14 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. तदर्थ न्यायाधीश: न्यायपालिका का नवाचारी समाधान
- A2. जलमग्न कला: भारत का पहला अंडरवॉटर म्यूजियम
- A3. कोलकाता पुस्तक मेला: साहित्य का महाकुंभ
- A4. पंखों का संगम: प्रकृति और पक्षी महोत्सव 2025
- A5. गरिमापूर्ण मृत्यु: कर्नाटक का ऐतिहासिक कदम
- A6. विश्व पुस्तक मेला 2025: ज्ञान का महोत्सव
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
तदर्थ न्यायाधीश: न्यायपालिका का नवाचारी समाधान
Ad-hoc
Judges: An Innovative Solution for the Judiciary
संविधान का अनुच्छेद 224A: भारतीय संविधान का यह महत्वपूर्ण अनुच्छेद उच्च न्यायालयों में अस्थायी या तदर्थ (एड-हॉक) न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित है। यह न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति: इस प्रावधान के तहत, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति की पूर्व सहमति से किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को अस्थायी रूप से उच्च न्यायालय में सेवा करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। यह अनुभवी न्यायिक अधिकारियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने का एक तरीका है।
पीठ का निर्णय: हाल ही में, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने स्पष्ट किया है कि तदर्थ न्यायाधीश उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में बैठेंगे। उनका मुख्य कार्य लंबित आपराधिक अपीलों पर फैसला करना होगा, जिससे इन मामलों के निपटारे में तेजी आएगी।
अधिकार और भत्ते: नियुक्त तदर्थ न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित भत्ते मिलते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान, उनके पास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के समान अधिकार, शक्तियां और विशेषाधिकार होते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उन्हें स्थायी न्यायाधीश नहीं माना जाता है।
नियुक्ति की संख्या पर सीमा: सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। अब प्रत्येक उच्च न्यायालय अनुच्छेद 224A का उपयोग करके 02 से 05 तक तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति कर सकता है, लेकिन यह संख्या उच्च न्यायालय की स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पिछले निर्देशों में संशोधन: सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2021 के अपने फैसले के कुछ निर्देशों में संशोधन किया है। विशेष रूप से, 20 प्रतिशत रिक्ति की आवश्यकता संबंधी निर्देशों को अब स्थगित कर दिया गया है।
केवल तदर्थ न्यायाधीशों की पीठ नहीं: अप्रैल 2021 के फैसले में उच्च न्यायालयों को केवल तदर्थ न्यायाधीशों वाली खंडपीठ (डिवीजन बेंच) गठित करने की अनुमति दी गई थी, खासकर पुराने मामलों पर विचार करने के लिए। हालांकि, वर्तमान पीठ के निर्देशों से यह स्पष्ट होता है कि तदर्थ न्यायाधीश हमेशा एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ का हिस्सा होंगे।
उद्देश्य: इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य उच्च न्यायालयों में न्यायिक रिक्तियों और लंबित मामलों की बढ़ती संख्या की समस्या का समाधान करना है। इसका लक्ष्य न्यायपालिका की कार्यप्रणाली को अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है, ताकि न्याय समय पर मिल सके।
अतिरिक्त जानकारी: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति एक अस्थायी उपाय है और इसका उद्देश्य स्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को प्रतिस्थापित करना नहीं है। यह व्यवस्था केवल विशेष परिस्थितियों में और लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए की जाती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित भारतीय संविधान का अनुच्छेद कौन सा है?
a) अनुच्छेद
124A
b) अनुच्छेद 214
c) अनुच्छेद
224A
d) अनुच्छेद 324
2. तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए किसकी पूर्व सहमति आवश्यक है?
a) भारत के मुख्य न्यायाधीश
b) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
c) राष्ट्रपति
d) राज्यपाल
3. मई 2025 तक, सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम निर्देशों के अनुसार, एक उच्च न्यायालय अपनी स्वीकृत संख्या के अधिकतम कितने प्रतिशत तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त कर सकता है?
a) 5 प्रतिशत
b) 10 प्रतिशत
c) 15 प्रतिशत
d) 20 प्रतिशत
Answer and Explanation
4. तदर्थ न्यायाधीश किस प्रकार की पीठ में बैठेंगे, जैसा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है?
a) केवल तदर्थ न्यायाधीशों वाली पीठ
b) उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ
c) उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ
d) भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ
5. उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को रोजगार प्रदान करना
b) उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के कार्यभार को कम करना
c) न्यायिक रिक्तियों और लंबित मामलों की समस्या का समाधान करना
d) उच्च न्यायालयों की प्रशासनिक दक्षता में सुधार करना
A2.
जलमग्न कला:
भारत का पहला अंडरवॉटर म्यूजियम
Underwater
Art: India's First Underwater Museum
भारतीय नौसेना ने अपने सेवामुक्त लैंडिंग शिप टैंक आईएनएस गुलदार को महाराष्ट्र सरकार को सौंप दिया है।
इसका उद्देश्य आईएनएस गुलदार को भारत के पहले अंडरवॉटर म्यूजियम और एक कृत्रिम चट्टान में परिवर्तित करना है।
इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) से संपर्क किया गया है, जो इस पहल को कार्यान्वित करेगा।
एमटीडीसी की योजना इस जहाज को सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र के पास समुद्र में डुबोने की है।
यह अनूठी पहल पर्यटन को बढ़ावा देगी और समुद्री जीवन के लिए एक नया आवास स्थल बनाएगी।
अंडरवॉटर म्यूजियम पर्यटकों को स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग के माध्यम से एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा, जहाँ वे डूबे हुए जहाज की संरचना और विकसित हो रहे समुद्री जीवन को देख सकेंगे।
यह परियोजना भारतीय नौसेना को डूबे हुए जहाज के स्थल पर गोताखोरी प्रशिक्षण आयोजित करने का अवसर भी प्रदान करेगी।
इस पहल से भारतीय नौसेना और एमटीडीसी के बीच सहयोग और मजबूत होगा, जिससे समुद्री पर्यटन और नौसेना प्रशिक्षण दोनों को लाभ मिलेगा।
अतिरिक्त जानकारी:
·
अंडरवॉटर म्यूजियम न केवल पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा, बल्कि यह समुद्री जीवन को भी बढ़ावा देगा। डूबा हुआ जहाज धीरे-धीरे विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों के लिए एक नया घर बन जाएगा, जिससे एक कृत्रिम चट्टान का निर्माण होगा।
·
कृत्रिम चट्टानें जैव विविधता को बढ़ाने और मछली पकड़ने के क्षेत्रों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
·
दुनिया भर में कई सफल अंडरवॉटर म्यूजियम मौजूद हैं, जो कला, पर्यटन और समुद्री संरक्षण का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं। यह भारत में इस तरह की पहली पहल है, जिससे देश में समुद्री पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
6. भारतीय नौसेना ने हाल ही में किस सेवामुक्त जहाज को महाराष्ट्र सरकार को सौंपा है?
a. आईएनएस विक्रांत
b. आईएनएस विराट
c. आईएनएस गोमती
d. आईएनएस गुलदार
7. भारत का पहला अंडरवॉटर म्यूजियम किस राज्य में स्थापित किया जाएगा?
a. गोवा
b. केरल
c. महाराष्ट्र
d. तमिलनाडु
8. अंडरवॉटर म्यूजियम बनाने की जिम्मेदारी किस संगठन को सौंपी गई है?
a. भारतीय नौसेना
b. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
c. महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी)
d. महाराष्ट्र मत्स्य विभाग
9. अंडरवॉटर म्यूजियम पर्यटकों को किस प्रकार का अनुभव प्रदान करेगा?
a. हवाई यात्रा
b. पर्वतारोहण
c. स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग
d. रेगिस्तानी सफारी
10. अंडरवॉटर म्यूजियम के निर्माण का एक अतिरिक्त लाभ क्या होगा?
a. वायु प्रदूषण में कमी
b. ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि
c. समुद्री जीवन के लिए नया आवास स्थल
d. भूमिगत जल स्तर में वृद्धि
A3.
कोलकाता पुस्तक मेला:
साहित्य का महाकुंभ
Kolkata
Book Fair: A Literary Extravaganza
भव्य आयोजन: अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला एशिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजनों में से एक है। यह हर साल कोलकाता के करुणामोई, साल्टलेक स्थित बोइमेला प्रांगण में आयोजित होता है।
48वां संस्करण: 28 जनवरी, 2025 को इस मेले का 48वां संस्करण शुरू हुआ।
रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी: इस वर्ष मेले में 1,000 से भी ज़्यादा किताबों, पत्रिकाओं और सांस्कृतिक स्टॉलों ने भाग लिया, जो एक रिकॉर्ड है।
अवधि: यह साहित्यिक उत्सव 28 जनवरी से 9 फरवरी, 2025 तक चला।
मुख्य सहयोगी देश: जर्मनी: इस वर्ष के पुस्तक मेले का मुख्य सहयोगी देश जर्मनी था। इससे जर्मन साहित्य और संस्कृति को एक विशेष मंच मिला।
लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान: पश्चिम बंगाल के जाने-माने लेखक अबुल बशर को साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दो लाख रुपये का लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान लेखकों को उनके जीवनभर की साहित्यिक सेवाओं के लिए दिया जाता है।
साहित्यिक और सांस्कृतिक संगम: यह मेला न केवल पुस्तकों का प्रदर्शन है, बल्कि यह विभिन्न साहित्यिक चर्चाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और लेखकों से मिलने का एक महत्वपूर्ण मंच भी है। यहाँ साहित्य प्रेमी, लेखक, प्रकाशक और बुद्धिजीवी एक साथ आते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महत्व: इस मेले में भारत के अलावा कई अन्य देशों के प्रकाशक और लेखक भी भाग लेते हैं, जिससे यह एक अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव बन जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला कहाँ आयोजित होता है?
a) ईडन गार्डन, कोलकाता
b) नेताजी इंडोर स्टेडियम, कोलकाता
c) बोइमेला प्रांगण, करुणामोई, साल्टलेक, कोलकाता
d) साइंस सिटी, कोलकाता
12. 48वां अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला कब शुरू हुआ था?
a) 9 फरवरी, 2025
b) 28 जनवरी, 2024
c) 28 जनवरी, 2025
d) 9 फरवरी, 2024
13. वर्ष 2025 के कोलकाता पुस्तक मेले का मुख्य सहयोगी देश कौन था?
a) जापान
b) चीन
c) जर्मनी
d) फ्रांस
14. वर्ष 2025 में किस प्रख्यात लेखक को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान दिया गया?
a) सत्यजित रे
b) रवींद्रनाथ टैगोर
c) अबुल बशर
d) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
15. अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला मुख्य रूप से किससे संबंधित है?
a) खेलकूद
b) फिल्म महोत्सव
c) साहित्यिक आयोजन
d) विज्ञान प्रदर्शनी
A4.
पंखों का संगम: प्रकृति और पक्षी महोत्सव 2025
Confluence
of Wings: Nature and Bird Festival 2025
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं पक्षी महोत्सव 2025 का भव्य उद्घाटन 16 फरवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित किया गया। यह स्थान आस्था और प्रकृति के मिलन का प्रतीक है।
इस महत्वपूर्ण महोत्सव के शुभंकर के रूप में भारतीय स्कीमर (Indian Skimmer) पक्षी को चुना गया है। भारतीय स्कीमर संगम - आस्था और विश्वास के पवित्र मिलन - का प्रतिनिधित्व करता है।
भारतीय स्कीमर उत्तर प्रदेश की गंगा, यमुना और चंबल नदियों के किनारे प्रजनन करता है। राज्य में इस खूबसूरत पक्षी की अनुमानित आबादी लगभग 1,000 है।
अपनी आकर्षक नारंगी चोंच और विशिष्ट काले और सफेद पंखों के कारण यह पक्षी आसानी से पहचाना जाता है। भारतीय स्कीमर मुख्य रूप से नदियों, झीलों और मुहाने के पास के दलदली क्षेत्रों में पाया जाता है।
यह पक्षी नदी के स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपस्थिति स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत देती है।
अतिरिक्त जानकारी: इस महोत्सव का उद्देश्य पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह प्रकृति प्रेमियों, पक्षी विशेषज्ञों और आम जनता को एक साथ आने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर विचार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस तरह के आयोजन पारिस्थितिकी पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं पक्षी महोत्सव 2025 का उद्घाटन कब हुआ?
a. 16 जनवरी, 2025
b. 26 जनवरी, 2025
c. 16 फरवरी, 2025
d. 26 फरवरी, 2025
17. प्रकृति एवं पक्षी महोत्सव 2025 के शुभंकर के रूप में किस पक्षी को चुना गया था?
a. सारस क्रेन
b. मोर
c. भारतीय स्कीमर
d. तोता
18. उत्तर प्रदेश में भारतीय स्कीमर मुख्य रूप से किन नदियों के किनारे प्रजनन करता है?
a. गंगा और गोमती
b. यमुना और सरयू
c. गंगा, यमुना और चंबल
d. रामगंगा और घाघरा
19. भारतीय स्कीमर को मुख्य रूप से किस विशेषता के लिए जाना जाता है?
a. अपनी मधुर आवाज
b. अपने रंगीन पंखों
c. अपनी आकर्षक नारंगी चोंच और काले सफेद पंख
d. अपनी तेज उड़ान
20. भारतीय स्कीमर किस रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
a. वायु प्रदूषण संकेतक
b. ध्वनि प्रदूषण संकेतक
c. नदी के स्वास्थ्य का संकेतक
d. वन स्वास्थ्य का संकेतक
A5.
गरिमापूर्ण मृत्यु: कर्नाटक का ऐतिहासिक कदम
Dignified
Death: Karnataka's Historic Step
कर्नाटक का अग्रणी कदम: कर्नाटक सरकार 'सम्मान के साथ मरने के अधिकार' को स्वीकार करने के लिए अस्पतालों में मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की अनुमति देने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट का अनुपालन: यह कदम 2023 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के अनुरूप है जिसमें कहा गया था कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) में सम्मान के साथ मरने का अधिकार भी शामिल है।
आधार: यह प्रक्रिया कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय पर आधारित है, जिसने निष्क्रिय इच्छामृत्यु (passive euthanasia)
की कानूनी वैधता को बरकरार रखा था।
निष्क्रिय इच्छामृत्यु: इसमें किसी व्यक्ति को अपनी बीमारी या स्थिति के कारण स्वाभाविक रूप से मरने देने के लिए जीवन रक्षक उपचारों को रोकना या हटाना शामिल है। सक्रिय इच्छामृत्यु, जिसमें जानबूझकर मृत्यु का कारण बनना शामिल है, भारत में अभी भी गैरकानूनी है।
मेडिकल बोर्ड की भूमिका:
·
ऐसे मामलों में निर्णय लेने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट (तंत्रिका रोग विशेषज्ञ), सर्जन (शल्य चिकित्सक), और इंटेंसिविस्ट (गहन चिकित्सा विशेषज्ञ) की सदस्यता वाले मेडिकल बोर्ड गठित किए जाएँगे।
·
ये बोर्ड लिविंग विल (Living Will) के आधार पर जीवन रक्षक चिकित्सा वापस लेने के अनुरोधों की समीक्षा करेंगे।
अनुमोदन प्रक्रिया:
·
उपचार करने वाले डॉक्टर को दो मेडिकल बोर्डों (प्रत्येक में तीन चिकित्सक) और जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नामित एक चिकित्सक से अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
·
मेडिकल बोर्ड के निर्णय के लिए रोगी के निकटतम रिश्तेदार की सहमति आवश्यक है।
·
अंतिम कानूनी मंजूरी प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (JMFC) द्वारा दी जाएगी।
·
सभी दस्तावेज़ उच्च न्यायालय को भेजे जाएँगे।
लिविंग विल (Living Will): यह एक कानूनी दस्तावेज है जिसमें कोई व्यक्ति पहले से यह निर्देश देता है कि भविष्य में यदि वह ऐसी स्थिति में पहुँच जाए जहाँ वह अपने चिकित्सा संबंधी निर्णय लेने में सक्षम न हो, तो उसे किस प्रकार का चिकित्सा उपचार दिया जाना चाहिए या नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्नत चिकित्सा निर्देश (AMD): यदि रोगी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, तो उन्नत चिकित्सा निर्देश (Advanced Medical
Directive) के अनुसार स्वास्थ्य देखभाल संबंधी निर्णय लेने के लिए कम-से-कम दो व्यक्तियों को नियुक्त करना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि रोगी की पहले की इच्छाओं का सम्मान किया जाए।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. 'सम्मान के साथ मरने के अधिकार' को स्वीकार करने के लिए मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की अनुमति देने वाला पहला भारतीय राज्य कौन सा है?
a. तमिलनाडु
b. केरल
c. कर्नाटक
d. महाराष्ट्र
22. सुप्रीम कोर्ट के किस वर्ष के फैसले के अनुसार जीवन के अधिकार में सम्मान के साथ मरने का अधिकार शामिल है?
a. 2018
b. 2020
c. 2023
d. 2025
23. निष्क्रिय इच्छामृत्यु की कानूनी वैधता को किस केस में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा?
a. मेनका गांधी बनाम भारत संघ
b. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
c. कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया
d. इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ
24. निष्क्रिय इच्छामृत्यु में क्या शामिल है?
a. जानबूझकर मृत्यु का कारण बनना
b. जीवन रक्षक उपचार शुरू करना
c. जीवन रक्षक उपचारों को रोकना या बंद कर देना
d. रोगी को दर्द निवारक दवाएं देना
25. यदि रोगी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है, तो स्वास्थ्य देखभाल संबंधी निर्णय लेने के लिए कम-से-कम कितने व्यक्तियों को नियुक्त करना अनिवार्य है?
a. एक
b. दो
c. तीन
d. चार
A6.
विश्व पुस्तक मेला
2025: ज्ञान का महोत्सव
World
Book Fair 2025: A Festival of Knowledge
आयोजन: 'विश्व पुस्तक मेला, 2025' का आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट (National Book Trust) द्वारा किया गया था। यह संस्था शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत कार्य करती है।
स्थान और समय: यह भव्य मेला नई दिल्ली के भारत मंडपन में 01 फरवरी, 2025 से 09 फरवरी, 2025 तक चला।
मुख्य विषय: इस वर्ष के मेले का मुख्य विषय 'रिपब्लिक @75' था, जो भारत के गणतंत्र के 75 गौरवशाली वर्षों को समर्पित था।
फोकस देश: इस वर्ष मेले का फोकस देश रूस था, जिसने अपनी साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।
अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी: इस मेले में 50 से अधिक देशों ने भाग लिया, जिनमें फ्रांस, अर्जेंटीना, स्पेन, कोलंबिया, अबू धाबी और कतर जैसे प्रमुख देश शामिल थे। यह वैश्विक स्तर पर पुस्तकों और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच था।
महत्व: विश्व पुस्तक मेला हर साल आयोजित किया जाता है और यह पुस्तक प्रेमियों, लेखकों, प्रकाशकों और शिक्षाविदों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने और पुस्तकों तक लोगों की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेले में विभिन्न प्रकार की साहित्यिक गतिविधियों, लेखक सम्मेलनों, पुस्तक विमोचनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. विश्व पुस्तक मेला, 2025 कहाँ आयोजित हुआ था?
a. प्रगति मैदान, नई दिल्ली
b. इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा
c. भारत मंडपन, नई दिल्ली
d. तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली
27 विश्व पुस्तक मेला, 2025 का मुख्य विषय क्या था?
a. आत्मनिर्भर भारत
b. डिजिटल इंडिया
c. रिपब्लिक @75
d. शिक्षा का महत्व
28. वर्ष 2025 के विश्व पुस्तक मेले का फोकस देश कौन सा था?
a. फ्रांस
b. रूस
c. स्पेन
d. अर्जेंटीना
29. विश्व पुस्तक मेला का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है?
a. विदेश मंत्रालय, भारत सरकार
b. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
c. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (शिक्षा मंत्रालय के तहत)
d. साहित्य अकादमी
30. विश्व पुस्तक मेला, 2025 कितने दिनों तक चला था?
a. 7 दिन
b. 8 दिन
c. 9 दिन
d. 10 दिन
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