22 June 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. सहकार टैक्सी: ड्राइवरों की आज़ादी का नया दौर
- A2. एसी लोकल का सफर: चेन्नई की नई शान!
- A3. भारतीय इस्पात का परचम: JSW स्टील बनी विश्व की सबसे मूल्यवान कंपनी!
- A4. नाबालिगों के लिए बैंकिंग क्रांति: अब बनेंगे आत्मनिर्भर!
- A5. भारत बना दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक: एक नई ऊँचाई!
- A6.पारादीप बंदरगाह: कार्गो हैंडलिंग का नया सरताज!
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
सहकार टैक्सी: ड्राइवरों की आज़ादी का नया दौर
Sahakar
Taxi: A New Era for Driver Empowerment
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर टैक्सी और बाइक-टैक्सी ड्राइवर अपनी पूरी कमाई अपने पास रख पाते तो कैसा होता? भारत में अब यह सपना हकीकत बन सकता है 'सहकार टैक्सी' पहल के साथ, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 मार्च, 2025 को घोषित किया था। यह पहल, जो प्रधानमंत्री के मंत्र "सहकार से समृद्धि" (सहयोग के माध्यम से समृद्धि) पर आधारित है, ओला और उबर जैसी बड़ी कंपनियों के एकाधिकार को चुनौती देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
सहकार टैक्सी क्या है और यह कैसे काम करेगी?
बिना कमीशन की कमाई: सहकार टैक्सी का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि यह ड्राइवरों को उनकी कमाई पर पूरा नियंत्रण देगी। ओला और उबर जैसे प्लेटफॉर्म अक्सर ड्राइवरों की कमाई से एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में काट लेते हैं, जिससे उनकी शुद्ध आय कम हो जाती है। सहकार टैक्सी में ऐसी कोई कटौती नहीं होगी।
सहकारी ढाँचा: यह सेवा एक ऐप-आधारित प्रणाली की तरह ही काम करेगी, लेकिन इसे सहकारी समितियों के माध्यम से चलाया जाएगा। इसका मतलब है कि ड्राइवर स्वयं इन सहकारी समितियों के सदस्य होंगे, जिससे वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बन सकेंगे।
मध्यस्थों का उन्मूलन: गृह एवं सहकारिता मंत्री ने लोकसभा में बताया कि इस कदम से सहकारी समितियाँ सीधे टैक्सी, दुपहिया वाहन, रिक्शा और अन्य चार पहिया वाहनों का पंजीकरण कर सकेंगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी। यह प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगा।
ड्राइवरों पर केंद्रित: यह पहल विशेष रूप से ड्राइवरों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उनका सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता इस मॉडल के मूल में है।
क्यों महत्वपूर्ण है सहकार टैक्सी?
यह पहल न केवल ड्राइवरों के लिए आय बढ़ाएगी बल्कि उन्हें एक आत्मनिर्भर और सम्मानजनक भविष्य बनाने में भी मदद करेगी। यह बड़े कॉर्पोरेट प्लेटफॉर्मों पर निर्भरता कम करके स्थानीय समुदायों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 'सहकार से समृद्धि' का आदर्श वाक्य वास्तव में तभी साकार होगा जब सहयोग के माध्यम से समाज के सभी वर्गों, विशेषकर मेहनतकश वर्ग को समृद्धि मिले।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
1. सहकार टैक्सी पहल की घोषणा किसने की?
a. प्रधान मंत्री
b. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
c. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
d. वित्त मंत्री
2. सहकार टैक्सी का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
a. पर्यटन को बढ़ावा देना
b. ओला और उबर के एकाधिकार को चुनौती देना
c. सरकारी परिवहन बेड़े का विस्तार करना
d. सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से ऐप-आधारित बनाना
3. सहकार टैक्सी ड्राइवरों को उनकी कमाई के संबंध में क्या लाभ प्रदान करती है?
a. मुफ्त ईंधन
b. कमीशन-मुक्त कमाई
c. मासिक बोनस
d. नए वाहन खरीदने के लिए ऋण
4. सहकार टैक्सी किस नारे पर आधारित है?
a. 'विकास से प्रगति'
b. 'डिजिटल भारत, नया भारत'
c. 'सहकार से समृद्धि'
d. 'सेवा ही धर्म'
5. सहकार टैक्सी प्रणाली में बिचौलियों की भूमिका कैसे समाप्त होगी?
a. सरकार सीधे ड्राइवरों को भुगतान करेगी
b. ग्राहक सीधे सहकारी समितियों को भुगतान करेंगे
c. सहकारी समितियाँ सीधे वाहनों का पंजीकरण कर सकेंगी
d. ऑनलाइन भुगतान पूरी तरह से बंद हो जाएगा
A2.
एसी लोकल का सफर:
चेन्नई की नई शान!
AC
Local Journey: Chennai's New Pride!
चेन्नई ने हाल ही में अपनी पहली वातानुकूलित इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU) ट्रेन सेवा शुरू करके शहरी यात्रा में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह कदम चेन्नई के लाखों यात्रियों के लिए भीषण गर्मी में एक बड़ी राहत लेकर आया है।
दक्षिण भारत की पहली AC EMU: चेन्नई को यह गौरव प्राप्त हुआ है कि उसने दक्षिण भारत की पहली वातानुकूलित EMU ट्रेन सेवा शुरू की है। यह यात्रियों के लिए आरामदायक और सुखद यात्रा अनुभव सुनिश्चित करेगा।
भारत का दूसरा शहर: मुंबई के बाद, चेन्नई अब देश का दूसरा शहर बन गया है जहाँ AC EMU ट्रेन सेवाएँ उपलब्ध हैं। यह शहरी परिवहन के क्षेत्र में चेन्नई की बढ़ती महत्ता को दर्शाता है।
मार्ग और आवृत्ति:
यह 12-कोच वाली AC EMU ट्रेन चेन्नई बीच-चेंगलपट्टू मार्ग पर रविवार को छोड़कर, दिन में चार बार चलेगी।
इसके अतिरिक्त, यह चेन्नई बीच-तांबरम सेक्शन के बीच दिन में दो बार अपनी सेवाएँ देगी।
किराया और पास:
न्यूनतम किराया 10 किमी तक के लिए निर्धारित किया गया है। (मूल पाठ में न्यूनतम किराया नहीं दिया गया था, इसे आमतौर पर 10 किमी तक के लिए ही रखा जाता है)।
अधिकतम किराया 50-60 किमी के लिए ₹105 तय किया गया है।
दक्षिणी रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए ₹620 से शुरू होने वाले मासिक पास की भी घोषणा की है।
क्षमता और डिज़ाइन:
यह 12-कोच वाली ट्रेन मेट्रो कोच के समान आधुनिक सुविधाओं से लैस है।
इसमें 1,116 सीटों की क्षमता है और यह 3,798 खड़े यात्रियों को समायोजित कर सकती है, जिससे कुल 4,914 यात्रियों की क्षमता है।
यह ट्रेन अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम है और इसे 'स्लंग इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम' के तहत डिज़ाइन किया गया है।
लंबे समय से थी मांग: मुंबई में AC EMU सेवाओं की शुरुआत (2017 में) के बाद से ही, चेन्नई में भी वातानुकूलित कोचों की तीव्र मांग थी, खासकर यहाँ के मजबूत EMU नेटवर्क को देखते हुए। यह नई सेवा इस लंबी-लंबित मांग को पूरा करती है।
बहुविकल्पीय
6. चेन्नई भारत का कौन सा शहर है जहाँ AC EMU ट्रेन सेवाएँ उपलब्ध हैं?
a) पहला
b) दूसरा
c) तीसरा
d) चौथा
7. चेन्नई में शुरू की गई AC EMU ट्रेन में कितने कोच हैं?
a) 8
b) 10
c) 12
d) 14
8. चेन्नई की AC EMU ट्रेन अधिकतम कितनी गति से चल सकती है?
a) 90 किलोमीटर प्रति घंटा
b) 100 किलोमीटर प्रति घंटा
c) 110 किलोमीटर प्रति घंटा
d) 120 किलोमीटर प्रति घंटा
9. चेन्नई की AC EMU ट्रेन चेन्नई बीच-चेंगलपट्टू मार्ग पर सप्ताह में कितने दिन चलती है?
a) 5 दिन
b) 6 दिन
c) 7 दिन
d) केवल रविवार को
10. मुंबई में AC EMU सेवाओं की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
a) 2015
b) 2016
c) 2017
d) 2018
A3.
भारतीय इस्पात का परचम: JSW स्टील बनी विश्व की सबसे मूल्यवान कंपनी!
Indian
Steel Shines: JSW Steel Tops Global Valuation!
सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली JSW स्टील ने 25 मार्च, 2025 को एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया, जब यह दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील निर्माता कंपनी बन गई। कंपनी का बाजार पूंजीकरण $30 बिलियन से अधिक हो गया, जो इस्पात उद्योग में एक बड़ी उपलब्धि है।
यह तेज वृद्धि JSW स्टील को अमेरिकी कंपनी Nucor Corp से आगे ले गई, जिसका बाजार पूंजीकरण उस समय $29.92 बिलियन था।
दुनिया की अन्य प्रमुख स्टील कंपनियों, जैसे कि यूरोप की आर्सेलर मित्तल, जापान की निप्पॉन स्टील कॉर्प और चीन की बाओशान आयरन, का बाजार पूंजीकरण $21 बिलियन और $27 बिलियन के बीच है।
भारत में, टाटा स्टील लगभग $23 बिलियन के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरी सबसे मूल्यवान स्टील कंपनी है। जिंदल स्टील का मूल्य $10.81 बिलियन है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सेल (SAIL) का मूल्य $5.5 बिलियन है।
JSW स्टील की यह सफलता कंपनी की मजबूत रणनीतियों, कुशल संचालन और भारतीय इस्पात उद्योग के बढ़ते महत्व को दर्शाती है। यह भारत के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि एक भारतीय कंपनी ने वैश्विक मंच पर शीर्ष स्थान हासिल किया है।
आपके लिए कुछ दिलचस्प और महत्वपूर्ण बिंदु:
सज्जन जिंदल का विजन: JSW स्टील की यह उपलब्धि सज्जन जिंदल के दूरदर्शी नेतृत्व और इस्पात क्षेत्र में उनके गहरे अनुभव का परिणाम है।
वैश्विक पहचान: JSW स्टील अब सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर इस्पात उद्योग का एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई है।
भारतीय इस्पात का उदय: यह घटना भारतीय इस्पात उद्योग की बढ़ती ताकत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उसकी क्षमता को उजागर करती है।
रोजगार के अवसर: इस्पात उद्योग में यह वृद्धि देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी सहायक होगी।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: इस्पात क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन देश की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह विनिर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
11. 25 मार्च, 2025 को JSW स्टील का अनुमानित बाज़ार पूंजीकरण कितना था जब वह दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील कंपनी बनी?
a) $29.92 बिलियन
b) $21 बिलियन
c) $30 बिलियन से अधिक
d) $23 बिलियन
12. JSW स्टील से पहले दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टील कंपनी कौन सी थी, जिसे JSW स्टील ने पीछे छोड़ दिया?
a) आर्सेलर मित्तल
b) निप्पॉन स्टील कॉर्प
c) Nucor Corp
d) टाटा स्टील
13. भारत में JSW स्टील के बाद दूसरी सबसे मूल्यवान स्टील कंपनी कौन सी है?
a) जिंदल स्टील
b) सेल (SAIL)
c) टाटा स्टील
d) बाओशान आयरन
14. वर्तमान में (2025 की जानकारी के अनुसार) चीन की प्रमुख स्टील कंपनी बाओशान आयरन का बाज़ार पूंजीकरण किस सीमा में है?
a) $10 बिलियन से कम
b) $29 बिलियन से अधिक
c) $21 बिलियन और $27 बिलियन के बीच
d) $30 बिलियन से अधिक
15. JSW स्टील की सफलता का श्रेय इनमें से किस मुख्य कारण को दिया गया है?
a) सरकारी सहायता
b) मजबूत रणनीतियाँ और कुशल संचालन
c) केवल कम उत्पादन लागत
d) केवल अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण
A4.
नाबालिगों के लिए बैंकिंग क्रांति: अब बनेंगे आत्मनिर्भर!
Banking
Revolution for Minors: Towards Financial Independence!
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नाबालिगों के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 21 अप्रैल को जारी किए गए एक नए निर्देश के अनुसार, अब 10 वर्ष और उससे अधिक आयु के नाबालिग स्वतंत्र रूप से बचत और सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) खाते खोल और संचालित कर सकेंगे। यह कदम युवा पीढ़ी में वित्तीय जागरूकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में सहायक होगा।
आयु वर्ग: RBI ने नाबालिगों को दो मुख्य समूहों में बांटा है:
10 वर्ष तक की आयु के नाबालिग (इनके खातों का संचालन अभिभावक द्वारा किया जाएगा)।
10 वर्ष से अधिक लेकिन 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिग (ये अब स्वतंत्र रूप से खाते खोल और संचालित कर सकेंगे)।
स्वतंत्र संचालन: नए नियमों के तहत, 10 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिगों को अभिभावक की आवश्यकता के बिना अपने खातों का प्रबंधन करने की अनुमति होगी। यह तब तक संभव होगा जब तक खाते की शर्तें बैंक की जोखिम प्रबंधन नीतियों के अनुरूप हों।
कार्यान्वयन की समय-सीमा: सभी बैंकों को 1 जुलाई, 2025 तक इन नए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इस दौरान बैंकों को खातों की उचित जांच और निगरानी सुनिश्चित करनी होगी ताकि किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को रोका जा सके।
खाता संचालन के नियम:
नाबालिग के बैंक खाते में हमेशा एक सकारात्मक शेष राशि (पॉजिटिव बैलेंस) होनी चाहिए।
खाते से ओवरड्राफ्ट (अधिक निकासी) की अनुमति नहीं होगी, और बैंक इस खाते पर कोई ऋण (लोन) प्रदान नहीं करेगा।
बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीतियों और उत्पाद उपयुक्तता के आधार पर नाबालिगों को अतिरिक्त बैंकिंग सुविधाएं जैसे इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड और चेक बुक सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।
कानूनी आधार: RBI ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा-35 ए और 56 के तहत ये निर्देश जारी किए हैं, जो RBI को वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने की शक्तियाँ प्रदान करते हैं।
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
यह पहल न केवल युवा व्यक्तियों को कम उम्र में पैसे के प्रबंधन के बारे में जानने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से अधिक जिम्मेदार बनने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। यह वित्तीय समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश के युवाओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ेगा और भविष्य के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार करेगा। यह कदम डिजिटल इंडिया पहल के साथ भी तालमेल बिठाता है, क्योंकि यह युवा पीढ़ी को डिजिटल बैंकिंग के दायरे में लाएगा।
बहुविकल्पीय
11. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से बचत और सावधि जमा खाते खोलने की अनुमति किस तिथि को जारी की?
a. 1 जुलाई,
2025
b. 21 अप्रैल,
2025
c. 21 अप्रैल,
2024
d. 1 जुलाई,
2024
12. RBI के नए निर्देशों के अनुसार, कौन सी आयु वर्ग के नाबालिग स्वतंत्र रूप से बैंक खाते संचालित कर सकते हैं?
a. 5 वर्ष से कम
b. 10 वर्ष तक
c. 10 वर्ष से अधिक लेकिन 18 वर्ष से कम
d. 18 वर्ष से अधिक
13. बैंकों को RBI के इन नए दिशा-निर्देशों का पालन कब तक करना होगा?
a. 21 अप्रैल,
2025
b. 1 जुलाई,
2024
c. 1 जुलाई,
2025
d. 21 अप्रैल,
2026
14. नाबालिग के बैंक खाते के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा नियम नहीं है?
a. खाते में हमेशा सकारात्मक शेष राशि होनी चाहिए।
b. खाते से ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं होगी।
c. बैंक इस खाते पर ऋण (लोन) प्रदान कर सकते हैं।
d. बैंक अतिरिक्त बैंकिंग सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।
15. RBI ने ये निर्देश बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की किन धाराओं के तहत जारी किए हैं?
a. धारा-10 ए और 15
b. धारा-25 ए और 36
c. धारा-35 ए और 56
d. धारा-40 और 60
A5.
भारत बना दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक: एक नई ऊँचाई!
India
Rises as Second Largest Tea Exporter
हाल ही में जारी भारतीय चाय बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बनकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है! हमने श्रीलंका को पीछे छोड़ दिया है, जबकि केन्या अभी भी शीर्ष स्थान पर कायम है।
यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, और आइए इस सफलता के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र डालें:
निर्यात में उछाल: 2024 में भारत ने 254 मिलियन किलोग्राम (Mkg) चाय का निर्यात किया, जो 2023 के 231 Mkg से काफी अधिक है। यह वृद्धि भारतीय चाय उद्योग के लिए एक मजबूत संकेत है।
ऐतिहासिक प्रदर्शन: 2024 का चाय निर्यात भारतीय इतिहास में दूसरा सबसे अधिक था। इससे पहले केवल 2018 में 256 Mkg का निर्यात हुआ था, जो अब तक का सर्वाधिक है।
केन्या का दबदबा: केन्या 2024 में 500 Mkg से अधिक चाय का निर्यात करके शीर्ष पर बना हुआ है।
भविष्य का लक्ष्य: भारतीय चाय उद्योग का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2030 तक 300 Mkg के निर्यात को हासिल करना है।
काली चाय का प्रभुत्व: भारत से निर्यात की जाने वाली अधिकांश चाय काली चाय है, जो कुल निर्यात का लगभग 96% है।
गुणवत्तापूर्ण भारतीय चाय: असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि की चाय को विश्व की बेहतरीन चाय में से एक माना जाता है, और भारतीय चाय को विश्व में सर्वोच्च कोटि की माना जाता है।
राजस्व में वृद्धि: 2024 में चाय निर्यात से ₹7,112 करोड़ का शानदार राजस्व प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बाजार: भारत 25 से अधिक देशों को चाय का निर्यात करता है, जिनमें यूएई, इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और यूके जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं।
इराक का बढ़ता महत्व: इस वित्तीय वर्ष में इराक को निर्यात 40-50 मिलियन किलोग्राम तक पहुँचने की उम्मीद है।
विविधता: भारत नियमित चाय के अलावा हरी चाय, हर्बल चाय, मसाला चाय और नीबू चाय की भी छोटी मात्रा में विदेशों में भेजता है।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: असम में असम घाटी और कछार, तथा पश्चिम बंगाल में दुआर्स, तराई और दार्जिलिंग देश के प्राथमिक चाय उत्पादक क्षेत्र हैं।
चाय बोर्ड: भारतीय चाय बोर्ड की स्थापना 1953 में चाय अधिनियम, 1953 की धारा 4 के तहत की गई थी। इसका मुख्यालय कोलकाता में है और पूरे भारत में इसके 17 कार्यालय हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
यहां एक छोटी सी गलती है। 2018 में भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा चाय उत्पादक देश था, निर्यातक नहीं। 2024 में यह निर्यातक बना है।
भारत में चाय का इतिहास काफी पुराना है, ब्रिटिश राज के दौरान इसकी व्यावसायिक खेती शुरू हुई।
भारतीय चाय दुनिया भर में अपनी अनूठी सुगंध, स्वाद और रंग के लिए जानी जाती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. भारतीय चाय बोर्ड के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत वैश्विक स्तर पर कौन सा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया है?
a) पहला
b) दूसरा
c) तीसरा
d) चौथा
22. 2024 में भारत ने कितने मिलियन किलोग्राम (Mkg) चाय का निर्यात किया?
a) 231 Mkg
b) 256 Mkg
c) 254 Mkg
d) 500 Mkg
23. भारतीय चाय उद्योग ने 2030 तक कितने मिलियन किलोग्राम चाय निर्यात का लक्ष्य रखा है?
a) 254 Mkg
b) 256 Mkg
c) 300 Mkg
d) 500 Mkg
24. भारत से निर्यात की जाने वाली चाय का लगभग कितना प्रतिशत काली चाय होती है?
a) 40%
b) 60%
c) 96%
d) 100%
25. भारतीय चाय बोर्ड का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
a) नई दिल्ली
b) मुंबई
c) कोलकाता
d) चेन्नई
A6.
पारादीप बंदरगाह: कार्गो हैंडलिंग का नया सरताज!
Paradip
Port: The King of Cargo Handling!
ओडिशा में स्थित पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण ने हाल ही में एक शानदार उपलब्धि हासिल की है, जिससे यह देश के शीर्ष बंदरगाहों में से एक बन गया है।
शीर्ष स्थान बरकरार: पारादीप बंदरगाह ने वित्त वर्ष 2024 में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (कांडला पोर्ट) से शीर्ष स्थान छीन लिया था और वित्त वर्ष 2025 में भी इस उपलब्धि को बरकरार रखा है। यह एक बड़ी बात है क्योंकि यह लगातार दूसरे वर्ष है जब पारादीप ने यह गौरव हासिल किया है।
मामूली अंतर से जीत: वित्त वर्ष 2025 में पारादीप बंदरगाह ने 150.41 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो का संचालन किया, जबकि दीनदयाल बंदरगाह ने 150.15 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो संभाला। यह सिर्फ कुछ हज़ार टन का अंतर है, जो पारादीप की कड़ी मेहनत और दक्षता को दर्शाता है।
रेल यातायात में भी रिकॉर्ड: कार्गो हैंडलिंग के साथ-साथ, पारादीप बंदरगाह ने रेल यातायात में भी नया रिकॉर्ड बनाया है। यह बंदरगाह की मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स क्षमता को दर्शाता है।
बढ़े हुए आंकड़े:
पीपीए (पारादीप पोर्ट अथॉरिटी) द्वारा संभाले गए रेलवे रेक की संख्या 5.32% बढ़कर 22,818 तक पहुँच गई।
कुल रेल-जनित यातायात 3.21% बढ़कर 81.01 MMT तक पहुँच गया, जो सभी भारतीय प्रमुख बंदरगाहों में सबसे अधिक है। यह दर्शाता है कि पारादीप बंदरगाह भारतीय रेलवे के नेटवर्क का कितना प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहा है।
अतिरिक्त जानकारी:
पारादीप बंदरगाह भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक गहरा पानी वाला बंदरगाह है, जो ओडिशा राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह मुख्य रूप से लौह अयस्क, कोयला, उर्वरक और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात-निर्यात के लिए जाना जाता है।
दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण, जिसे पहले कांडला बंदरगाह के नाम से जाना जाता था, गुजरात में स्थित है और पश्चिमी भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है। यह अक्सर कार्गो हैंडलिंग में शीर्ष स्थानों में से एक रहा है।
यह उपलब्धि न केवल पारादीप बंदरगाह के लिए बल्कि भारत के समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए भी एक मील का पत्थर है। यह देश की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और व्यापारिक क्षमताओं को दर्शाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. पारादीप बंदरगाह ने किस वित्तीय वर्ष में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण से कार्गो हैंडलिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया?
a) वित्त वर्ष 2023
b) वित्त वर्ष 2024
c) वित्त वर्ष 2025
d) वित्त वर्ष 2026
27. वित्त वर्ष 2025 में पारादीप बंदरगाह द्वारा कुल कितना कार्गो संभाला गया?
a) 150.15 मिलियन मीट्रिक टन
b) 150.41 मिलियन मीट्रिक टन
c) 81.01 मिलियन मीट्रिक टन
d) 22,818 मिलियन मीट्रिक टन
28. वित्त वर्ष 2025 में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा संभाले गए कार्गो की मात्रा क्या थी?
a) 150.41 मिलियन मीट्रिक टन
b) 150.15 मिलियन मीट्रिक टन
c) 81.01 मिलियन मीट्रिक टन
d) 22,818 मिलियन मीट्रिक टन
29. पारादीप बंदरगाह द्वारा संभाले गए रेलवे रेक की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई?
a) 3.21%
b) 5.32%
c) 150.41%
d) 81.01%
30. भारत के पूर्वी तट पर स्थित गहरा पानी वाला बंदरगाह कौन सा है जो लौह अयस्क और कोयला जैसे उत्पादों के लिए जाना जाता है?
a) दीनदयाल बंदरगाह
b) कांडला बंदरगाह
c) पारादीप बंदरगाह
d) मुंबई बंदरगाह
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