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7 August 2025 Current Affairs Questions

 7 August 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे. दी गई घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न नीचे दिए गए हैं।

  • A1. बिम्सटेक: एक नए युग की ओर
  • A2. शांति का महाकुंभ: दुबई में गूंजी 'एक ग्रह, एक आवाज़' 
  • A3. भारत के भविष्य की नींव: दो महत्वपूर्ण सम्मेलन  
  • A4. प्रौद्योगिकी का भविष्य: 9वां वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन
  • A5. भारत में विमानन का महाकुंभ: 81वीं IATA वार्षिक बैठक
  • A6. सांसदों का महाकुंभ: 150वां IPU शिखर सम्मेलन 

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m



क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.

बिम्सटेक: एक नए युग की ओर

BIMSTEC: Towards a New Era

हाल ही में बैंकॉक, थाईलैंड में संपन्न हुआ छठा बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह सम्मेलन कई मायनों में खास रहा और इसमें क्षेत्रीय विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मुख्य बातें:

शिखर सम्मेलन का आयोजन: छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 03-04 अप्रैल, 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर भाग लिया।

सम्मेलन का विषय: इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय था, "बिम्सटेक समृद्ध, लचीला और खुला" (BIMSTEC: Prosperous, Resilient, and Open) यह विषय इस बात पर जोर देता है कि सदस्य देशों को मिलकर एक मजबूत, अनुकूलनीय और पारदर्शी क्षेत्रीय ढाँचा विकसित करना चाहिए।

महत्वपूर्ण चर्चाएँ:

    नेताओं ने बिम्सटेक के विभिन्न संस्थानों को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की।

    सहयोग बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण (capacity building) के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।

    भारत के 'महासागर' (SAGAR - Security and Growth for All in the Region) विज़न के तहत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

भौतिक बैठक का महत्व: यह सम्मेलन 2018 में नेपाल के काठमांडू में हुए चौथे शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की पहली भौतिक बैठक थी। पाँचवाँ शिखर सम्मेलन (22 मार्च, 2022) कोलंबो, श्रीलंका में वर्चुअली आयोजित किया गया था। इस भौतिक बैठक ने नेताओं को व्यक्तिगत रूप से मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया।

बिम्सटेक कृषि सम्मेलन: इसी दौरान, नेपाल में तीसरे बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। इसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाग लिया। उन्होंने बिम्सटेक देशों के नेताओं द्वारा कृषि सहयोग को मजबूत करने के लिए की गई पहल की सराहना की। बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) के लिए बनाई गई कार्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

अतिरिक्त जानकारी:

बिम्सटेक क्या है?

    बिम्सटेक (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है।

    इसके सदस्य देश हैं: बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड।

    इसकी स्थापना 6 जून, 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से हुई थी।

    इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है।

उद्देश्य: बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें व्यापार, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, और कृषि जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। यह संगठन बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

 

 

A2.
शांति का महाकुंभ: दुबई में गूंजी 'एक ग्रह, एक आवाज़'
Echoes of Peace: The Dubai Summit

दुबई के एक्सपो सिटी में 12 और 13 अप्रैल, 2025 को एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना, जब 'वैश्विक न्याय, प्रेम और शांति शिखर सम्मेलन' (Global Justice, Love and Peace Summit) का आयोजन किया गया। आयोजकों द्वारा इसे दुनिया का सबसे बड़ा शांति सम्मेलन बताया गया, और इसका उद्देश्य सचमुच असाधारण था।

मुख्य आकर्षण:

अद्वितीय विषय: सम्मेलन का विषय "एक ग्रह, एक आवाज़: वैश्विक न्याय, प्रेम और शांति" था, जिसने पूरी दुनिया को एक धागे में पिरोने का प्रयास किया। यह इस बात पर ज़ोर देता है कि हम सभी एक ही ग्रह के वासी हैं और हमारी आवाज़ भी एक ही होनी चाहिए।

नोबेल विजेताओं का संगम: यह पहली बार था जब एक ही मंच पर 12 नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एकजुट हुए। इस ऐतिहासिक घटना ने दुनिया को यह संदेश दिया कि शांति और सद्भाव की दिशा में काम करने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

वैश्विक मंच पर संवाद: इस सम्मेलन में वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, कार्यकर्ताओं और सांस्कृतिक हस्तियों ने एक साथ मिलकर संवाद और सहयोग को बढ़ावा दिया। यह दिखाता है कि शांति केवल सरकारों का काम नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की ज़िम्मेदारी है।

पोलैंड के पूर्व राष्ट्रपति का आह्वान: नोबेल विजेता और पोलैंड के पूर्व राष्ट्रपति, लेक वाल्सा ने सभी मानवीय मूल्यों पर आधारित एक नई विश्व व्यवस्था स्थापित करने का आह्वान किया। उनका यह संदेश बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बताता है कि टिकाऊ शांति के लिए हमें अपने साझा मूल्यों को प्राथमिकता देनी होगी।

अतिरिक्त जानकारी:

यह सम्मेलन केवल एक बैठक नहीं था, बल्कि यह एक आंदोलन की शुरुआत थी। इस तरह के आयोजनों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि आज की दुनिया में कई तरह की चुनौतियाँ जैसे जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और असमानता मौजूद हैं। इन समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब हम सभी मिलकर 'एक ग्रह, एक आवाज़' के सिद्धांत पर काम करें।

 


A3.

भारत के भविष्य की नींव: दो महत्वपूर्ण सम्मेलन

India's Future Foundation: Two Key Conferences

हाल ही में हुए दो महत्वपूर्ण सम्मेलनों ने भारत के भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आइए, इन सम्मेलनों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

पेंशन पर पहला अंतर्राष्ट्रीय शोध सम्मेलन (IRCP) 2025

आयोजन: यह सम्मेलन 3 से 5 अप्रैल, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।

उद्घाटन: इसका उद्घाटन भारत के वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने भारत मंडपम में किया था।

आयोजक: इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIM A) के सहयोग से किया था।

मुख्य उद्देश्य: इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत की बढ़ती हुई वृद्ध आबादी के लिए एक मजबूत और सुरक्षित बुढ़ापा आय सुरक्षा प्रणाली बनाना था।

भविष्य की चुनौती: भारत की जनसंख्या तेजी से बदल रही है। अनुमान है कि 2050 तक हर पाँच में से एक भारतीय की उम्र 60 वर्ष से अधिक होगी। 2047 तक, बुजुर्गों की संख्या बच्चों से अधिक हो जाएगी, और सदी के मध्य तक 19% आबादी बुजुर्ग होगी, जिनमें अधिकतर महिलाएँ होंगी।

वर्ष 2025 का पहला नौसेना कमांडरों का सम्मेलन

आयोजन: इस सम्मेलन का पहला चरण 5 अप्रैल, 2025 को कर्नाटक के कारवार में आयोजित हुआ था।

उद्घाटन: इसका उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया था।

मुख्य चर्चा: सम्मेलन के दौरान नौसेना के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक मुद्दों की समीक्षा की गई।

द्वितीय चरण: सम्मेलन का दूसरा चरण 7 से 10 अप्रैल, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित हुआ।

 

 

A4.
प्रौद्योगिकी का भविष्य: 9वां वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन
The Future of Technology: 9th Global Technology Summit

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर द्वारा तीन दिवसीय इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया, जो 10 से 12 अप्रैल, 2025 तक चला। यह शिखर सम्मेलन भू-प्रौद्योगिकी (Geotechnology) पर भारत का सबसे महत्वपूर्ण संवाद मंच है।

 

इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय "संभावना" (Possibility) था, जो एक बहुत ही प्रेरणादायक और भविष्योन्मुखी विषय है। इसका मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास को बढ़ावा देने, डिजिटल शासन को मजबूत करने और सीमा-पार साझेदारी को गहरा करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग की संभावनाओं पर चर्चा करना था।

यह वार्षिक संवाद, जिसका आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक कार्नेगी इंडिया के साथ मिलकर किया जाता है, पहली बार दिसंबर 2016 में आयोजित किया गया था। इस मंच ने वर्षों से प्रौद्योगिकी और भू-राजनीति के चौराहे पर महत्वपूर्ण चर्चाओं को बढ़ावा दिया है।

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

विशाल भागीदारी: इस वर्ष 40 देशों से लगभग 150 वक्ताओं ने भाग लिया, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जापान, नीदरलैंड, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया, फिलीपींस और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख राष्ट्र शामिल थे।

विविध विषय: वक्ताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शासन, साइबर सुरक्षा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure - DPI), डेटा सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण में उभरती प्रौद्योगिकी सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की।

भारत का नेतृत्व: यह शिखर सम्मेलन भू-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाता है। भारत, विशेषकर G20 की अध्यक्षता के दौरान, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) जैसे विषयों को वैश्विक मंच पर सफलतापूर्वक लाया है, जिससे विकासशील देशों को लाभ मिल रहा है।

वैश्विक सहयोग: शिखर सम्मेलन ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न देशों के बीच तकनीकी सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया।

यह शिखर सम्मेलन हमें यह याद दिलाता है कि प्रौद्योगिकी केवल एक उपकरण नहीं है, बल्कि एक शक्ति है जो हमारे जीवन के हर पहलू को बदल सकती है। "संभावना" विषय के साथ, इस सम्मेलन ने यह दिखाया है कि दृष्टिकोण और सहयोग के साथ, हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं जो अधिक समावेशी, सुरक्षित और समृद्ध हो।

अतिरिक्त जानकारी:

भू-प्रौद्योगिकी (Geotechnology): यह भू-राजनीति और प्रौद्योगिकी के बीच के जटिल संबंधों का अध्ययन है। इसमें यह विश्लेषण किया जाता है कि कैसे तकनीकी प्रगति (जैसे AI, 5G, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) देशों के बीच शक्ति संतुलन, सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को प्रभावित करती है।

कार्नेगी इंडिया: यह कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस का एक हिस्सा है, जो वैश्विक मामलों पर अनुसंधान और विश्लेषण प्रदान करने वाला एक प्रमुख थिंक टैंक है।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI): यह ऐसे डिजिटल समाधानों और प्रणालियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक सेवाओं और नवाचार के लिए एक साझा मंच प्रदान करते हैं (उदाहरण के लिए, भारत का UPI, आधार) भारत ने DPI को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

A5.
भारत में विमानन का महाकुंभ: 81वीं IATA वार्षिक बैठक
India Hosts the 81st IATA Annual General Meeting

भारत एक बार फिर वैश्विक विमानन जगत के केंद्र में आने वाला है! 1-3 जून, 2025 को नई दिल्ली का भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर 81वीं अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की वार्षिक आम बैठक (AGM) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS) की मेजबानी करेगा। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है।

आईये जानते हैं इस महत्वपूर्ण आयोजन से जुड़ी कुछ खास बातें:

मेजबान: इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो द्वारा की जा रही है।

आयोजन स्थल: नई दिल्ली का अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर, जो हाल ही में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए चर्चा में रहा था।

निर्णय: भारत में इस बैठक को आयोजित करने का निर्णय दुबई में हुई 80वीं IATA AGM में लिया गया था।

प्रतिभागियों: इस बैठक में दुनिया भर की एयरलाइनों के शीर्ष नेतृत्व, विमानन मूल्य शृंखला के प्रमुख हितधारक, सरकारी प्रतिनिधि और चयनित मीडियाकर्मी शामिल होंगे। यह उद्योग के लिए एक जटिल और गतिशील भू-राजनीतिक वातावरण में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने का एक मंच होगा।

भारत का गौरव: यह तीसरी बार है जब IATA AGM का आयोजन भारत की राजधानी में होगा। इससे पहले, यह बैठकें 1958 और 1983 में भी दिल्ली में आयोजित की गई थीं, जो भारत के विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है।

भारत की स्थिति: विमानन बाजार के रूप में भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है। घरेलू विमानन बाजार के मामले में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। यह आंकड़ा भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता और पहुंच को दर्शाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

IATA क्या है? अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) दुनिया की एयरलाइनों का एक व्यापार संघ है। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक मानकों को स्थापित करना और एयरलाइन उद्योग की प्रगति को बढ़ावा देना है। 120 से अधिक देशों की लगभग 330 एयरलाइंस इसकी सदस्य हैं, जो कुल हवाई यातायात का 83% से अधिक वहन करती हैं।

विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (WATS): यह IATA AGM का एक अभिन्न अंग है, जहाँ उद्योग के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों, जैसे सुरक्षा, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और यात्री अनुभव पर गहन चर्चा होती है।

 

 

A6.
सांसदों का महाकुंभ: 150वां IPU शिखर सम्मेलन
Parliamentarians' Conclave: 150th IPU Summit

हाल ही में, उज़्बेकिस्तान के ताशकंद शहर ने दुनिया भर के सांसदों के सबसे बड़े जमावड़े की मेजबानी की। 5 से 9 अप्रैल, 2025 तक आयोजित हुए 150वें अंतर-संसदीय संघ (IPU) शिखर सम्मेलन में, भारत की ओर से लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। यह सम्मेलन "सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई" जैसे महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित था।

सम्मेलन की मुख्य बातें:

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (IPD) का नेतृत्व किया और इस दौरान उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत किया।

द्विपक्षीय वार्ताएं: सम्मेलन के दौरान, श्री बिरला ने वियतनाम, इज़राइल, कजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन वार्ताओं का उद्देश्य संसदीय सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था।

नए सदस्य का स्वागत: IPU ने अपनी 182वीं सदस्य संसद के रूप में बेलीज की नेशनल असेंबली का स्वागत किया, जो इस वैश्विक मंच के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

अंतर-संसदीय संघ (IPU) के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

स्थापना और उद्देश्य: IPU की स्थापना 1889 में हुई थी और इसकी पहली बैठक पेरिस, फ्रांस में आयोजित हुई थी। यह दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संसदीय संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के देशों के सांसदों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है।

मुख्यालय: 1921 से IPU का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित है।

भारत और IPU: भारत IPU का एक सक्रिय सदस्य रहा है। भारत ने दो बार, 1969 में 57वीं बैठक और 1993 में 89वीं बैठक, नई दिल्ली में आयोजित की है।

 


उपरोक्त घटनाओं पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए यहां क्लिक करें ।

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