12 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. पौधों के लिए एक नया खतरा
- A2. क्वांटम छलांग: माइक्रोसॉफ्ट का मेजराना 1
- A3. नीला भूत: चंद्रमा की ओर एक नया कदम
- A4. ग्रोक 3: एआई की दुनिया में एक नया सितारा
- A5. कैंसर से लड़ाई में नया हथियार
- A6. बेंनू की खोज: पृथ्वी पर जीवन का रहस्य!
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
पौधों के लिए एक नया खतरा
A
New Threat to Plants
हाल ही में, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं ने क्रिसोपोगोन जिज़ानियोइड्स, जिसे आमतौर पर वेटिवर या खस के नाम से जाना जाता है, में उभरते हुए लीफ स्पॉट रोग से जुड़े एक नए फाइटोपैथोजेनिक कवक की खोज की है।
इस नई कवक प्रजाति को एपिकोकम इंडिकमनाम दिया गया है। यह एस्कोमाइकोटा फाइलम और डिडिमेलेसी परिवार से संबंधित है।
यह खोज बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र सिंह और उनके शोधार्थी सौम्यदीप राजवार की टीम द्वारा की गई है।
प्रजाति का नाम 'इंडिकम' भारत को संदर्भित करता है, क्योंकि इसी देश में इसकी खोज हुई थी।
फाइटोपैथोजेनिक कवक ऐसे सूक्ष्मजीव होते हैं जो पौधों में रोग पैदा करते हैं। ये कृषि और बागवानी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान का कारण बन सकते हैं।
अनुमान है कि पौधों की लगभग 70-80% बीमारियाँ विभिन्न प्रकार के फाइटोपैथोजेनिक कवक के कारण होती हैं।
एपिकोकमजीनस में विभिन्न प्रकार के कवक शामिल हैं, जिनमें से कुछ पौधों के रोगजनक के रूप में जाने जाते हैं, जबकि कुछ सैप्रोफाइट (मृत कार्बनिक पदार्थों पर जीवित रहने वाले) या एंडोफाइट (पौधों के ऊतकों के अंदर रहने वाले और आमतौर पर नुकसान न पहुंचाने वाले) के रूप में भी पाए जाते हैं। एपिकोकम इंडिकमकी खोज खस में एक नए रोगजनक के रूप में इसके संभावित प्रभावों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
खस (वेटिवर) एक महत्वपूर्ण पौधा है जिसका उपयोग इसके सुगंधित जड़ों के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग इत्र, पारंपरिक चिकित्सा और मिट्टी के कटाव को रोकने में होता है। इस नए रोगजनक का पता चलना इस महत्वपूर्ण फसल के प्रबंधन के लिए निहितार्थ रखता है।
इस नई प्रजाति की खोज आगे के शोध के लिए रास्ते खोलती है, जिसमें इसकी रोगजनकता का अध्ययन करना, रोग चक्र को समझना और इसके प्रबंधन के लिए रणनीतियाँ विकसित करना शामिल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. क्रिसोपोगोन जिज़ानियोइड्स में नए लीफ स्पॉट रोग से जुड़ा फाइटोपैथोजेनिक कवक हाल ही में किस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया है?
a) दिल्ली विश्वविद्यालय
b) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
c) इलाहाबाद विश्वविद्यालय
d) लखनऊ विश्वविद्यालय
2. खोजे गए नए फाइटोपैथोजेनिक कवक प्रजाति का वैज्ञानिक नाम क्या है?
a) फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम
b) अल्टरनेरिया अल्टरनाटा
c) एपिकोकम इंडिकम
d) पक्सीनिया ग्रेमिनिस
3. एपिकोकम इंडिकमकवक किस पौधे से जुड़ा हुआ पाया गया है?
a) धान (चावल)
b) गेहूँ
c) कपास
d) क्रिसोपोगोन जिज़ानियोइड्स (वेटिवर/खस)
4. पौधों की लगभग कितने प्रतिशत बीमारियाँ फाइटोपैथोजेनिक कवक के कारण होती हैं?
a) 20-30%
b) 40-50%
c) 70-80%
d) 90-100%
5. एपिकोकमजीनस के कुछ कवक पौधों में क्या भूमिका निभा सकते हैं?
a) केवल लाभकारी सूक्ष्मजीव
b) केवल रोगजनक
c) रोगजनक, सैप्रोफाइट या एंडोफाइट
d) केवल मिट्टी के पोषक तत्व
A2.
क्वांटम छलांग: माइक्रोसॉफ्ट का मेजराना 1
Quantum
Leap: Microsoft's Majorana 1
माइक्रोसॉफ्ट ने अपना पहला क्वांटम प्रोसेसर, मेजराना 1, का अनावरण किया है।
यह पारंपरिक क्वांटम चिप्स से अलग है क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन-आधारित क्यूबिट्स के बजाय मेजराना कणों का उपयोग करता है।
मेजराना 1 को एक नई प्रकार की सामग्री, जिसे टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर कहा जाता है, का उपयोग करके बनाया गया है। आपकी जानकारी में इसे "टोपोकंडक्टर" लिखा गया है, जिसका सही शब्द "टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर" है।
टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर एक ऐसी अवस्था बनाता है जो ठोस, तरल या गैस नहीं है, बल्कि एक "टोपोलॉजिकल अवस्था" है।
यह पदार्थ मेजराना कणों के निर्माण और नियंत्रण को संभव बनाता है। मेजराना कण ऐसे विशेष कण हैं जो स्वाभाविक रूप से मौजूद नहीं होते हैं, लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में बनाए जा सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि मेजराना 1 इतना शक्तिशाली है कि इसे एक मिलियन क्यूबिट्स तक बढ़ाया जा सकता है।
एक मिलियन क्यूबिट वाला क्वांटम कंप्यूटर आज के सभी सुपरकंप्यूटरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हो सकता है।
मेजराना 1 में टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स का उपयोग किया गया है, जो हार्डवेयर स्तर पर त्रुटि प्रतिरोध प्रदान करते हैं।
यह दृष्टिकोण अन्य क्वांटम चिप्स की तुलना में बेहतर स्थिरता, तेज़ प्रसंस्करण और आसान मापनीयता प्रदान कर सकता है, क्योंकि इसमें त्रुटि सुधार के लिए कम अतिरिक्त तंत्र की आवश्यकता होती है।
अधिकांश अन्य क्वांटम प्रोसेसर (जैसे Google, Intel और IBM द्वारा विकसित) इलेक्ट्रॉन या सुपरकंडक्टिंग सर्किट पर आधारित क्यूबिट्स का उपयोग करते हैं, जिन्हें मज़बूती से काम करने के लिए जटिल त्रुटि सुधार की आवश्यकता होती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
6. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा हाल ही में अनावरण किए गए पहले क्वांटम प्रोसेसर का नाम क्या है?
a) टाइटन
b) मेजराना 1
c) क्वांटम एक्स
d) सुपरनोवा
7. मेजराना 1 पारंपरिक क्वांटम चिप्स से किस मुख्य अंतर के कारण अलग है?
a) यह सिलिकॉन से बना है।
b) यह कम ऊर्जा का उपयोग करता है।
c) यह मेजराना कणों का उपयोग करता है।
d) यह आकार में बहुत बड़ा है।
8. मेजराना 1 प्रोसेसर बनाने में माइक्रोसॉफ्ट ने किस नई प्रकार की सामग्री का उपयोग किया है?
a) ग्राफीन
b) टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर
c) क्वांटम फोम
d) लिक्विड हीलियम
9. माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, एक मिलियन क्यूबिट वाला क्वांटम कंप्यूटर किस क्षमता को पार कर सकता है?
a) केवल वैज्ञानिक गणनाएँ
b) कुछ विशिष्ट व्यावसायिक कार्य
c) दुनिया के सभी मौजूदा कंप्यूटरों की संयुक्त शक्ति
d) व्यक्तिगत लैपटॉप की प्रसंस्करण गति
10. टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स का उपयोग करने का माइक्रोसॉफ्ट का दृष्टिकोण क्वांटम कंप्यूटिंग में क्या लाभ प्रदान करता है?
a) जटिल सॉफ्टवेयर विकास
b) हार्डवेयर स्तर पर त्रुटि प्रतिरोध
c) उच्च परिचालन तापमान
d) कम क्यूबिट घनत्व
A3.
नीला भूत: चंद्रमा की ओर एक नया कदम
Blue
Ghost: A New Step Towards the Moon
ब्लू घोस्ट मिशन:
यह नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत फायरफ्लाई एयरोस्पेस द्वारा विकसित एक आधुनिक चंद्र लैंडर है।
इसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक उपकरण (पेलोड) पहुँचाना है।
मिशन का नाम: ब्लू घोस्ट मिशन 1, जिसे "घोस्ट राइडर्स इन द स्काई" भी कहा जाता है।
उम्मीदित लैंडिंग तिथि: 2 मार्च (यहाँ वर्ष का उल्लेख नहीं है, लेकिन यह भविष्य की तिथि को इंगित करता है)।
चंद्रमा की कक्षा में पहुँचने के बाद, यह लगभग 16 दिन महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा।
लैंडिंग स्थल: मॉन्स लैट्रेडल के पास, जो मेरे किसियम बेसिन (Mare Crisium basin) में एक प्राचीन ज्वालामुखी संरचना है।
यह नासा की वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS) पहल का हिस्सा है।
इस मिशन में नासा के 10 उपकरण शामिल हैं।
मिशन की अवधि लगभग 45 दिन चंद्रमा की कक्षा में और 14 दिन चंद्र सतह पर संचालन की होगी।
ब्लू घोस्ट चंद्रमा से पूर्ण चंद्र ग्रहण की उच्च-परिभाषा तस्वीरें लेगा, जब पृथ्वी सूर्य को ढक लेगी।
यह चंद्र सूर्यास्त और चंद्र रात्रि के दौरान चंद्र रेगोलिथ (मिट्टी) पर सौर प्रभावों की प्रतिक्रिया से संबंधित डेटा भी एकत्र करेगा।
ब्लू घोस्ट मिशन नासा के बड़े आर्टेमिस कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका लक्ष्य लगभग पाँच दशकों में पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस भेजना है।
अतिरिक्त जानकारी:
आर्टेमिस कार्यक्रम का लक्ष्य न केवल चंद्रमा पर मानवों को वापस भेजना है, बल्कि चंद्रमा पर एक स्थायी उपस्थिति स्थापित करना और अंततः मंगल ग्रह पर मानव मिशन के लिए तैयारी करना भी है।
वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS) नासा की एक पहल है जो निजी कंपनियों को चंद्रमा पर वैज्ञानिक और तकनीकी पेलोड पहुंचाने के लिए अनुबंधित करती है, जिससे चंद्र अन्वेषण की लागत कम हो और नवाचार को बढ़ावा मिले।
रेगोलिथ चंद्रमा की सतह पर मौजूद ढीली, धूल भरी सामग्री की परत होती है, जो उल्कापिंडों के प्रभाव और अन्य अंतरिक्ष मौसम प्रक्रियाओं के कारण बनती है। इसका अध्ययन चंद्रमा के इतिहास और पर्यावरण को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. ब्लू घोस्ट लैंडर किसके द्वारा विकसित किया गया है?
a. स्पेसएक्स
b. नासा
c. फायरफ्लाई एयरोस्पेस
d. लॉकहीड मार्टिन
12. ब्लू घोस्ट मिशन का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
a. चंद्रमा की कक्षा में मानवों को पहुँचाना
b. चंद्रमा की सतह से चट्टान के नमूने एकत्र करना
c. चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक पेलोड पहुँचाना
d. पृथ्वी की उच्च-परिभाषा तस्वीरें लेना
13. ब्लू घोस्ट मिशन 1 के तहत चंद्रमा पर अनुमानित लैंडिंग तिथि क्या है?
a. 2 मार्च
2024
b. 2 मार्च
2025
c. 2 मार्च
2026
d. जानकारी उपलब्ध नहीं है
14. नासा की किस पहल का हिस्सा ब्लू घोस्ट मिशन है?
a. आर्टेमिस कार्यक्रम
b. अपोलो कार्यक्रम
c. वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS)
d. डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम
15. आर्टेमिस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य क्या है?
a. मंगल ग्रह पर मानवों को भेजना
b. चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करना और अंतरिक्ष यात्रियों को वापस भेजना
c. क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करना
d. सौरमंडल के बाहरी ग्रहों का अन्वेषण करना
A4.
ग्रोक 3: एआई की दुनिया में एक नया सितारा
Grok
3: A New Star in the AI World
एलन मस्क की एआई कंपनी XAI ने अपना नया और उन्नत एआई चैटबॉट 'ग्रोक 3' लॉन्च किया है।
एलन मस्क ने ग्रोक 3 को "पृथ्वी पर सबसे स्मार्ट एआई" बताया है।
ग्रोक 3 ने कई अन्य प्रमुख एआई मॉडलों जैसे गूगल के जेमिनी 1.5 प्रो, डीपसीक V3 और ओपनएआई के GPT-4 को विज्ञान, कोडिंग और गणित जैसे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करके पीछे छोड़ दिया है।
ग्रोक 3 को XAI के कोलोसस सुपरकंप्यूटर द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें कथित तौर पर 1,00,000 से अधिक Nvidia GPU हैं, जिनका उपयोग एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया गया है।
ग्रोक 3,
XAI के कोलोसस सुपरकंप्यूटर के कारण तेज और कुशलता से काम करता है।
अतिरिक्त जानकारी:
एआई के क्षेत्र में प्रगति तेजी से हो रही है, और ग्रोक 3 का आगमन इस विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 'सबसे स्मार्ट एआई' का दावा व्यक्तिपरक है और एआई मॉडल का मूल्यांकन विभिन्न बेंचमार्क और कार्यों के आधार पर किया जाता है।
कोलोसस सुपरकंप्यूटर की क्षमता ग्रोक 3 को बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने और जटिल कार्यों को कुशलतापूर्वक करने में सक्षम बनाती है।
ग्रोक 3 के प्रदर्शन को देखते हुए, यह विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है, जैसे कि वैज्ञानिक अनुसंधान, सॉफ्टवेयर विकास और गणितीय मॉडलिंग।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि एआई का विकास अभी भी जारी है, और ग्रोक 3 जैसे मॉडल भविष्य में और अधिक उन्नत हो सकते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. ग्रोक 3 को किसने लॉन्च किया है?
a. गूगल
b. ओपनएआई
c. एक्सएआई
(XAI)
d. डीपमाइंड
17 एलन मस्क ने ग्रोक 3 को क्या कहा है?
a. भविष्य का एआई
b. सबसे शक्तिशाली चैटबॉट
c. पृथ्वी पर सबसे स्मार्ट एआई
d. एक क्रांतिकारी तकनीक
18. ग्रोक 3 ने किन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है?
a. कला, संगीत और साहित्य
b. इतिहास, भूगोल और राजनीति
c. विज्ञान, कोडिंग और गणित
d. खेल, मनोरंजन और फैशन
19. ग्रोक 3 किस सुपरकंप्यूटर द्वारा संचालित है?
a. टाइटन
b. सिएरा
c. कोलोसस
d. समिट
20. ग्रोक 3 की क्षमता मुख्य रूप से किस पर निर्भर करती है?
a. इंटरनेट की गति
b. डेवलपरों की संख्या
c. कोलोसस सुपरकंप्यूटर की शक्ति
d. प्रशिक्षित डेटा की मात्रा
A5.
कैंसर से लड़ाई में नया हथियार
A
New Weapon in the Fight Against Cancer
भारतीय कैंसर जीनोम एटलस (BCGA): IIT मद्रास ने भारतीय स्तन कैंसर के नमूनों से आनुवंशिक वेरिएंट का एक व्यापक डेटाबेस लॉन्च किया है, जिसे 'भारत कैंसर जीनोम एटलस' (BCGA) कहा जाता है।
सहयोग: IIT मद्रास ने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मुंबई के कर्किनोस हेल्थकेयर, चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक और कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई के साथ मिलकर काम किया है। उन्होंने भारतीय स्तन कैंसर के नमूनों से प्राप्त आनुवंशिक वेरिएंट का विश्लेषण और अज्ञात सारांश तैयार किया है।
भारत में कैंसर की स्थिति: राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, भारत में हर नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है। वर्तमान में, 14 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और वर्ष 2022 से कैंसर के मामलों में सालाना लगभग 12.8% की वृद्धि देखी जा रही है।
कैंसर जीनोम कार्यक्रम: भारत में विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए जीनोमिक जानकारी की कमी को दूर करने के उद्देश्य से, IIT मद्रास ने वर्ष 2020 में कैंसर जीनोम कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
व्यापक विश्लेषण: इस कार्यक्रम के तहत, पूरे देश से एकत्र किए गए 480 स्तन कैंसर रोगियों के ऊतक नमूनों से 960 संपूर्ण एक्सोम अनुक्रमण (Whole Exome Sequencing) सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यहाँ 'संपूर्ण एक्सोम अनुक्रमण' का अर्थ है जीन के कोडिंग क्षेत्रों (एक्सोन) के पूरे सेट का अनुक्रमण करना, जो प्रोटीन बनाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह कैंसर से जुड़े आनुवंशिक परिवर्तनों की पहचान करने में मदद करता है।
उद्देश्य: इस पहल का मुख्य लक्ष्य जीनोमिक जानकारी की कमी को दूर करना, कैंसर का शीघ्र पता लगाना, प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनुकूलित उपचार विकसित करना और भारतीय आबादी में विशिष्ट कैंसर की प्रगति को बेहतर ढंग से समझना है। व्यक्तिगत उपचार (Personalized treatment) का अर्थ है रोगी की आनुवंशिक और अन्य विशिष्टताओं के आधार पर उपचार तैयार करना, जिससे उपचार की प्रभावशीलता बढ़ सके।
महत्व: BCGA जैसे डेटाबेस भारतीय आबादी में स्तन कैंसर के विकास और प्रगति में शामिल विशिष्ट आनुवंशिक कारकों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे बेहतर निदान विधियों, लक्षित थेरेपी (targeted therapies) और निवारक रणनीतियों को विकसित करने में मदद मिलेगी। लक्षित थेरेपी कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट अणुओं को लक्षित करती हैं, जिससे सामान्य कोशिकाओं को कम नुकसान होता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
21. भारतीय कैंसर जीनोम एटलस (BCGA) किस संस्थान द्वारा लॉन्च किया गया है?
a) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)
b) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi)
c) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras)
d) टाटा मेमोरियल सेंटर
22. IIT मद्रास ने BCGA विकसित करने के लिए किन संस्थानों के साथ सहयोग किया?
a) केवल कर्किनोस हेल्थकेयर
b) कर्किनोस हेल्थकेयर और चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक
c) कर्किनोस हेल्थकेयर, चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक, और कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई
d) केवल कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई
23. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, वर्तमान में भारत में कैंसर से पीड़ित लोगों की अनुमानित संख्या कितनी है?
a) 1.4 लाख
b) 14.6 लाख
c) 146 लाख
d) 1461 लाख
24. IIT मद्रास ने कैंसर जीनोम कार्यक्रम किस वर्ष में शुरू किया था?
a) 2015
b) 2018
c) 2020
d) 2023
25. BCGA परियोजना के तहत, कितने स्तन कैंसर रोगियों के ऊतक नमूनों का संपूर्ण एक्सोम अनुक्रमण पूरा किया गया है?
a) 960 रोगियों के नमूने
b) 480 रोगियों के नमूने
c) 1920 रोगियों के नमूने
d) 240 रोगियों के नमूने
A6.
बेंनू की खोज: पृथ्वी पर जीवन का रहस्य!
Bennu's
Discovery: The Mystery of Life on Earth!
नासा के वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह बेन्नू से लाए गए नमूनों में नाइट्रोजन, खनिज और हज़ारों कार्बनिक यौगिकों की खोज की है। यह खोज प्रारंभिक सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन के विकास को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
इन कार्बनिक यौगिकों में न्यूक्लियोबेस (डीएनए के निर्माण खंड) और अमीनो एसिड (प्रोटीन बनाने वाले रसायन) शामिल हैं। इन बिल्डिंग ब्लॉक्स की उपस्थिति इंगित करती है कि क्षुद्रग्रह जीवन के लिए आवश्यक सामग्री ले जा सकते थे।
नमूने में ऐसे खनिज और लवण भी पाए गए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कभी बेन्नू पर पानी मौजूद हो सकता था। पानी को जीवन के लिए आवश्यक माना जाता है।
इसके अतिरिक्त, अमोनिया की उपस्थिति, जो जैविक प्रक्रियाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रसायन है, इस विचार को और बल देती है कि क्षुद्रग्रह प्रारंभिक पृथ्वी पर पानी और कार्बनिक पदार्थ पहुँचा सकते थे, जिससे संभावित रूप से जीवन की शुरुआत हुई।
आमतौर पर, क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच स्थित मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट से आते हैं। बेन्नू भी इसी क्षेत्र का एक प्राचीन अवशेष है।
अक्टूबर 2020 में, नासा के OSIRIS-REX (Origin, Spectral Interpretation,
Resource Identification, and Security-Regolith Explorer) नामक मिशन ने बेन्नू से नमूना सफलतापूर्वक एकत्र किया था। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, क्योंकि यह पहली बार था जब नासा ने किसी क्षुद्रग्रह से नमूना एकत्र करके पृथ्वी पर वापस लाया था।
बेन्नू एक कार्बनयुक्त क्षुद्रग्रह है, जिसका अर्थ है कि इसमें कार्बन की मात्रा अधिक है। इस प्रकार के क्षुद्रग्रहों को प्रारंभिक सौरमंडल के रासायनिक निर्माण खंडों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि बेन्नू जैसे क्षुद्रग्रहों ने अरबों साल पहले पृथ्वी पर पानी और जटिल कार्बनिक अणुओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी, जिससे हमारे ग्रह पर जीवन का विकास संभव हुआ।
OSIRIS-REX अंतरिक्ष यान ने न केवल नमूना एकत्र किया, बल्कि बेन्नू की विस्तृत तस्वीरें और डेटा भी एकत्र किया, जिससे वैज्ञानिकों को इस प्राचीन क्षुद्रग्रह की संरचना और इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है।
बेन्नू का व्यास लगभग 500 मीटर है और यह पृथ्वी के लिए एक संभावित खतरा भी है, हालांकि इसकी टक्कर की संभावना बहुत कम है और सदियों बाद की है। OSIRIS-REX मिशन से प्राप्त डेटा भविष्य में पृथ्वी को क्षुद्रग्रहों से बचाने की रणनीतियाँ विकसित करने में भी मदद कर सकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. नासा के वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह बेन्नू के नमूनों में निम्नलिखित में से क्या खोजा है?
a) केवल नाइट्रोजन और खनिज
b) केवल कार्बनिक यौगिक
c) नाइट्रोजन, खनिज और हज़ारों कार्बनिक यौगिक
d) केवल पानी के अवशेष
27. बेन्नू के नमूनों में पाए गए न्यूक्लियोबेस और अमीनो एसिड क्या दर्शाते हैं?
a) क्षुद्रग्रह की आयु
b) क्षुद्रग्रह का आकार
c) क्षुद्रग्रह जीवन के लिए आवश्यक सामग्री ले जा सकता था
d) क्षुद्रग्रह की गति
28. OSIRIS-REX मिशन ने क्षुद्रग्रह बेन्नू से नमूना कब एकत्र किया था?
a) अक्टूबर 2025
b) अक्टूबर 2019
c) अक्टूबर 2020
d) नवंबर 2021
29. बेन्नू क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से कहाँ स्थित क्षुद्रग्रह बेल्ट से आता है?
a) बुध और शुक्र की कक्षाओं के बीच
b) पृथ्वी और मंगल की कक्षाओं के बीच
c) मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच
d) शनि और यूरेनस की कक्षाओं के बीच
30. बेन्नू क्षुद्रग्रह का अनुमानित व्यास कितना है?
a) 50 किलोमीटर
b) 5 किलोमीटर
c) 500 मीटर
d) 5000 मीटर
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