23 April 2025 | Answers and Explanations
1.
उत्तर: d) जेम्स वेब
स्पेस टेलीस्कोप और चंद्रा एक्स-रे वेधशाला
स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि खगोलविदों ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) और चंद्रा एक्स-रे वेधशाला का उपयोग करके LID-568 की खोज की थी।
2.
उत्तर: c) 1.5 अरब वर्ष
स्पष्टीकरण: लेख में दूसरी पंक्ति में सीधे तौर पर कहा गया है कि LID-568 बिग बैंग के 1.5 अरब वर्ष बाद अस्तित्व में आया था।
3.
उत्तर: b) एक ऐसी
आकाशगंगा जहाँ तारों का निर्माण अल्पतम होता है
स्पष्टीकरण: लेख में बताया गया है कि LID-568 एक ऐसी आकाशगंगा में स्थित है जहाँ तारों का निर्माण अल्पतम होता है, जिसका संभावित कारण ब्लैक होल का शक्तिशाली बहिर्वाह है।
4.
उत्तर: d) 40 गुना
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह ब्लैक होल एडिंगटन सीमा से 40 गुना अधिक दर पर अभिवृद्धि कर रहा है, जो कि असामान्य रूप से तेज़ है।
5.
उत्तर: b) यह आकाशगंगा में नए तारों के निर्माण को रोक रहा है।
स्पष्टीकरण: लेख में कहा गया है कि वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल के शक्तिशाली बहिर्वाह के कारण आकाशगंगा में तारों का निर्माण अल्पतम होता है, क्योंकि यह प्रवाह गैस और धूल को बाहर धकेल रहा है, जिससे नए तारे नहीं बन पा रहे हैं।
6.
उत्तर: c) एक रोबोटिक चंद्र लैंडर
स्पष्टीकरण: लेख स्पष्ट रूप से बताता है कि एथेना एक रोबोटिक चंद्र लैंडर है, जिसे चंद्रमा की सतह पर उतरकर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
7.
उत्तर: c) फरवरी 2024
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, इंट्यूटिव मशीन्स ने फरवरी 2024 में अपने पहले IM-1 मिशन के साथ इतिहास रचा था।
8.
उत्तर: c) फाल्कन 9
स्पष्टीकरण: लेख में कहा गया है कि चंद्र लैंडर एथेना स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के ऊपर कक्षा में जाएगा।
9.
उत्तर: d) दक्षिणी ध्रुव
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, एथेना चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित शेकलटन क्रेटर के आसपास उतरने की उम्मीद है।
10.
उत्तर: c) चंद्रमा पर वाणिज्यिक पेलोड सेवाएं
स्पष्टीकरण: लेख बताता है कि इंट्यूटिव मशीन्स का लैंडर नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत नासा निजी कंपनियों को चंद्रमा पर वैज्ञानिक उपकरण भेजने के लिए अनुबंधित करता है।
11.
उत्तर: c) 27-28 जनवरी, 2025
स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन 27-28 जनवरी, 2025 को आयोजित हुआ था।
12.
उत्तर: c) 2030 तक 300 मिलियन लोगों तक बिजली पहुँचाना
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मिशन 300 का महत्वाकांक्षी लक्ष्य वर्ष 2030 तक अफ्रीका में 300 मिलियन लोगों तक बिजली पहुँचाना है।
13.
उत्तर: b) ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
स्पष्टीकरण: लेख में कहा गया है कि दार एस सलाम ऊर्जा घोषणा ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए अफ्रीकी सरकारों की प्रतिबद्धताओं और व्यावहारिक कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
14.
उत्तर: c) 2024
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, मिशन 300 की घोषणा अप्रैल 2024 में अफ्रीकी विकास बैंक समूह और विश्व बैंक समूह द्वारा की गई थी।
15.
उत्तर: c) सरकारें, वित्तीय संस्थान, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज
स्पष्टीकरण: लेख के अंतिम बुलेट पॉइंट में बताया गया है कि इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न हितधारकों जैसे सरकारों, वित्तीय संस्थानों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज ने भाग लिया।
16.
उत्तर: (b) 21-22 फरवरी, 2025
स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति स्पष्ट रूप से बताती है कि 9वीं एशिया आर्थिक वार्ता 21-22 फरवरी, 2025 को आयोजित हुई थी।
17.
उत्तर: (b) विदेश मंत्रालय
स्पष्टीकरण: लेख में दूसरी पंक्ति में कहा गया है कि एशिया आर्थिक वार्ता विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाती है।
18.
उत्तर: (c) ट्रैक 1.5 वार्ता
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि एशिया आर्थिक वार्ता भू-अर्थशास्त्र पर विदेश मंत्रालय की एक वार्षिक प्रमुख 'ट्रैक 1.5 वार्ता' है।
19.
उत्तर: (b) विखंडन के युग
में
आर्थिक लचीलापन और पुनरुत्थान
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि वार्ता का विषय "विखंडन के युग में आर्थिक लचीलापन और पुनरुत्थान" था।
20.
उत्तर: (b) पुणे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र
स्पष्टीकरण: लेख में कहा गया है कि तीन दिवसीय वार्ता पुणे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के सहयोग से आयोजित हुई।
21.
उत्तर: c) 2025
स्पष्टीकरण: लेख की पहली पंक्ति के अनुसार, इसरो का 100वाँ मिशन 29 जनवरी, 2025 को लॉन्च हुआ था।
22.
उत्तर: d) NVS-02
स्पष्टीकरण: लेख में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इसरो के 100वें मिशन में NVS-02 नामक उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया था।
23.
उत्तर: c) NavIC
स्पष्टीकरण: लेख के अनुसार, NVS-02 उपग्रह नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) प्रणाली के लिए दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों की श्रृंखला का दूसरा उपग्रह था।
24.
उत्तर: a) 1971
स्पष्टीकरण: लेख में उल्लेख किया गया है कि इसरो का पहला रॉकेट, साउंडिंग रॉकेट RH-125, वर्ष 1971 में लॉन्च किया गया था।
25.
उत्तर: c) स्वदेशी परमाणु घड़ी
स्पष्टीकरण: लेख में बताया गया है कि दूसरी पीढ़ी के NavIC का पहला उपग्रह, NVS-01, जिसे मई 2023 में लॉन्च किया गया था, उसमें एक स्वदेशी परमाणु घड़ी लगी हुई थी।
26.
उत्तर: c. जनवरी 2025
स्पष्टीकरण: लेख के पहले बुलेट पॉइंट के अनुसार, प्रथम रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन 28 और 29 जनवरी, 2025 को आयोजित किया गया था।
27.
उत्तर: c. भारत के विदेश मंत्री
स्पष्टीकरण: लेख के दूसरे बुलेट पॉइंट में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर प्रथम रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे।
28.
उत्तर: c. भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र
स्पष्टीकरण: लेख के तीसरे बुलेट पॉइंट के अनुसार, रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है।
29.
उत्तर: d. ORF, यूएई का विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश मंत्रालय
स्पष्टीकरण: लेख के चौथे बुलेट पॉइंट में कहा गया है कि पहले रायसीना मध्य पूर्व संवाद का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा यूएई के विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में किया गया था।
30.
उत्तर: c. नई दिल्ली
स्पष्टीकरण: लेख के पांचवें बुलेट पॉइंट में यह स्पष्ट किया गया है कि रायसीना डायलॉग का मुख्य संस्करण प्रतिवर्ष नई दिल्ली में आयोजित होता है।
0 Comments