5 August 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
- A1. हड़प्पा सभ्यता का अनमोल खजाना: मिताथल और तिघराना
- A2. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय को मिले नए मुख्य न्यायाधीश
- A3. इंटरपोल में यूएई की ऐतिहासिक जीत
- A4. इक्वाडोर की राजनीति में डेनियल नोबोआ का दबदबा: एक नया युग?
- A5. भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति बीआर गवई
- A6. भारतीय भारोत्तोलन और क्रिकेट: खेल जगत की दो बड़ी खबरें
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
हड़प्पा सभ्यता का अनमोल खजाना: मिताथल और तिघराना
Haryana's New Protected Sites: Mitathal and Tigrana
हाल ही में, हरियाणा सरकार ने भिवानी जिले के दो ऐसे ही प्राचीन स्थलों, मिताथल और तिघराना, को संरक्षित पुरातात्त्विक स्मारक घोषित कर इतिहास प्रेमियों को एक नई सौगात दी है। यह कदम इन 4,400 वर्ष पुराने स्थलों को भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
आइए, इन अद्भुत स्थलों के बारे में कुछ रोचक बातें जानें:
कानूनी संरक्षण: हरियाणा विरासत एवं पर्यटन विभाग ने हरियाणा प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातात्त्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1964 के तहत इन स्थलों को कानूनी सुरक्षा प्रदान की है। इसका मुख्य उद्देश्य इन प्राचीन बस्तियों को अतिक्रमण और क्षति से बचाना है। अब यहाँ बाड़बंदी और सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
ऐतिहासिक महत्व: ये स्थल केवल मिट्टी के टीले नहीं हैं, बल्कि ये प्रारंभिक कृषि समाजों, नगर नियोजन, उन्नत शिल्प उद्योग और हड़प्पा व उत्तर-हड़प्पा काल के व्यापारिक संबंधों की अनमोल झलक प्रस्तुत करते हैं।
मिताथल स्थल (हड़प्पा सभ्यता):
यह स्थल पहली बार वर्ष 1968 में प्रसिद्ध पुरातत्वविद् डॉ. सूरज भान द्वारा किए गए उत्खनन के दौरान प्रकाश में आया था। दिए गए अंश में वर्ष 1913 का उल्लेख है, जो कि गलत है। 1913 में यहाँ गुप्त राजा समुद्रगुप्त के सिक्कों का एक भंडार मिला था, लेकिन स्थल का व्यवस्थित उत्खनन 1968 में ही हुआ था।
मिताथल में मिली बस्तियाँ हड़प्पा सभ्यता के तीनों चरणों (प्रारंभिक, परिपक्व और उत्तर हड़प्पा) से जुड़ी हुई हैं।
यहाँ से मिट्टी के बर्तन, तांबे के उपकरण, मनके, और गुप्त काल के सिक्के जैसी कई महत्वपूर्ण वस्तुएँ मिली हैं, जो इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को दर्शाती हैं।
तिघराना स्थल (उत्तर-हड़प्पा / ताम्रपाषाण संस्कृति):
यह एक प्रमुख पुरातात्त्विक स्थल है, जिसकी बस्ती लगभग 2400 ईसा पूर्व की मानी जाती है।
इस क्षेत्र में रहने वाले समुदाय को सोथी-शिशवाल संस्कृति से जोड़ा जाता है। सोथी एक प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृति थी, जिसका केंद्र गंगानगर के सोथी गाँव में था। यह संस्कृति ताम्रपाषाण काल से संबंधित है, जहाँ तांबे के औजारों का उपयोग होता था।
यह स्थल प्राचीन कृषि समुदायों के जीवन और उनकी प्रगति को समझने में मदद करता है।
अतिरिक्त जानकारी:
सोथी-शिशवाल संस्कृति: सोथी-शिशवाल संस्कृति का नाम राजस्थान के सोथी और हरियाणा के शिशवाल नामक स्थलों पर रखा गया है। यह हड़प्पा सभ्यता की प्रारंभिक अवस्था से जुड़ी हुई है और इसका विस्तार घग्गर-हकरा नदी घाटी के आसपास था।
हड़प्पा सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व): हड़प्पा सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहते हैं, दुनिया की सबसे प्राचीन शहरी सभ्यताओं में से एक है। यह नगर नियोजन, जल निकासी व्यवस्था, और मानकीकृत भार एवं मापों के लिए प्रसिद्ध थी।
A2.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय को मिले नए मुख्य न्यायाधीश
Justice Arun Palli: New Chief Justice of J&K and Ladakh High Court
हाल ही में, केंद्र सरकार ने जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की आधिकारिक घोषणा की। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि उच्च न्यायालय के कामकाज और न्याय व्यवस्था में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
जस्टिस पल्ली की नियुक्ति की सिफारिश सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा की गई थी। कॉलेजियम, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं, ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके अनुभव और योग्यता को देखते हुए यह फैसला लिया।
इस नियुक्ति से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:
नियुक्ति: जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।
पूर्व पद: वह पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।
अनुभव: जस्टिस पल्ली को 26 अप्रैल, 2007 को वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) के रूप में नामित किया गया था, जो उनके लंबे और सफल कानूनी करियर को दर्शाता है।
सिफारिश: उनकी नियुक्ति की सिफारिश सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने की थी।
A3.
इंटरपोल में यूएई की ऐतिहासिक जीत
A Historic First for UAE at Interpol
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन, जिसे हम इंटरपोल के नाम से जानते हैं, की दुनिया भर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका है। हाल ही में, इस संगठन में एक ऐतिहासिक घटना घटी है, जिसने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को वैश्विक सुरक्षा मंच पर एक नई पहचान दी है।
मुख्य जानकारी एक नज़र में:
ऐतिहासिक चुनाव: संयुक्त अरब अमीरात को इंटरपोल की नवगठित गवर्नेंस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया है। यह इस समिति की अध्यक्षता करने वाला पहला देश है।
अध्यक्ष का नाम: लेफ्टिनेंट कर्नल दाना हुर्मद अल मरजूकी (Dana Hurmad Al Marzouqi) ने 67% वोटों के साथ यह पद हासिल किया।
वर्तमान अध्यक्ष: इंटरपोल के वर्तमान अध्यक्ष भी संयुक्त अरब अमीरात के ही हैं, जिनका नाम मेजर जनरल अहमद नासर अल-रायसी है।
कार्यकाल: अल-रायसी को नवंबर 2021 में चुना गया था और वे 2025 तक इस पद पर रहेंगे।
चुनाव का स्थान: यह महत्वपूर्ण चुनाव फ्रांस के ल्योन शहर में स्थित इंटरपोल मुख्यालय में आयोजित किया गया था।
इस जीत का क्या महत्व है?
यह चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
1. वैश्विक भूमिका में वृद्धि: यह दर्शाता है कि यूएई अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन में एक सक्रिय और प्रभावशाली भागीदार बन रहा है।
2. निरंतर नेतृत्व: इंटरपोल के अध्यक्ष और अब गवर्नेंस कमेटी के अध्यक्ष, दोनों ही पदों पर यूएई के प्रतिनिधि का होना, संगठन के भीतर देश के बढ़ते प्रभाव को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
3. संगठन में सुधार: गवर्नेंस कमेटी का गठन संगठन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए किया गया है। इसकी अध्यक्षता करके यूएई इन सुधारों में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
इंटरपोल के बारे में अतिरिक्त जानकारी
गठन: इंटरपोल की स्थापना 1923 में हुई थी। इसका मुख्यालय फ्रांस के ल्यों शहर में है।
सदस्य देश: वर्तमान में, इसके 196 सदस्य देश हैं, जो इसे संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाता है।
कार्य: इंटरपोल का मुख्य काम सदस्य देशों की पुलिस को आपराधिक जांच में सहयोग देना है। यह रेड नोटिस, ब्लू नोटिस, और येलो नोटिस जैसे अलर्ट जारी करता है, जो अपराधियों को पकड़ने में मदद करते हैं।
भारत और इंटरपोल: भारत 1949 से इंटरपोल का सदस्य है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भारत में इंटरपोल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
A4.
इक्वाडोर की राजनीति में डेनियल नोबोआ का दबदबा: एक नया युग?
The Noboa Era in Ecuador: A New Chapter?
इक्वाडोर में राजनीतिक हलचल के बीच, युवा और ऊर्जावान नेता डेनियल नोबोआ ने अपनी जीत के साथ देश की बागडोर फिर से संभाली है। उन्होंने अपने दूसरे चार साल के कार्यकाल के लिए शानदार जीत दर्ज की है, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता और जनता के भरोसे का प्रमाण है।
आइए, इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं:
शानदार जीत: डेनियल नोबोआ ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने वामपंथी प्रतिद्वंद्वी लुइसा गोंजालेज को मात देते हुए 55.85% वोट हासिल किए। यह जीत उनके सुधारों और नीतियों के प्रति जनता के समर्थन को दर्शाती है।
महत्वपूर्ण फैसले: नोबोआ ने अपने पिछले कार्यकाल में देश के बढ़ते आंतरिक सशस्त्र संघर्ष को रोकने के लिए कई साहसिक कदम उठाए। उन्होंने "आंतरिक सशस्त्र संघर्ष की स्थिति" घोषित की, जिससे सेना को सड़कों और जेलों में गश्त करने का अधिकार मिला। इस कदम का उद्देश्य अपराध और हिंसा पर लगाम लगाना था।
सबसे युवा राष्ट्रपति: डेनियल नोबोआ इक्वाडोर के सबसे युवा राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं। उनकी युवा सोच और आधुनिक दृष्टिकोण ने देश के युवाओं को आकर्षित किया है। उनका मानना है कि इक्वाडोर को नई दिशा देने के लिए कड़े और निर्णायक फैसले लेना आवश्यक है।
आर्थिक और सामाजिक सुधार: नोबोआ का एजेंडा सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने का भी वादा किया है। उनकी नीतियां विदेशी निवेश को आकर्षित करने और सामाजिक असमानता को कम करने पर केंद्रित हैं।
A5.
भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति बीआर गवई
New Chief Justice: Justice BR Gavai
भारत के सर्वोच्च न्यायालय को जल्द ही उसके 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिलने वाले हैं। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जस्टिस भूषण रामकृष्ण (बीआर) गवई के नाम की सिफारिश की है।
मुख्य बातें:
नियुक्ति: जस्टिस बीआर गवई को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाएगा।
शिफ़ारिश: यह सिफारिश 16 अप्रैल, 2025 को वर्तमान CJI संजीव खन्ना द्वारा की गई।
पदभार: जस्टिस गवई 13 मई, 2025 को CJI खन्ना की सेवानिवृत्ति के बाद पदभार संभालेंगे।
पृष्ठभूमि:
उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था।
उन्होंने वर्ष 1985 में एक वकील के रूप में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की थी।
वर्ष 2019 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
प्रमुख उपलब्धि: जस्टिस गवई भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन इस पद पर रह चुके हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
नियुक्ति प्रक्रिया: मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया में, निवर्तमान CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश कानून और न्याय मंत्रालय को भेजते हैं। इसके बाद, सरकार की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति की जाती है।
न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल: उनका कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा, क्योंकि वे नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।
कानूनी विरासत: जस्टिस बीआर गवई का परिवार कानूनी क्षेत्र से जुड़ा रहा है। उनके पिता, रामाकृष्ण गवई, एक जाने-माने राजनेता थे और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में सेवा की।
A6.
भारतीय भारोत्तोलन और क्रिकेट: खेल जगत की दो बड़ी खबरें
Indian Weightlifting and Cricket: Two Big News from the Sports World
आइए जानते हैं भारतीय भारोत्तोलन और ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी से जुड़ी कुछ खास बातें।
मीराबाई चानू बनीं IWLF एथलीट आयोग की अध्यक्ष
बड़ी खबर: ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWLF) के एथलीट आयोग का अध्यक्ष चुना गया है।
उपाध्यक्ष: उनके साथ, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता एस. सतीश कुमार को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है।
कार्यकाल: यह दोनों चार साल तक अपने पद पर रहेंगे।
अतिरिक्त जानकारी: भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWLF) का गठन 1935 में हुआ था। यह भारत में भारोत्तोलन को बढ़ावा देने और नियंत्रित करने वाली सर्वोच्च संस्था है। मीराबाई चानू का अध्यक्ष बनना खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, क्योंकि वह खुद एक शीर्ष स्तर की एथलीट रही हैं।
क्रिकेट की 128 साल बाद ओलंपिक में वापसी
ऐतिहासिक वापसी: क्रिकेट 128 साल के लंबे अंतराल के बाद ओलंपिक खेलों में वापसी कर रहा है।
कब और कहाँ: यह खेल 2028 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक का हिस्सा होगा।
मेजबानी: ICC ने घोषणा की है कि दक्षिणी कैलिफोर्निया के पोमोना में मेला मैदान (Fairplex) इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी करेगा।
अतिरिक्त जानकारी: क्रिकेट आखिरी बार 1900 के पेरिस ओलंपिक में खेला गया था, जिसमें ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस ने भाग लिया था। 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट का टी20 प्रारूप खेला जाएगा, जिसमें पुरुष और महिला दोनों टीमें शामिल होंगी। यह विश्व भर में क्रिकेट को और भी लोकप्रिय बनाने का एक शानदार मौका है।
ये दोनों ही खबरें भारत के लिए गर्व का विषय हैं। मीराबाई चानू का नेतृत्व और ओलंपिक में क्रिकेट की वापसी, दोनों ही भारतीय खेलों के भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं।
उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।
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