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12 June 2025 | Answers and Explanations

 12 June 2025 | Answers and Explanations


1. 

उत्तर: c. ओसेलॉट

व्याख्या: लेख की पहली पंक्ति में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अमेज़न की पहली इन-हाउस क्वांटम कंप्यूटिंग चिप का नाम 'ओसेलॉट' है।

2. 

उत्तर: b. अधिक कुशल हार्डवेयर सिस्टम बनाना

व्याख्या: लेख के 'ओसेलॉट चिप की खास बातें' अनुभाग में 'उद्देश्य' बिंदु में बताया गया है कि ओसेलॉट चिप को "अमेज़न के हार्डवेयर सिस्टम को अधिक कुशल बनाने" के लिए डिज़ाइन किया गया है।

3. 

उत्तर: c. श्रोडिंगर की बिल्ली विचार प्रयोग

व्याख्या: 'कैट क्यूबिट' बिंदु में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इसका नाम "प्रसिद्ध 'श्रोडिंगर की बिल्ली' (Schrödinger's Cat) विचार प्रयोग" से प्रेरित है।

4. 

उत्तर: b. क्यूबिट्स के पर्यावरण हस्तक्षेप के प्रति संवेदनशील होने के कारण

व्याख्या: 'महत्व' बिंदु में बताया गया है कि त्रुटि सुधार महत्वपूर्ण है "क्योंकि क्यूबिट्स ... पर्यावरण के हस्तक्षेप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे त्रुटियां उत्पन्न हो सकती हैं।"

5. 

उत्तर: c. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech)

व्याख्या: 'विकास टीम' बिंदु में स्पष्ट रूप से लिखा है कि चिप को "कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) में AWS सेंटर फॉर क्वांटम कंप्यूटिंग की टीम" द्वारा विकसित किया गया है।

6.

उत्तर: b. शनि

व्याख्या: लेख स्पष्ट रूप से बताता है कि अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा 128 नए चंद्रमाओं की मान्यता के बाद शनि के पास अब कुल 274 चंद्रमा हो गए हैं, जो इसे सौरमंडल में सबसे अधिक चंद्रमा वाला ग्रह बनाता है।

7.

उत्तर: b. एडवर्ड एश्टन

व्याख्या: लेख में बताया गया है कि इन 128 नए चंद्रमाओं की खोज ताइवान में एकेडेमिया सिनिका में एडवर्ड एश्टन के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम ने की थी।

8.

उत्तर: d. 250

व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि शनि के कुल 274 चंद्रमाओं में से 24 नियमित चंद्रमा हैं और 250 अनियमित चंद्रमा हैं।

9.

उत्तर: c. 95

व्याख्या: लेख में "अन्य ग्रहों के चंद्रमा" खंड में बताया गया है कि बृहस्पति 95 चंद्रमाओं के साथ सौरमंडल में दूसरे स्थान पर है।

10.

उत्तर: c. 0

व्याख्या: लेख के अंत में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बुध और शुक्र के कोई ज्ञात चंद्रमा नहीं हैं।

 

11. 

उत्तर: c. 06 मार्च, 2025

स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति स्पष्ट रूप से बताती है कि ये पहलें "06 मार्च, 2025" को अनावरण की गईं। वर्तमान तिथि (14 जून, 2025) के अनुसार, यह एक भूतकाल की घटना है।

12. 

उत्तर: b. AI अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना

स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि "इन घोषणाओं का मुख्य उद्देश्य AI अनुसंधान, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना है।"

13. 

उत्तर: c. AI Kosha

स्पष्टीकरण: लेख में AI Kosha के विवरण में बताया गया है कि यह "एक केंद्रीकृत डेटासेट प्लेटफॉर्म है जो शोधकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटासेट तक आसान पहुँच प्रदान करेगा।"

14. 

उत्तर: c. IndiaAI कंप्यूट पोर्टल

स्पष्टीकरण: IndiaAI कंप्यूट पोर्टल के बारे में बताया गया है कि "यह पोर्टल AI मॉडल के प्रशिक्षण और तैनाती के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग संसाधनों (जैसे हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग) तक पहुँच प्रदान करेगा।"

15. 

उत्तर: c. IGOT-AI

स्पष्टीकरण: लेख में "कौशल विकास और स्टार्टअप त्वरण कार्यक्रम (IGOT-AI)" के तहत बताया गया है कि "ये कार्यक्रम AI में कुशल कार्यबल तैयार करने और AI-आधारित स्टार्टअप्स को विकसित होने में मदद करने पर केंद्रित हैं।"

16.

उत्तर: c) IIT मद्रास

व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इस केंद्र का शुभारंभ IIT मद्रास में किया गया है।

17. 

उत्तर: b) जटिल तापीय चुनौतियाँ और द्रव गतिकी

व्याख्या: लेख में बताया गया है कि यह केंद्र "अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में जटिल तापीय चुनौतियों को हल करने" और "ऊष्मा स्थानांतरण, शीतलन प्रणाली और द्रव गतिकी" में अनुसंधान पर केंद्रित होगा।

18. 

उत्तर: c) मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग

व्याख्या: लेख में बताया गया है कि "आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में 'अर्कोट रामचंद्रन सेमिनार हॉल' का भी उद्घाटन किया गया।"

19. 

उत्तर: c) मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग

व्याख्या: लेख के अनुसार, यह केंद्र "IIT मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में स्थित है।"

20. 

उत्तर: c) अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यान और उपग्रह प्रौद्योगिकियों के लिए तापीय और द्रव विज्ञान अनुसंधान को उन्नत करना

व्याख्या: लेख में "लक्ष्य" के तहत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इसका प्राथमिक उद्देश्य "अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष यान और उपग्रह प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक तापीय और द्रव विज्ञान अनुसंधान को उन्नत करना" है।

21.

उत्तर: b. बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड का विकास और मिल्की वे में पानी की खोज करना

स्पष्टीकरण: लेख स्पष्ट रूप से बताता है कि SPHEREX का लक्ष्य बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड में क्या हुआ, इसकी बेहतर समझ प्राप्त करना और मिल्की वे में पानी के भंडार की खोज करना है, जो जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।

22.

उत्तर: c. निकट अवरक्त (Near-infrared)

स्पष्टीकरण: लेख में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि SPHEREX एक "निकट अवरक्त दूरबीन" है और यह प्रकाश के उस हिस्से को देखेगी जिसे हमारी आँखें नहीं देख सकतीं, लेकिन जो ब्रह्मांड के ठंडे और धूल भरे हिस्सों से आने वाली जानकारी को प्रकट करता है।

23.

उत्तर: b. दो वर्ष

स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मिशन की "नियोजित अवधि: दो साल" है।

24.

उत्तर: c. स्पेसएक्स फाल्कन 9 (SpaceX Falcon 9)

स्पष्टीकरण: लेख में लॉन्च विवरण के तहत रॉकेट के नाम के रूप में "स्पेसएक्स फाल्कन 9" का उल्लेख है।

25.

उत्तर: c. 450 मिलियन से अधिक

स्पष्टीकरण: डेटा संग्रह खंड में बताया गया है कि वेधशाला "450 मिलियन से अधिक आकाशगंगाओं" पर डेटा एकत्र करेगी।

26.

उत्तर: b) गांडीव

व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अस्त्र एमके-III मिसाइल को अब आधिकारिक तौर पर 'गांडीव' नाम दिया गया है.

27.

उत्तर: c) DRDO

व्याख्या: लेख में यह जानकारी दी गई है कि गांडीव मिसाइल का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया जा रहा है.

28.  

उत्तर: c) 340 किलोमीटर

व्याख्या: लेख के अनुसार, गांडीव मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित दुश्मन के हवाई लक्ष्यों पर 340 किलोमीटर की प्रभावशाली दूरी से हमला कर सकती है.

29.

उत्तर: b) मेटियोर (Meteor)

व्याख्या: लेख में बताया गया है कि वर्तमान में, भारतीय वायु सेना (IAF) के राफेल जेट फ्रांसीसी MBDA उल्का (Meteor) मिसाइल से लैस हैं.

30.

उत्तर: b) सुखोई Su-30MKI और तेजस

व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस शक्तिशाली मिसाइल को IAF के सुखोई Su-30MKI जेट और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस पर तैनात किया जाएगा.


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