठमांडू, नेपाल
b) शिगात्से, तिब्बत
c) गंगटोक, सिक्किम
d) पटना, बिहार
3. शिगात्से किस धार्मिक व्यक्ति की पारंपरिक सीट है?
a) दलाई लामा
b) पंचेन लामा
c) बुद्ध
d) महावीर
4. भूकंप के झटके भारत के किन राज्यों में महसूस किए गए?
a) केवल बिहार
b) केवल पश्चिम बंगाल
c) बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम
d) उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
5. भूकंप की गहराई धरती से कितनी नीचे थी?
a) 5 किलोमीटर
b) 10 किलोमीटर
c) 15 किलोमीटर
d) 20 किलोमीटर
A2.
पाकिस्तान का पहला स्वदेशी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सैटेलाइट लॉन्च
Pakistan's
First Indigenous Electro-Optical Satellite Launched
17 जनवरी,
2025 को, चीन ने लॉन्ग मार्च-2डी रॉकेट का उपयोग करके पाकिस्तान के पहले स्वदेशी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सैटेलाइट (PRSC-EO1) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, और यह देश की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
PRSC-EO1 का मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन, संसाधन निगरानी और शहरी नियोजन में पाकिस्तान की क्षमताओं को बढ़ाना है।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे कि बाढ़ और भूकंप, की निगरानी करने में मदद करेगा।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान को अपने प्राकृतिक संसाधनों, जैसे कि पानी और वन, की निगरानी करने में भी मदद करेगा।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान को शहरी विकास की योजना बनाने में भी मदद करेगा।
लॉन्च के दौरान रॉकेट ने दो अन्य उपग्रहों, तियानलू-1 और लैंटन-1, को भी अपने साथ ले गया।
यह लॉन्च चीन और पाकिस्तान के बीच अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी, स्पेस एंड अपर एटमॉस्फियर रिसर्च कमीशन (सुपार्को) ने इस सैटेलाइट को विकसित किया है।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान को अपने क्षेत्र की उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें प्रदान करेगा, जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
अतिरिक्त जानकारी:
यह सैटेलाइट पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, और यह देश की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
यह सैटेलाइट पाकिस्तान को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे कि बाढ़ और भूकंप, की निगरानी करने में मदद करेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस उपग्रह के लांच पर कहां की यह देश के लिए गर्व का पल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. पाकिस्तान के पहले स्वदेशी इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सैटेलाइट (PRSC-EO1) को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया था?
a) लॉन्ग मार्च-3बी
b) लॉन्ग मार्च-2डी
c) फाल्कन 9
d) सोयुज
7. PRSC-EO1 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) संचार में सुधार
b) आपदा प्रबंधन, संसाधन निगरानी और शहरी नियोजन में क्षमताओं को बढ़ाना
c) सैन्य निगरानी
d) मौसम पूर्वानुमान
8. PRSC-EO1
को किस अंतरिक्ष एजेंसी ने विकसित किया है?
a) नासा
b) इसरो
c) सुपार्को
d) ईएसए
9. लॉन्च के दौरान लॉन्ग मार्च-2डी रॉकेट ने कितने अन्य उपग्रहों को भी अपने साथ ले गया?
a) 1
b) 2
c) 3
d) 4
10. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उपग्रह के लांच पर क्या कहा ?
a) यह एक सामान्य घटना है
b) यह देश के लिए गर्व का पल है
c) यह देश के लिए चिंता का विषय है
d) यह देश के लिए एक साधारण तकनीक है
A3.
ब्लू ओरिजिन का 'न्यू ग्लेन' रॉकेट: अंतरिक्ष की नई उड़ान
Blue
Origin's 'New Glenn' Rocket: A New Flight to Space
जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपने नए 'न्यू ग्लेन' रॉकेट की पहली ऑर्बिटल उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की है।
यह रॉकेट प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन के सम्मान में 'न्यू ग्लेन' नाम दिया गया है।
यह रॉकेट 320 फीट (98 मीटर) लंबा है, जो लगभग 32 मंजिला इमारत की ऊँचाई के बराबर है।
इसे केप केनवरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया था।
न्यू ग्लेन को पृथ्वी की निचली कक्षा में भारी-भरकम पेलोड रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसकी क्षमता 45 टन तक है।
यह स्पेसएक्स के फाल्कन 9 से दुगुना है, जो लगभग 22 टन भार उठा सकता है, हालाँकि यह फाल्कन हेवी की 63.8 टन क्षमता से पीछे है।
इस रॉकेट की सबसे खास बात है कि यह पुन: प्रयोज्य है, मतलब रॉकेट का पहला चरण लॉन्चिंग के बाद वापस धरती पर लौट सकता है और इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे अंतरिक्ष में उड़ान की लागत कम हो जाएगी।
यह मिशन ब्लू ओरिजिन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग में प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देगा।
ब्लू ओरिजिन का लक्ष्य है कि न्यू ग्लेन रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष में मानव और माल की ढुलाई को और अधिक सुलभ बनाया जाए।
अतिरिक्त जानकारी:
ब्लू ओरिजिन, जेफ बेजोस द्वारा 2000 में स्थापित एक अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी है।
यह कंपनी अंतरिक्ष पर्यटन और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में काम करती है।
ब्लू ओरिजिन का लक्ष्य है कि लाखों लोगों को अंतरिक्ष में रहने और काम करने में सक्षम बनाया जाए।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. ब्लू ओरिजिन द्वारा लॉन्च किए गए नए रॉकेट का नाम क्या है?
a) फाल्कन 9
b) न्यू ग्लेन
c) फाल्कन हेवी
d) ड्रैगन
12. न्यू ग्लेन रॉकेट की लंबाई कितनी है?
a) 220 फीट
b) 320 फीट
c) 420 फीट
d) 520 फीट
13. न्यू ग्लेन रॉकेट की पेलोड क्षमता कितनी है?
a) 22 टन
b) 45 टन
c) 63.8 टन
d) 100 टन
14. ब्लू ओरिजिन की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
a) 1990
b) 2000
c) 2010
d) 2020
15. न्यू ग्लेन रॉकेट को किस स्थान से लॉन्च किया गया था?
a) वांडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस
b) केप केनवरल स्पेस फोर्स स्टेशन
c) गुयाना स्पेस सेंटर
d) बैकोनूर कोस्मोड्रोम
A4.
नेंगघू-1: ऊर्जा भंडारण में चीन की नई क्रांति
Nenggu-1:
China's New Revolution in Energy Storage
चीन ने दुनिया की पहली 300 मेगावाट की संपीड़ित वायु ऊर्जा भंडारण (CAES) प्रदर्शन परियोजना, "नेंगघू-1" शुरू की है।
यह परियोजना चीन एनर्जी इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड (CEEC) द्वारा निवेशित और निर्मित है।
"नेंगघू-1"
प्रति वर्ष 159,000 टन मानक कोयले की बचत करेगा और 411,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगा।
इस परियोजना ने एकल-इकाई बिजली, भंडारण क्षमता और ऊर्जा रूपांतरण दक्षता के मामले में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।
यह परियोजना हुबेई प्रांत के युनमैंग और विंगचेंग में नमक गुफा संसाधनों का उपयोग करती है।
संपीड़ित वायु ऊर्जा भंडारण संयंत्र हवा को संपीड़ित कर सकता है और संपीड़ित हवा को भूमिगत गुफा में संग्रहीत कर सकता है।
यह परियोजना 2022 में शुरू की गई थी।
अतिरिक्त जानकारी:
संपीड़ित वायु ऊर्जा भंडारण (CAES) एक प्रकार की ऊर्जा भंडारण प्रणाली है जो बिजली की मांग कम होने पर हवा को संपीड़ित करके और भूमिगत गुफाओं में संग्रहीत करके काम करती है।
जब बिजली की मांग अधिक होती है, तो संपीड़ित हवा को छोड़ा जाता है और बिजली उत्पन्न करने के लिए टरबाइन को चलाया जाता है।
यह तकनीक अक्षय ऊर्जा स्रोतों, जैसे कि पवन और सौर ऊर्जा, को अधिक विश्वसनीय बनाने में मदद कर सकती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. "नेंगघू-1"
परियोजना की क्षमता कितनी है?
a) 100 मेगावाट
b) 200 मेगावाट
c) 300 मेगावाट
d) 400 मेगावाट
17. "नेंगघू-1"
परियोजना किस कंपनी द्वारा निर्मित है?
a) स्टेट ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना
b) चाइना सदर्न पावर ग्रिड
c) चीन एनर्जी इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड (CEEC)
d) चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CNPC)
18. "नेंगघू-1"
परियोजना प्रति वर्ष कितने टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी?
a) 100,000 टन
b) 200,000 टन
c) 300,000 टन
d) 411,000 टन
19. "नेंगघू-1"
परियोजना किस प्रांत में स्थित है?
a) गुआंगडोंग
b) हुबेई
c) शांक्सी
d) झेजियांग
20. संपीड़ित वायु ऊर्जा भंडारण (CAES) प्रणाली में, ऊर्जा को किस रूप में संग्रहीत किया जाता है?
a) रासायनिक ऊर्जा
b) विद्युत ऊर्जा
c) गतिज ऊर्जा
d) संपीड़ित हवा
A5.
वाघशीर: समुद्र का साइलेंट हंटर
वाघशीर: The Silent Hunter of the Sea
मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने प्रोजेक्ट P-75 की छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी, वाघशीर, भारतीय नौसेना को सौंपी।
वाघशीर दुनिया की सबसे शांत और बहुमुखी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है।
इसे सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी जुटाने, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियानों सहित कई तरह के मिशनों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह स्वदेशी रूप से विकसित एयर कंडीशनिंग प्लांट और एक आंतरिक संचार और प्रसारण प्रणाली से लैस है।
यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देती है।
"वाघशीर"
नाम सैंड फिश के नाम से लिया गया है।
यह पनडुब्बी कई प्रकार के टारपीडो और मिसाइलों से लैस है।
वाघशीर की लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर है।
वाघशीर में 360 बैटरी सेल हैं। प्रत्येक 750 किलो का है।
वाघशीर का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत हुआ है।
यह पनडुब्बी समुद्र में दुश्मन की निगरानी से बचने में सक्षम है।
यह
C303 एंटी-टारपीडो काउंटरमेजर सिस्टम से युक्त है |
यह टॉरपीडो के स्थान पर 18 टॉरपीडो या एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल या 30 माइन तक ले जा सकती है।
इस पनडुब्बी के शामिल होने के बाद भारतीय समुद्री क्षेत्र (Indian Ocean Region - IOR)
में भारत की ताकत बढ़ जाएगी।
अतिरिक्त जानकारी:
प्रोजेक्ट 75 के तहत, MDL ने फ्रांस के नौसेना समूह की सहायता से छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण किया है।
कलवरी श्रेणी की अन्य 5 पनडुब्बियां हैं: आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला, और आईएनएस वागीर।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. वाघशीर पनडुब्बी किस प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई है?
a) प्रोजेक्ट 72
b) प्रोजेक्ट 73
c) प्रोजेक्ट 74
d) प्रोजेक्ट 75
22. वाघशीर पनडुब्बी का नाम किस मछली के नाम पर रखा गया है?
a) सार्डिन फिश
b) गोल्डफिश
c) सैंड फिश
d) शार्क
23. वाघशीर पनडुब्बी में कितने बैटरी सेल हैं?
a) 260
b) 360
c) 460
d) 560
24. वाघशीर पनडुब्बी की लंबाई कितनी है?
a) 57.5 मीटर
b) 67.5 मीटर
c) 77.5 मीटर
d) 87.5 मीटर
25. वाघशीर पनडुब्बी किस प्रकार की पनडुब्बी है?
a) परमाणु पनडुब्बी
b) डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी
c) सौर ऊर्जा संचालित पनडुब्बी
d) स्टीम पावर्ड पनडुब्बी
A6.
भारतीय नौसेना का नया उत्कर्ष: एक बहुउद्देशीय पोत
Indian
Navy's New Utkarsh: A Multi-Purpose Vessel
लॉन्च:
13 जनवरी, 2025 को लॉन्च किया गया।
स्थान: लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड, कट्टुपल्ली, चेन्नई।
लॉन्चकर्ता: डॉ. सुष्मिता मिश्रा सिंह।
विशेषताएँ:
लंबाई: 107 मीटर।
चौड़ाई: 18.6 मीटर।
विस्थापन क्षमता: 3,750 टन से अधिक।
यह पोत भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने और स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रयासों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निर्माण:
निर्माता: लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड।
अनुबंध: 25 मार्च, 2022 को रक्षा मंत्रालय और M/s L&T शिपयार्ड के बीच हस्ताक्षरित।
यह परियोजना भारतीय नौसेना के स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रयासों के साथ-साथ भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के दृष्टिकोण को दर्शाती है।
अतिरिक्त जानकारी:
यह दो मल्टी-पर्पस वेसल्स (MPVs) में से दूसरा है।
पहला MPV, INS समर्थक, पहले ही लॉन्च किया जा चुका है।
'उत्कर्ष' का अर्थ है 'आचरण में श्रेष्ठ' और यह जहाज के बहुउद्देशीय भूमिका का प्रतीक है।
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) भारतीय नौसेना के लिए तीन कैडेट ट्रेनिंग शिप और छह अन्य रक्षा पोतों का निर्माण कर रहा है, साथ ही INS तिर के मरम्मत कार्य को भी कत्तुपल्ली शिपयार्ड में पूरा कर रहा है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. 'उत्कर्ष' पोत को कहाँ लॉन्च किया गया था?
a) कोचीन शिपयार्ड, कोच्चि
b) हिंदुस्तान शिपयार्ड, विशाखापत्तनम
c) लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड, कट्टुपल्ली, चेन्नई
d) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, मुंबई
27. 'उत्कर्ष' पोत की विस्थापन क्षमता कितनी है?
a) 2,500 टन
b) 3,000 टन
c) 3,750 टन से अधिक
d) 4,000 टन
28. 'उत्कर्ष' पोत का निर्माण किस कंपनी ने किया है?
a) कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड
b) हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड
c) लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड
d) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड
29. 'उत्कर्ष' का क्या अर्थ है?
a) शक्ति
b) विजय
c) आचरण में श्रेष्ठ
d) सुरक्षा
30. 'उत्कर्ष' पोत किस प्रकार का पोत है?
a) विध्वंसक पोत
b) पनडुब्बी
c) मल्टी-पर्पस वेसल (MPV)
d) विमानवाहक पोत
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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।
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