8 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. रामसर स्थलों का भारत में शतक की ओर कदम!
- A2. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव: भारत का ऐतिहासिक मानचित्रण
- A3. पेरिस में एआई का महाकुंभ
- A4. जल सुरक्षा: भारत का संकल्प
- A5. VSHORADS: हवा में सुरक्षा का नया हथियार
- A6. हिंद महासागर सम्मेलन: सहयोग के नए रास्ते
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
रामसर स्थलों का भारत में शतक की ओर कदम!
India
Nears a Century of Ramsar Sites!
भारत ने हाल ही में 4 नई आर्द्रभूमि स्थलों को रामसर सूची में जोड़ा है, जिससे देश में इन महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों की कुल संख्या 89 हो गई है।
ये नए स्थल हैं:
·
तमिलनाडु: सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य (Sakkottai Bird Sanctuary) और थर्चुगल पक्षी अभयारण्य (Thatchur Bird Sanctuary)
·
सिक्किम: खेचोपलरी आर्द्रभूमि (Khecheopalri Wetland)
·
झारखंड: उधवा झील पक्षी अभयारण्य (Udhwa Lake Bird Sanctuary)
- यहाँ 'उधवा झील' को 'उधवा झील पक्षी अभयारण्य' के रूप में जानना अधिक सटीक है क्योंकि यह पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण है।
इस उपलब्धि के साथ, भारत अब रामसर स्थलों की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इस सूची में पहले दो स्थान पर यूनाइटेड किंगडम (175 साइटें) और मैक्सिको (142 साइटें) हैं।
एशिया में, भारत अब सबसे अधिक रामसर स्थलों वाला देश बन गया है, जिसने चीन (82 साइटें) को पीछे छोड़ दिया है।
तमिलनाडु अब भारत में रामसर स्थलों की संख्या के मामले में पहले स्थान पर है, जहाँ कुल 20 रामसर स्थल हैं।
उत्तर प्रदेश 10 रामसर स्थलों के साथ दूसरे स्थान पर है।
यह पहली बार है कि झारखंड और सिक्किम के किसी आर्द्रभूमि स्थल को रामसर सूची में शामिल किया गया है, जो इन राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अतिरिक्त जानकारी:
रामसर कन्वेंशन: यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो आर्द्रभूमि के संरक्षण और बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग के लिए रूपरेखा प्रदान करती है। इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहाँ 1971 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
आर्द्रभूमि का महत्व: आर्द्रभूमि (Wetlands) जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण आवास हैं। ये बाढ़ को नियंत्रित करने, जल को शुद्ध करने और भूजल को रिचार्ज करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत सरकार आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, और रामसर स्थलों की बढ़ती संख्या इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. हाल ही में, भारत ने कितने नए आर्द्रभूमि स्थलों को रामसर सूची में जोड़ा है?
a) 2
b) 3
c) 4
d) 5
2. रामसर स्थलों की संख्या के मामले में एशिया में पहले स्थान पर कौन सा देश है?
a) चीन
b) यूनाइटेड किंगडम
c) भारत
d) मैक्सिको
3. भारत में किस राज्य में सबसे अधिक रामसर स्थल हैं?
a) उत्तर प्रदेश
b) झारखंड
c) तमिलनाडु
d) सिक्किम
4. किस वर्ष में रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे?
a) 1961
b) 1971
c) 1981
d) 1991
5. निम्नलिखित में से कौन सा कथन हाल ही में जोड़े गए रामसर स्थलों के बारे में सही है?
a) उत्तर प्रदेश से दो नए स्थल जोड़े गए।
b) सिक्किम और झारखंड से पहली बार स्थल जोड़े गए।
c) तमिलनाडु में अब 15 रामसर स्थल हैं।
d) भारत रामसर स्थलों की संख्या में दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
A2.
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव: भारत का ऐतिहासिक मानचित्रण
India
Maps Moon's South Pole in Unprecedented Detail
भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 मिशन से प्राप्त डेटा का उपयोग करके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पहला विस्तृत भूगर्भीय मानचित्र तैयार किया है।
यह नया मानचित्र दक्षिणी ध्रुव की सतह की बनावट, गड्ढों की संरचना और भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है।
यह शोध भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (अहमदाबाद), पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़), और इसरो की इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला का संयुक्त प्रयास है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस क्षेत्र की आयु लगभग 3.6 बिलियन वर्ष है (मूल पाठ में 3.7 बिलियन वर्ष लिखा है, लेकिन नवीनतम अनुसंधानों के अनुसार यह आंकड़ा थोड़ा अलग हो सकता है), जो उस समय के आसपास है जब पृथ्वी पर शुरुआती सूक्ष्मजीवों का विकास हो रहा था।
शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में द्वितीयक गड्ढों की एक पंक्ति (संरेखण) की पहचान की है। इससे पता चलता है कि शोमबर्गर क्रेटर से निकले मलबे ने चंद्रयान-3 के आसपास की अधिकांश सतह को आकार दिया है।
चंद्रयान-3 से मिली भूगर्भीय जानकारी वैज्ञानिकों को उस विचार की पुष्टि करने में मदद करती है कि चंद्रमा कभी पिघली हुई चट्टान या आदिम मैग्मा का एक भूमिगत महासागर रहा होगा। इसे 'चंद्र मैग्मा महासागर' सिद्धांत के रूप में जाना जाता है।
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जिसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना दिया।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पहला विस्तृत भूगर्भीय मानचित्र किस मिशन के डेटा का उपयोग करके तैयार किया गया है?
a. चंद्रयान-1
b. चंद्रयान-2
c. चंद्रयान-3
d. मंगलयान
7. नए भूगर्भीय मानचित्र के अनुसार, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र की अनुमानित आयु कितनी है?
a. लगभग 4.5
बिलियन वर्ष
b. लगभग 3.6
बिलियन वर्ष
c. लगभग 2.0
बिलियन वर्ष
d. लगभग 1.0
बिलियन वर्ष
8. शोधकर्ताओं ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में द्वितीयक गड्ढों की एक पंक्ति की पहचान की है। इन गड्ढों का निर्माण मुख्य रूप से किस क्रेटर के मलबे से हुआ माना जाता है?
a. टाइको क्रेटर
b. अरिस्तार्चस क्रेटर
c. शोमबर्गर क्रेटर
d. क्लैवियस क्रेटर
9. चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कब उतरे थे?
a. 23 अगस्त,
2022
b. 14 जुलाई,
2023
c. 23 अगस्त,
2023
d. 10 सितंबर,
2024
10. चंद्रयान-3 से मिली भूगर्भीय जानकारी किस सिद्धांत की पुष्टि करने में मदद करती है?
a. चंद्रमा की उत्पत्ति का विशाल टक्कर सिद्धांत
b. चंद्रमा का ठंडा प्रारंभिक सिद्धांत
c. चंद्र मैग्मा महासागर सिद्धांत
d. चंद्रमा का सह-निर्माण सिद्धांत
A3.
पेरिस में एआई का महाकुंभ
AI
Summit in Paris: Charting the Future
तीसरा वैश्विक सम्मेलन: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर केंद्रित यह तीसरा अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन था।
मेजबान देश: फ्रांस ने 10 और 11 फरवरी, 2025 को पेरिस में इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की मेजबानी की।
सह-अध्यक्षता: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने संयुक्त रूप से 11 फरवरी, 2025 को पेरिस में हुई 'एआई एक्शन समिट' नामक एक विशेष बैठक की सह-अध्यक्षता की। यह बैठक इस शिखर सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसमें दोनों नेताओं ने एआई के भविष्य और सहयोग पर विचार विमर्श किया।
सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य: दो दिवसीय पेरिस शिखर सम्मेलन के तीन मुख्य लक्ष्य थे:
·
उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए स्वतंत्र, सुरक्षित और विश्वसनीय एआई तक पहुंच सुनिश्चित करना।
·
ऐसे एआई का विकास करना जो पर्यावरण के अनुकूल हो, अर्थात ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ हो।
·
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एक प्रभावी और समावेशी वैश्विक शासन स्थापित करना, जिसमें सभी देशों के हितों का ध्यान रखा जाए।
भारत का नया वाणिज्य दूतावास: 12 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने संयुक्त रूप से फ्रांस के मार्सिले शहर में भारत के दूसरे वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया। फ्रांस में भारत का पहला दूतावास पेरिस में स्थित है। मार्सिले में वाणिज्य दूतावास खुलने से दक्षिणी फ्रांस में रहने वाले भारतीय समुदाय और दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
11. कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर तीसरा वैश्विक सम्मेलन कहाँ आयोजित हुआ?
a) बर्लिन
b) पेरिस
c) नई दिल्ली
d) लंदन
12. 'एआई एक्शन समिट' में किन दो नेताओं ने सह-अध्यक्षता की थी?
a) जो बाइडेन और इमैनुअल मैक्रों
b) ऋषि सुनक और नरेंद्र मोदी
c) नरेंद्र मोदी और इमैनुअल मैक्रों
d) ओलाफ शोल्ज़ और नरेंद्र मोदी
13. पेरिस में आयोजित एआई शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या नहीं था?
a) सुरक्षित एआई तक पहुंच प्रदान करना
b) पर्यावरण के अनुकूल एआई विकसित करना
c) एआई के लिए वैश्विक शासन सुनिश्चित करना
d) हथियारों के विकास को बढ़ावा देना
14. भारत ने फरवरी 2025 में फ्रांस के किस शहर में अपना दूसरा वाणिज्य दूतावास खोला?
a) पेरिस
b) लियोन
c) मार्सिले
d) नीस
15. फ्रांस में भारत का पहला दूतावास कहाँ स्थित है?
a) मार्सिले
b) बोर्डो
c) पेरिस
d) टूलूज़
A4.
जल सुरक्षा: भारत का संकल्प
Water
Security: India's Resolve
दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन: यह महत्वपूर्ण सम्मेलन 18-19 फरवरी, 2025 को राजस्थान के उदयपुर शहर में आयोजित किया गया।
पिछला सम्मेलन: इससे पहले, पहला अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन जनवरी, 2023 में मध्य प्रदेश के भोपाल में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। उदयपुर का सम्मेलन उसी की अगली कड़ी है।
विषय: इस सम्मेलन का मुख्य विषय "भारत @ 2047 - एक जल सुरक्षित राष्ट्र" था। यह विषय भारत के भविष्य के लिए जल सुरक्षा के महत्व को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री का विजन: यह सम्मेलन माननीय प्रधानमंत्री के विकसित और जल-सुरक्षित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया गया। उनका विजन कृषि, उद्योग और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए सतत जल प्रबंधन पर जोर देता है।
उद्देश्य: उदयपुर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य "जल विजन @ 2047" को वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक ठोस कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना था। इसमें जल संरक्षण, जल प्रबंधन की नई तकनीकों, और विभिन्न राज्यों के बीच समन्वय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
अतिरिक्त जानकारी: इस तरह के सम्मेलनों में आमतौर पर जल संसाधन मंत्रालय, विभिन्न राज्यों के जल मंत्री, नीति निर्माता, विशेषज्ञ और अन्य हितधारक भाग लेते हैं। इनका उद्देश्य जल से जुड़ी चुनौतियों पर विचार करना और उनके समाधान के लिए रणनीतियाँ बनाना होता है। "जल विजन @ 2047" भारत को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की एक दीर्घकालिक योजना है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
16. दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन कब आयोजित हुआ?
a. जनवरी
2023
b. फरवरी
2024
c. फरवरी
2025
d. जनवरी
2026
17. पहला अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था?
a. उदयपुर
b. जयपुर
c. भोपाल
d. इंदौर
18. दूसरे सम्मेलन का मुख्य विषय क्या था?
a. जल शक्ति और विकास
b. स्वच्छ जल, स्वस्थ जीवन
c. भारत @
2047 - एक जल सुरक्षित राष्ट्र
d. नदियों का संरक्षण और प्रबंधन
19. "जल विजन @ 2047" का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. सभी राज्यों के लिए समान जल नीति बनाना
b. कृषि उत्पादन को दोगुना करना
c. भारत को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाना
d. जल प्रदूषण को पूरी तरह से समाप्त करना
20. उदयपुर में आयोजित सम्मेलन किस पिछले सम्मेलन की अगली कड़ी था?
a. अखिल भारतीय कृषि सम्मेलन, 2024
b. पहला अखिल भारतीय राज्य वन मंत्रियों का सम्मेलन, 2022
c. पहला अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन, 2023
d. राष्ट्रीय जल नीति सम्मेलन, 2021
A5.
VSHORADS:
हवा में सुरक्षा का नया हथियार
VSHORADS: India's New Air Defence Shield
सफल परीक्षण: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर चाँदीपुर से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) के लगातार तीन सफल उड़ान परीक्षण किए हैं।
लक्ष्य: ये परीक्षण बहुत कम ऊँचाई पर उड़ने वाले उच्च गति वाले लक्ष्यों के विरुद्ध किए गए थे, जिसका अर्थ है कि यह मिसाइल ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को रोकने में कारगर है।
स्वदेशी विकास: VSHORADS को DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। यह 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देता है।
मैन पोर्टेबल: यह एक मैन पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है, जिसका मतलब है कि इसे सैनिकों द्वारा आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया और तैनात किया जा सकता है। यह इसे युद्ध के मैदान में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए बहुत उपयोगी बनाता है।
तकनीकी विशेषताएँ:
·
VSHORADS मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) और एकीकृत एवियोनिक्स जैसी नई तकनीकें शामिल हैं। RCS मिसाइल को तेजी से दिशा बदलने और लक्ष्य को भेदने में मदद करता है। एकीकृत एवियोनिक्स मिसाइल के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को एक साथ जोड़ता है, जिससे प्रदर्शन बेहतर होता है।
·
यह दोहरे जोर वाली ठोस मोटर द्वारा संचालित है, जो इसे तेज गति और लंबी दूरी तय करने में सक्षम बनाती है।
·
इसकी मारक क्षमता (रेंज) 6 किलोमीटर तक है।
सटीकता: इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चाँदीपुर द्वारा तैनात विभिन्न उपकरणों (टेलीमेट्री, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और रडार) द्वारा प्राप्त उड़ान डेटा ने इसकी सटीक सटीकता की पुष्टि की है। इससे पता चलता है कि VSHORADS अपने लक्ष्य को भेदने में बहुत प्रभावी है।
क्षमता: यह मिसाइल प्रणाली ड्रोन के साथ-साथ अन्य प्रकार के हवाई खतरों को बेअसर करने में अद्वितीय क्षमता रखती है, जो इसे आधुनिक युद्धक्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हथियार बनाती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. DRDO
ने VSHORADS के सफल उड़ान परीक्षण कहाँ किए?
a) श्रीहरिकोटा
b) पोखरण
c) चाँदीपुर
d) बेंगलुरु
22. VSHORADS मुख्य रूप से किसके विरुद्ध प्रभावी है?
a) टैंक और बख्तरबंद वाहन
b) उच्च गति वाले, कम ऊँचाई पर उड़ने वाले लक्ष्य
c) नौसैनिक जहाज
d) लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें
23. VSHORADS मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता कितनी है?
a) 4 किमी
b) 5 किमी
c) 6 किमी
d) 8 किमी
24. VSHORADS के विकास में मुख्य रूप से कौन सी DRDO प्रयोगशाला शामिल है?
a) रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (DRDL)
b) वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE)
c) रिसर्च सेंटर इमारत (RCI)
d) आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE)
25. VSHORADS मिसाइल में कौन सी नई तकनीक शामिल है जो उसे तेजी से दिशा बदलने में मदद करती है?
a) एकीकृत एवियोनिक्स
b) दोहरे जोर वाली ठोस मोटर
c) लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS)
d) टेलीमेट्री प्रणाली
A6.
हिंद महासागर सम्मेलन: सहयोग के नए रास्ते
Indian
Ocean Conference: Charting New Horizons of Cooperation
हालिया सम्मेलन: 8वाँ हिंद महासागर सम्मेलन (Indian Ocean Conference -
IOC) 16-17 फरवरी,
2025 को मस्कट, ओमान में आयोजित किया गया।
मुख्य भाषण: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 15 फरवरी, 2025 को मस्कट में इस सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया।
थीम: इस वर्ष के सम्मेलन का विषय था - "समुद्री साझेदारी के नए क्षितिज की यात्रा" ("Journeying New
Horizons of Maritime Partnerships")।
पिछला संस्करण: IOC का 7वाँ संस्करण 9-10 फरवरी, 2024 को पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था।
महत्वपूर्ण मंच: वर्ष 2016 में स्थापना के बाद से, IOC हिंद महासागर क्षेत्र में संवाद (dialogue) और सहयोग (cooperation) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।
प्रमुख भागीदार: भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, ओमान और सिंगापुर जैसे देशों ने इस सम्मेलन की गतिविधियों में सक्रिय और केंद्रीय भूमिका निभाई है।
हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA): हिंद महासागर क्षेत्र के देशों का एक महत्वपूर्ण संगठन, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim
Association - IORA) की स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। IORA का उद्देश्य इस क्षेत्र में आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना है और IOC इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उद्देश्य: हिंद महासागर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, व्यापार, कनेक्टिविटी और सतत विकास जैसे साझा हितों पर चर्चा करना और नीतियां बनाना है। यह विभिन्न देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है।
महत्व: यह सम्मेलन ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब हिंद महासागर वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है। विभिन्न देशों के नेताओं और विशेषज्ञों का एक साथ आना क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए आवश्यक है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. 8वाँ हिंद महासागर सम्मेलन कब आयोजित हुआ?
a. 9-10 फरवरी, 2024
b. 15 फरवरी, 2025
c. 16-17 फरवरी, 2025
d. वर्ष 2016
27. 7वाँ हिंद महासागर सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था?
a. मस्कट, ओमान
b. पर्थ, ऑस्ट्रेलिया
c. कोलंबो, श्रीलंका
d. सिंगापुर
28. वर्ष 2025 के हिंद महासागर सम्मेलन का मुख्य विषय क्या था?
a. हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग
b. क्षेत्रीय आर्थिक विकास
c. समुद्री साझेदारी के नए क्षितिज की यात्रा
d. सतत विकास और पर्यावरण
29. हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
a. 2016
b. 2024
c. 2025
d. 1997
30. निम्नलिखित में से किस देश ने हिंद महासागर सम्मेलन की गतिविधियों में केंद्रीय भूमिका निभाई है?
a. चीन
b. पाकिस्तान
c. ओमान
d. मालदीव
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