2 June 2025 | Answers and Explanations
1.
उत्तर: b. 12 जुलाई
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस घोषित किया है।
2.
उत्तर: c. बहरीन और किरिबाती
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, बहरीन और किरिबाती ने अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया था।
3.
उत्तर: b. 25 जुलाई
स्पष्टीकरण: लेख में यह जानकारी दी गई है कि महासभा ने प्रत्येक वर्ष 25 जुलाई को न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित करने का निर्णय लिया है।
4.
उत्तर: c. तुर्की
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भारत, तुर्की, पेरू और पैराग्वे ने अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस पर हुए मतदान से अनुपस्थित रहने का विकल्प चुना था।
5.
उत्तर: c. संयुक्त राज्य अमेरिका
स्पष्टीकरण: लेख में बताया गया है कि न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के प्रस्ताव के पक्ष में 160 के रिकॉर्डेड वोट और 1 के खिलाफ (संयुक्त राज्य अमेरिका) का वोट था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका इसके खिलाफ मतदान करने वाला एकमात्र देश था।
6.
उत्तर: b) 12 मार्च, 2025
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि "12 मार्च, 2025 को एक ऐतिहासिक पल आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने संयुक्त रूप से मॉरीशस के रेडुइट में अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान का उद्घाटन किया।"
7.
उत्तर: b) नरेंद्र मोदी और नवीनचंद्र रामगुलाम
स्पष्टीकरण: लेख में कहा गया है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने संयुक्त रूप से... अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान का उद्घाटन किया।"
8.
उत्तर: b) 4.74 मिलियन
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, "इस अत्याधुनिक संस्थान का वित्तपोषण 2017 के एक समझौता ज्ञापन के तहत भारत द्वारा दिए गए 4.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान से किया गया है।"
9.
उत्तर: c) मॉरीशस के सिविल सेवकों की
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि "यह विशेष रूप से मॉरीशस के सिविल सेवकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगा।"
10.
उत्तर: c) एक बनारसी साड़ी
स्पष्टीकरण: लेख के अंतिम भाग में लिखा है, "इस उद्घाटन समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस की प्रथम महिला को सादेली बॉक्स में एक खूबसूरत बनारसी साड़ी भी भेंट की।"
11.
उत्तर: c. नई दिल्ली
व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि "यह भव्य साहित्यिक उत्सव 7 मार्च से 12 मार्च, 2025 तक रवींद्र भवन, नई दिल्ली में संपन्न हुआ।"
12.
उत्तर: b. गजेंद्र सिंह शेखावत
व्याख्या: लेख के "उद्घाटन" खंड में बताया गया है कि "केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस प्रतिष्ठित आयोजन का उद्घाटन किया।"
13.
उत्तर: c. 23
व्याख्या:
"साहित्य अकादमी पुरस्कार" बिंदु में लिखा है कि "23 भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किए गए"।
14.
उत्तर: c. भारतीय साहित्यिक परंपराएँ
व्याख्या: लेख के "मुख्य विषय" खंड में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "इस वर्ष का मुख्य विषय 'भारतीय साहित्यिक परंपराएँ' रहा"।
15.
उत्तर: b. एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव
व्याख्या: लेख के "एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक समागम" बिंदु में यह जानकारी दी गई है कि "इस महोत्सव को एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव माना जाता है।"
16.
उत्तर: c) 15 मार्च
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि "होला मोहल्ला का वार्षिक उत्सव 15 मार्च, 2025 को पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।"
17.
उत्तर: c) श्री आनंदपुर साहिब
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, "श्री आनंदपुर साहिब को खालसा पंथ का जन्मस्थान माना जाता है, जहाँ 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा की स्थापना की थी।"
18.
उत्तर: c) गुरु गोबिंद सिंह जी
स्पष्टीकरण: लेख में लिखा है कि "होला मोहल्ला का आयोजन गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1701 ईस्वी में किया था।"
19.
उत्तर: b) गटका
स्पष्टीकरण: लेख में उल्लेख है कि "यह जुलूस सिख मार्शल आर्ट 'गटका' के प्रदर्शनों से भरा होता है, जिसमें निहंग तलवारबाजी, भाला चलाना और अन्य पारंपरिक हथियार कौशल का प्रदर्शन करते हैं।"
20.
उत्तर: d) नीला
स्पष्टीकरण: लेख में निहंग सिंह के बारे में बताया गया है कि "निहंग सिंह सिख धर्म के एक प्राचीन और विशिष्ट योद्धा समूह हैं, जो अपनी नीली पोशाक, पारंपरिक हथियारों और मार्शल आर्ट कौशल के लिए जाने जाते हैं।"
A5.
खुशबूदार शुरुआत: मिजोरम का एंथुरियम पहुँचा सिंगापुर
Blooms
in Singapore: A New Chapter in Flower Export
हाल ही में, भारतीय कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), जिसने भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ने मिजोरम सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से, आइजोल, मिजोरम से सिंगापुर के लिए एंथुरियम फूलों की पहली ऐतिहासिक खेप का सफल निर्यात सुनिश्चित किया है।
यह निर्यात न केवल मिजोरम के किसानों के लिए नए अवसर खोलता है, बल्कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
ऐतिहासिक निर्यात: यह मिजोरम से सिंगापुर के लिए एंथुरियम फूलों का पहला सीधा निर्यात है, जो दोनों क्षेत्रों के बीच नए व्यापार संबंधों की शुरुआत का प्रतीक है।
निर्यात की मात्रा: इस पहली खेप में 50 नालीदार बक्सों में सावधानीपूर्वक पैक किए गए कुल 1,024 एंथुरियम कटे हुए फूल थे, जिनका कुल वजन 70 किलोग्राम था। एंथुरियम अपनी चमकदार, दिल के आकार की पंखुड़ियों और लंबे समय तक ताज़े रहने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, जो इन्हें कटे हुए फूलों के बाज़ार में अत्यधिक लोकप्रिय बनाते हैं।
भागीदार:
निर्यातक: आईवीसी एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड (IVC Agrovet Private
Limited) ने इस खेप को आइजोल, मिजोरम से कोलकाता के रास्ते सिंगापुर निर्यात किया।
उत्पादक: ये सुंदर फूल एंथुरियम ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी, आइजोल, मिजोरम से प्राप्त किए गए थे, जो मिजोरम में एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आयातकर्ता: सिंगापुर में वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड (Veg Pro Singapore Private
Limited) ने इन फूलों का आयात किया।
APEDA की भूमिका: APEDA ने इस पूरे निर्यात प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें लॉजिस्टिक्स, प्रमाणन और विपणन सहायता शामिल है। APEDA नियमित रूप से कृषि उत्पादों के लिए नए बाज़ार तलाशने और किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्पादों को तैयार करने में मदद करने के लिए काम करता है।
पर्यटन को बढ़ावा: मिजोरम में हर साल वार्षिक "एंथुरियम महोत्सव" का भी आयोजन किया जाता है। यह त्योहार न केवल एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देता है बल्कि राज्य में पर्यटन को भी आकर्षित करता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। यह दर्शाता है कि बागवानी कैसे स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग बन सकती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21.
उत्तर: c. सिंगापुर
व्याख्या: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि "आइजोल, मिजोरम से सिंगापुर के लिए एंथुरियम फूलों की पहली ऐतिहासिक खेप का सफल निर्यात सुनिश्चित किया है।"
22.
उत्तर: b. 70 किलोग्राम
व्याख्या: लेख बताता है कि "इस पहली खेप में 50 नालीदार बक्सों में सावधानीपूर्वक पैक किए गए कुल 1,024 एंथुरियम कटे हुए फूल थे, जिनका कुल वजन 70 किलोग्राम था।"
23.
उत्तर: c. वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड
व्याख्या: लेख में "आयातकर्ता: सिंगापुर में वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड (Veg Pro Singapore Private
Limited) ने इन फूलों का आयात किया।" स्पष्ट रूप से लिखा है।
24.
उत्तर: b. एंथुरियम महोत्सव
व्याख्या: लेख में बताया गया है कि "मिजोरम में हर साल वार्षिक 'एंथुरियम महोत्सव' का भी आयोजन किया जाता है। यह त्योहार न केवल एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देता है बल्कि राज्य में पर्यटन को भी आकर्षित करता है।"
25.
उत्तर: c. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
व्याख्या: लेख की शुरुआत में ही कहा गया है कि "कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), जिसने भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ने... सहयोग से, ... सफल निर्यात सुनिश्चित किया है।"
26.
उत्तर: c) 7 मार्च, 2025
स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि "7 मार्च, 2025 को पूरे मिज़ोरम में चापचर कुट 2025 का भव्य आयोजन किया गया।"
27.
उत्तर: b) झूम खेती
स्पष्टीकरण: लेख में बताया गया है, "यह उत्सव मिज़ो समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उनकी कृषि पद्धति 'झूम' (स्थानांतरित खेती) से जुड़ा है।"
28.
उत्तर: c) त्योहार
स्पष्टीकरण: लेख में बताया गया है, "यह त्योहार झूम चक्र में 'चाप' (पेड़ काटने) और 'चर' (सूखने की अवधि) के बाद 'कुट' (त्योहार) का प्रतीक है।"
29.
उत्तर: b) चेराव या बाँस नृत्य
स्पष्टीकरण: 'उत्सव की मुख्य बातें' खंड में उल्लेख है, "'चेराव' या बाँस नृत्य (Bamboo Dance) इस उत्सव का एक अभिन्न और मंत्रमुग्ध कर देने वाला हिस्सा है।"
30.
उत्तर: c) मुख्यमंत्री के सलाहकार पु टीबीसी लालवेंचुंगा
स्पष्टीकरण: 'संरक्षण और संवर्धन पर जोर' खंड में स्पष्ट रूप से लिखा है, "मुख्यमंत्री के सलाहकार पु टीबीसी लालवेंचुंगा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और मिज़ो संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।"
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