15 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. महाराष्ट्र: AI शिक्षा में क्रांति
- A2. भारत का पहला समुद्री हवाई अड्डा
- A3. थाईपूसम: मुरुगन को समर्पित पर्व
- A4. काशी और तमिलनाडु: प्राचीन बंधन, नया संगम
- A5. भारत का पहला ड्रोन शहर
- A6. देवता से विवाह: नेवारी समुदाय की विशेष परंपरा
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
महाराष्ट्र: AI शिक्षा में क्रांति
Maharashtra:
Pioneering the Future of AI Education
ऐतिहासिक कदम: महाराष्ट्र भारत का पहला राज्य बनने के लिए तैयार है जो एक समर्पित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विश्वविद्यालय की स्थापना करेगा। यह भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम है।
सरकारी पहल: राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
विशेषज्ञों की टास्क फोर्स: इस परियोजना की देखरेख और सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के आईटी मंत्री आशीष शेलार ने एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है।
विविध प्रतिनिधित्व: इस टास्क फोर्स में शिक्षा, उद्योग और सरकार के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल हैं। यह विभिन्न दृष्टिकोणों को मिलाकर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।
प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग: इस महत्वपूर्ण कार्य में आईआईटी मुंबई (IIT Mumbai) और आईआईएम मुंबई (IIM Mumbai) जैसे देश के शीर्ष संस्थानों के विशेषज्ञ अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
उद्योग जगत के दिग्गज: गूगल इंडिया (Google India), महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group), और एलएंडटी (L&T) जैसे प्रमुख औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि भी इस टास्क फोर्स का हिस्सा हैं, जो विश्वविद्यालय को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने में मदद करेंगे।
भविष्य की तैयारी: यह AI विश्वविद्यालय छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ते क्षेत्र में करियर के लिए तैयार करेगा और देश में AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा।
रोजगार के अवसर: इस विश्वविद्यालय की स्थापना से महाराष्ट्र और पूरे देश में AI से संबंधित कुशल पेशेवरों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. भारत का पहला समर्पित AI विश्वविद्यालय स्थापित करने वाला पहला राज्य कौन सा बनने के लिए तैयार है?
a. कर्नाटक
b. तमिलनाडु
c. महाराष्ट्र
d. केरल
2. महाराष्ट्र के AI विश्वविद्यालय परियोजना की देखरेख के लिए गठित टास्क फोर्स का नेतृत्व कौन कर रहा है?
a. मुख्यमंत्री
b. शिक्षा मंत्री
c. आईटी मंत्री
d. वित्त मंत्री
3. महाराष्ट्र में स्थापित होने वाले AI विश्वविद्यालय की टास्क फोर्स में निम्नलिखित में से किस संस्थान के विशेषज्ञ शामिल हैं?
a. आईआईटी दिल्ली
b. आईआईएम बैंगलोर
c. आईआईटी मुंबई
d. जेएनयू
4. निम्नलिखित में से कौन सी कंपनी महाराष्ट्र के AI विश्वविद्यालय की टास्क फोर्स का हिस्सा है?
a. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
b. इंफोसिस
c. महिंद्रा ग्रुप
d. विप्रो
5. महाराष्ट्र में AI विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा करना
b. सरकारी नौकरियों को बढ़ावा देना
c. AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना
d. विदेशी निवेश आकर्षित करना
A2.
भारत का पहला समुद्री हवाई अड्डा
India's
First Offshore Airport
भारत का पहला अपतटीय हवाई अड्डा: मुंबई भारत का पहला शहर बनने जा रहा है जहाँ अपतटीय (समुद्र के किनारे से दूर) हवाई अड्डा होगा।
स्थान: यह नया हवाई अड्डा महाराष्ट्र में मुंबई के पास, बधवन बंदरगाह के करीब एक कृत्रिम द्वीप पर बनाया जाएगा।
उद्देश्य: यह परियोजना भारत सरकार के बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने के प्रयासों का एक हिस्सा है।
प्रेरणा: इस हवाई अड्डे का डिज़ाइन हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और जापान के ओसाका में कंसाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रेरित है, जो दोनों ही मानव निर्मित द्वीपों पर स्थित हैं।
संभावित लाभ: अपतटीय हवाई अड्डे भूमि की कमी की समस्या को हल करने, शोर प्रदूषण को कम करने और हवाई अड्डे के विकास के लिए नए अवसर पैदा करने में मदद कर सकते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
बधवन बंदरगाह महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण आगामी बंदरगाह परियोजना है।
कृत्रिम द्वीप पर हवाई अड्डा बनाने में भूमि सुधार, नींव निर्माण और हवाई अड्डे की सुविधाओं का निर्माण शामिल होगा। यह एक जटिल और तकनीकी रूप से उन्नत परियोजना है।
इस तरह के हवाई अड्डे अक्सर बड़े विमानों को संभालने और भविष्य में हवाई यातायात की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम होते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. भारत का पहला अपतटीय हवाई अड्डा किस शहर के पास बनने जा रहा है?
a) चेन्नई
b) कोलकाता
c) मुंबई
d) दिल्ली
7. प्रस्तावित अपतटीय हवाई अड्डा किस बंदरगाह के करीब स्थित होगा?
a) जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह
b) कांडला बंदरगाह
c) बधवन बंदरगाह
d) मुंबई पोर्ट ट्रस्ट
8. मुंबई के अपतटीय हवाई अड्डे का डिज़ाइन किन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों से प्रेरित है?
a) हीथ्रो और चार्ल्स डी गॉल
b) चांगी और इंचियोन
c) हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय और कंसाई अंतर्राष्ट्रीय
d) दुबई अंतर्राष्ट्रीय और बीजिंग कैपिटल
9. अपतटीय हवाई अड्डों का एक संभावित लाभ क्या है?
a) निर्माण की कम लागत
b) शहरों में हरियाली बढ़ाना
c) भूमि की कमी की समस्या का समाधान
d) रेल यातायात को बढ़ावा देना
10. बधवन बंदरगाह किस राज्य में स्थित है?
a) गोवा
b) केरल
c) महाराष्ट्र
d) गुजरात
A3.
थाईपूसम: मुरुगन को समर्पित पर्व
Thaipusam:
A Festival Dedicated to Murugan
उत्सव का समय: थाईपूसम मुख्य रूप से थाई महीने (तमिल कैलेंडर का दसवां महीना) में पूर्णिमा (Poornima) के दिन मनाया जाता है। 2025 में, यह शुभ तिथि 11 फरवरी थी, जब तमिलनाडु के मुरुगन मंदिरों में इसे पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया।
वैश्विक उपस्थिति: यह पावन त्योहार न केवल तमिलनाडु, बल्कि उन सभी स्थानों पर धूमधाम से मनाया जाता है जहाँ तमिल समुदाय के लोग निवास करते हैं।
कवडी की महत्ता: इस उत्सव में कवडी अट्टम एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें भक्त सजे हुए कांवड़ (कवडी) कंधे पर उठाते हैं। पाल कवडी में विशेष रूप से भगवान मुरुगा को अर्पित करने के लिए दूध के बर्तन ले जाए जाते हैं।
आत्म-शुद्धि का प्रतीक: थाईपूसम में भक्त आत्म-शुद्धि और अपनी भक्ति को दर्शाने के लिए कठोर तपस्या करते हैं। इसमें जीभ, गाल और त्वचा में वेल (भाले) से छेदना शामिल है। यह कष्ट सहने की शक्ति और अटूट विश्वास का प्रतीक है।
पौराणिक कथा: थाईपूसम की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में गहरी हैं। यह मुख्य रूप से भगवान मुरुगन (जिन्हें स्कंद या कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है), जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं, से जुड़ा है। माना जाता है कि इसी दिन देवी पार्वती ने भगवान मुरुगन को 'वेल' नामक दिव्य भाला असुर सूरपद्मन का वध करने के लिए प्रदान किया था। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
कई मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा, अभिषेक और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाते हैं।
भक्त मुरुगन के भक्ति गीत गाते हैं और जुलूस निकालते हैं।
यह त्योहार समुदाय के लोगों को एक साथ लाता है और एकता की भावना को बढ़ाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. थाईपूसम मुख्य रूप से किस महीने में मनाया जाता है?
a. चैत्र
b. वैशाख
c. थाई
d. आषाढ़
12. वर्ष 2025 में थाईपूसम की शुभ तिथि क्या थी?
a. 10 फरवरी
b. 12 फरवरी
c. 11 फरवरी
d. 13 फरवरी
13. थाईपूसम त्योहार मुख्य रूप से किस हिंदू देवता को समर्पित है?
a. भगवान शिव
b. देवी पार्वती
c. भगवान मुरुगन
d. भगवान गणेश
14. थाईपूसम में भक्त भगवान मुरुगा को क्या अर्पित करने के लिए ले जाते हैं?
a. फूलों की माला
b. फल और मिठाई
c. दूध के बर्तन (पाल कवडी)
d. वस्त्र
15. पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान मुरुगन को किस असुर का वध करने के लिए दिव्य भाला प्रदान किया था?
a. रावण
b. कुंभकर्ण
c. सूरपद्मन
d. महिषासुर
A4.
काशी और तमिलनाडु: प्राचीन बंधन, नया संगम
Kashi
and Tamil Nadu: Ancient Ties, New Confluence
आयोजन: काशी तमिल संगमम (केटीएस) 3.0 का आयोजन 15 से 24 फरवरी, 2025 तक उत्तर प्रदेश के वाराणसी में किया गया।
उद्देश्य: इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को मनाना और उन्हें और भी मजबूत करना है।
आयोजक: यह आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसमें विभिन्न अन्य मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सहयोग दिया।
भागीदारी: केटीएस एक ऐसा मंच है जहाँ तमिलनाडु और काशी के विद्वान, छात्र, दार्शनिक, व्यापारी, शिल्पकार, कलाकार और विभिन्न क्षेत्रों के लोग एक साथ आते हैं।
ज्ञान और संस्कृति का आदान-प्रदान: इस संगम का लक्ष्य दोनों क्षेत्रों के लोगों को अपने ज्ञान, संस्कृति और बेहतरीन परंपराओं को साझा करने का अवसर देना है, जिससे वे एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकें।
केटीएस 3.0
में विशेष: काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण में ऋषि अगस्त्य को समर्पित एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
अतिरिक्त जानकारी:
ऋषि अगस्त्य एक प्रतिष्ठित प्राचीन भारतीय ऋषि थे, जिनका दक्षिण भारतीय संस्कृति और विशेष रूप से तमिल भाषा और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। यह प्रदर्शनी उनके जीवन और योगदान पर प्रकाश डालती है, जो काशी और दक्षिण भारत के प्राचीन संबंधों को और भी गहराई से दर्शाती है।
काशी (वाराणसी) भारत की प्राचीनतम जीवित शहरों में से एक है और सदियों से ज्ञान, धर्म और संस्कृति का केंद्र रहा है। तमिलनाडु भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाता है। इन दोनों क्षेत्रों का संगम भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का एक सुंदर उदाहरण है।
काशी तमिल संगमम जैसे आयोजन 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को बढ़ावा देते हैं, जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के बीच आपसी समझ और तालमेल को बढ़ाना है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. काशी तमिल संगमम 3.0 का आयोजन कब किया गया था?
a. 15 से 24 जनवरी, 2025
b. 15 से 24 मार्च, 2025
c. 15 से 24 फरवरी, 2025
d. 25 फरवरी से 5 मार्च, 2025
17. काशी तमिल संगमम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
b. काशी के पर्यटन को बढ़ावा देना
c. तमिलनाडु और काशी के पुराने सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना
d. उत्तर और दक्षिण भारत के बीच व्यापार बढ़ाना
18. काशी तमिल संगमम 3.0 का आयोजन किस मंत्रालय द्वारा किया गया था?
a. संस्कृति मंत्रालय
b. गृह मंत्रालय
c. शिक्षा मंत्रालय
d. पर्यटन मंत्रालय
19. काशी तमिल संगमम 3.0 में विशेष रूप से किसे समर्पित प्रदर्शनी आयोजित की गई थी?
a. संत तिरुवल्लुवर
b. ऋषि अगस्त्य
c. देवी मीनाक्षी
d. भगवान शिव
20. काशी और तमिलनाडु का संगम किस भावना को बढ़ावा देता है?
a. आत्मनिर्भर भारत
b. डिजिटल इंडिया
c. एक भारत, श्रेष्ठ भारत
d. स्वच्छ भारत अभियान
A5.
भारत का पहला ड्रोन शहर
India's
First Drone City
आंध्र प्रदेश का कुरनूल जिला, विशेष रूप से ओरवाकल गाँव, भारत के पहले और सबसे बड़े ड्रोन शहर की स्थापना करके ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना लगभग 300 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैली होगी।
इस ड्रोन शहर का मुख्य उद्देश्य आंध्र प्रदेश को भारत की ड्रोन राजधानी के रूप में स्थापित करना है।
गरुड़ एयरोस्पेस नामक एक प्रमुख ड्रोन कंपनी ने ओरवाकल में इस 'ड्रोन सिटी' को स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश करने का समझौता किया है।
ओरवाकल ड्रोन शहर ड्रोन निर्माण के साथ-साथ उनके परीक्षण, अनुसंधान, मरम्मत और विकास के लिए भी एक ही स्थान पर व्यापक सुविधाएँ प्रदान करेगा। यह एक तरह का एकीकृत केंद्र होगा।
यह पहल न केवल ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देगी बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
ड्रोन तकनीक का उपयोग आजकल कृषि, स्वास्थ्य सेवा, आपदा प्रबंधन, निगरानी और लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। यह ड्रोन शहर इन सभी क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. भारत का पहला और सबसे बड़ा ड्रोन शहर किस राज्य में स्थापित किया जा रहा है?
a. तेलंगाना
b. कर्नाटक
c. आंध्र प्रदेश
d. तमिलनाडु
22. ओरवाकल में स्थापित होने वाले ड्रोन शहर का अनुमानित क्षेत्रफल कितना है?
a. 100 एकड़
b. 200 एकड़
c. 300 एकड़
d. 400 एकड़
23. ओरवाकल में 'ड्रोन सिटी' स्थापित करने के लिए किस कंपनी ने 100 करोड़ रुपये का निवेश करने का समझौता किया है?
a. टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स
b. अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस
c. गरुड़ एयरोस्पेस
d. ज़ेन टेक्नोलॉजीज
24. ओरवाकल ड्रोन शहर मुख्य रूप से किस गतिविधि पर केंद्रित होगा?
a. केवल ड्रोन का निर्माण
b. केवल ड्रोन का परीक्षण और मरम्मत
c. ड्रोन का निर्माण, परीक्षण, अनुसंधान और विकास
d. ड्रोन का उपयोग कृषि कार्यों में
25. ड्रोन तकनीक का उपयोग भविष्य में किन क्षेत्रों में बढ़ने की संभावना है, जैसा कि लेख में बताया गया है?
a. केवल कृषि और निगरानी
b. केवल स्वास्थ्य सेवा और लॉजिस्टिक्स
c. कृषि, स्वास्थ्य सेवा, आपदा प्रबंधन, निगरानी और लॉजिस्टिक्स
d. केवल मनोरंजन और फोटोग्राफी
A6.
देवता से विवाह: नेवारी समुदाय की विशेष परंपरा
Marriage
to a God: A Special Tradition of the Newari Community
नेपाल के नेवारी समुदाय की अनूठी परंपरा: बेल विवाह नेपाल के काठमांडू घाटी में रहने वाले नेवारी समुदाय की एक विशेष और महत्वपूर्ण प्रथा है। यह समुदाय अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।
महिला सशक्तीकरण का प्रतीक: यह परंपरा नेवारी महिलाओं को एक अद्वितीय प्रकार की सुरक्षा और सशक्तिकरण प्रदान करती है।
अविवाहित लड़कियों का विवाह: इस रस्म में आमतौर पर 5 से 9 वर्ष की आयु की अविवाहित लड़कियों का विवाह 'बेल' नामक फल से कराया जाता है। यह फल भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है।
कभी नहीं होती विधवा: बेल के फल से विवाह होने के कारण, इन लड़कियों को कभी भी विधवा नहीं माना जाता है, भले ही भविष्य में उनके मानव पति की मृत्यु हो जाए। यह सामाजिक और भावनात्मक रूप से उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: बेल विवाह एक विस्तृत और रंगीन समारोह होता है जिसमें कई पारंपरिक रीति-रिवाज और अनुष्ठान शामिल होते हैं। यह नेवारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।
स्थायी वैवाहिक बंधन: माना जाता है कि बेल के साथ हुआ विवाह एक स्थायी बंधन है जो कभी नहीं टूटता। यह लड़कियों को जीवन भर एक आध्यात्मिक पति की सुरक्षा प्रदान करता है।
सामाजिक सुरक्षा: यह परंपरा महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और सम्मान प्रदान करती है, खासकर विधवा होने की स्थिति में जो पारंपरिक समाजों में चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. बेल विवाह मुख्य रूप से किस समुदाय से संबंधित है?
a. थारू समुदाय
b. मगर समुदाय
c. नेवारी समुदाय
d. गुरुंग समुदाय
27. बेल विवाह में, अविवाहित लड़कियों का विवाह किससे कराया जाता है?
a. केले के फल से
b. संतरे के फल से
c. बेल के फल से
d. सेब के फल से
28. बेल से विवाह के बाद, लड़कियों को क्या लाभ मिलता है, भले ही उनके भविष्य के पति की मृत्यु हो जाए?
a. उन्हें अधिक संपत्ति मिलती है
b. उन्हें कभी विधवा नहीं माना जाता है
c. वे गाँव की मुखिया बन जाती हैं
d. वे संन्यासी बन जाती हैं
29. बेल विवाह मुख्य रूप से किस आयु वर्ग की लड़कियों के लिए आयोजित किया जाता है?
a. 15 से 20 वर्ष
b. 10 से 14 वर्ष
c. 5 से 9 वर्ष
d. 20 वर्ष से अधिक
30. बेल विवाह की परंपरा नेवारी महिलाओं को मुख्य रूप से क्या प्रदान करती है?
a. आर्थिक स्वतंत्रता
b. राजनीतिक शक्ति
c. सामाजिक सुरक्षा और सम्मान
d. धार्मिक नेतृत्व
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