6 August 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
- A1. INS वर्षा: भारत का एक रणनीतिक कदम
- A2. चीन का नया हथियार: बिना परमाणु सामग्री के हाइड्रोजन बम का निर्माण
- A3. हवाई अड्डों की दुनिया: 2025 के स्काईट्रैक्स अवॉर्ड्स में कौन चमका?
- A4. मेडिकल और डिजिटल इंडिया की सफलता
- A5. तीनों सेनाओं की महिलाओं ने रचा इतिहास: 'समुद्र प्रदक्षिणा'
- A6. स्टंट डिजाइन को मिला उसका सम्मान: 2028 से शुरू होगा नया ऑस्कर अवॉर्ड
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
INS
वर्षा:
भारत का एक रणनीतिक कदम
INS
Varsha: India's Strategic Move
भारत सरकार वर्ष 2026 तक आंध्र प्रदेश में रामबिली के पास पूर्वी तट पर एक खास नौसैनिक बेस 'INS वर्षा' को चालू करने की तैयारी कर रहा है। यह बेस विशेष रूप से परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के लिए होगा।
यह सिर्फ एक सामान्य बेस नहीं है, बल्कि यह हिंद महासागर में बढ़ती चीनी नौसेना की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए एक रणनीतिक चौकी के रूप में काम करेगा। यह नया बेस विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित होगा।
INS वर्षा: क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
गुप्त संचालन: यह बेस परमाणु पनडुब्बियों को रखने के लिए भूमिगत बाड़े और सुरंगों से लैस होगा। इससे बंगाल की खाड़ी में भारतीय नौसेना के संचालन को गुप्त रखना आसान हो जाएगा।
विशाल और आधुनिक: यह परियोजना 20 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें कम से कम 10 परमाणु पनडुब्बियों को रखने की क्षमता होगी।
सामरिक महत्व: यह बेस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक केंद्र बनेगा, जिससे वह हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और शक्ति को और मजबूत कर पाएगा।
भारत की परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा
INS वर्षा के साथ-साथ, भारत अपनी परमाणु पनडुब्बी क्षमता को भी लगातार बढ़ा रहा है।
तीसरी परमाणु पनडुब्बी: भारत जल्द ही अपनी तीसरी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी, INS अरिधमान को शामिल करेगा। यह पनडुब्बी परमाणु-युक्त बैलिस्टिक मिसाइलों (SSBN) से लैस होगी, जिससे भारत की परमाणु त्रिकोण की पानी के नीचे की क्षमता और मजबूत होगी।
बेहतर क्षमता: INS अरिहंत और INS अरिघाट से थोड़ी बड़ी, INS अरिधमान 7,000 टन की विस्थापन क्षमता वाली है और इसमें 3,500 किमी की मारक क्षमता वाली अधिक मिसाइलें ले जाने की क्षमता होगी।
चौथी पनडुब्बी: ₹90,000 करोड़ से अधिक की 'उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV)' परियोजना के तहत एक चौथी पनडुब्बी भी निर्माणाधीन है, जो भविष्य में भारत की नौसैनिक ताकत को और बढ़ाएगी।
A2.
चीन का नया हथियार: बिना परमाणु सामग्री के हाइड्रोजन बम का निर्माण
A
New Era in Weaponry: China's Non-Nuclear Hydrogen Bomb
चीन ने हाल ही में एक ऐसी विस्फोटक तकनीक का सफल परीक्षण किया है, जिसने हथियार प्रौद्योगिकी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव ला दिया है। यह एक ऐसा हाइड्रोजन-आधारित उपकरण है, जो पारंपरिक परमाणु बमों के विपरीत, किसी भी तरह की परमाणु सामग्री पर निर्भर नहीं करता।
इस क्रांतिकारी उपकरण को चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन के 705 रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया है। यह तकनीक पारंपरिक हाइड्रोजन बमों से बिल्कुल अलग है क्योंकि यह परमाणु विखंडन (nuclear fission) या संलयन (fusion) की प्रक्रिया का उपयोग नहीं करती।
यह कैसे काम करता है?
इस विस्फोटक उपकरण का दिल मैग्नीशियम हाइड्राइड नामक एक यौगिक है। यह यौगिक बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन को सुरक्षित रूप से संग्रहीत कर सकता है, और वह भी पारंपरिक दबाव वाले टैंकों की तुलना में कहीं अधिक घनत्व पर।
जब इस बम को एक मानक विस्फोटक (जैसे टीएनटी) से ट्रिगर किया जाता है, तो मैग्नीशियम हाइड्राइड तेजी से थर्मल अपघटन (thermal decomposition) से गुजरता है।
इस प्रक्रिया से भारी मात्रा में हाइड्रोजन गैस बहुत तेज़ी से बाहर निकलती है।
यह गैस तुरंत प्रज्वलित होकर एक विशाल आग का गोला बनाती है।
परीक्षण के परिणाम
हाल ही में किए गए एक परीक्षण में, 2 किलोग्राम (लगभग 4.4 पाउंड) के इस बम ने अविश्वसनीय परिणाम दिए।
इस विस्फोट ने दो सेकंड से ज़्यादा समय तक 1,000 डिग्री सेल्सियस (1,832 डिग्री फ़ारेनहाइट) से अधिक तापमान का आग का गोला पैदा किया।
यह ऊर्जा की मात्रा समान वजन वाले टीएनटी विस्फोटक की तुलना में 15 गुना ज़्यादा थी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी परमाणु सामग्री का उपयोग नहीं किया गया।
इसका महत्त्व क्या है?
यह तकनीक कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
1. गैर-परमाणु प्रकृति: यह परमाणु हथियारों के प्रसार (nuclear proliferation) की चिंता को कम करता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए यूरेनियम या प्लूटोनियम जैसी परमाणु सामग्री की आवश्यकता नहीं होती।
2. कम लागत और आसान निर्माण: पारंपरिक हाइड्रोजन बमों की तुलना में इसका निर्माण और रखरखाव आसान और सस्ता हो सकता है।
3. सामरिक लाभ: यह तकनीक उन देशों के लिए एक नया विकल्प प्रदान करती है जो परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहते, लेकिन अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना चाहते हैं।
A3.
हवाई अड्डों की दुनिया: 2025 के स्काईट्रैक्स अवॉर्ड्स में कौन चमका?
The
World of Airports: Who Shined at the Skytrax Awards 2025?
यह पुरस्कार, जिसे विमानन उद्योग का ऑस्कर माना जाता है, दुनिया भर के हवाई अड्डों की उत्कृष्टता को पहचानता है। इस साल के पुरस्कारों में एशिया का दबदबा रहा, जिसमें तीन एशियाई हवाई अड्डों ने शीर्ष स्थान हासिल किए।
आइए, इस साल के विजेताओं और उनकी खासियतों पर एक नज़र डालें:
दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा: सिंगापुर का चांगी एयरपोर्ट ने 13वीं बार यह सम्मान हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह एयरपोर्ट सिर्फ अपनी सेवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अपने बेहतरीन डाइनिंग और वॉशरूम की सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है।
शीर्ष 3 हवाई अड्डे: चांगी के बाद, दोहा का हमाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट दूसरे स्थान पर और जापान का टोक्यो इंटरनेशनल एयरपोर्ट (हानेडा) तीसरे स्थान पर रहा।
भारतीय हवाई अड्डों की चमक:
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI): इसे भारत और दक्षिण एशिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा चुना गया।
बेंगलुरु का कैम्पेगौड़ा हवाई अड्डा: इसे भारत और दक्षिण एशिया का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय हवाई अड्डा होने का गौरव मिला।
हैदराबाद हवाई अड्डा: इसने भारत और दक्षिण एशिया में सर्वश्रेष्ठ स्टाफ सेवा का पुरस्कार जीता।
गोवा का मनोहर हवाई अड्डा: 5 मिलियन से कम यात्री वर्ग में, इसे भारत और दक्षिण एशिया का सबसे स्वच्छ हवाई अड्डा घोषित किया गया।
कुछ और खास पुरस्कार:
पेरिस सीडीजी एयरपोर्ट टर्मिनल 3: इसे विश्व का सर्वश्रेष्ठ कम लागत वाला एयरलाइन टर्मिनल चुना गया।
ताइवान ताओयुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट: इसने विश्व की सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट बैगेज डिलीवरी का पुरस्कार जीता।
कोपेनहेगन एयरपोर्ट: इसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट सुरक्षा प्रसंस्करण के लिए सराहा गया।
हांगकांग इंटरनेशनल एयरपोर्ट: इसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट इमिग्रेशन का नाम दिया गया।
यात्री संख्या के अनुसार सर्वोच्च रैंक वाले हवाई अड्डे (2025):
यह वर्गीकरण हवाई अड्डों की क्षमता और उनके द्वारा संभाले जाने वाले यात्रियों की संख्या पर आधारित है।
70+ मिलियन यात्री: टोक्यो इंटरनेशनल हवाई अड्डा (हानेडा)
60-70 मिलियन यात्री: सिंगापुर चांगी हवाई अड्डा
50-60 मिलियन यात्री: हमाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
40-50 मिलियन यात्री: रोम फिमिसिनो हवाई अड्डा
30-40 मिलियन यात्री: नारिता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
20-30 मिलियन यात्री: ज्यूरिख हवाई अड्डा
10-20 मिलियन यात्री: हेलसिंकी-वंता हवाई अड्डा
5-10 मिलियन यात्री: बहरीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
5 मिलियन से कम यात्री: गोवा मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
A4.
मेडिकल और डिजिटल इंडिया की सफलता
The
Success Story of Medical and Digital India
हाल ही में, भारत ने चिकित्सा और डिजिटल पहचान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया है। दो अलग-अलग घटनाओं में, देश के दो महत्वपूर्ण स्तंभों - स्वास्थ्य सेवा और शासन - को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।
1. डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी: एंडोस्कोपी के 'लीजेंड'
हैदराबाद स्थित AIG हॉस्पिटल्स के चेयरमैन, डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी, को टोक्यो, जापान में 'लीजेंड ऑफ एंडोस्कोपी' की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व नवाचारों के लिए दिया गया।
प्रमुख बिंदु:
पुरस्कार: 'लीजेंड ऑफ एंडोस्कोपी' की उपाधि।
आयोजन: टोक्यो लाइव ग्लोबल एंडोस्कोपी 2025 कार्यक्रम, जो जापान के शोवा मेडिकल यूनिवर्सिटी कोटी तो अस्पताल में आयोजित हुआ।
उपलब्धि: डॉ. रेड्डी यह प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पाने वाले पहले भारतीय गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बन गए हैं।
योगदान: उन्होंने उन्नत एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन भी किया, जिससे वैश्विक चिकित्सा समुदाय में उनका नेतृत्व और विशेषज्ञता प्रमाणित हुई।
अतिरिक्त जानकारी: डॉ. रेड्डी ने मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाओं (Minimally Invasive
Procedures) को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे रोगियों के लिए उपचार अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो गया है। उनके काम ने भारत में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के परिदृश्य को बदल दिया है।
2. मेघालय: आधार नामांकन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
दूसरी ओर, डिजिटल इंडिया के प्रयासों को गति देते हुए, मेघालय राज्य ने आधार सत्यापन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) से दो महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते हैं।
प्रमुख बिंदु:
पुरस्कार श्रेणियाँ:
1. बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
2. वयस्क आधार नामांकन के सत्यापन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
प्राप्तकर्ता: शाई कुपार वार, सामान्य प्रशासन विभाग के आधार नोडल अधिकारी, ने नई दिल्ली में राज्य की ओर से ये पुरस्कार प्राप्त किए।
महत्व: यह उपलब्धि दर्शाती है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी सरकार की डिजिटल पहल सफलतापूर्वक लागू हो रही है। आधार सत्यापन में सटीकता और दक्षता सुनिश्चित करना सुशासन और पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण है।
अतिरिक्त जानकारी: UIDAI का उद्देश्य भारत के सभी निवासियों को एक विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) प्रदान करना है। मेघालय जैसे राज्यों का यह प्रदर्शन डिजिटल विभाजन को पाटने और सभी नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
A5.
तीनों सेनाओं की महिलाओं ने रचा इतिहास: 'समुद्र प्रदक्षिणा'
Making
Waves: The Tri-Services All-Women Expedition
भारतीय सशस्त्र बलों की महिला शक्ति ने 7 अप्रैल, 2025 को एक नया इतिहास रचते हुए, पहले त्रि-सेवा महिला जलयात्रा अभियान 'समुद्र प्रदक्षिणा' का आरंभ किया। इस रोमांचक और चुनौतीपूर्ण यात्रा को भारतीय सेना नौकायन पोत (आईएएसवी) त्रिवेणी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अभियान से जुड़ी कुछ खास बातें:
ऐतिहासिक पहल: यह भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की महिला अधिकारियों का पहला संयुक्त जलयात्रा अभियान है, जो लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है।
नेतृत्व और टीम: इस अभियान को लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. रमेश, कमांडेंट, कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग ने भारतीय नौसेना वॉटरमैनशिप प्रशिक्षण केंद्र, कोलाबा, मुंबई से हरी झंडी दिखाई। इसमें 12 जांबाज महिला नाविकों का दल शामिल है, जो तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रशिक्षण और कौशल: अभियान से पहले, इन महिला नाविकों को कड़ा प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हें नेविगेशन, मौसम विज्ञान, आपातकालीन प्रतिक्रिया, और नौकायन कौशल की बारीकियां सिखाई गईं, ताकि वे हर चुनौती का सामना कर सकें।
यात्रा का मार्ग: आईएएसवी त्रिवेणी पर सवार यह दल मुंबई से निकलकर अफ्रीका के पास पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित सेशेल्स की यात्रा करेगा। यह 55 दिनों में 4,000 समुद्री मील (लगभग 7,400 किलोमीटर) से अधिक की दूरी तय करके वापस मुंबई लौटेगा।
पिछला कीर्तिमान: यह अभियान भारतीय नौसेना के पिछले सफल प्रयासों की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण अध्याय है। इससे पहले, भारतीय नौसेना ने 2023 में आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर 'नाविका सागर परिक्रमा' अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया था, जिसमें दुनिया भर की परिक्रमा करने वाली दो महिला अधिकारी शामिल थीं।
A6.
स्टंट डिजाइन को मिला उसका सम्मान: 2028 से शुरू होगा नया ऑस्कर अवॉर्ड
Stunt
Performers Finally Get Their Due: New Oscar Category Announced
सिनेमा की दुनिया में स्टंट कलाकारों का योगदान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, फिर भी उनकी कला को अक्सर पर्दे के पीछे ही रखा जाता था। लेकिन अब यह बदलने वाला है! अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने स्टंट डिजाइन के लिए एक अलग अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) देने का ऐलान किया है। यह खबर उन सभी स्टंट निर्देशकों, कोरियोग्राफरों और कलाकारों के लिए एक बड़ी जीत है, जिन्होंने सालों से इस कला को एक उचित सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष किया है।
मुख्य बातें
ऐतिहासिक कदम: अकादमी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने स्टंट डिजाइन में उपलब्धि के लिए वार्षिक पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की है।
पहला ऑस्कर: साल
2028 में होने वाले 100वें अकादमी पुरस्कार समारोह के दौरान इस श्रेणी में पहला ऑस्कर दिया जाएगा।
लंबे समय से थी मांग: हॉलीवुड स्टंट समुदाय, जिसमें निर्देशक और कलाकार शामिल हैं, कई सालों से इस पुरस्कार की मांग कर रहे थे।
बड़े सितारों का समर्थन: टॉम क्रूज़ और निर्देशक डेविड लीच जैसे बड़े नामों ने इस श्रेणी के लिए समर्थन किया है, जिससे इस आंदोलन को और भी मजबूती मिली।
अतिरिक्त जानकारी: अकादमी में स्टंट कैटेगरी की मांग सबसे पहले प्रसिद्ध स्टंटमैन और अभिनेता जैक गिल ने 1970 के दशक में की थी। हालांकि, यह मांग लंबे समय तक पूरी नहीं हो पाई। हाल के वर्षों में स्टंट-ओरिएंटेड फिल्मों जैसे जॉन विक (John Wick) और मिशन: इम्पॉसिबल (Mission: Impossible) फ्रेंचाइजी की सफलता ने भी इस विचार को गति दी है, क्योंकि इन फिल्मों में स्टंट वर्क को कहानी का एक अहम हिस्सा माना गया है।
उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।
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