20 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. भारत का पहला सहकारी विश्वविद्यालय
- A2. आयकर नियमों में बदलाव की तैयारी
- A3. सृजनम: कचरे से खुशबू तक!
- A4. भारत टेक्स-2025: वस्त्रों का महाकुंभ
- A5. हिमाचल में हरित क्रांति: हाइड्रोजन का उदय
- A6. भारत ऊर्जा सप्ताह 2025: एक झलक
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
भारत का पहला सहकारी विश्वविद्यालय
India's
First Cooperative University
भारत का पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय: भारत अपना पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रहा है। यह देश में सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थान: यह विश्वविद्यालय गुजरात के ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (IRMA) में स्थापित किया जाएगा। IRMA ग्रामीण प्रबंधन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान है, इसलिए यह विश्वविद्यालय के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।
नामकरण: विश्वविद्यालय का नाम अमूल डेयरी के संस्थापक, दूरदर्शी त्रिभुवनदास पटेल के सम्मान में "त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय" रखा जाएगा।
उद्देश्य: इस विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य विभिन्न सहकारी नौकरियों के लिए कुशल और प्रशिक्षित पेशेवरों को तैयार करना है। यह सहकारी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य: भारत उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिनके पास सहकारी समितियों के लिए समर्पित विश्वविद्यालय हैं। जर्मनी, केन्या, कोलंबिया और स्पेन जैसे देशों में पहले से ही इस प्रकार के संस्थान मौजूद हैं।
अखिल भारतीय नेटवर्क: यह विश्वविद्यालय संबद्ध सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क भी बनाएगा। इससे पूरे देश में सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सरकारी पहल: इस महत्वपूर्ण विकास को साकार करने के लिए सरकार ने लोकसभा में 'त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025' पेश किया है।
आईआरएमए की भूमिका: जब यह विधेयक कानून बन जाएगा, तो IRMA विश्वविद्यालय के स्कूलों में से एक होगा। इसके अतिरिक्त, IRMA को ग्रामीण प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence for
Rural Management) भी घोषित किया जाएगा।
विधेयक का उद्देश्य: सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक का लक्ष्य देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सहकारी शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना और प्रदान करना है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. भारत का पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय कहाँ स्थापित किया जाएगा?
a) नई दिल्ली
b) मुंबई
c) ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (IRMA), गुजरात
d) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली
2. त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का नाम किसके सम्मान में रखा गया है?
a) महात्मा गांधी
b) जवाहरलाल नेहरू
c) त्रिभुवनदास पटेल
d) सरदार वल्लभभाई पटेल
3. 'त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक' किस वर्ष लोकसभा में पेश किया गया?
a) 2023
b) 2024
c) 2025
d) 2026
4. राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) कृषि उत्पादन बढ़ाना
b) ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना
c) सहकारी नौकरियों के लिए कुशल पेशेवरों को तैयार करना
d) शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाना
5. विधेयक के कानून बनने के बाद, कौन सा संस्थान ग्रामीण प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र भी घोषित किया जाएगा?
a) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB)
b) भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद
c) ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (IRMA)
d) गुजरात विश्वविद्यालय
A2.
आयकर नियमों में बदलाव की तैयारी
Preparing
for Changes in Income Tax Rules
समिति का गठन: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए आयकर विधेयक की समीक्षा के लिए 31 सदस्यों वाली एक चयन समिति बनाई है।
अध्यक्ष: इस महत्वपूर्ण समिति का नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा करेंगे।
रिपोर्ट कब? समिति को अगले सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश करनी होगी।
सदस्य संख्या: समिति में कुल 31 सांसद शामिल होंगे।
गठबंधन का दबदबा: सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 17 सांसद इस समिति का हिस्सा होंगे।
एनडीए सदस्यों का विवरण: एनडीए के 17 सांसदों में भाजपा के 14, और टीडीपी, जेडी (यू) और शिवसेना के एक-एक सांसद शामिल हैं।
विधेयक कब पेश हुआ? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी, 2025 को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था।
प्रवर समिति को भेजने का आग्रह: विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री ने अध्यक्ष से इस मसौदा कानून को सदन की प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया था।
किसकी जगह लेगा? यह नया कानून आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है, क्योंकि 1961 का अधिनियम कई दशकों से देश के आयकर नियमों का आधार रहा है।
नए आयकर अधिनियम में क्या है खास?
गैर-निवासियों के लिए स्पष्टता: नए बिल की धारा 5 और 9 में विशिष्ट व्यक्तियों को किए गए भुगतान जैसी मानी जाने वाली आय की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। इससे गैर-निवासियों के लिए कर नियम अधिक साफ और समझने में आसान हो जाएंगे।
कटौती और छूट में बदलाव:
पहले, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 और 800 से 800जीजीसी में निवेश, दान और कुछ खास खर्चों पर कटौती मिलती थी।
नए बिल की धारा 11 से 154 में इन कटौतियों को एक साथ लाया गया है।
सबसे खास बात यह है कि स्टार्टअप, डिजिटल व्यवसायों और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं। यह सरकार का इन उभरते क्षेत्रों को समर्थन देने का एक बड़ा कदम है।
पूँजीगत लाभ कर में बदलाव:
पुराने कानून की धारा 45 से 55ए प्रतिभूतियों पर होल्डिंग अवधि के आधार पर पूँजीगत लाभ को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में बाँटती थी, और इनके लिए अलग-अलग कर दरें थीं।
नए बिल की धारा 67 से 91 में यह वर्गीकरण तो बरकरार है, लेकिन इसमें वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (जैसे क्रिप्टोकरेंसी) के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं और कर दरों को अपडेट किया गया है। अब डिजिटल संपत्तियों पर भी एक स्पष्ट कर ढाँचा होगा।
व्यापक रूपरेखा: नए बिल की धारा 332 से 355 में कर योग्य आय, अनुपालन के नियम और व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिबंधों को और विस्तार से बताया गया है। इससे कर प्रणाली में अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता आने की उम्मीद है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. नए आयकर विधेयक की जाँच के लिए गठित चयन समिति का नेतृत्व कौन करेगा?
a. निर्मला सीतारमण
b. ओम बिरला
c. बैजयंत पांडा
d. नरेंद्र मोदी
7. चयन समिति को अपनी रिपोर्ट लोकसभा में कब पेश करनी है?
a. 13 फरवरी,
2025 को
b. वर्तमान सत्र के अंतिम दिन
c. अगले सत्र के पहले दिन
d. रिपोर्ट पेश करने की कोई निश्चित तिथि नहीं है
8. नया आयकर विधेयक किस अधिनियम की जगह लेगा?
a. वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017
b. कंपनी अधिनियम, 2013
c. आयकर अधिनियम, 1961
d. धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002
9. नए आयकर विधेयक में किन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए हैं?
a. केवल कृषि और शिक्षा
b. केवल पारंपरिक व्यवसाय
c. स्टार्टअप, डिजिटल व्यवसाय और नवीकरणीय ऊर्जा
d. भारी उद्योग और विनिर्माण
10. पुराने आयकर कानून के तहत पूँजीगत लाभ को कितने प्रकारों में वर्गीकृत किया गया था?
a. तीन
b. कोई वर्गीकरण नहीं था
c. दो: अल्पकालिक और दीर्घकालिक
d. चार
A3.
सृजनम: कचरे से खुशबू तक!
Srijanam:
From Waste to Fragrance!
भारत ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है! 10 फरवरी, 2025 को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में एक विशेष तकनीक लॉन्च की। आइए इस नई पहल के बारे में और जानें:
सृजनम: एक स्वदेशी नवाचार: इस स्वचालित जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार रिंग का नाम "सृजनम" है, जिसका अर्थ है "निर्माण" या "उत्पादन"। यह पूरी तरह से भारत में विकसित अपनी तरह की पहली तकनीक है।
विकासकर्ता: इसे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईएसटी), तिरुवनंतपुरम द्वारा विकसित किया गया है। यह संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के लिए जाना जाता है।
कीटाणुशोधन की नई विधि: "सृजनम" रिंग रोगजनक जैव चिकित्सा अपशिष्ट, जैसे रक्त, मूत्र, थूक और प्रयोगशाला में इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजेबल सामानों को बिना महंगे और ऊर्जा-खर्चीले भस्मक (incinerator) का उपयोग किए कीटाणुरहित कर सकती है। यह एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है।
दुर्गंध से सुगंध तक: सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह उपकरण दुर्गंधयुक्त और विषैले अपशिष्ट को एक सुखद सुगंध में बदल देता है! यह अपशिष्ट प्रबंधन को एक नया आयाम देता है।
क्षमता और प्रारंभिक चरण: इस उपकरण की दैनिक उपचार क्षमता 400 किलोग्राम है। प्रारंभिक चरण में, यह प्रतिदिन लगभग 10 किलोग्राम सड़ने योग्य चिकित्सा अपशिष्ट को संभालने में सक्षम है।
व्यापक कार्यान्वयन: एक बार जब यह तकनीक सफलतापूर्वक मान्य हो जाएगी और संबंधित अधिकारियों से अनुमोदन मिल जाएगा, तो इसे देश भर में पूर्ण पैमाने पर लागू किया जा सकेगा। यह अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के लिए अपशिष्ट प्रबंधन को आसान और अधिक प्रभावी बना देगा।
पर्यावरण के लिए लाभ: "सृजनम" जैसी तकनीकें पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह खतरनाक जैव चिकित्सा अपशिष्ट के सुरक्षित और कुशल निपटान में मदद करती हैं, प्रदूषण को कम करती हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करती हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. "सृजनम" क्या है जिसे हाल ही में लॉन्च किया गया?
a) एक नई अस्पताल इमारत
b) एक स्वचालित जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार रिंग
c) एक नई दवा
d) एक चिकित्सा उपकरण
12. "सृजनम" को किस संस्थान ने विकसित किया है?
a) एम्स, नई दिल्ली
b) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली
c) सीएसआईआर-राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईएसटी), तिरुवनंतपुरम
d) भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी)
13. "सृजनम" मुख्य रूप से किस प्रकार के अपशिष्ट का उपचार करेगा?
a) औद्योगिक अपशिष्ट
b) घरेलू कचरा
c) जैव चिकित्सा अपशिष्ट
d) प्लास्टिक अपशिष्ट
14. फरवरी 2025 में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने "सृजनम" कहाँ लॉन्च किया?
a) सीएसआईआर, तिरुवनंतपुरम
b) एम्स, नई दिल्ली
c) आईआईटी, दिल्ली
d) विज्ञान भवन, नई दिल्ली
15. प्रारंभिक चरण में "सृजनम" प्रतिदिन कितने सड़ने योग्य चिकित्सा अपशिष्ट को संभाल सकता है?
a) 400 किलोग्राम
b) 100 किलोग्राम
c) 50 किलोग्राम
d) 10 किलोग्राम
A4.
भारत टेक्स-2025: वस्त्रों का महाकुंभ
Bharat
Tex-2025: A Grand Showcase of Indian Textiles
भव्य उद्घाटन: भारत के सबसे बड़े वैश्विक टेक्सटाइल इवेंट, भारत टेक्स-2025 का भव्य उद्घाटन ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा किया गया। यह भारत के वस्त्र उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था।
आयोजक और समर्थक: यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम भारत टेक्स ट्रेड फेडरेशन (BTTF) द्वारा आयोजित किया गया है और इसे भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। यह साझेदारी इस आयोजन की महत्ता को दर्शाती है।
उद्देश्य: भारत टेक्स-2025 का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध कपड़ा विरासत और इस क्षेत्र में हो रहे नवाचार को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है। यह भारतीय वस्त्रों की विविधता और गुणवत्ता को उजागर करने का एक मंच है।
दो चरणों में आयोजन: भारत टेक्स-2025 का आयोजन दो चरणों में किया गया है:
पहला चरण: 12 से 15 फरवरी, 2025 तक, इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में।
दूसरा चरण: 14 से 17 फरवरी, 2025 तक, भारत मंडपम, नई दिल्ली में।
विशाल कपड़ा बाजार: भारत का कपड़ा उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला रहा है। वर्तमान में, इसका बाजार 176 बिलियन डॉलर का है, जिसमें हस्तशिल्प से लेकर आधुनिक औद्योगिक उत्पादों तक की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। यह विविधता भारतीय वस्त्रों की ताकत है।
भविष्य का लक्ष्य: भारत सरकार का लक्ष्य इस विशाल कपड़ा बाजार को बढ़ाकर 350 बिलियन डॉलर तक पहुँचाना है। भारत टेक्स-2025 जैसे आयोजन इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
वैश्विक मंच: भारत टेक्स-2025 न केवल भारतीय निर्माताओं के लिए एक मंच है, बल्कि यह वैश्विक खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योग विशेषज्ञों को भी आकर्षित करता है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सहयोग के अवसर बढ़ते हैं।
नवाचार पर जोर: इस कार्यक्रम में वस्त्र उद्योग में हो रहे नवीनतम तकनीकी विकास और नवाचारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो इस क्षेत्र के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. भारत टेक्स-2025 का उद्घाटन कहाँ हुआ?
a. नई दिल्ली
b. मुंबई
c. ग्रेटर नोएडा
d. वाराणसी
17. भारत टेक्स-2025 का आयोजन किस महीने में हुआ?
a. जनवरी
b. मार्च
c. फरवरी
d. अप्रैल
18. वर्तमान में भारत के कपड़ा बाजार का आकार कितना है?
a. 150 बिलियन डॉलर
b. 200 बिलियन डॉलर
c. 176 बिलियन डॉलर
d. 350 बिलियन डॉलर
19. भारत टेक्स-2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. विदेशी निवेश आकर्षित करना
b. कपड़ा निर्यात बढ़ाना
c. भारत की कपड़ा विरासत और नवाचार को प्रदर्शित करना
d. नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करना
20. भारत टेक्स-2025 के आयोजन में किस मंत्रालय ने समर्थन दिया है?
a. वित्त मंत्रालय
b. वाणिज्य मंत्रालय
c. कपड़ा मंत्रालय
d. विदेश मंत्रालय
A5.
हिमाचल में हरित क्रांति: हाइड्रोजन का उदय
Green
Revolution in Himachal: The Rise of Hydrogen
ऐतिहासिक पहल: 5 फरवरी, 2025 को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख् ने सोलन जिले के दभोटा में उत्तर भारत के पहले 1 मेगावाट के ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखी। यह उत्तर भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट है, जो इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनाता है।
सहयोग: इस महत्वपूर्ण परियोजना को हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) ऑयल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से लगभग ₹9.04 करोड़ की अनुमानित लागत से विकसित कर रहा है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच एक सफल साझेदारी का उदाहरण है।
हरित ऊर्जा राज्य का लक्ष्य: यह पहल हिमाचल प्रदेश सरकार के मार्च 2026 तक भारत का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण के अनुरूप है। ग्रीन हाइड्रोजन इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
समझौता ज्ञापन: राज्य सरकार ने पहले ही 26 अप्रैल, 2023 को सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, भूतापीय ऊर्जा और संपीड़ित बायोगैस जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।
स्थान का चुनाव: विस्तृत साइट मूल्यांकन के बाद, प्लांट की स्थापना के लिए दभोटा में 4,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र चुना गया। यह चुनाव विभिन्न कारकों जैसे कनेक्टिविटी और संसाधन उपलब्धता को ध्यान में रखकर किया गया होगा।
उत्पादन प्रक्रिया: यह प्लांट इलेक्ट्रोलाइजर के रूप में क्षारीय पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड घोल का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर या पवन ऊर्जा) का उपयोग करेगा। यहां यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि प्लांट किस अक्षय ऊर्जा स्रोत का उपयोग करेगा - यह जानकारी लेख में नहीं दी गई है। इलेक्ट्रोलिसिस पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विद्युत धारा की मदद से विभाजित करने की प्रक्रिया है।
पर्यावरण के अनुकूल: यह विधि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी कम करती है, जो राज्य के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के प्रयासों का समर्थन करती है। ग्रीन हाइड्रोजन को 'ग्रीन' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके उत्पादन में जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं होता है।
उत्पादन क्षमता और जल उपयोग: 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ, इस प्लांट में प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए लगभग 13 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। इस पानी को ट्यूबवेल के माध्यम से भूमिगत जल स्रोतों से प्राप्त किया जाएगा। भूमिगत जल के उपयोग का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करना महत्वपूर्ण होगा।
वार्षिक उत्पादन: अनुमान है कि यह सुविधा सालाना लगभग 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। यह मात्रा विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए पर्याप्त हो सकती है।
संभावित उपयोग: उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे:
परिवहन (ईंधन सेल वाहनों में)
औद्योगिक प्रक्रियाएं (जैसे उर्वरक उत्पादन, इस्पात निर्माण)
बिजली उत्पादन (ईंधन कोशिकाओं के माध्यम से)
ऊर्जा भंडारण
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किस तिथि को दभोटा में ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखी?
a) 26 अप्रैल,
2023
b) 5 फरवरी,
2024
c) 5 फरवरी,
2025
d) मार्च,
2026
22. दभोटा में स्थापित होने वाला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट किस क्षमता का है?
a) 9.04 मेगावाट
b) 4000 वर्ग मीटर
c) 1 मेगावाट
d) 423 किलोग्राम
23. हिमाचल प्रदेश सरकार का लक्ष्य किस वर्ष तक भारत का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनना है?
a) 2023
b) 2024
c) 2025
d) 2026
24. ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इस प्लांट में किस प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा?
a) सौर ऊर्जा का प्रत्यक्ष उपयोग
b) थर्मल गैसीफिकेशन
c) इलेक्ट्रोलिसिस
d) बायोमास रूपांतरण
25. इस प्लांट की अनुमानित दैनिक ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता कितनी है?
a) 1,54,395 किलोग्राम
b) 13 लीटर
c) 4,000 वर्ग मीटर
d) 423 किलोग्राम
A6.
भारत ऊर्जा सप्ताह 2025: एक झलक
India
Energy Week 2025: A Glimpse
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित होने वाले तीसरे भारत ऊर्जा सप्ताह का वर्चुअली उद्घाटन किया।
उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित थे।
भारत ऊर्जा सप्ताह का तीसरा संस्करण 11 से 14 फरवरी, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
पहला भारत ऊर्जा सप्ताह 6 से 8 फरवरी, 2023 को कर्नाटक के बेंगलुरु में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।
भारत ऊर्जा सप्ताह का दूसरा संस्करण 6 से 9 फरवरी, 2024 के बीच गोवा में आयोजित किया गया था।
यह महत्वपूर्ण आयोजन भारतीय पेट्रोलियम उद्योग महासंघ (FIPI) और DMG इवेंट्स के संयुक्त प्रयासों से संभव हो पाता है।
इस पूरे कार्यक्रम को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।
अतिरिक्त जानकारी:
भारत ऊर्जा सप्ताह ऊर्जा के क्षेत्र में हितधारकों को एक साथ लाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें सरकार, उद्योग जगत के नेता, शिक्षाविद और अन्य विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत की ऊर्जा जरूरतों, चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श करना है।
यह स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।
यह प्रदर्शनी और सम्मेलनों का एक संयोजन होता है, जहाँ नवीनतम तकनीकों और नवाचारों को प्रदर्शित किया जाता है और महत्वपूर्ण नीतिगत चर्चाएँ होती हैं।
भारत जैसे विकासशील देश के लिए, जो तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग का सामना कर रहा है, यह आयोजन ऊर्जा आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. तीसरे भारत ऊर्जा सप्ताह का उद्घाटन कब किया गया था?
a. 6 फरवरी, 2023
b. 6 फरवरी, 2024
c. 11 फरवरी, 2025
d. 14 फरवरी, 2025
27. भारत ऊर्जा सप्ताह का पहला संस्करण किस शहर में आयोजित हुआ था?
a. नई दिल्ली
b. गोवा
c. बेंगलुरु
d. वाराणसी
28. वर्ष 2024 में भारत ऊर्जा सप्ताह का कौन सा संस्करण आयोजित किया गया था?
a. पहला
b. दूसरा
c. तीसरा
d. चौथा
29. भारत ऊर्जा सप्ताह का आयोजन संयुक्त रूप से किन संस्थाओं द्वारा किया जाता है?
a. नीति आयोग और ऊर्जा मंत्रालय
b. फिक्की और सीआईआई
c. भारतीय पेट्रोलियम उद्योग महासंघ (FIPI) और DMG इवेंट्स
d. ओएनजीसी और गेल
30. भारत ऊर्जा सप्ताह मुख्य रूप से किस क्षेत्र पर केंद्रित है?
a. कृषि
b. शिक्षा
c. ऊर्जा
d. स्वास्थ्य
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