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12 June 2025 Current Affairs Questions

 12 June 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. ओसेलॉट: अमेज़न की क्वांटम कंप्यूटिंग में नई पहल
  • A2.   शनि के नए चंद्रमा: एक खगोलीय क्रांति!
  • A3. AI में भारत की नई उड़ान: AI Kosha और कंप्यूट पोर्टल 
  • A4. ISRO और IIT मद्रास का नया आयाम: "श्री एस रामकृष्णन सेंटर"
  • A5. ब्रह्मांड के रहस्य खोलेगा SPHEREX: पानी और बिग बैंग की खोज
  • A6. गांडीव - भारतीय वायुसेना का नया ब्रह्मास्त्र 

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।


A1.
ओसेलॉट: अमेज़न की क्वांटम कंप्यूटिंग में नई पहल
Ocelot: Amazon's New Quantum Computing Initiative

क्वांटम कंप्यूटिंग की दुनिया में अमेज़न ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, अमेज़न ने अपनी पहली इन-हाउस क्वांटम कंप्यूटिंग चिप का प्रोटोटाइप पेश किया है, जिसका नाम 'ओसेलॉट' (Ocelot) है। यह कदम अमेज़न को अधिक कुशल हार्डवेयर सिस्टम बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

 

ओसेलॉट चिप की खास बातें:

 

उद्देश्य: ओसेलॉट चिप को अमेज़न के हार्डवेयर सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भविष्य में जटिल गणनाएं और डेटा प्रोसेसिंग बेहतर तरीके से हो सके।

विकास टीम: इस चिप को कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) में AWS सेंटर फॉर क्वांटम कंप्यूटिंग की टीम ने विकसित किया है। यह टीम AWS (Amazon Web Services) के अंतर्गत क्वांटम कंप्यूटिंग पर शोध कर रही है।

विशेष आर्किटेक्चर: ओसेलॉट एक विशेष आर्किटेक्चर का उपयोग करता है जो शुरू से ही त्रुटि सुधार (Error Correction) को सिस्टम में एकीकृत करता है। यह क्वांटम कंप्यूटिंग में एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि क्वांटम सिस्टम बहुत संवेदनशील होते हैं।

'कैट क्यूबिट' (Cat Qubit): अमेज़न इस त्रुटि-सुधार तंत्र को 'कैट क्यूबिट' कहता है। यह नाम प्रसिद्ध 'श्रोडिंगर की बिल्ली' (Schrödinger's Cat) विचार प्रयोग से प्रेरित है। श्रोडिंगर की बिल्ली एक काल्पनिक प्रयोग है जो क्वांटम यांत्रिकी के कुछ विरोधाभासी पहलुओं को उजागर करता है, जहां एक कण एक साथ कई अवस्थाओं में हो सकता है। 'कैट क्यूबिट' इस अवधारणा का उपयोग क्वांटम सूचना को अधिक मजबूती से स्टोर करने और प्रोसेस करने के लिए करता है।

महत्व: क्वांटम कंप्यूटिंग में त्रुटि सुधार अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि क्यूबिट्स (जो क्वांटम कंप्यूटर में डेटा की मूल इकाई हैं) पर्यावरण के हस्तक्षेप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे त्रुटियां उत्पन्न हो सकती हैं। 'कैट क्यूबिट' जैसी तकनीकें इन त्रुटियों को कम करने और क्वांटम कंप्यूटरों को अधिक विश्वसनीय बनाने में मदद करती हैं।

 

भविष्य की संभावनाएं:

 

ओसेलॉट चिप का प्रोटोटाइप अमेज़न की क्वांटम कंप्यूटिंग में बढ़ती रुचि और निवेश को दर्शाता है। जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग विकसित होगी, यह स्वास्थ्य सेवा, वित्त, सामग्री विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है। अमेज़न जैसी कंपनियों का यह प्रयास हमें क्वांटम कंप्यूटिंग के वादे को वास्तविकता में बदलने के करीब ला रहा है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1.  अमेज़न की पहली इन-हाउस क्वांटम कंप्यूटिंग चिप का नाम क्या है?

    a.  टाइगर

    b.  पैंथर

    c.  ओसेलॉट

    d.  लेपर्ड

Answer and Explanation

2.  ओसेलॉट चिप को मुख्य रूप से अमेज़न के किस उद्देश्य को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है?

    a.  -कॉमर्स संचालन को गति देना

    b.  अधिक कुशल हार्डवेयर सिस्टम बनाना

    c.  नए रोबोट विकसित करना

    d.  क्लाउड स्टोरेज की लागत कम करना

Answer and Explanation

3.  'कैट क्यूबिट' की अवधारणा किससे प्रेरित है?

    a.  न्यूटन के गति के नियम

    b.  आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत

    c.  श्रोडिंगर की बिल्ली विचार प्रयोग

    d.  प्लैंक का क्वांटम सिद्धांत

Answer and Explanation

4.  क्वांटम कंप्यूटिंग में त्रुटि सुधार क्यों महत्वपूर्ण है?

    a.  क्यूबिट्स का तापमान नियंत्रित करने के लिए

    b.  क्यूबिट्स के पर्यावरण हस्तक्षेप के प्रति संवेदनशील होने के कारण

    c.  डेटा स्थानांतरण की गति बढ़ाने के लिए

    d.  क्वांटम कंप्यूटर का आकार छोटा करने के लिए

Answer and Explanation

5.  ओसेलॉट चिप का विकास किस संस्थान में AWS सेंटर फॉर क्वांटम कंप्यूटिंग की टीम द्वारा किया गया है?

    a.  मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)

    b.  स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी

    c.  कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech)

    d.  हार्वर्ड यूनिवर्सिटी

Answer and Explanation

 

 

A2.
शनि के नए चंद्रमा: एक खगोलीय क्रांति!
Saturn's New Moons: A Celestial Revolution!

क्या आप जानते हैं कि हमारे सौरमंडल में सबसे अधिक चंद्रमा किस ग्रह के पास हैं? अब तक आप बृहस्पति का नाम लेते होंगे, लेकिन अब यह खिताब शनि के नाम हो गया है! अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने हाल ही में शनि के 128 नए चंद्रमाओं को आधिकारिक मान्यता दी है, जिससे इसके चंद्रमाओं की कुल संख्या अब 274 हो गई है। यह खगोलीय जगत में एक महत्वपूर्ण खोज है जो हमारे सौरमंडल के बारे में हमारी समझ को और गहरा करती है।

 

शनि: सबसे अधिक चंद्रमा वाला ग्रह: शनि अब 274 ज्ञात चंद्रमाओं के साथ हमारे सौरमंडल में सबसे अधिक चंद्रमा वाला ग्रह बन गया है। पहले यह खिताब बृहस्पति के पास था।

नई खोज का श्रेय: इन 128 नए चंद्रमाओं की खोज ताइवान में एकेडेमिया सिनिका में एडवर्ड एश्टन के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम ने की है।

सहयोग से सफलता: ताइवान, कनाडा, यू.एस. और फ्रांस के खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने कनाडा फ्रांस हवाई टेलीस्कोप (CFHT) का उपयोग करके इन नए चंद्रमाओं का पता लगाया।

चंद्रमाओं की प्रकृति: शनि के कुल 274 चंद्रमाओं में से, 24 नियमित चंद्रमा हैं और 250 अनियमित चंद्रमा हैं। नियमित चंद्रमा आमतौर पर अपने ग्रह के करीब होते हैं और एक ही दिशा में परिक्रमा करते हैं, जबकि अनियमित चंद्रमा दूर होते हैं और अक्सर उल्टी दिशा में परिक्रमा करते हैं।

अन्य खोजें: शनि के कुछ अन्य चंद्रमाओं की खोज पहले वायेजर 1 और कैसिनी अंतरिक्ष यान के अंतरिक्ष अभियानों के दौरान की गई थी, जब वे शनि के पास से गुजरे थे।

अन्य ग्रहों के चंद्रमा:

    बृहस्पति: 95 चंद्रमाओं के साथ दूसरे स्थान पर है।

    यूरेनस: 28 चंद्रमा

    नेपच्यून: 16 चंद्रमा

    मंगल: 2 चंद्रमा (फोबोस और डीमोस)

    पृथ्वी: 1 चंद्रमा (चंद्रमा)

    बुध और शुक्र: इनके कोई ज्ञात चंद्रमा नहीं हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

6. वर्तमान में सौरमंडल में सबसे अधिक चंद्रमा किस ग्रह के पास हैं?

a. बृहस्पति

b. शनि

c. यूरेनस

d. नेपच्यून

Answer and Explanation

7. शनि के 128 नए चंद्रमाओं की खोज किस खगोलशास्त्री के नेतृत्व में की गई थी?

a. एडवर्ड स्नोडेन

b. एडवर्ड एश्टन

c. जेम्स वेब

d. कार्ल सागन

Answer and Explanation

8. शनि के कुल 274 चंद्रमाओं में से कितने अनियमित चंद्रमा हैं?

a. 24

b. 95

c. 128

d. 250

Answer and Explanation

9. बृहस्पति के पास वर्तमान में कितने ज्ञात चंद्रमा हैं?

a. 28

b. 16

c. 95

d. 274

Answer and Explanation

10. बुध और शुक्र के पास कितने ज्ञात चंद्रमा हैं?

a. 1

b. 2

c. 0

d. 3

Answer and Explanation

 

 

 

A3.
AI में भारत की नई उड़ान: AI Kosha और कंप्यूट पोर्टल
India's AI Leap: AI Kosha & Compute Portal Unveiled

06 मार्च, 2025 को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने IndiaAI मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण AI-संचालित पहलों का अनावरण किया। ये पहलें भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इन घोषणाओं का मुख्य उद्देश्य AI अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना है।

AI Kosha: IndiaAI डेटासेट प्लेटफॉर्म:

    यह एक केंद्रीकृत डेटासेट प्लेटफॉर्म है जो शोधकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटासेट तक आसान पहुँच प्रदान करेगा।

    AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए डेटा की उपलब्धता महत्वपूर्ण है, और AI Kosha इस कमी को पूरा करने में मदद करेगा।

    यह विभिन्न क्षेत्रों से डेटासेट उपलब्ध कराकर AI अनुप्रयोगों के विकास को गति देगा।

 

IndiaAI कंप्यूट पोर्टल:

    यह पोर्टल AI मॉडल के प्रशिक्षण और तैनाती के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग संसाधनों (जैसे हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग) तक पहुँच प्रदान करेगा।

    यह AI स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि उच्च-स्तरीय कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अक्सर महंगा और मुश्किल होता है।

    इसका लक्ष्य AI नवाचार के लिए आवश्यक तकनीकी बुनियादी ढांचे को सुलभ बनाना है।

 

कौशल विकास और स्टार्टअप त्वरण कार्यक्रम (IGOT-AI)

    IGOT-AI शब्द यहाँ दिए गए संदर्भ में स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभावना है कि यह कौशल विकास और स्टार्टअप त्वरण से संबंधित एक कार्यक्रम का नाम होगा। (मूल पाठ में "IGOT-AI" एक अलग लाइन में लिखा गया है, जिसका मतलब यह हो सकता है कि यह एक और पहल है, या यह "कौशल विकास और स्टार्टअप त्वरण के उद्देश्य से कई कार्यक्रम" का ही हिस्सा है।)

    ये कार्यक्रम AI में कुशल कार्यबल तैयार करने और AI-आधारित स्टार्टअप्स को विकसित होने में मदद करने पर केंद्रित हैं।

    इनमें प्रशिक्षण, मेंटरशिप और फंडिंग सहायता शामिल हो सकती है ताकि भारत में एक मजबूत AI इकोसिस्टम बन सके।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

11.  केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने IndiaAI मिशन के तहत AI-संचालित पहलों का अनावरण किस तिथि को किया?

    a. 06 मार्च, 2024

    b. 06 जून, 2025

    c. 06 मार्च, 2025

    d. 06 जून, 2024

Answer and Explanation

12.  IndiaAI मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    a. केवल AI शिक्षा को बढ़ावा देना

    b. AI अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना

    c. केवल AI स्टार्टअप्स को वित्तपोषण प्रदान करना

    d. विदेशी AI कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करना

Answer and Explanation

13.  शोधकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटासेट तक आसान पहुँच प्रदान करने वाला प्लेटफॉर्म कौन सा है?

    a. IndiaAI कंप्यूट पोर्टल

    b. IGOT-AI

    c. AI Kosha

    d. AI सक्षम डेटा बैंक

Answer and Explanation

14.  AI मॉडल के प्रशिक्षण और तैनाती के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुँच कौन सा पोर्टल प्रदान करेगा?

    a. AI Kosha

    b. IGOT-AI

    c. IndiaAI कंप्यूट पोर्टल

    d. डेटासेट हब

Answer and Explanation

15.  कौशल विकास और AI-आधारित स्टार्टअप्स को विकसित करने पर केंद्रित कार्यक्रम कौन सा है?

    a. AI Kosha

    b. IndiaAI कंप्यूट पोर्टल

    c. IGOT-AI

    d. AI डेटासेट पहल

Answer and Explanation

 

 

A4.
ISRO और IIT मद्रास का नया आयाम: "श्री एस रामकृष्णन सेंटर"
ISRO & IIT Madras Launch "Shri S. Ramakrishnan Centre"

 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के साथ मिलकर अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, IIT मद्रास में "श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च" का शुभारंभ किया गया है, जो भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।

 

यह केंद्र ISRO के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ और IIT मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में उद्घाटित हुआ। इस अवसर पर, आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में 'अर्कोट रामचंद्रन सेमिनार हॉल' का भी उद्घाटन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध वैज्ञानिक वी. नारायणन ने की।

 

यह केंद्र विशेष रूप से अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में आने वाली जटिल तापीय चुनौतियों को हल करने पर केंद्रित रहेगा। अंतरिक्ष में अत्यधिक तापमान और दबाव की स्थितियाँ होती हैं, और ऐसे में अंतरिक्ष यान और उपग्रहों के लिए प्रभावी शीतलन प्रणाली और ऊष्मा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।

 

इस उत्कृष्टता केंद्र की मुख्य विशेषताएं:

 

प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र: यह केंद्र ऊष्मा स्थानांतरण, उन्नत शीतलन प्रणाली (जैसे लूप हीट पाइप), और द्रव गतिकी (फ्लूइड डायनामिक्स) के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान करेगा।

लक्ष्य: इसका प्राथमिक उद्देश्य अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यान और उपग्रह प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक तापीय और द्रव विज्ञान अनुसंधान को उन्नत करना है।

महत्व: यह केंद्र भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा और विदेशी प्रौद्योगिकियों पर हमारी निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।

स्थान: यह प्रतिष्ठित केंद्र IIT मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित है, जो इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।

नामकरण: इस केंद्र का नामकरण प्रसिद्ध एयरोस्पेस इंजीनियर और IIT मद्रास के पूर्व छात्र श्री एस. रामकृष्णन के सम्मान में किया गया है। श्री रामकृष्णन ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

बहुविकल्पीय प्रश्न:

16.  "श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च" का शुभारंभ किस संस्थान में किया गया है?

    a) IIT बॉम्बे

    b) IIT दिल्ली

    c) IIT मद्रास

    d) ISRO मुख्यालय

Answer and Explanation

17.  यह उत्कृष्टता केंद्र  (श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च)  मुख्य रूप से किस क्षेत्र में अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा?

    a) रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता

    b) जटिल तापीय चुनौतियाँ और द्रव गतिकी

    c) कृषि प्रौद्योगिकी

    d) बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

Answer and Explanation

18.  "अर्कोट रामचंद्रन सेमिनार हॉल" का उद्घाटन किस विभाग में किया गया?

    a) सिविल इंजीनियरिंग विभाग

    b) कंप्यूटर साइंस विभाग

    c) मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग

    d) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग

Answer and Explanation

19.  यह केंद्र केंद्र (श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च)  IIT मद्रास के किस विभाग में स्थित है?

    a) सिविल इंजीनियरिंग विभाग

    b) कंप्यूटर साइंस विभाग

    c) मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग

    d) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग

Answer and Explanation

20.  इस उत्कृष्टता केंद्र  केंद्र  (श्री एस रामकृष्णन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन फ्लूइड एंड थर्मल साइंस रिसर्च)  का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

    a) भारत में चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देना

    b) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर शोध करना

    c) अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यान और उपग्रह प्रौद्योगिकियों के लिए तापीय और द्रव विज्ञान अनुसंधान को उन्नत करना

    d) शिक्षा के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम विकसित करना

Answer and Explanation

 

 

A5.
ब्रह्मांड के रहस्य खोलेगा SPHEREX: पानी और बिग बैंग की खोज
SPHEREX: Unraveling Cosmic Mysteries – The Search for Water and Big Bang's Aftermath

नासा का महत्वाकांक्षी SPHEREX (स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर हिस्ट्री ऑफ यूनिवर्स, रीऑनाइजेशन एंड आइस एक्सप्लोरर) मिशन ब्रह्मांड की अनसुनी कहानियों को जानने के लिए तैयार है। एक 'मेगाफोन' के आकार की यह वेधशाला, जो अवरक्त प्रकाश (near-infrared) का उपयोग करेगी, हमें ब्रह्मांड की शुरुआत, बिग बैंग के बाद के क्षणों और जीवन के लिए महत्वपूर्ण पानी की उत्पत्ति को समझने में मदद करेगी।

 

उद्देश्य (Objective):

    13.8 अरब साल पहले हुए बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड में क्या हुआ, इसकी बेहतर समझ प्राप्त करना।

    मिल्की वे (आकाशगंगा) में पानी के भंडार की खोज करना, जो जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।

 

लॉन्च विवरण (Launch Details):

    लॉन्चिंग एजेंसी (Launching Agency): अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA)

    लॉन्च स्थान (Launch Site): कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस (Vandenberg Space Force Base, California)

    रॉकेट (Rocket): स्पेसएक्स फाल्कन 9 (SpaceX Falcon 9)

 

तकनीकी विशेषताएँ (Technical Specifications):

    SPHEREX एक निकट अवरक्त दूरबीन (near-infrared telescope) है। यह प्रकाश के उस हिस्से को देखेगी जिसे हमारी आँखें नहीं देख सकतीं, लेकिन जो ब्रह्मांड के ठंडे और धूल भरे हिस्सों से आने वाली जानकारी को प्रकट करता है।

    यह हर छह महीने में एक बार पूरे आकाश का स्कैन करेगी।

 

मिशन की अवधि और डेटा संग्रह (Mission Duration and Data Collection):

    नियोजित अवधि (Planned Duration): दो साल (Two years)

    डेटा संग्रह (Data Collection):

        450 मिलियन से अधिक आकाशगंगाओं (galaxies) पर डेटा।

        मिल्की वे में 100 मिलियन से अधिक सितारों (stars) पर डेटा।

 

क्या खोजेगा SPHEREX (What SPHEREX will Explore):

    यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति (origin of the universe) और इसके भीतर की आकाशगंगाओं (galaxies) के विकास का अध्ययन करेगी।

    पानी के निशान (traces of water) और कार्बनिक अणुओं (organic molecules) की खोज, जो ग्रहों और तारे बनाने वाले क्षेत्रों में बर्फ के रूप में मौजूद हैं। यह समझने में मदद करेगा कि ब्रह्मांड में पानी कैसे वितरित हुआ।

    ब्रह्मांड के "पुनःआयनीकरण युग" (Epoch of Reionization) को समझना, जब पहले तारे और आकाशगंगाएँ बनीं और ब्रह्मांड को फिर से आयनित किया।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

21. SPHEREX मिशन का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

a. सूर्य की सतह का अध्ययन करना

b. बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड का विकास और मिल्की वे में पानी की खोज करना

c. मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों का पता लगाना

d. ब्लैक होल के निर्माण का अवलोकन करना

Answer and Explanation

22. SPHEREX दूरबीन किस प्रकार के प्रकाश का उपयोग करेगी?

a. दृश्य प्रकाश (Visible light)

b. एक्स-रे (X-ray)

c. निकट अवरक्त (Near-infrared)

d. पराबैंगनी (Ultraviolet)

Answer and Explanation

23. SPHEREX मिशन की नियोजित अवधि कितनी है?

a. एक वर्ष

b. दो वर्ष

c. तीन वर्ष

d. पाँच वर्ष

Answer and Explanation

24. SPHEREX को किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा?

a. एटलस वी (Atlas V)

b. एरियन 5 (Ariane 5)

c. स्पेसएक्स फाल्कन 9 (SpaceX Falcon 9)

d. सोयुज (Soyuz)

Answer and Explanation

25. SPHEREX अपने नियोजित मिशन के दौरान कितनी आकाशगंगाओं पर डेटा एकत्र करेगा?

a. 100 मिलियन से अधिक

b. 250 मिलियन से अधिक

c. 450 मिलियन से अधिक

d. 50 मिलियन से अधिक

Answer and Explanation

 

 

A6.
गांडीव - भारतीय वायुसेना का नया ब्रह्मास्त्र
(Missile: Gandiv - Indian Air Force's New Brahmastra)

भारत की रक्षा क्षमताओं में एक बड़ा उछाल आने वाला है! हमारी सबसे उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, अस्त्र एमके-III, को अब आधिकारिक तौर पर 'गांडीव' नाम दिया गया है. यह नाम महाभारत के पौराणिक धनुष 'गांडीव' से प्रेरित है, जिसे अर्जुन धारण करते थे. यह नाम इस मिसाइल की शक्ति और सटीकता को पूरी तरह से दर्शाता है.

नामकरण: पहले 'अस्त्र एमके-III' के नाम से जानी जाने वाली इस मिसाइल का नाम अब 'गांडीव' कर दिया गया है.

विकास: इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया जा रहा है.

उद्देश्य: यह हवाई युद्ध के परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने की क्षमता रखती है, खासकर दृश्य सीमा से परे (BVR) युद्ध में, जो आधुनिक हवाई मुठभेड़ों में बेहद महत्वपूर्ण है.

मारक क्षमता:

    यह 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित दुश्मन के हवाई लक्ष्यों पर 340 किलोमीटर की प्रभावशाली दूरी से हमला कर सकती है.

    यह 8 किलोमीटर की कम ऊंचाई पर स्थित लक्ष्यों पर 190 किलोमीटर की दूरी से हमला करने में सक्षम है.

वर्तमान तुलना:

    वर्तमान में, भारतीय वायु सेना (IAF) के राफेल जेट फ्रांसीसी MBDA उल्का (Meteor) मिसाइल से लैस हैं, जिसकी रेंज लगभग 200 किलोमीटर है.

    गांडीव की रेंज इससे काफी अधिक है, जिससे भारतीय वायुसेना को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त मिलेगी.

तैनाती: इस शक्तिशाली मिसाइल को IAF के सुखोई Su-30MKI जेट और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस पर तैनात किया जाएगा. भविष्य में इसे अन्य लड़ाकू विमानों पर भी एकीकृत किया जा सकता है.

वैश्विक स्थान: गांडीव के शामिल होने के साथ ही, भारत के पास दुनिया की सबसे लंबी दूरी की BVR हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में से एक होगी, जो भारत को इस विशिष्ट क्लब में शामिल करेगी.

सामरिक महत्व: यह मिसाइल केवल भारतीय वायुसेना की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि यह भारत की आत्म-निर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) और रक्षा प्रौद्योगिकी में बढ़ती शक्ति का भी प्रतीक है. यह क्षेत्रीय सुरक्षा और शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है.

 

अतिरिक्त जानकारी:

 

BVR (Beyond Visual Range) युद्ध: इस प्रकार के युद्ध में लड़ाकू विमान एक-दूसरे को देखे बिना ही लंबी दूरी से मिसाइल दाग सकते हैं. यह आधुनिक हवाई युद्ध की रीढ़ है.

तकनीकी उन्नति: गांडीव में उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली, बेहतर प्रणोदन (propulsion) और इलेक्ट्रॉनिक प्रति-उपाय (ECM) जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां शामिल होने की उम्मीद है, जिससे इसकी सटीकता और दुश्मन के जैमिंग प्रयासों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकेगी.

बहुविकल्पीय प्रश्न:

26. अस्त्र एमके-III मिसाइल का नया आधिकारिक नाम क्या है?

a) वज्र

b) गांडीव

c) सुदर्शन

d) त्रिशूल

Answer and Explanation

27. गांडीव मिसाइल का विकास किस संगठन द्वारा किया जा रहा है?

a) HAL

b) ISRO

c) DRDO

d) BDL

Answer and Explanation

28.  20 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लक्ष्य के लिए गांडीव मिसाइल की मारक क्षमता कितनी है?

a) 190 किलोमीटर

b) 200 किलोमीटर

c) 340 किलोमीटर

d) 400 किलोमीटर

Answer and Explanation

29. वर्तमान में भारतीय वायुसेना के राफेल जेट कौन सी विदेशी BVR मिसाइल से लैस हैं?

a) स्पाइक

b) मेटियोर (Meteor)

c) आर-77

d) एआईएम-120

Answer and Explanation

30. गांडीव मिसाइल को भारतीय वायुसेना के किन विमानों पर तैनात किया जाएगा?

a) मिग-21 और मिराज 2000

b) सुखोई Su-30MKI और तेजस

c) अपाचे और चिनूक

d) सी-17 और आईएल-76

Answer and Explanation

 

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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।





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