14 August 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
- A1. ऑपरेशन हॉक: बच्चों की सुरक्षा के लिए सीबीआई की बड़ी कार्रवाई
- A2. ऑपरेशन ओलिविया: कछुओं का रक्षक
- A3. विश्व बैंक की रिपोर्ट: भारत में गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट
- A4. भारत का बढ़ता कद: मानव विकास सूचकांक 2025
- A5. INS शारदा और मालदीव: हिंद महासागर में सहयोग का नया अध्याय
- A6. दुनिया का बढ़ता सैन्य खर्च: भारत की स्थिति और SIPRI की रिपोर्ट
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
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Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
ऑपरेशन हॉक:
बच्चों की सुरक्षा के लिए सीबीआई की बड़ी कार्रवाई
Operation
Hawk: CBI's Major Action for Child Safety
आज के डिजिटल युग में, जहाँ तकनीक हमारे जीवन को आसान बना रही है, वहीं इसके कुछ गंभीर खतरे भी हैं। ऑनलाइन बाल यौन शोषण (CSAM) उन्हीं खतरों में से एक है, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती है। इसी खतरे से निपटने के लिए, भारत की प्रमुख जाँच एजेंसी, केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसे 'ऑपरेशन हॉक' नाम दिया गया है।
यह कार्रवाई अमेरिका से प्राप्त इनपुट के आधार पर शुरू की गई थी, जिसके तहत सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों वाले एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन से मिली जानकारी के आधार पर, CBI ने एक व्यक्ति, शेख मुइज़ अहमद के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की है।
आइए इस मामले और इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को विस्तार से समझते हैं:
ऑपरेशन हॉक क्या है? यह सीबीआई द्वारा चलाया गया एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) के प्रसार और इससे जुड़े अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को समाप्त करना है।
किसके खिलाफ हुई कार्रवाई? इस ऑपरेशन के तहत, सीबीआई ने शेख मुइज़ अहमद नामक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और पोक्सो (POCSO) अधिनियम, 2012 के तहत मामला दर्ज किया है।
दर्ज की गई धाराएं:
भारतीय दंड संहिता की धारा 506: आपराधिक धमकी के लिए।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी: कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी के लिए।
पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 11 के साथ धारा 12: बच्चों का यौन उत्पीड़न और उत्पीड़न के प्रयास के लिए।
यह कार्रवाई क्यों महत्वपूर्ण है? यह कार्रवाई न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह दिखाता है कि भारत सरकार बच्चों के खिलाफ होने वाले किसी भी अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगी।
सीबीआई के पिछले ऑपरेशंस: सीबीआई ने पहले भी इस तरह के अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
ऑपरेशन 'कार्बन' (2021): ऑनलाइन बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों की जाँच के लिए चलाया गया।
ऑपरेशन 'मेघ चक्र' (2022): इंटरपोल
(Interpol) से प्राप्त इनपुट के आधार पर बच्चों के यौन शोषण से संबंधित एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया था।
अतिरिक्त जानकारी:
ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM): इसे बाल यौन शोषण सामग्री के रूप में भी जाना जाता है। यह किसी भी रूप में हो सकती है - फोटो, वीडियो या ऑडियो, जो बच्चों के यौन शोषण को दर्शाती है। इसका प्रसार एक गंभीर अपराध है।
पोक्सो (POCSO) अधिनियम, 2012: यह भारत में बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है।
A2.
ऑपरेशन ओलिविया: कछुओं का रक्षक
Operation
Olivia: A Lifeline for Sea Turtles
क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे देश की सीमा की रक्षा के साथ-साथ हमारी तटरक्षक सेना एक और महत्वपूर्ण काम करती है? यह है समुद्री जीवन को बचाना। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) का एक ऐसा ही वार्षिक मिशन है 'ऑपरेशन ओलिविया', जो लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं के संरक्षण के लिए चलाया जाता है।
एक ऐतिहासिक मिशन
शुरुआत: 1980 के दशक की शुरुआत में 'ऑपरेशन ओलिविया' को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य ओलिव रिडले कछुओं को उनके प्रजनन और घोंसला बनाने के मौसम में सुरक्षा प्रदान करना है।
प्रजनन का समय: नवंबर से दिसंबर के बीच, ये कछुए प्रजनन और घोंसला बनाने के लिए ओडिशा के तटों पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।
सुरक्षा के उपाय: ICG इस दौरान कड़ी निगरानी रखती है। इसमें गश्ती जहाजों और विमानों का उपयोग करके तटीय क्षेत्रों की हवाई निगरानी और पेट्रोलिंग शामिल है। साथ ही, तटरक्षक बल स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करता है ताकि कछुओं को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
2025 में एक बड़ी सफलता
फरवरी
2025 के दौरान, 'ऑपरेशन ओलिविया' ने ओडिशा में रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इस मिशन की मदद से 6.98 लाख से अधिक ओलिव रिडले कछुओं को सुरक्षित रूप से घोंसला बनाने में मदद मिली। यह संख्या इन कछुओं के सामूहिक घोंसला बनाने (mass nesting) का एक नया रिकॉर्ड है और यह ICG के लगातार प्रयासों का प्रमाण है।
ओलिव रिडले कछुओं के बारे में कुछ और बातें
सबसे छोटे समुद्री कछुए: ओलिव रिडले कछुए दुनिया के सबसे छोटे और सबसे अधिक पाए जाने वाले समुद्री कछुओं में से एक हैं।
सामूहिक घोंसला बनाना (अरिबादा): इन कछुओं की सबसे खास बात इनका सामूहिक घोंसला बनाना है, जिसे 'अरिबादा' (Arribada) कहते हैं। इस दौरान लाखों मादा कछुए एक साथ रेत पर अंडे देने के लिए आती हैं। ओडिशा में, गहिरमाथा, देवी नदी का मुहाना और रुशिकुल्या नदी का मुहाना जैसे स्थान इस अनूठी घटना के लिए प्रसिद्ध हैं।
संरक्षण की स्थिति: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में इन्हें 'असुरक्षित' (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है। इनकी सुरक्षा के लिए दुनिया भर में प्रयास किए जा रहे हैं।
A3.
विश्व बैंक की रिपोर्ट: भारत में गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट
World
Bank Report: Historic Decline in Poverty in India
विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट, "गरीबी और समानता संक्षिप्त विवरण" के अनुसार, भारत ने पिछले एक दशक में गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। यह रिपोर्ट भारत की आर्थिक प्रगति और सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता का एक सशक्त प्रमाण है। आइए, इस ऐतिहासिक उपलब्धि के कुछ प्रमुख बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैं:
करोड़ों लोगों को गरीबी से मुक्ति: वर्ष
2011-12 से 2022-23 के बीच भारत ने 171 मिलियन (17.1 करोड़) लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है। यह दर्शाता है कि पिछले एक दशक में भारत ने गरीबी के खिलाफ एक सफल जंग लड़ी है।
गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट: रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक गरीबी, जिसे प्रतिदिन $2.15 (लगभग ₹180) से कम पर जीवन यापन करने के रूप में परिभाषित किया जाता है, 2011-12 में 16.2% से घटकर 2022-23 में 2.3% रह गई है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समानता: ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 18.4% से घटकर 2.8% और शहरी क्षेत्रों में 10.7% से घटकर 1.1% हो गई। इससे ग्रामीण-शहरी गरीबी का अंतर 7.7% से घटकर 1.7% रह गया है। यह दर्शाता है कि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँच रहा है।
प्रमुख राज्यों का योगदान: गरीबी में कुल गिरावट का दो-तिहाई हिस्सा 5 राज्यों से आया है: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश। इन राज्यों में गरीबी में कमी से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बदलाव आया है।
बहुआयामी गरीबी में कमी: विश्व बैंक का बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI), जो स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे गैर-मौद्रिक कारकों को मापता है, 2005-06 में 53.8% से घटकर 2019-21 तक 16.4% हो गया है। यह दर्शाता है कि भारत में न केवल आय-आधारित गरीबी, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं में भी सुधार हुआ है।
निम्न-मध्यम-आय वर्ग (LMIC) में परिवर्तन: भारत अब निम्न-मध्यम-आय वर्ग (LMIC) के देशों में शामिल हो गया है। $3.65 (लगभग ₹300) प्रतिदिन की LMIC गरीबी रेखा का उपयोग करते हुए, गरीबी 61.8% से घटकर 28.1% हो गई, जिससे 378 मिलियन (37.8 करोड़) लोग गरीबी से बाहर आ गए। यह भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत का प्रतीक है।
अतिरिक्त जानकारी:
गरीबी रेखा की परिभाषा: विश्व बैंक विभिन्न गरीबी रेखाओं का उपयोग करता है। अत्यधिक गरीबी के लिए $2.15 प्रतिदिन की रेखा का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, निम्न-मध्यम-आय वाले देशों के लिए $3.65 और उच्च-मध्यम-आय वाले देशों के लिए $6.85 की रेखा का उपयोग होता है।
भारत के प्रयास: इस सफलता के पीछे भारत सरकार की कई योजनाएँ और नीतियाँ हैं, जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री आवास योजना, और स्वच्छ भारत मिशन। इन योजनाओं ने गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
A4.
भारत का बढ़ता कद: मानव विकास सूचकांक 2025
India's
Rising Stature: Human Development Index 2025
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी मानव विकास रिपोर्ट, 2025 के अनुसार, भारत ने मानव विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत ने वर्ष 2023 में 193 देशों में से 130वें स्थान पर पहुँचकर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, जो वर्ष 2022 की 133वीं रैंकिंग से तीन पायदान ऊपर है। यह उपलब्धि भारत के सतत विकास प्रयासों का परिणाम है।
मुख्य बिंदु:
रैंकिंग में सुधार: भारत ने 2022 की 133वीं रैंक से सुधार कर 2023 में 130वीं रैंक हासिल की है। यह सुधार दर्शा रहा है कि भारत अपने नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत है।
HDI मान में वृद्धि: भारत का मानव विकास सूचकांक (HDI) मान 2022 में 0.676 से बढ़कर 2023 में 0.685 हो गया है। भारत "मध्यम मानव विकास" श्रेणी में बना हुआ है और "उच्च मानव विकास" (HDI ≥ 0.700) की श्रेणी के करीब पहुँच रहा है।
रिपोर्ट का विषय: इस वर्ष की रिपोर्ट का विषय "पसंद का मामला: एआई के युग में लोग और संभावनाएँ" है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते प्रभाव और मानव विकास पर उसके संभावित असर पर केंद्रित है।
लैंगिक समानता में प्रगति: भारत ने लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) में भी सुधार किया है। 2022 में 166 देशों में से 108वें स्थान से यह 2023 में 193 देशों में से 102वें स्थान पर पहुँच गया है। भारत का लिंग विकास सूचकांक (GDI) 0.874 है।
पड़ोसी देशों के साथ तुलना:
भारत बांग्लादेश के साथ 130वें स्थान पर है।
नेपाल 145वें स्थान पर है।
भूटान 125वें स्थान पर है।
पाकिस्तान 164वें से 168वें स्थान पर गिर गया, जबकि अफ़गानिस्तान 181वें स्थान पर है। ये दोनों देश निम्न मानव विकास श्रेणी में आते हैं।
चीन
(78) और श्रीलंका (89) उच्च मानव विकास श्रेणी में बने हुए हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
मानव विकास सूचकांक क्या है? मानव विकास सूचकांक (HDI) एक संयुक्त सांख्यिकीय सूचकांक है जिसका उपयोग किसी देश में जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय जैसे कारकों को मिलाकर मानव विकास को मापने के लिए किया जाता है। यह किसी राष्ट्र के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण पैमाना है।
उच्च मानव विकास: जिन देशों का HDI मान 0.700 या उससे अधिक होता है, उन्हें उच्च मानव विकास श्रेणी में रखा जाता है।
लैंगिक असमानता सूचकांक (GII): GII महिलाओं के स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार में भागीदारी के आधार पर लैंगिक असमानता को मापता है।
A5.
INS
शारदा और मालदीव: हिंद महासागर में सहयोग का नया अध्याय
INS
Sharda and Maldives: A New Chapter in Indian Ocean Cooperation
हाल ही में, भारत और मालदीव ने एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेकर हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी साझेदारी को और मजबूत किया है। इस संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास में भारतीय नौसेना का पोत INS शारदा शामिल हुआ, जो 4 मई, 2025 को मालदीव के माफ़ीलाफ़ुशी एटोल पहुंचा। यह अभ्यास 10 मई तक चला, जिसमें मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के साथ मिलकर आपदा की स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियों का परीक्षण किया गया।
इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को गहरा करने और आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अभ्यास न केवल एक-दूसरे की क्षमताओं को समझने का मौका देता है, बल्कि समन्वय और संचार को भी बेहतर बनाता है, जो वास्तविक आपदा की स्थिति में बेहद जरूरी होता है।
अभ्यास के प्रमुख बिंदु:
अभ्यास का उद्देश्य: यह अभ्यास मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों पर केंद्रित था, जिसका लक्ष्य आपदा के समय प्रभावी ढंग से राहत पहुंचाना और जीवन बचाना था।
प्रतिभागी: भारतीय नौसेना का जहाज INS शारदा और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) ने मिलकर इस अभ्यास में हिस्सा लिया।
महत्वपूर्ण स्थान: अभ्यास मालदीव के माफ़ीलाफ़ुशी एटोल में आयोजित किया गया, जो दोनों देशों के बीच भौगोलिक निकटता और रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
रणनीतिक महत्व: यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की 'सागर' (Security and Growth for
All in the Region) नीति के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के सभी देशों के लिए सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना है।
A6.
दुनिया का बढ़ता सैन्य खर्च: भारत की स्थिति और
SIPRI की रिपोर्ट
English:
Global Military Spending on the Rise: India's Position and the SIPRI Report
क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में सैन्य खर्च लगातार बढ़ रहा है? स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट 'ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर, 2024' हमें इसी विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी देती है। आइए, इस रिपोर्ट की मुख्य बातों को सरल और रोचक तरीके से समझते हैं।
वैश्विक सैन्य खर्च में रिकॉर्ड वृद्धि
27 अप्रैल,
2025 को जारी SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक सैन्य खर्च में वास्तविक रूप से 9.4% की चौंका देने वाली वृद्धि हुई है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है! इस खर्च का एक बड़ा हिस्सा (60%) दुनिया के शीर्ष 5 सबसे बड़े खर्च करने वाले देशों द्वारा किया गया, जिनका कुल संयुक्त व्यय $1,635 बिलियन था। यह दर्शाता है कि कुछ ही देश दुनिया के सैन्य खर्च का एक बड़ा हिस्सा उठा रहे हैं।
भारत की स्थिति: शीर्ष 5 में शामिल
भारत के लिए यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने लाती है। भारत सैन्य खर्च के मामले में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बन गया है। 2024 में भारत का सैन्य खर्च 1.6% बढ़कर $86.1 बिलियन हो गया। यह आंकड़ा पाकिस्तान के सैन्य खर्च से 9 गुना अधिक है, जो $10 बिलियन के साथ 29वें स्थान पर है। यह भारत की बढ़ती रणनीतिक और रक्षात्मक जरूरतों को दर्शाता है।
दुनिया के शीर्ष 10 सबसे बड़े सैन्य खर्च करने वाले देश (2024)
SIPRI की रिपोर्ट में शीर्ष 10 देशों की सूची दी गई है, जो इस प्रकार है:
1. यूएसए: $997 बिलियन
2. चीन: $314 बिलियन
3. रूस: $149 बिलियन
4. जर्मनी: $88 बिलियन
5. भारत: $86 बिलियन
6. यूनाइटेड किंगडम (UK): $82 बिलियन (लेख में 'पूके' शब्द त्रुटिपूर्ण था, नाम यूनाइटेड किंगडम है)
7. सऊदी अरब: $80 बिलियन
8. यूक्रेन: $65 बिलियन
9. फ्रांस: $65 बिलियन
10. जापान:
$55 बिलियन
अतिरिक्त जानकारी: SIPRI और इसका महत्व
SIPRI एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर शोध करता है। 1966 में स्थापित, यह दुनिया भर के नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और जनता को डेटा, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है। SIPRI की वार्षिक रिपोर्टें वैश्विक सुरक्षा स्थिति को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।
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