9 July 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
- A1. जय भट्टाचार्य: NIH के नए निदेशक और ट्रंप के चुनावी सुधारों की चर्चा
- A2. ICAR के नए DG: डॉ. हिमांशु पाठक
- A3. आरबीआई की नई डिप्टी गवर्नर: एक महत्वपूर्ण नियुक्ति
- A4. कानून सुधार की नई दिशा: विधि आयोग का 23वां अध्याय
- A5. राष्ट्रमंडल में एक नया अध्याय: पहली अफ्रीकी महिला महासचिव
- A6. एशियाई क्रिकेट में नई पारी: मोहसिन नकवी
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
जय भट्टाचार्य: NIH के नए निदेशक और ट्रंप के चुनावी सुधारों की चर्चा
Jay
Bhattacharya: The New NIH Director and a Look at Trump's Election Reforms
यह एक महत्वपूर्ण खबर है कि भारतीय मूल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक जय भट्टाचार्य को अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (National Institutes of
Health - NIH) का नया निदेशक नियुक्त किया है। यह नियुक्ति अमेरिका के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य जगत में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
कौन हैं जय भट्टाचार्य? जय भट्टाचार्य एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक, चिकित्सक और अर्थशास्त्री हैं। वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford
University) में प्रोफेसर हैं।
किस पद पर हुई नियुक्ति? उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख बायोमेडिकल रिसर्च एजेंसी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के 18वें निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
राजनीतिक समर्थन: इस नियुक्ति के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल नवंबर में उन्हें नामित किया था।
विवाद और पहचान: डॉ. भट्टाचार्य 'ग्रेट बैरिंगटन घोषणा' (Great Barrington
Declaration) के सह-लेखक हैं, जो अक्टूबर 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान व्यापक लॉकडाउन के बजाय 'सुरक्षित प्रतिरक्षा' (focussed protection) पर केंद्रित थी। इस घोषणा ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच तीखी बहस छेड़ दी थी।
मतदान का परिणाम: सीनेट में उनके पक्ष में 53 और विपक्ष में 47 वोट पड़े, जिससे उनकी नियुक्ति की पुष्टि हुई।
ट्रम्प का चुनावी सुधार और अन्य देशों के मॉडल
इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका की चुनावी प्रणाली में सुधार के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। इस आदेश में उन्होंने भारत सहित कई देशों के चुनावी मॉडलों की सराहना की।
भारत और ब्राजील: ट्रम्प ने भारत और ब्राजील के उस सिस्टम की प्रशंसा की, जहाँ मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस (जैसे आधार) से जोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली अमेरिका के 'स्व-सत्यापन' (self-verification) मॉडल से कहीं अधिक विश्वसनीय है।
जर्मनी और कनाडा: इन देशों के चुनावी तरीकों की भी प्रशंसा की गई, जहाँ मतपत्रों की गिनती सार्वजनिक रूप से की जाती है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ती है और चुनावी विवादों की गुंजाइश कम होती है।
डेनमार्क और स्वीडन: ट्रम्प ने डेनमार्क और स्वीडन की सख्त 'मेल-इन वोटिंग' (डाक से मतदान) नीतियों का उल्लेख किया। उन्होंने अमेरिका में इसके विपरीत, ढीली नीतियों की आलोचना की, जहाँ डाक टिकट के बिना या चुनाव के दिन के बाद भी मतपत्र स्वीकार कर लिए जाते थे।
A2.
ICAR
के नए DG: डॉ. हिमांशु पाठक
Meet
the New DG of ICAR: Dr. Himanshu Pathak
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) इस क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। हाल ही में, इस संस्था को एक नया नेतृत्व मिला है, जो भारत की कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है।
कौन बने नए महानिदेशक? प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु पाठक को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का अगला महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है।
क्या है उनका पद? वह न केवल ICAR के प्रमुख होंगे, बल्कि कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के सचिव का पदभार भी संभालेंगे।
किसका स्थान लिया? डॉ. हिमांशु पाठक ने डॉ. त्रिलोचन महापात्रा का स्थान लिया, जिन्होंने इस पद पर सफलतापूर्वक अपनी सेवाएं दीं।
उनका कार्यकाल: डॉ. पाठक को पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है।
अतिरिक्त जानकारी:
ICAR की स्थापना: ICAR की स्थापना 16 जुलाई 1929 को हुई थी। यह भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्तशासी संस्था है।
ICRISAT क्या है? ICRISAT (International
Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान करता है। डॉ. मांगी लाल जाट को इस संगठन का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। यह स्पष्टीकरण इसलिए जरूरी है क्योंकि दिए गए लेख में डॉ. मांगी लाल जाट और डॉ. हिमांशु जैन के नाम का उल्लेख था, जबकि ICAR के वास्तविक महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक हैं।
A3.
आरबीआई की नई डिप्टी गवर्नर: एक महत्वपूर्ण नियुक्ति
A
Key Appointment at the Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की कमान अब और भी मजबूत हो गई है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण नियुक्ति करते हुए डॉ. पूनम गुप्ता को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। यह पद देश की मौद्रिक नीति और आर्थिक स्थिरता के लिए बेहद अहम माना जाता है।
यह नियुक्ति विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि डॉ. गुप्ता माइकल देबब्रत पात्रा की जगह लेंगी, जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
नियुक्ति की तारीख: 1 अप्रैल,
2025 से डॉ. पूनम गुप्ता ने अपना कार्यभार संभाला।
कार्यकाल: RBI के डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल आमतौर पर तीन साल का होता है और इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है।
वर्तमान पद: इस नियुक्ति से पहले, डॉ. पूनम गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक के रूप में कार्य कर रही थीं। NCAER भारत के प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक में से एक है।
आरबीआई में डिप्टी गवर्नरों की संख्या: भारतीय रिज़र्व बैंक में एक गवर्नर के साथ चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। ये सभी मिलकर देश की वित्तीय प्रणाली को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अन्य डिप्टी गवर्नर: डॉ. गुप्ता के अलावा, वर्तमान में तीन अन्य डिप्टी गवर्नर हैं: माइकल देबब्रत पात्रा, टी. रबी शंकर और एम. राजेश्वर राव। डॉ. गुप्ता के पदभार संभालने के बाद, डॉ. पात्रा का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
A4.
कानून सुधार की नई दिशा: विधि आयोग का 23वां अध्याय
The
23rd Law Commission: A Look at its Priorities
हाल ही में, भारत सरकार ने 23वें विधि आयोग (Law Commission of India) का गठन कर कानून के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस आयोग की कमान सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, को सौंपी गई है। 15 अप्रैल, 2025 को हुई उनकी नियुक्ति ने इस आयोग के काम को गति दी है।
यह आयोग सिर्फ एक अध्यक्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अनुभवी विशेषज्ञों की एक टीम भी शामिल है। हितेश जैन और प्रोफेसर डी.पी. वर्मा को इसमें पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। यहाँ यह जानना ज़रूरी है कि प्रोफेसर वर्मा पहले भी विधि आयोग का हिस्सा रह चुके हैं, जो उनके अनुभव को दर्शाता है।
इस आयोग का मुख्य उद्देश्य भारत की कानूनी व्यवस्था में सुधार लाना है। इसके कार्यक्षेत्र में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं।
23वें विधि आयोग के प्रमुख कार्य और उद्देश्य:
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) पर रिपोर्ट: यह आयोग UCC से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा, जो कि देश में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है।
गरीबों को प्रभावित करने वाले कानूनों पर अध्ययन: आयोग उन कानूनों की पहचान करेगा जो गरीब और वंचित तबके पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और उनमें सुधार के उपाय सुझाएगा।
आर्थिक विकास में बाधक कानूनों की पहचान: भारत की आर्थिक प्रगति में बाधा बनने वाले पुराने या अप्रचलित कानूनों को पहचानकर उन्हें हटाने या संशोधित करने का सुझाव देना भी इस आयोग का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
कानूनी सुधारों पर सुझाव देना: इसका मुख्य कार्य सरकार को विभिन्न कानूनी मामलों पर सलाह और सुझाव देना है, ताकि न्याय व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाया जा सके।
यह आयोग 2 सितंबर, 2024 को अधिसूचित किया गया था और इसका कार्यकाल तीन साल का है, जो अगस्त 2027 तक चलेगा। इसका गठन देश की कानूनी प्रणाली को आधुनिक बनाने और उसे आज की ज़रूरतों के हिसाब से ढालने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह एक अध्यक्ष, चार पूर्णकालिक सदस्यों और पाँच से अधिक अंशकालिक सदस्यों से मिलकर बना है, जिसमें विधि मंत्रालय के दो सचिव भी शामिल होते हैं।
गौरतलब है कि 22वें विधि आयोग का नेतृत्व जस्टिस ऋतु राज अवस्थी कर रहे थे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही पद छोड़ दिया था क्योंकि उन्हें लोकपाल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। इस नए आयोग के गठन से उम्मीद की जा रही है कि यह देश में लंबित कानूनी सुधारों को गति देगा और एक पारदर्शी और प्रभावी न्याय प्रणाली के निर्माण में मदद करेगा।
A5.
राष्ट्रमंडल में एक नया अध्याय: पहली अफ्रीकी महिला महासचिव
A
New Chapter in the Commonwealth: The First African Woman Secretary-General
क्या आप जानते हैं कि दुनिया के 56 देशों को एक सूत्र में पिरोने वाले 'राष्ट्रमंडल' का नेतृत्व अब एक अफ्रीकी महिला के हाथों में है? आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक बदलाव के बारे में कुछ खास बातें:
1. नए नेतृत्व की शुरुआत
शर्ती बोचवे (Hon. Sharti
Boachie-Danquah) ने 01 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के नए महासचिव के रूप में कार्यभार संभाला है। वह घाना से आती हैं और इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली अफ्रीकी महिला हैं।
यह नियुक्ति घाना और पूरे अफ्रीका के लिए गर्व का क्षण है।
2. एक ऐतिहासिक बदलाव
शर्ती बोचवे ने बैरोनेस पेट्रीशिया स्कॉटलैंड (Baroness Patricia
Scotland) की जगह ली है, जो डोमिनिका से थीं।
पेट्रीशिया स्कॉटलैंड को भी एक खास उपलब्धि हासिल थी - वह राष्ट्रमंडल की महासचिव बनने वाली पहली महिला थीं। इस तरह, शर्ती बोचवे ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया है।
3. नियुक्ति की प्रक्रिया
शर्ती बोचवे को 2024 में समोआ के अपिया में आयोजित द्विवार्षिक राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (CHOGM - Commonwealth Heads
of Government Meeting) में चुना गया था।
उनका कार्यकाल चार साल का होगा।
4. राष्ट्रमंडल को समझें
राष्ट्रमंडल 56 स्वतंत्र देशों का एक संघ है।
इनमें से अधिकतर देश कभी ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश थे, लेकिन अब वे समान मूल्यों और लक्ष्यों को साझा करते हुए एक साथ काम करते हैं।
राष्ट्रमंडल की स्थापना 1949 में हुई थी और इसका मुख्यालय लंदन में है।
राष्ट्रमंडल का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच लोकतंत्र, मानवाधिकार, शांति, और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
A6.
एशियाई क्रिकेट में नई पारी: मोहसिन नकवी
New
Era for Asian Cricket: Mohsin Naqvi
एशियाई
क्रिकेट परिषद (ACC) ने एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन देखा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने अब आधिकारिक तौर पर एसीसी अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है। इस पद पर रहते हुए उनका मुख्य लक्ष्य एशियाई क्रिकेट को और ऊंचाइयों तक ले जाना होगा।
मोहसिन
नकवी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
एसीसी अध्यक्ष: मोहसिन नकवी ने श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा का स्थान लिया है, जिन्होंने इस पद पर जय शाह के बाद कार्यभार संभाला था।
पीसीबी
अध्यक्ष: वह वर्तमान में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
राजनीतिक भूमिका: मोहसिन नकवी पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री (Federal Interior Minister) भी रह चुके हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के बारे में:
स्थापना: ACC का गठन 19 सितंबर, 1983 को नई दिल्ली में "एशियाई क्रिकेट सम्मेलन" के रूप में हुआ था। यह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट संघ है।
उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य एशिया में क्रिकेट के खेल को बढ़ावा देना, विकसित करना और उसके कार्यक्रमों को व्यवस्थित करना है।
मुख्यालय: ACC का मुख्यालय श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में स्थित है।
संस्थापक सदस्य: इसके संस्थापक सदस्य बांग्लादेश, भारत, मलेशिया, पाकिस्तान, सिंगापुर और श्रीलंका थे। वर्तमान में इसके कुल 35 सदस्य हैं।
नेतृत्व से जुड़ी अन्य जानकारी:
पिछला अध्यक्ष: मोहसिन नकवी से पहले, श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा ने अस्थायी रूप से यह पद संभाला था।
जय शाह: बीसीसीआई (BCCI) के सचिव जय शाह ने जनवरी 2024 तक एसीसी अध्यक्ष के रूप में सफल कार्यकाल पूरा किया था। वह एसीसी के इतिहास में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष रहे हैं। उनके कार्यकाल में एशिया कप और इमर्जिंग टीम्स एशिया कप जैसे टूर्नामेंटों का सफल आयोजन हुआ।
राजीव शुक्ला: यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला एसीसी में जय शाह के पद से हटने के बाद उनके स्थान पर नहीं, बल्कि एसीसी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।
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