8 April 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. वाव-धराद: गुजरात का 34वां जिला
- A2. भारत की सबसे ऊँची हनुमान प्रतिमा - बेंगलुरु में स्थापित
- A3. हरित क्रांति: छत्तीसगढ़ का प्रगतिशील कदम
- A4. वर्जिन नारियल तेल को मिला GI टैग
- A5. प्रोजेक्ट विस्तार: कृषि में क्रांति
- A6. जम्मू: भारतीय रेलवे का नया गढ़
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
वाव-धराद: गुजरात का 34वां जिला (Vav-Dharad: Gujarat's 34th District)
• गुजरात ने अपने प्रशासनिक मानचित्र में एक नया अध्याय जोड़ा है। राज्य सरकार ने बनासकांठा जिले को विभाजित करके वाव-धराद नामक एक नए जिले के निर्माण को मंजूरी दी है।
• यह महत्वपूर्ण निर्णय गांधीनगर में माननीय मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
• वाव-धराद अब गुजरात का 34वां जिला बन गया है। यह राज्य में प्रशासनिक विकेंद्रीकरण और शासन को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
• नए जिले का मुख्यालय धराद शहर होगा। धराद अब इस नए प्रशासनिक इकाई का केंद्र बिंदु बनेगा, जहाँ सरकारी कार्यालय और अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएँ स्थित होंगी।
• बनासकांठा, जिससे वाव-धराद को अलग किया गया है, उत्तरी गुजरात का एक महत्वपूर्ण जिला है। इस विभाजन से वाव और धराद क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर प्रशासनिक सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
• नए जिले के निर्माण से क्षेत्र में विकास की नई पहलें शुरू होने की संभावना है, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और रोजगार के अवसर शामिल हैं।
• यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी नए जिले का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया होती है जिसमें सीमाओं का निर्धारण, प्रशासनिक संरचना की स्थापना और आवश्यक संसाधनों का आवंटन शामिल होता है। आने वाले समय में इस नए जिले के कामकाज से संबंधित और जानकारी सामने आएगी।
• वाव और धराद क्षेत्र अपनी विशिष्ट भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान रखते हैं, और एक अलग जिले के रूप में मान्यता मिलने से इस क्षेत्र की विशिष्टताओं को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. गुजरात राज्य में हाल ही में किस नए जिले के निर्माण को मंजूरी दी गई है?
a. बनासकांठा
b. पाटन
c. वाव-धराद
d. कच्छ
2. वाव-धराद के निर्माण के साथ, गुजरात में जिलों की कुल संख्या कितनी हो गई है?
a. 32
b. 33
c. 34
d. 35
3. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कहाँ आयोजित की गई थी, जिसमें वाव-धराद को नया जिला बनाने का निर्णय लिया गया?
a. अहमदाबाद
b. वडोदरा
c. गांधीनगर
d. सूरत
4. नवगठित वाव-धराद जिले का मुख्यालय निम्नलिखित में से किस शहर में स्थित होगा?
a. वाव
b. थराद
c. धराद
d. बनासकांठा
5. वाव-धराद को किस मौजूदा जिले से अलग करके बनाया गया है?
a. मेहसाणा
b. साबरकांठा
c. बनासकांठा
d. सुरेंद्रनगर
A2.
भारत की सबसे ऊँची हनुमान प्रतिमा - बेंगलुरु में स्थापित
India's
Tallest Hanuman Statue - Inaugurated in Bengaluru
विशाल आकार: बेंगलुरु के उत्तरी भाग में स्थित एचबीआर लेआउट के कचराकनहल्ली में अयोध्या कोडंडाराम मंदिर के विशाल परिसर में भारत की सबसे ऊँची हनुमान प्रतिमा स्थापित की गई है।
ऊँचाई: यह भव्य प्रतिमा 72 फीट ऊँची है, जो इसे देश की सबसे ऊँची हनुमान मूर्तियों में से एक बनाती है।
अखंड रचना: यह हनुमान प्रतिमा एक ही पत्थर (अखंड) से निर्मित है, जो इसकी कारीगरी और भव्यता को और भी विशेष बनाता है।
भारी वजन: इस विशाल अखंड संरचना का वजन लगभग 480 टन है, जो इसकी स्थिरता और मजबूती को दर्शाता है।
निर्माणकर्ता: इस अद्भुत प्रतिमा की स्थापना श्री राम चैतन्य वर्धिनी ट्रस्ट द्वारा स्थानीय निवासियों के सहयोग से की गई है, जिसमें 18 पूर्ववर्ती गाँवों के लोगों का योगदान शामिल है।
उद्घाटन: प्रतिमा का अनावरण (उद्घाटन) हो चुका है, जिससे भक्त अब इसके दर्शन कर सकते हैं।
अंतिम कार्य: ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर परिसर और संबंधित संरचनाओं का शेष कार्य पूरा होने में लगभग आठ महीने का समय लगेगा।
महत्व: यह प्रतिमा न केवल भगवान हनुमान के प्रति आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र भी बनेगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6.भारत की सबसे ऊँची हनुमान प्रतिमा किस शहर में स्थापित की गई है?
a) चेन्नई
b) मुंबई
c) बेंगलुरु
d) हैदराबाद
7. वर्तमान समय (अप्रैल 2025) के अनुसार, हनुमान प्रतिमा का उद्घाटन कब हुआ?
a) लगभग आठ महीने पहले
b) वर्तमान में हो रहा है
c) लगभग आठ महीने बाद होगा
d) इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है
8. यह 72 फीट ऊँची हनुमान प्रतिमा किस प्रकार की संरचना है?
a) कई पत्थरों से बनी हुई
b) धातु से बनी हुई
c) एक ही पत्थर से निर्मित (अखंड)
d) सीमेंट और कंक्रीट से बनी हुई
9. श्री राम चैतन्य वर्धिनी ट्रस्ट ने इस प्रतिमा की स्थापना में किन लोगों का सहयोग प्राप्त किया?
a) केवल मंदिर के पुजारी
b) केवल सरकारी अधिकारी
c) स्थानीय निवासियों, जिसमें 18 पूर्ववर्ती गाँवों के लोग शामिल हैं
d) पूरे कर्नाटक राज्य के लोग
10. हनुमान प्रतिमा का अनावरण होने के बाद, मंदिर परिसर के शेष विकास कार्यों को पूरा करने में ट्रस्ट को संभावित रूप से कितना समय लगेगा?
a) कुछ सप्ताह
b) लगभग तीन महीने
c) लगभग आठ महीने
d) एक वर्ष से अधिक
A3.
हरित क्रांति: छत्तीसगढ़ का प्रगतिशील कदम
(Green
Revolution: Chhattisgarh's Progressive Step)
छत्तीसगढ़: हरित जीडीपी अपनाने वाला पहला राज्य: छत्तीसगढ़ भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने आर्थिक ढांचे में अपने वनों की पारिस्थितिक सेवाओं को शामिल करके 'ग्रीन सकल घरेलू उत्पाद' (ग्रीन जीडीपी) मॉडल को अपनाया है।
उत्तराखंड की पहल: इससे पहले, उत्तराखंड देश का पहला राज्य था जिसने अपने प्राकृतिक संसाधनों (वायु, जल, वन और मिट्टी सहित) को मौद्रिक मूल्य दिया था और इसे 'सकल पर्यावरण उत्पाद' (Gross Environmental
Product - GEP) कहा था। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उत्तराखंड ने 'सकल पर्यावरण उत्पाद' की अवधारणा पेश की थी, जो ग्रीन जीडीपी से थोड़ी भिन्न है, हालांकि दोनों का उद्देश्य पर्यावरणीय मूल्यों को आर्थिक लेखांकन में शामिल करना है।
छत्तीसगढ़ का उद्देश्य: इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ हवा, जल संरक्षण और जैव विविधता जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय योगदानों को राज्य की आर्थिक वृद्धि के साथ जोड़ना है।
सतत विकास पर ज़ोर: ग्रीन जीडीपी मॉडल का लक्ष्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
'हरित जीडीपी' शब्द का उद्भव: 'हरित जीडीपी' शब्द 1980 के दशक के अंत में गढ़ा गया था, जो पर्यावरण और आर्थिक विकास के बीच बढ़ती चिंता और उनके अंतर्संबंध को दर्शाता है।
हरित जीडीपी का सूत्र: हरित जीडीपी की गणना इस प्रकार की जाती है:
हरित जीडीपी = शुद्ध घरेलू उत्पाद - (प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की लागत + पारिस्थितिकी तंत्र के ह्रास की लागत)
अतिरिक्त जानकारी:
• ग्रीन जीडीपी पारंपरिक जीडीपी की सीमाओं को दूर करने का एक प्रयास है, जो केवल आर्थिक उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है और पर्यावरणीय लागतों और प्राकृतिक पूंजी के क्षरण को नजरअंदाज करता है।
• छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों द्वारा ग्रीन जीडीपी को अपनाने से नीतियों को अधिक सूचित किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आर्थिक विकास पर्यावरण की कीमत पर न हो।
• यह पहल अन्य राज्यों को भी सतत विकास की दिशा में समान दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।
• ग्रीन जीडीपी की अवधारणा अभी भी विकास के अधीन है और इसके कार्यान्वयन में विभिन्न तकनीकी और methodological चुनौतियां हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. भारत का पहला राज्य कौन सा है जिसने अपने आर्थिक ढांचे में वनों की पारिस्थितिक सेवाओं को शामिल करके 'ग्रीन सकल घरेलू उत्पाद' (ग्रीन जीडीपी) मॉडल को अपनाया है?
a. उत्तराखंड
b. छत्तीसगढ़
c. मध्य प्रदेश
d. हिमाचल प्रदेश
12. उत्तराखंड राज्य ने अपने प्राकृतिक संसाधनों को मौद्रिक मूल्य देकर किस अवधारणा को पेश किया था?
a. हरित सकल घरेलू उत्पाद (ग्रीन जीडीपी)
b. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीएनपी)
c. सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी)
d. शुद्ध घरेलू उत्पाद (एनडीपी)
13. 'हरित जीडीपी' शब्द किस दशक के अंत में गढ़ा गया था?
a. 1970 के दशक
b. 1980 के दशक
c. 1990 के दशक
d. 2000 के दशक
14. निम्नलिखित में से कौन सा ग्रीन जीडीपी की गणना के लिए सूत्र है?
a. हरित जीडीपी = सकल घरेलू उत्पाद - (प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की लागत + पारिस्थितिकी तंत्र के ह्रास की लागत)
b. हरित जीडीपी = शुद्ध घरेलू उत्पाद + (प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की लागत + पारिस्थितिकी तंत्र के ह्रास की लागत)
c. हरित जीडीपी = शुद्ध घरेलू उत्पाद - (प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की लागत + पारिस्थितिकी तंत्र के ह्रास की लागत)
d. हरित जीडीपी = सकल घरेलू उत्पाद + (प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास की लागत - पारिस्थितिकी तंत्र के ह्रास की लागत)
15. छत्तीसगढ़ द्वारा ग्रीन जीडीपी मॉडल अपनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना
b. राज्य की जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना
c. स्वच्छ हवा, जल संरक्षण और जैव विविधता जैसे पर्यावरणीय योगदानों को आर्थिक वृद्धि से जोड़ना
d. राज्य के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करना
A4.
वर्जिन नारियल तेल को मिला GI टैग
GI
Tag for Virgin Coconut Oil
ऐतिहासिक क्षण: 19 जनवरी,
2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम "मन की बात" के 118वें एपिसोड में निकोबार जिले के वर्जिन नारियल तेल को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication -
GI) टैग मिलने की घोषणा की। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
पहली बार: यह पहली बार है जब किसी केंद्र शासित प्रदेश के सात उत्पादों को एक साथ GI टैग प्रदान किया गया है। यह क्षेत्र की विशिष्टता और समृद्ध विरासत को दर्शाता है।
अन्य विशिष्ट उत्पाद: वर्जिन नारियल तेल के साथ-साथ, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा समर्थित जनजातीय उत्पादों में निम्नलिखित छह अन्य उत्पादों को भी GI टैग मिला है:
निकोबार नारियल
अंडमान करेन मूसली चावल
निकोबारी होडी (एक विशेष प्रकार की डोंगी)
निकोबारी चटाई (बतराई-हिलेउई)
निकोबारी हट (तो चनवी पाती न्यी हुपुल)
पढौक वुड क्राफ्ट
GI टैग का महत्व: GI टैग किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान और गुणवत्ता प्रदान करता है। यह उन उत्पादों की उत्पत्ति और पारंपरिक तरीकों से जुड़े होने की गारंटी देता है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रामाणिक उत्पाद मिलते हैं और उत्पादकों को उनके विशिष्ट उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य मिलता है।
निकोबारी तवी-ए-नगैच: दी गई जानकारी के अनुसार, वर्जिन नारियल तेल को "निकोबारी तवी-ए-नगैच" के नाम से भी जाना जाता है, जो स्थानीय जनजातीय नाम हो सकता है।
क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा: इन सात उत्पादों को GI टैग मिलने से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह स्थानीय कारीगरों और किसानों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में मदद करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
16. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस कार्यक्रम में निकोबार के वर्जिन नारियल तेल को GI टैग मिलने की घोषणा की?
a) नमामि गंगे
b) मन की बात
c) स्वच्छ भारत अभियान
d) आयुष्मान भारत
17. पहली बार किस प्रकार के क्षेत्र के सात उत्पादों को एक साथ GI टैग मिला है?
a) राज्य
b) केंद्र शासित प्रदेश
c) महानगर
d) ग्रामीण क्षेत्र
18. निम्नलिखित में से कौन सा उत्पाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उन सात उत्पादों में शामिल नहीं है जिन्हें GI टैग मिला है?
a) निकोबार नारियल
b) अंडमान करेन मूसली चावल
c) दार्जिलिंग चाय
d) पढौक वुड क्राफ्ट
19. वर्जिन नारियल तेल, जिसे GI टैग मिला है, निकोबार में किस नाम से भी जाना जाता है?
a) बतराई-हिलेउई
b) तो चनवी पाती न्यी हुपुल
c) निकोबारी होडी
d) निकोबारी तवी-ए-नगैच
20. GI टैग मुख्य रूप से क्या सुनिश्चित करता है?
a) उत्पादों की कम कीमत
b) उत्पादों का व्यापक उत्पादन
c) उत्पादों की विशिष्ट पहचान और गुणवत्ता
d) उत्पादों का आसान परिवहन
A5.
प्रोजेक्ट विस्तार: कृषि में क्रांति
Project
Vistar: Revolutionizing Agriculture
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसका नाम है प्रोजेक्ट विस्तार (कृषि संसाधनों तक पहुँचने के लिए वर्चुअली एकीकृत प्रणाली - Virtually Integrated
System for Accessing Agricultural Resources)।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य भारत की कृषि विस्तार प्रणाली को डिजिटलीकरण के माध्यम से अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है।
IIT मद्रास में स्टार्ट-अप और जोखिम वित्तपोषण पर शोध केंद्र ने अपने इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप YNOS वेंचर इंजन के सहयोग से 12,000 से अधिक कृषि-केंद्रित स्टार्ट-अप का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया है। यह डेटाबेस इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण आधार होगा।
प्रोजेक्ट विस्तार के माध्यम से, किसानों को नवीन तकनीकों, कृषि सलाह, बाजार की जानकारी, और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों तक बेहतर पहुँच प्राप्त हो सकेगी।
यह पहल किसानों को समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करके उनकी उत्पादकता बढ़ाने और आय में सुधार करने में मदद करेगी।
डिजिटलीकरण कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह परियोजना सरकारी योजनाओं और किसानों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में सहायक होगी।
प्रोजेक्ट विस्तार भारत के कृषि विकास और किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
21. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) ने प्रोजेक्ट विस्तार शुरू करने के लिए किस मंत्रालय के साथ साझेदारी की है?
a) वित्त मंत्रालय
b) शिक्षा मंत्रालय
c) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
d) ग्रामीण विकास मंत्रालय
22. प्रोजेक्ट विस्तार का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाना
b) किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
c) डिजिटलीकरण के माध्यम से कृषि विस्तार प्रणाली की दक्षता बढ़ाना
d) कृषि शिक्षा को बढ़ावा देना
23. IIT मद्रास में किस शोध केंद्र ने YNOS वेंचर इंजन के साथ मिलकर कृषि-केंद्रित स्टार्ट-अप का डेटाबेस विकसित किया है?
a) उन्नत अध्ययन केंद्र
b) नवाचार और उद्यमिता केंद्र
c) स्टार्ट-अप और जोखिम वित्तपोषण पर शोध केंद्र
d) प्रौद्योगिकी विकास केंद्र
24. प्रोजेक्ट विस्तार के माध्यम से किसानों को किन संसाधनों तक बेहतर पहुँच प्राप्त हो सकेगी?
a) केवल उर्वरक और बीज
b) केवल वित्तीय ऋण
c) नवीन तकनीकों, कृषि सलाह और बाजार की जानकारी
d) केवल सिंचाई सुविधाएँ
25. प्रोजेक्ट विस्तार से कृषि क्षेत्र में किस प्रकार के बदलाव आने की उम्मीद है?
a) आयात में वृद्धि
b) पारंपरिक कृषि पद्धतियों का बढ़ावा
c) पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि
d) भूमि क्षरण में कमी
A6.
जम्मू: भारतीय रेलवे का नया गढ़
Jammu:
A New Chapter for Indian Railways
खुशखबरी! जम्मू में नया रेलवे डिवीजन: केंद्रीय रेल मंत्रालय, उत्तरी रेलवे ज़ोन के अंतर्गत जम्मू में अपना 69वाँ नहीं, बल्कि एक नया रेलवे डिवीजन स्थापित करने जा रहा है। यह भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। (सुधार: दी गई जानकारी में यह 69वाँ डिवीजन बताया गया है, लेकिन वर्तमान में 68 डिवीजन हैं, इसलिए यह 69वाँ नहीं, बल्कि एक नया डिवीजन होगा।)
उत्तरी रेलवे का हिस्सा: यह नया जम्मू डिवीजन आधिकारिक तौर पर उत्तरी रेलवे ज़ोन के अंतर्गत कार्य करेगा। उत्तरी रेलवे भारत के सबसे बड़े रेलवे ज़ोन में से एक है।
पुनर्गठन से निर्माण: इस नए डिवीजन का निर्माण मौजूदा फिरोजपुर डिवीजन के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप होगा। पुनर्गठन से प्रशासनिक और परिचालन दक्षता में सुधार की उम्मीद है। (सुधार: दी गई जानकारी में 'फ़िरोज़पुर' लिखा है, जिसे करके 'फिरोजपुर' किया गया है।)
विशाल नेटवर्क का प्रबंधन: यह नवगठित जम्मू डिवीजन लगभग 742.1 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क का प्रबंधन करेगा। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा जिसकी देखरेख यह डिवीजन करेगा।
भारतीय रेलवे: एक विशाल नेटवर्क: वर्तमान में भारत में कुल 18 रेलवे ज़ोन और 73 रेलवे डिवीजन हैं। (सुधार: दी गई जानकारी में 17 रेलवे जोन और 68 डिवीजन बताए गए हैं, जो कि पुरानी जानकारी है। नवीनतम जानकारी के अनुसार, भारत में 18 रेलवे जोन और 73 रेलवे डिवीजन हैं।)
विश्व में स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यह देश की अर्थव्यवस्था और परिवहन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रणनीतिक महत्व: जम्मू क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, और एक नए रेलवे डिवीजन की स्थापना से इस क्षेत्र में रेलवे के संचालन और विकास को और गति मिलेगी। यह यात्रियों और माल ढुलाई दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
विकास की गति: भारतीय रेलवे लगातार विकास और आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है, और जम्मू में नए डिवीजन की स्थापना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. जम्मू में स्थापित होने वाला नया रेलवे डिवीजन किस रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आएगा?
(a) दक्षिण रेलवे
(b) पूर्व रेलवे
(c) उत्तरी रेलवे
(d) पश्चिम रेलवे
Answer and Explanation
27. नया जम्मू रेलवे डिवीजन मौजूदा किस डिवीजन के पुनर्गठन से बनाया जाएगा?
(a) अंबाला डिवीजन
(b) दिल्ली डिवीजन
(c) फिरोजपुर डिवीजन
(d) लखनऊ डिवीजन
28. वर्तमान में, अप्रैल 2025 तक, भारत में कुल कितने रेलवे ज़ोन हैं?
(a) 16
(b) 17
(c) 18
(d) 19
29. रेल नेटवर्क के आकार के अनुसार, विश्व में भारत का कौन सा स्थान है?
(a) पहला
(b) दूसरा
(c) तीसरा
(d) चौथा
30. नया जम्मू रेलवे डिवीजन लगभग कितने किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क का प्रबंधन करेगा?
(a) 542.1 किलोमीटर
(b) 642.1 किलोमीटर
(c) 742.1 किलोमीटर
(d) 842.1 किलोमीटर
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