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21 August 2025 Current Affairs Questions

 21 August 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।

  • A1. साइबर धोखाधड़ी से सावधान! सरकार ने उठाया बड़ा कदम
  • A2.  'मेक इन इंडिया' को मिली नई उड़ान: नया राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन
  • A3. भारत का सबसे बड़ा टाइटेनियम प्लांट: रक्षा उत्पादन में एक मील का पत्थर  
  • A4. एक ऐतिहासिक कदम: भारत और यू.के. का मुक्त व्यापार समझौता
  • A5. नारी शक्ति और समुद्री क्षेत्र: एक नई दिशा
  • A6. भारत के बढ़ते स्टार्टअप्स: पोर्टर ने रचा इतिहास

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m



क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।


A1.
साइबर धोखाधड़ी से सावधान! सरकार ने उठाया बड़ा कदम
Beware of Cyber Fraud! A Big Step by the Government

 हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 66 के तहत शामिल करने की अधिसूचना जारी की है। यह कदम ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराधों से लड़ने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

मुख्य बातें:

क्या हुआ है? केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने I4C को PMLA, 2002 की धारा 66 के तहत लाया है।

इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि अब I4C को उन मामलों में जाँच करने और कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है जहाँ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए साइबर अपराध का इस्तेमाल होता है।

धारा 66 क्या है? PMLA की धारा 66 उन मामलों से जुड़ी है जहाँ जाँच के दौरान अन्य अपराधों का पता चलता है।

सरकार का संदेश: सरकार लोगों से आग्रह करती है कि वे ऐसी धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों की रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर करें या किसी भी धोखाधड़ी के मामले में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

अतिरिक्त जानकारी:

धन शोधन (Money Laundering) क्या है? यह अवैध रूप से कमाए गए काले धन को वैध या सफेद धन में बदलने की प्रक्रिया है। इसमें गैरकानूनी स्रोतों से मिले पैसे को छिपाने के लिए कई तरह के लेन-देन किए जाते हैं ताकि वे कानूनी लगें।

PMLA, 2002: यह एक भारतीय कानून है जिसे मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों को रोकना और उस संपत्ति को जब्त करना है जो ऐसे अपराधों से प्राप्त की गई हो।

PMLA के तहत प्रमुख संस्थाएं: इस कानून को लागू करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) और वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (Financial Intelligence Unit-India - FIU-IND) जैसी संस्थाएं जिम्मेदार हैं। ये संस्थाएं मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच करती हैं।

दुनियाभर में हर साल अरबों डॉलर का काला धन वैध बनाने की कोशिश की जाती है, जो अक्सर संगठित अपराधों और आतंकवाद को बढ़ावा देता है। PMLA जैसे कानून इन गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

 

A2.
'मेक इन इंडिया' को मिली नई उड़ान: नया राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन
New National Manufacturing Mission: Boosting 'Make in India'

भारत के विनिर्माण क्षेत्र को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू करने की पहल की है। यह मिशन 'मेक इन इंडिया' अभियान को और भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। फरवरी 2025 के केंद्रीय बजट में पहली बार इस मिशन की घोषणा की गई थी।

इस मिशन के लिए नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। यह समिति पहले ही विभिन्न राज्यों की सरकारों और देश के उद्योगों सहित प्रमुख हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रही है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है। इसके पाँच प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं:

व्यापार में आसानी और लागत: व्यापार करने के लिए अनुकूल माहौल बनाना और लागत कम करना।

माँग के अनुरूप कार्यबल: भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से कुशल और तैयार कार्यबल विकसित करना।

एक जीवंत एमएसएमई क्षेत्र: छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देना, क्योंकि वे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

प्रौद्योगिकी की उपलब्धता: आधुनिक तकनीक तक पहुँच सुनिश्चित करना।

गुणवत्तापूर्ण उत्पाद: उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करना।

यह नया मिशन 2014 में शुरू हुए 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की सफलता पर आधारित है। इसका लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना भी है।

अतिरिक्त जानकारी

'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का लक्ष्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र (Global Manufacturing Hub) में बदलना है। इसे 25 से अधिक क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।

विनिर्माण क्षेत्र देश में रोजगार सृजन का एक प्रमुख स्रोत है। एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र केवल आर्थिक विकास को गति देता है, बल्कि आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) को भी बढ़ावा देता है।

भारत में विनिर्माण क्षेत्र की GDP में लगभग 17% हिस्सेदारी है। इस नए मिशन का उद्देश्य इस हिस्सेदारी को और बढ़ाना है।

'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत कई पहलें की गई हैं, जैसे कि 'प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम', जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन देती है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि 'मेक इन इंडिया' पहल के लोगो में एक चलता हुआ शेर है, जो भारत की राष्ट्रीय शक्ति, दृढ़ता और साहस का प्रतीक है।

 

A3.
भारत का सबसे बड़ा टाइटेनियम प्लांट: रक्षा उत्पादन में एक मील का पत्थर
India's Largest Aerospace Titanium Unit: A Game-Changer

हाल ही में, लखनऊ में रक्षा क्षेत्र में दो बड़े कदम उठाए गए, जिन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में और भी मजबूत किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के सबसे बड़े टाइटेनियम और सुपरअलॉय मटीरियल प्लांट का उद्घाटन किया। इसके अलावा, लखनऊ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन इकाई का भी वर्चुअल उद्घाटन किया गया।

ये दोनों ही सुविधाएं देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और आयात पर हमारी निर्भरता को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मुख्य जानकारी:

एरोलॉय टेक्नोलॉजीज प्लांट: यह भारत की सबसे बड़ी एयरोस्पेस-ग्रेड टाइटेनियम इकाई है।

   इसका लक्ष्य वर्ष 2026 तक $35,000 करोड़ के महंगे आयात पर देश की निर्भरता को कम करना है।

   50 एकड़ में फैले इस संयंत्र की वार्षिक क्षमता 6,000 टन है।

   यह दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल-साइट टाइटेनियम रीमेल्टिंग सुविधा है।

   इसमें वैक्यूम आर्क रीमेल्टिंग (VAR), इलेक्ट्रॉन बीम (EB), प्लाज्मा आर्क मेल्टिंग (PAM), और वैक्यूम इंडक्शन मेल्टिंग (VIM) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है।

ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई:

   यह सुविधा सालाना 80 से 100 मिसाइलों का उत्पादन कर सकती है।

   यह $300 करोड़ की लागत से बनी है।

   यह मिसाइलें 290 से 400 किमी की रेंज और मैक 2.8 की अधिकतम गति रखती हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

टाइटेनियम और सुपरअलॉय का महत्व: ये धातुएं हल्के, मजबूत और उच्च तापमान को सहने की क्षमता रखती हैं, जिससे इन्हें विमानों के इंजन, रॉकेट के पुर्जों और मिसाइलों के निर्माण में उपयोग किया जाता है। भारत में इनके उत्पादन से रक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।

लखनऊ और रक्षा गलियारा: लखनऊ, उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह गलियारा देश के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक इकोसिस्टम बना रहा है।

ब्रह्मोस मिसाइल: यह भारत (DRDO) और रूस (NPO Mashinostroyeniya) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।

टाइटेनियम का उपयोग एयरोस्पेस के अलावा चिकित्सा उपकरणों, गहनों, और समुद्री जहाजों के पुर्जों में भी होता है। यह धातु मानव शरीर के अनुकूल होती है, जिससे इसे कृत्रिम जोड़ों (artificial joints) और इम्प्लांट में इस्तेमाल किया जाता है।

 

A4.
एक ऐतिहासिक कदम: भारत और यू.के. का मुक्त व्यापार समझौता
A Landmark Deal: India and the UK Sign FTA

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) ने 06 मई, 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जो लगभग तीन साल की लंबी बातचीत के बाद हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।

यह भारत का 16वाँ FTA है, जबकि ब्रेक्सिट के बाद यू.के. का यह सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। यह समझौता दोनों देशों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

व्यापार में वृद्धि: वर्तमान में, यू.के. भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, और भारत यू.के. का 11वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच लगभग 60 बिलियन यू.एस. डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2030 तक दोगुना होने का अनुमान है।

आयात शुल्क में कमी: इस समझौते से यू.के. को आयात शुल्क में तत्काल 400 मिलियन पाउंड की बचत होने का अनुमान है, जिससे वहां के उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।

निर्यात में बढ़ोतरी: यू.के. का अनुमान है कि वर्ष 2040 तक उसके वार्षिक निर्यात में अतिरिक्त 15.7 बिलियन पाउंड की वृद्धि होगी, जो कि सामान्य वृद्धि से 59% अधिक है। वहीं, भारत के निर्यात में 9.8 बिलियन पाउंड की वृद्धि होने का अनुमान है।

यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

अतिरिक्त जानकारी

मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?

    FTA दो या दो से अधिक देशों के बीच एक समझौता है, जिसका उद्देश्य व्यापार को उदार बनाना है। इसके तहत आयात और निर्यात पर लगने वाले शुल्कों (टैरिफ), कोटा और अन्य व्यापारिक बाधाओं को कम या समाप्त किया जाता है। इससे वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार आसान और सस्ता हो जाता है।

 

ब्रेक्सिट के बाद यू.के. के लिए क्यों महत्वपूर्ण?

    यू.के. के यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के बाद, उसे नए व्यापारिक साझेदार खोजने और अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता थी। भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ FTA यू.के. के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है, जिससे वह वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को फिर से स्थापित कर सके।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत और यू.के. दोनों ही राष्ट्रमंडल (Commonwealth) के सदस्य हैं। यह संगठन ऐतिहासिक रूप से उन देशों का समूह है जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे। यह संबंध दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी मजबूत बनाता है।

 

A5.
नारी शक्ति और समुद्री क्षेत्र: एक नई दिशा
Women Leading the Way in India's Maritime Sector

19 मई, 2025 को केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री (MOPSW), सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई में 'सागर में सम्मान' (SMS) नीति का अनावरण किया। यह भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और भविष्य के लिए एक लिंग-समान समुद्री कार्यबल तैयार करना है।

इस नीति के अनावरण से एक दिन पहले, 18 मई, 2025 को, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री महिला दिवस, 2025 के अवसर पर भारत सरकार ने समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 10 भारतीय महिलाओं को सम्मानित किया। इस साल के समारोह का विषय 'समुद्री क्षेत्र में महिलाएँ: परिवर्तन और स्थिरता का नेतृत्व करना' था।

भारत के समुद्री क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तेजी से बढ़ रहा है। 2014 में महिला नाविकों की संख्या जहाँ मात्र 341 थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 2557 हो गई है। यह 649% की शानदार वृद्धि को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु

 

'सागर में सम्मान' नीति: यह नीति समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई गई है। इसका लक्ष्य एक ऐसा कार्यबल बनाना है जहाँ लैंगिक समानता हो।

महिलाओं का बढ़ता प्रतिनिधित्व: 2014 से 2024 के बीच महिला नाविकों की संख्या में 649% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री महिला दिवस: 18 मई को मनाया जाने वाला यह दिवस समुद्री उद्योग में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान को समर्पित है।

अतिरिक्त जानकारी

'सागर में सम्मान' नीति 'सागरमाला' परियोजना का एक हिस्सा हो सकती है, जिसका उद्देश्य भारत के बंदरगाहों और जलमार्गों का विकास करना है।

इस नीति में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर, और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने जैसे प्रावधान शामिल हो सकते हैं, ताकि वे बिना किसी बाधा के समुद्री क्षेत्र में काम कर सकें।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) भी समुद्री क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वैश्विक पहल करता रहा है। भारत की यह नीति IMO के प्रयासों के अनुरूप है।

क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली महिला कैप्टन कौन थीं? 1891 में, नार्वे की एना इंगेब्रेट्सन दुनिया की पहली महिला कैप्टन बनीं। उन्होंने एक छोटे स्टीमर की कमान संभाली।

भारत में मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनने वाली पहली महिला राधिका मेनन हैं। 2016 में, उन्हें IMO द्वारा समुद्री क्षेत्र में असाधारण बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया था। वह ऐसा सम्मान पाने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं।

 

 

A6.
भारत के बढ़ते स्टार्टअप्स: पोर्टर ने रचा इतिहास
Decoding the Unicorn: Porter's Journey to Success

पोर्टर, एक लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप, भारत का तीसरा यूनिकॉर्न बन गया है! क्या आप जानते हैं कि इसका मतलब क्या है? आइए, इस रोमांचक खबर को और गहराई से समझते हैं।

पोर्टर ने हाल ही में अपने सीरीज एफ फंडिंग राउंड में $200 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व केदारा कैपिटल और वेलिंगटन मैनेजमेंट ने किया, जिससे कंपनी का मूल्यांकन $1.1-1.2 बिलियन तक पहुँच गया। इसी के साथ, पोर्टर ने 'यूनिकॉर्न क्लब' में अपनी जगह बना ली।

यूनिकॉर्न क्या है?

यूनिकॉर्न एक निजी स्टार्टअप कंपनी है जिसका मूल्यांकन $1 बिलियन या उससे अधिक होता है। ये ऐसी कंपनियाँ होती हैं जो निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय होती हैं और जिनमें भविष्य में बड़ी सफलता की संभावना देखी जाती है।

### पोर्टर के बारे में

स्थापना: 2014 में उत्तम डिग्गा, प्रणव गोयल और विकास चौधरी द्वारा।

सेवाएँ: यह एक ऑन-डिमांड लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म है जो इंट्रा-सिटी यानी शहर के भीतर सामानों की डिलीवरी की सुविधा देता है।

मुख्य ग्राहक: पोर्टर मुख्य रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है।

वाहन: यह मिनी-ट्रक और दोपहिया वाहनों का उपयोग करता है, जिससे यह छोटी और त्वरित डिलीवरी के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है।

2025 के अन्य यूनिकॉर्न

पोर्टर 2025 में भारत से तीसरा यूनिकॉर्न बना है। इससे पहले, दो और कंपनियाँ इस क्लब में शामिल हो चुकी हैं:

जसपे (Jaspe): यह साल का पहला यूनिकॉर्न था, जिसने $150 मिलियन का फंड जुटाया। यह एक भुगतान ऑर्केस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर कंपनी है, जिसकी स्थापना 2012 में विमल कुमार और शीतल लालवानी ने की थी।

नेट्राडाइन (Netradyne): यह एआई-संचालित फ्लीट सेफ्टी स्टार्टअप है और इस साल का दूसरा यूनिकॉर्न है।

अतिरिक्त जानकारी

बूटस्ट्रैपिंग: क्या आप जानते हैं कि कई कंपनियाँ बिना बाहरी फंडिंग के शुरू होती हैं? इसे बूटस्ट्रैपिंग कहते हैं। पोर्टर ने भी शुरुआती कुछ सालों तक खुद ही अपने खर्चों का प्रबंधन किया था।

$100 बिलियन क्लब: यूनिकॉर्न से भी बड़ा होता है "डेकाकॉर्न", जो $10 बिलियन से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनी होती है। और उससे भी बड़ा होता है "हेक्टोकॉर्न", जो $100 बिलियन से अधिक के मूल्यांकन वाली कंपनी होती है।

स्टार्टअप के लिए यूनिकॉर्न का महत्व: यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त करना किसी भी स्टार्टअप के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। यह केवल निवेशकों का विश्वास दर्शाता है, बल्कि कंपनी को और भी अधिक ग्राहकों और प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करने में मदद करता है। यह एक संकेत है कि कंपनी अपने क्षेत्र में अग्रणी बन रही है।

 

उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।

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