11 June 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. CISF स्थापना दिवस: एक नई दिशा की ओर
- A2. सांसदों का बढ़ा वेतन: क्या है पूरी जानकारी?
- A3. दांडी मार्च: नमक सत्याग्रह की अविस्मरणीय गाथा
- A4. आंध्र के जनक: पोट्टी श्रीरामुलु को अमर श्रद्धांजलि
- A5. साइबर अपराधियों पर 'प्रतिबिंब' का शिकंजा!
- A6. भारत की खाद्य क्रांति: आहार 2025 की सफलता
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
CISF
स्थापना दिवस: एक नई दिशा की ओर
CISF
Raising Day: A Leap Forward
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत की औद्योगिक संपदा की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल ही में, बल ने अपना स्थापना दिवस मनाया, जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं।
56वां स्थापना दिवस: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के अरक्कोणम (धक्कोलम नहीं) में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की 56वीं स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
राजदित्य चोल के नाम पर प्रशिक्षण केंद्र: मंत्री शाह ने घोषणा की कि धक्कोलम (जिसे अब अरक्कोणम के पास का क्षेत्र माना जाता है) में CISF क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम चोल वंश के महान योद्धा 'राजदित्य चोल' के नाम पर रखा जाएगा। यह निर्णय चोल वंश के शौर्य और भारत के गौरवशाली इतिहास को श्रद्धांजलि है।
महिला बटालियन का गठन: CISF के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है! भारत सरकार ने हाल ही में CISF में पहली रिज़र्व महिला बटालियन स्थापित करने को मंजूरी दी है। यह कदम महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा बलों में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
स्थापना और आदर्श वाक्य: CISF की स्थापना वर्ष 1969 में भारत सरकार द्वारा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 के तहत की गई थी। इसका आदर्श वाक्य है: "सुरक्षा और संरक्षण" (Protection and
Security)। यह बल देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और सरकारी भवनों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा करता है।
संरचना:
CISF वर्तमान में 12 रिज़र्व बटालियन के साथ कार्य कर रहा है, जिसमें अब एक विशेष महिला रिज़र्व बटालियन भी जुड़ने जा रही है।
अतिरिक्त जानकारी:
CISF भारत के सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में से एक है।
यह बल देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक इकाइयों को आतंकवादी हमलों और अन्य खतरों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
1. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने CISF के किस स्थापना दिवस परेड में भाग लिया?
a. 55वें
b. 56वें
c. 57वें
d. 58वें
2. CISF के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, धक्कोलम का नाम किस चोल योद्धा के नाम पर रखा जाएगा?
a. राजेंद्र चोल
b. राजा चोल
c. राजदित्य चोल
d. करिकालन
3. CISF की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
a. 1968
b. 1969
c. 1970
d. 1971
4. CISF का आदर्श वाक्य क्या है?
a. सेवा ही धर्म
b. देश सेवा
c. सुरक्षा और संरक्षण
d. शांति और व्यवस्था
5. हाल ही में भारत सरकार ने CISF में क्या स्थापित करने को मंजूरी दी है?
a. एक नया मुख्यालय
b. एक विशेष कमांडो यूनिट
c. पहली रिज़र्व महिला बटालियन
d. एक विदेशी प्रशिक्षण केंद्र
A2.
सांसदों का बढ़ा वेतन: क्या है पूरी जानकारी?
MPs'
Salary Hike: All You Need to Know
केंद्र सरकार ने 01 अप्रैल, 2023 से संसद सदस्यों (सांसदों) के वेतन, भत्ते और पेंशन में पूर्वव्यापी प्रभाव से वृद्धि को अधिसूचित किया है। यह कदम सांसदों के वेतन और अन्य लाभों में पारदर्शिता और नियमितता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
वेतन वृद्धि:
सांसदों का मासिक वेतन ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.24 लाख प्रति माह कर दिया गया है। यह 24% की वृद्धि है।
इससे पहले, वर्ष 2018 में सांसदों का वेतन ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख किया गया था।
दैनिक भत्ता (Daily Allowance):
सांसदों का दैनिक भत्ता ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति दिन (प्रति माह नहीं) कर दिया गया है, जो 25% की वृद्धि है।
पेंशन वृद्धि (Pension):
सांसदों की मासिक पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹31,000 प्रति माह कर दी गई है, यह भी 24% की वृद्धि है।
मौजूदा सदस्यों के लिए दैनिक भत्ते में और पूर्व सदस्यों के लिए 05 वर्ष से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए पेंशन और अतिरिक्त पेंशन में भी वृद्धि की गई है।
अन्य भत्ते (Other Allowances):
अब एक सांसद को वेतन के रूप में ₹1.24 लाख प्रति माह मिलेंगे।
निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में ₹70,000 से बढ़ाकर ₹87,000 प्रति माह मिलेंगे।
कार्यालय खर्च के लिए ₹60,000 से बढ़ाकर ₹75,000 प्रति माह मिलेंगे।
पिछला संशोधन और वर्तमान प्रणाली:
सांसदों के वेतन और अन्य लाभों को पिछली बार अप्रैल, 2018 में संशोधित किया गया था।
संसद सदस्यों के वेतन और अन्य भत्ते संसद द्वारा अधिनियमित 'संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954' द्वारा विनियमित होते हैं।
वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा इस अधिनियम में संशोधन किया गया था, जिसमें प्रावधान किया गया कि सांसदों के वेतन और दैनिक भत्ते में प्रत्येक 05 वर्ष में वृद्धि की जाएगी, जिसकी शुरुआत 1 अप्रैल, 2023 से हुई है।
मुद्रास्फीति से जुड़ाव (Inflation Linkage):
महत्वपूर्ण सुधार: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 48 के बजाय, सांसदों के वेतन और अन्य भत्तों को 'संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954' के तहत लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (Cost Inflation Index -
CII) से जोड़ा गया है।
लागत मुद्रास्फीति सूचकांक भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाता है।
यह सूचकांक तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (शहरी) में औसत वृद्धि का 75% है। यह सुनिश्चित करता है कि सांसदों के वेतन में महंगाई के अनुसार स्वचालित वृद्धि होती रहे।
स्वचालित संशोधन प्रणाली:
सरकार ने प्रत्येक पाँच साल में वेतन और भत्तों में स्वतः संशोधन के लिए एक प्रणाली लागू की है, जिसमें इसे मुद्रास्फीति के साथ अनुक्रमित किया गया है।
इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सांसदों द्वारा अपने वेतन निर्धारण के लिए बार-बार सिफारिशें करने की पुरानी प्रथा को समाप्त करना है, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बन सके।
कोविड महामारी के दौरान कटौती:
वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने एक साल के लिए सांसदों और मंत्रियों के वेतन में 30% की कटौती की थी, जो एक अस्थायी उपाय था।
बहुविकल्पीय प्रश्न
6. सांसदों के मासिक वेतन में 01 अप्रैल, 2023 से कितनी वृद्धि की गई है?
a) 20%
b) 24%
c) 25%
d) 30%
7. सांसदों के वेतन और भत्तों को किस सूचकांक से जोड़ा गया है ताकि उनमें स्वचालित वृद्धि हो सके?
a) थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index -
WPI)
b) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index -
CPI)
c) लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (Cost Inflation Index -
CII)
d) सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product -
GDP)
8. सांसदों के वेतन और दैनिक भत्ते में प्रत्येक कितने वर्ष में स्वचालित वृद्धि का प्रावधान वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा किया गया है?
a) 3 वर्ष
b) 4 वर्ष
c) 5 वर्ष
d) 10 वर्ष
9. कोविड-19 महामारी के दौरान, वर्ष 2020 में सांसदों और मंत्रियों के वेतन में कितने प्रतिशत की कटौती की गई थी?
a) 15%
b) 20%
c) 25%
d) 30%
10. 01 अप्रैल,
2023 से पहले सांसदों को मासिक वेतन के रूप में कितनी राशि मिलती थी?
a) ₹50,000
b) ₹70,000
c) ₹1 लाख
d) ₹1.24 लाख
A3.
दांडी मार्च: नमक सत्याग्रह की अविस्मरणीय गाथा
Dandi
March: The Unforgettable Saga of the Salt Satyagraha
12 मार्च,
2025 को भारत ने ऐतिहासिक दांडी मार्च की 95वीं वर्षगाँठ मनाई। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने दांडी मार्च के सभी प्रतिभागियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साहस, बलिदान और अहिंसा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को याद किया। उन्होंने कहा कि यह प्रेरणादायक घटना पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
दांडी मार्च: एक विहंगम दृष्टि
दांडी मार्च, जिसे 'नमक मार्च' और 'दांडी सत्याग्रह' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। मोहनदास करमचंद गाँधी (महात्मा गाँधी) के नेतृत्व में यह एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन था।
कब और क्यों? यह मार्च 12 मार्च, 1930 से 6 अप्रैल, 1930 तक चला। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए गए एकाधिकार और अन्यायपूर्ण नमक कानून का अहिंसक विरोध करना था। ब्रिटिश सरकार ने नमक उत्पादन और बिक्री पर अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया था, जिससे भारतीय जनता को भारी कीमत चुकानी पड़ रही थी।
यात्रा का विवरण: महात्मा गाँधी ने 12 मार्च, 1930 को गुजरात के अहमदाबाद स्थित अपने साबरमती आश्रम से अपने 78 विश्वसनीय अनुयायियों के साथ यात्रा शुरू की। उन्होंने अरब सागर के तट पर स्थित दांडी नामक तटीय शहर तक 241 मील (लगभग 387 किलोमीटर) की पैदल यात्रा की। यह यात्रा लगभग 24 दिनों तक चली।
उद्देश्य और उल्लंघन: इस यात्रा का चरम बिंदु दांडी पहुँचकर समुद्र के खारे पानी से नमक बनाकर ब्रिटिश नमक कानून का उल्लंघन करना था। गाँधीजी का यह प्रतीकात्मक कार्य ब्रिटिश सरकार के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ सीधी चुनौती थी।
व्यापक प्रभाव: दांडी में गाँधीजी द्वारा नमक कानून तोड़े जाने के बाद, पूरे भारत में 'नमक सत्याग्रह' की लहर फैल गई। बंबई (अब मुंबई), कराची (अब पाकिस्तान में), मद्रास (अब चेन्नई) जैसे कई अन्य तटीय शहरों में भी भारतीय राष्ट्रवादियों और आम जनता ने नमक बनाने के लिए भीड़ का नेतृत्व किया, जिससे ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन खड़ा हो गया।
ऐतिहासिक महत्व: दांडी मार्च ने न केवल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी, बल्कि इसने अहिंसक प्रतिरोध की शक्ति को भी दुनिया भर में प्रदर्शित किया। यह घटना महात्मा गाँधी के दर्शन और नेतृत्व की एक असाधारण मिसाल बन गई, जिसने बाद में अन्य नागरिक अधिकार आंदोलनों को भी प्रेरित किया।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. दांडी मार्च की 95वीं वर्षगाँठ कब मनाई गई?
a. 12 मार्च, 1930
b. 6 अप्रैल, 1930
c. 12 मार्च, 2025
d. 6 अप्रैल, 2025
12. दांडी मार्च का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ युद्ध की घोषणा करना
b. नमक पर ब्रिटिश एकाधिकार का अहिंसक विरोध करना
c. ब्रिटिश सरकार से नए कानून बनाने का अनुरोध करना
d. साबरमती आश्रम से दांडी तक पर्यटन को बढ़ावा देना
13. महात्मा गाँधी ने दांडी मार्च की शुरुआत कहाँ से की थी?
a. दांडी
b. मुंबई
c. साबरमती आश्रम
d. कराची
14. महात्मा गाँधी के साथ दांडी मार्च में कितने अनुयायी थे?
a. 24
b. 78
c. 241
d. 387
15. दांडी मार्च कितने दिनों तक चला था?
a. लगभग 12 दिन
b. लगभग 6 दिन
c. लगभग 24 दिन
d. लगभग 95 दिन
A4.
आंध्र के जनक: पोट्टी श्रीरामुलु को अमर श्रद्धांजलि
Father
of Andhra: An Immortal Tribute to Potti Sriramulu
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में स्वतंत्रता सेनानी पोट्टी श्रीरामुलु की 58 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की गई है, जो उनके अदम्य साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस परियोजना का ऐलान किया है, जिसका लक्ष्य अगली जयंती तक इस प्रतिमा और स्मारक के कार्य को पूरा करना है।
कौन थे पोट्टी श्रीरामुलु और क्यों है उनका संघर्ष इतना महत्वपूर्ण?
ऐतिहासिक अनशन: पोट्टी श्रीरामुलु ने 19 अक्टूबर, 1952 को मद्रास प्रेसीडेंसी के तहत तेलुगू भाषी लोगों के लिए एक अलग राज्य की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू किया। यह अनशन 58 दिनों तक चला और 15-16 दिसंबर, 1952 को उनके निधन के साथ समाप्त हुआ।
बलिदान का परिणाम: उनके निधन के बाद पूरे तेलुगू भाषी क्षेत्रों में व्यापक और उग्र विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को 1 अक्टूबर, 1953 को आंध्र प्रदेश (तब आंध्र राज्य के नाम से) के गठन की घोषणा करने पर मजबूर कर दिया।
तेलुगू भाषाई राज्य के जनक: पोट्टी श्रीरामुलु को अक्सर 'आंध्र राज्य के जनक' के रूप में जाना जाता है। उनका बलिदान भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
प्रतिमा का महत्व: 58 फुट की यह प्रतिमा उनके 58 दिनों के ऐतिहासिक अनशन का प्रतीक है, जिसने भाषाई आधार पर भारत के राज्यों के पुनर्गठन की नींव रखी। यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को उनके त्याग और दृढ़ संकल्प की याद दिलाएगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. पोट्टी श्रीरामुलु की 58 फीट ऊंची प्रतिमा कहाँ स्थापित की जा रही है?
a. हैदराबाद
b. अमरावती
c. विजयवाड़ा
d. तिरुपति
17. पोट्टी श्रीरामुलु ने किस मुख्य मांग के लिए आमरण अनशन किया था?
a. भारत की स्वतंत्रता
b. तेलुगू भाषी लोगों के लिए एक अलग राज्य
c. आर्थिक सुधार
d. शिक्षा का अधिकार
18. पोट्टी श्रीरामुलु का अनशन कितने दिनों तक चला था?
a. 48 दिन
b. 52 दिन
c. 58 दिन
d. 60 दिन
19. पोट्टी श्रीरामुलु के निधन के परिणामस्वरूप आंध्र प्रदेश (तब आंध्र राज्य) का गठन किस वर्ष हुआ?
a. 1947
b. 1950
c. 1953
d. 1956
20. पोट्टी श्रीरामुलु को अक्सर किस नाम से जाना जाता है?
a. राष्ट्रपिता
b. आंध्र राज्य के जनक
c. अहिंसा के पुजारी
d. भारतीय क्रांति के अग्रदूत
A5.
साइबर अपराधियों पर
'प्रतिबिंब'
का शिकंजा!
'Pratibimb':
India's New Weapon Against Cybercrime
साइबर अपराध आज एक बड़ी चुनौती बन गया है, लेकिन भारत सरकार इसे रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी दिशा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने एक बेहद महत्वपूर्ण टूल लॉन्च किया है: 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल. यह मॉड्यूल साइबर अपराधियों के ठिकाने का पता लगाने और उन्हें पकड़ने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) की मदद कर रहा है.
अपराधियों का पता लगाना: 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल साइबर अपराधियों के स्थानों को ट्रैक करता है और उनके अपराध के बुनियादी ढांचे (जैसे सर्वर, आईपी पते आदि) को मानचित्र पर दिखाता है. यह न्यायक्षेत्रों को सटीक और कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे अपराधियों को पकड़ सकें.
सफलता की कहानियाँ: इस मॉड्यूल ने पहले ही प्रभावशाली परिणाम दिए हैं. इसकी मदद से 6,046 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, 17,185 लिंकेज स्थापित किए गए हैं (यानी विभिन्न साइबर अपराधों और अपराधियों के बीच संबंध), और 36,296 साइबर जाँचों में सहायता मिली है.
'समन्वय' प्लेटफॉर्म: साइबर अपराध डेटा साझा करने और विश्लेषण के लिए LEAs के लिए 'समन्वय' नामक एक मंच भी शुरू किया गया है. यह विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध की शिकायतों में शामिल अपराधों और अपराधियों के अंतरराज्यीय लिंकेज का विश्लेषण प्रदान करता है, जिससे बड़े नेटवर्क का पता लगाने में मदद मिलती है.
तकनीकी-कानूनी सहायता: 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को I4C और अन्य विषय वस्तु विशेषज्ञों (SMEs) से तकनीकी और कानूनी सहायता प्राप्त करने में भी सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे जटिल साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपट सकें.
I4C की भूमिका: यह जानना महत्वपूर्ण है कि I4C को 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी सहित सभी प्रकार के साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटना है. यह एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है जो विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाता है.
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल किस मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है?
a) रक्षा मंत्रालय
b) वित्त मंत्रालय
c) केंद्रीय गृह मंत्रालय
d) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
22. 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल का मुख्य कार्य क्या है?
a) ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करना
b) अपराधियों के स्थानों और अपराध के बुनियादी ढांचे को ट्रैक करना
c) साइबर सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम चलाना
d) साइबर कानून बनाना
23. I4C को किस वर्ष लॉन्च किया गया था?
a) 2018
b) 2019
c) 2020
d) 2021
24. कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) के लिए साइबर अपराध डेटा साझा करने और विश्लेषण के लिए कौन सा मंच शुरू किया गया है?
a) प्रतिलिपि
b) समन्वय
c) सहयोग
d) सक्षम
25. 'प्रतिबिंब' मॉड्यूल ने अब तक कितनी गिरफ्तारियों में सहायता की है?
a) 17,185
b) 36,296
c) 6,046
d) 20,500
A6.
भारत की खाद्य क्रांति: आहार 2025 की सफलता
India's
Food Revolution: AAHAR 2025 Highlights
आहार
2025 का 39वां संस्करण, भारत की कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग की पहचान, 4 से 8 मार्च, 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित आयोजन ने भारतीय कृषि और खाद्य क्षेत्र की समृद्ध विविधता और क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।
आहार 2025 की मुख्य झलकियाँ:
आयोजक: इस भव्य आयोजन को भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। APEDA, भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है, जो देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।
व्यापक भागीदारी: आहार 2025 में देशभर से 95 प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिनमें किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान उत्पादक कंपनियाँ (FPC), उद्यमी और विनिर्माण कंपनियाँ शामिल थीं। इन प्रतिभागियों ने 17 राज्यों (जैसे गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु) और 4 केंद्र शासित प्रदेशों (जैसे दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर) से अपनी अनूठी पेशकश प्रस्तुत कीं।
प्रदर्शित उत्पाद: मंडप में जैविक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, विभिन्न कृषि उत्पाद, ताज़े और डिब्बाबंद पेय पदार्थ, सुगंधित मसाले और विविध मांस उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई। यह प्रदर्शनी भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की व्यापकता और नवाचार को दर्शाती है।
इंडिया प्लांट-बेस्ड फूड्स शो: इस संस्करण में 'इंडिया प्लांट-बेस्ड फूड्स शो' भी आयोजित किया गया, जिसका आयोजन प्लांट-बेस्ड फूड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने किया था। यह शो शाकाहारी खाद्य पदार्थों के बढ़ते चलन और भारत में इस क्षेत्र में हो रहे विकास को दर्शाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
26. आहार 2025 का 39वां संस्करण किस तारीख से किस तारीख तक आयोजित हुआ?
a) 4 से 8 मार्च, 2024
b) 4 से 8 अप्रैल, 2025
c) 4 से 8 मार्च, 2025
d) 4 से 8 फरवरी, 2025
27. आहार 2025 का आयोजन स्थल कौन सा था?
a) प्रगति मैदान, नई दिल्ली
b) भारत मंडपम, नई दिल्ली
c) विज्ञान भवन, नई दिल्ली
d) इंडिया गेट, नई दिल्ली
28. APEDA किस मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है?
a) कृषि मंत्रालय
b) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
c) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
d) वित्त मंत्रालय
29. आहार 2025 में कितने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शकों ने भाग लिया?
a) 15 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश
b) 17 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश
c) 16 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेश
d) 18 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश
30. आहार 2025 में 'इंडिया प्लांट-बेस्ड फूड्स शो' का आयोजन किसने किया था?
a) APEDA
b) ITPO
c) प्लांट-बेस्ड फूड इंडस्ट्री एसोसिएशन
d) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
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