Ticker

6/recent/ticker-posts

22 August 2025 Current Affairs Questions

 22 August 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।

  • A1. जगद्गुरु बसवेश्वर: समाज सुधार के अग्रदूत
  • A2. रणनीतिक समझौता: चागोस द्वीप पर नया दौर 
  • A3.  अंगोला के राष्ट्रपति की ऐतिहासिक यात्रा: 38 वर्ष बाद भारत में आगमन
  • A4. याला ग्लेशियर का दुखद अंत: एक चेतावनी
  • A5. विजय दिवस 2025: रूस में भारत की ऐतिहासिक भागीदारी
  • A6. अंगोला: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m



क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।


A1.
जगद्गुरु बसवेश्वर: समाज सुधार के अग्रदूत
Jagadguru Basaveshwara: A Visionary Reformer

आज हम जिस समाज में समानता और भाईचारे की बात करते हैं, उसकी नींव 12वीं शताब्दी में ही एक महान दार्शनिक और समाज सुधारक बसव ने रख दी थी। उन्हें जगद्गुरु बसवेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अप्रैल, 2025 को उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी, जो उनके अतुलनीय योगदान को दर्शाती है।

बसव का जन्म 1131 ईस्वी में कर्नाटक के अविभाजित बीजापुर जिले के बागेवाड़ी में हुआ था। वह सिर्फ एक दार्शनिक नहीं, बल्कि एक प्रशासक भी थे जिन्होंने अपने सिद्धांतों को व्यवहार में उतारा। उन्होंने लिंगायत संप्रदाय की स्थापना की और उनके दर्शन ने 12वीं शताब्दी में सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक क्रांति ला दी।

उनका दर्शन तीन सिद्धांतों पर आधारित था:

अरिवु (सत्य ज्ञान): ज्ञान और विवेक का महत्व।

आचार (सही आचरण): नैतिकता और सही व्यवहार।

अनुभव (दिव्य अनुभव): ईश्वर से सीधा संबंध, जो जाति या सामाजिक स्थिति पर निर्भर नहीं था।

बसव ने अनुभव मंडप की स्थापना की थी, जो एक प्रकार की आध्यात्मिक संसद थी। इसमें सभी जातियों और वर्गों के लोग, यहां तक कि महिलाएं भी, समान रूप से भाग लेकर सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक मुद्दों पर चर्चा करते थे। यह उस समय के लिए एक क्रांतिकारी कदम था।

नवंबर, 2015 में, उनके सम्मान में लंदन के लैम्बेथ में टेम्स नदी के किनारे उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया, जो वैश्विक स्तर पर उनके महत्व को दर्शाता है। बसव के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें एक बेहतर और समावेशी समाज बनाने की प्रेरणा देते हैं।

अतिरिक्त जानकारी

बसव के लेखन को वचन कहा जाता है, जो कन्नड़ भाषा में लिखे गए हैं। ये छंदों के रूप में हैं, जिनमें उन्होंने अपने दार्शनिक विचारों और सामाजिक न्याय की वकालत की है।

वह कर्नाटक में कल्याण के कलचुरी राजवंश के राजा बिज्जला द्वितीय के दरबार में प्रधानमंत्री थे।

लिंगायत संप्रदाय को वीरशैव संप्रदाय से अलग माना जाता है, हालांकि दोनों भगवान शिव की पूजा करते हैं। लिंगायत संप्रदाय बसव के दर्शन और सामाजिक सुधारों पर अधिक केंद्रित है, जबकि वीरशैव संप्रदाय वेदों और शैव आगमों को मानता है।

बसव ने कायका (काम ही पूजा है) और दसोहा (समाज को लौटाना) के सिद्धांतों पर जोर दिया, जिसमें ईमानदारी से काम करने और अपनी कमाई का एक हिस्सा दूसरों के साथ साझा करने की बात कही गई है।

 

A2.
रणनीतिक समझौता: चागोस द्वीप पर नया दौर
Strategic Shift: The Chagos Islands Deal

क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से द्वीप समूह का भविष्य दो बड़े देशों की रणनीति को कैसे प्रभावित कर सकता है? 22 मई, 2025 को ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता इसी बात का प्रमाण है। इस समझौते के तहत, यूनाइटेड किंगडम ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंप दी है, जो दशकों से चले रहे विवाद का एक बड़ा समाधान है।

यह समझौता सिर्फ संप्रभुता के हस्तांतरण से कहीं ज्यादा है। यह ब्रिटेन और अमेरिका के सैन्य ठिकानों के भविष्य को भी सुरक्षित करता है, जो ब्रिटिश सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। समझौते के अनुसार, मॉरीशस 99 वर्षों के लिए इस द्वीप समूह को अमेरिका और ब्रिटेन को लीज पर देगा, जिसके लिए उसे हर साल 136 मिलियन डॉलर का भुगतान मिलेगा।

यह समझौता ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और मॉरीशस के नेता नवीन रामगुलाम द्वारा एक वर्चुअल समारोह में हस्ताक्षरित किया गया। यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई दिशा देता है, और हिंद महासागर में भू-राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।

प्रमुख बिंदु

ऐतिहासिक हस्तांतरण: 22 मई, 2025 को यूनाइटेड किंगडम ने चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

सैन्य सुरक्षा: यह समझौता अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्य अड्डे के भविष्य को सुनिश्चित करता है, जो ब्रिटिश सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

आर्थिक समझौता: इस समझौते के तहत, ब्रिटेन 99 वर्षों के लिए अड्डे को लीज पर लेने के लिए मॉरीशस को प्रति वर्ष 136 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगा।

हस्ताक्षरकर्ता: समझौते पर यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और मॉरीशस के नेता नवीन रामगुलाम ने वर्चुअल समारोह में हस्ताक्षर किए।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: चागोस द्वीप 1814 से ब्रिटिश नियंत्रण में था।

अतिरिक्त जानकारी

डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डा: चागोस द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप डिएगो गार्सिया है, जिस पर अमेरिका और ब्रिटेन का एक विशाल और महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा है। यह हिंद महासागर क्षेत्र में अमेरिकी सेना की उपस्थिति और संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

आई.सी.जे. (अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय) का फैसला: 2019 में, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने अपने एक फैसले में कहा था कि ब्रिटेन को जितनी जल्दी हो सके चागोस द्वीप समूह का नियंत्रण मॉरीशस को सौंप देना चाहिए। यह समझौता इस फैसले के अनुरूप है, हालांकि यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं था।

 

"डिएगो गार्सिया" नाम का रहस्य: डिएगो गार्सिया का नाम संभवतः 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविक डिएगो गार्सिया डी मोगेइर के नाम पर रखा गया था। यह द्वीप अपने कोरल रीफ और समुद्री जीवन के लिए भी जाना जाता है।

निर्वासित चागोसियन: 1960 और 70 के दशक में, जब डिएगो गार्सिया पर सैन्य अड्डे का निर्माण किया जा रहा था, तब वहाँ के मूल निवासियों (जिन्हें चागोसियन कहा जाता है) को बलपूर्वक मॉरीशस और सेशेल्स जैसे स्थानों पर निर्वासित कर दिया गया था। यह मुद्दा लंबे समय से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच एक बड़ा मुद्दा रहा है। इस समझौते में चागोसियन लोगों के पुनर्वास और मुआवज़े से संबंधित प्रावधान भी शामिल होने की उम्मीद है।

डिएगो गार्सिया दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहाँ कोको डी मेर (समुद्र का नारियल) पाया जाता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा बीज है। हालाँकि, यह मुख्य रूप से सेशेल्स के कुछ द्वीपों में पाया जाता है।

 

 

A3.
अंगोला के राष्ट्रपति की ऐतिहासिक यात्रा: 38 वर्ष बाद भारत में आगमन
A Historic Visit After 38 Years: Angolan President in India

02 मई, 2025 को अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंसाल्वेस लौरेंको भारत की राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुँचे। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि अंगोला के किसी राष्ट्रपति की यह भारत यात्रा 38 वर्षों बाद हुई है। यह खास अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष भारत और अंगोला के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

यात्रा से जुड़ी मुख्य बातें

ऐतिहासिक अंतराल: अंगोला के राष्ट्रपति की भारत यात्रा 38 साल बाद हुई है।

राजनयिक वर्षगाँठ: यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं।

यात्रा का उद्देश्य: इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और अंगोला के बीच व्यापार, ऊर्जा, कृषि, और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना था।

अतिरिक्त जानकारी

अंगोला, अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित एक समृद्ध देश है। यह कच्चे तेल, हीरे और प्राकृतिक गैस का प्रमुख उत्पादक है।

अंगोला पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) का सदस्य है, जो वैश्विक ऊर्जा बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत और अंगोला के बीच व्यापारिक संबंध मुख्य रूप से कच्चे तेल के आयात पर केंद्रित हैं। अंगोला भारत के लिए कच्चे तेल का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।

दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध रहे हैं, जिसकी नींव गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दौरान पड़ी थी।

भारत, अंगोला को शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि जैसे क्षेत्रों में तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान करता रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और गहरा हुआ है।

 

 

A4.
याला ग्लेशियर का दुखद अंत: एक चेतावनी
The Demise of Yala Glacier: A Warning

नेपाल का याला ग्लेशियर अब सिर्फ यादों में ही जीवित रहेगा। 12 मई, 2025 को इसे आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया गया, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक और भयावह नुकसान की कहानी कहता है। 1970 के दशक से यह ग्लेशियर 66% तक सिकुड़ गया है। इस दुखद घटना ने इसे एशिया का पहला और दुनिया भर में तीसरा ऐसा ग्लेशियर बना दिया है, जिसे मृत घोषित किया गया है।

कभी हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र में ग्लेशियोलॉजिकल प्रशिक्षण और क्रायोस्फीयर अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा याला ग्लेशियर, अब जलवायु परिवर्तन के भयावह परिणामों का एक प्रतीक बन गया है। इसके नष्ट होने पर शोक व्यक्त करने के लिए एक प्रतीकात्मक समारोह भी आयोजित किया गया, जहाँ लेखकों आंद्री स्नैर मैगनासन और मंजुश्री धापा द्वारा लिखे गए संदेशों वाली एक पट्टिका स्थापित की गई। ये संदेश अंग्रेज़ी, नेपाली और तिब्बती में लिखे गए हैं।

मुख्य बिंदु:

 

मृत घोषित: 12 मई, 2025 को नेपाल के याला ग्लेशियर को मृत घोषित किया गया।

सिकुड़न: 1970 के दशक से यह 66% तक सिकुड़ चुका है।

महत्व: यह एशिया का पहला और दुनिया का तीसरा ग्लेशियर है जिसे मृत घोषित किया गया है।

स्थान: यह नेपाल के लांगटांग में स्थित है और कभी हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र में ग्लेशियोलॉजिकल अनुसंधान का केंद्र था।

अन्य मृत ग्लेशियर:

    पिज़ोल ग्लेशियर, स्विट्जरलैंड (2019)

    क्लार्क ग्लेशियर, यूएस (2020)

    अयोलोको ग्लेशियर, मेक्सिको (2021)

अंतर्राष्ट्रीय पहल:

    संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है।

    21 मार्च को आईसीसी विश्व ग्लेशियर दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

अतिरिक्त जानकारी:

ग्लेशियर क्या हैं?: ग्लेशियर बर्फ की विशाल, धीमी गति से चलने वाली नदियाँ हैं जो हजारों वर्षों में बनती हैं। ये ताजे पानी के सबसे बड़े भंडार होते हैं और पृथ्वी की जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ग्लेशियर क्यों पिघल रहे हैं?: ग्लोबल वार्मिंग इसका सबसे बड़ा कारण है। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिससे ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं।

परिणाम: ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का स्तर बढ़ता है, जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। यह नदियों में पानी के प्रवाह को भी प्रभावित करता है, जिससे पानी की कमी हो सकती है और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हिंदू कुश हिमालय: इसे अक्सर 'दुनिया का तीसरा ध्रुव' कहा जाता है क्योंकि इसमें आर्कटिक और अंटार्कटिक के बाद सबसे अधिक बर्फ और ग्लेशियर मौजूद हैं। इस क्षेत्र के ग्लेशियर लगभग 240 मिलियन लोगों को पानी उपलब्ध कराते हैं।

आईसीसी विश्व ग्लेशियर दिवस: यह दिवस इंटरनेशनल कमीशन ऑन क्लाइमेट (आईसीसी) द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य ग्लेशियरों के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

 

A5.
विजय दिवस 2025: रूस में भारत की ऐतिहासिक भागीदारी
Victory Day 2025: India's Historic Participation in Russia

मई 2025 में, भारत ने रूस के विजय दिवस समारोह में भाग लेकर अपनी गहरी दोस्ती और ऐतिहासिक संबंधों को एक बार फिर दर्शाया। भारत के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने 8 से 9 मई, 2025 तक रूस की यात्रा की और 9 मई को मॉस्को में आयोजित भव्य विजय दिवस परेड में शामिल हुए।

यह समारोह द्वितीय विश्व युद्ध (1941-45) में सोवियत संघ की नाज़ी जर्मनी पर शानदार जीत की 80वीं वर्षगाँठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था। इस जीत ने केवल युद्ध का रुख मोड़ा बल्कि दुनिया को फासीवाद के खतरे से भी बचाया।

मूल रूप से, इस समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनकी जगह रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।

विजय दिवस का महत्व

ऐतिहासिक जीत: 9 मई, 1945 को सोवियत सेना के कमांडर-इन-चीफ ने नाज़ी जर्मनी के बिना शर्त आत्मसमर्पण के अधिनियम पर हस्ताक्षर किए, जिसने यूरोप में युद्ध को समाप्त कर दिया।

सैन्य शक्ति का प्रदर्शन: विजय दिवस परेड में रूस अपनी सैन्य शक्ति और आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करता है। यह परेड रूसी लोगों के लिए गर्व का क्षण होता है।

वैश्विक सम्मान: यह दिन उन लाखों सोवियत सैनिकों और नागरिकों के बलिदान को याद करने का अवसर है जिन्होंने युद्ध में अपनी जान गँवाई।

अतिरिक्त जानकारी

विजय दिवस को रूस में पोबेदा (Pobeda) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'विजय' यह रूस का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाश है।

द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ को भारी नुकसान हुआ था, जिसमें अनुमानित 2.7 करोड़ लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

सोवियत सेना ने जनवरी 1945 में जर्मनी के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू किया था, जो अंततः बर्लिन पर कब्ज़े के साथ समाप्त हुआ।

कई देशों में, द्वितीय विश्व युद्ध के अंत को 8 मई को विजय दिवस (Victory in Europe Day) के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 7 मई को ही जर्मनी ने मित्र देशों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। हालाँकि, सोवियत संघ ने 9 मई को आत्मसमर्पण पर हस्ताक्षर किए, इसलिए रूस और कुछ अन्य पूर्व सोवियत देशों में यह 9 मई को मनाया जाता है।

 

 

A6.
अंगोला: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ
Angola Joins International Solar Alliance

हाल ही में, अंगोला अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का 123वाँ सदस्य बना। यह सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ISA एक ऐसा संगठन है जो सौर ऊर्जा के उपयोग को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने के लिए काम करता है, खासकर उन देशों में जहाँ सूरज की रोशनी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।

मुख्य बातें:

123वाँ सदस्य: अंगोला हाल ही में ISA में शामिल होने वाला 123वाँ देश है।

नए पूर्णकालिक सदस्य: स्पेन, पराग्वे और नेपाल भी ISA के नए पूर्णकालिक सदस्य बने हैं।

स्थापना: ISA की स्थापना भारत और फ्रांस के सहयोग से 2015 में पेरिस में COP-21 सम्मेलन के दौरान हुई थी।

अतिरिक्त जानकारी:

मुख्यालय: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम में स्थित है। यह पहला ऐसा अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय भारत में है।

लक्ष्य: ISA का मुख्य लक्ष्य 2030 तक सौर ऊर्जा में $1,000 बिलियन का निवेश जुटाना है।

वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG): ISA के तहत भारत ने 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' पहल का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को साझा करने के लिए एक ट्रांस-नेशनल इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड बनाना है। यह पहल सौर ऊर्जा की उपलब्धता को चौबीसों घंटे बनाए रखने में मदद करेगी।

 

उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।

Click here





Free Live Quiz यहां कराई जाती है

Live quiz खेलने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें






Tags:
  • current affairs
  • current affairs in hindi
  • current affairs of August 2025
  • current affairs quiz
  • current affairs quizzes online
  • current events quiz
  • current affairs quiz with answers
  • current affairs quiz in hindi
  • current affairs quiz for students
  • current affairs quiz 2025
  • current affairs quiz questions and answers pdf
  • SelfStudy Meter, self study metre, selfstudymeter

Post a Comment

0 Comments