13 April 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. प्रणब मुखर्जी स्मारक: राष्ट्र का सम्मान
- A2. 1975 का आपातकाल: पीड़ितों को न्याय
- A3. भारत का बढ़ता राजमार्ग नेटवर्क: प्रगति की राह
- A4. गद्दी कुत्ता: हिमालय का रक्षक
- A5. धर्म स्वतंत्रता कानून: अरुणाचल में फिर से चर्चा
- A6. संक्रामक रोगों से लड़ने की नई शक्ति: बेंगलुरु में IRDL
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
प्रणब मुखर्जी स्मारक: राष्ट्र का सम्मान
Pranab
Mukherjee Memorial: A Nation's Tribute
केंद्र सरकार ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दिल्ली के राजघाट परिसर के एक भाग, राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर उनका स्मारक स्थापित किया जाएगा।
प्रणब मुखर्जी: एक असाधारण जीवन
अनुभवी राजनेता: प्रणब मुखर्जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वयोवृद्ध और सम्मानित नेता थे।
राजनीतिक सफर की शुरुआत: उन्होंने 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व: उन्होंने अपने लम्बे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिनमें वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, और विदेश मंत्रालय प्रमुख हैं।
भारत के 13वें राष्ट्रपति: प्रणब मुखर्जी ने 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। उन्होंने इस पद पर अपनी विद्वता, अनुभव और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी गहरी निष्ठा से अमिट छाप छोड़ी।
भारत रत्न से सम्मानित: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके राष्ट्र के प्रति अद्वितीय योगदान और समर्पण को दर्शाता है।
निधन: 31
अगस्त, 2020 को इस महान नेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति थी।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल का महत्व:
राष्ट्रीय स्मृति स्थल उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों को समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। महात्मा गांधी का समाधि स्थल, राजघाट, इसी परिसर का हिस्सा है। प्रणब मुखर्जी का स्मारक इस महत्वपूर्ण स्थल पर स्थापित होना उनके कद और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का सम्मान है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. केंद्र सरकार ने भारत के किस पूर्व राष्ट्रपति की स्मृति में दिल्ली के राजघाट परिसर में स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है?
a) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
b) प्रतिभा पाटिल
c) प्रणब मुखर्जी
d) राम नाथ कोविंद
2. प्रणब मुखर्जी ने किस वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था?
a) 1959
b) 1969
c) 1979
d) 1989
3. प्रणब मुखर्जी ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में किस अवधि के दौरान कार्य किया?
a) 2007 से
2012
b) 2012 से
2017
c) 2017 से
2022
d) 2002 से
2007
4. प्रणब मुखर्जी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से किस वर्ष में सम्मानित किया गया था?
a) 2017
b) 2018
c) 2019
d) 2020
5. राष्ट्रीय स्मृति स्थल, जहाँ प्रणब मुखर्जी का स्मारक स्थापित किया जाएगा, किस प्रसिद्ध व्यक्ति के समाधि स्थल का भी हिस्सा है?
a) जवाहरलाल नेहरू
b) इंदिरा गांधी
c) महात्मा गांधी
d) लाल बहादुर शास्त्री
A2.
1975
का आपातकाल: पीड़ितों को न्याय
The
1975 Emergency: Justice for the Victims
ओडिशा सरकार का ऐतिहासिक कदम: 13 जनवरी,
2025 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 1975-77 के आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों को ₹20,000 की मासिक पेंशन और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की मंजूरी दी है।
पिछला प्रयास: इससे पहले, अगस्त 2019 में, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार ने मधुबाबू पेंशन योजना के तहत आपातकाल में गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों को ₹500 की पेंशन देने की घोषणा की थी। अब इस राशि को काफी बढ़ा दिया गया है।
पात्रता: यह पेंशन उन जीवित व्यक्तियों को मिलेगी जो 1 जनवरी, 2025 तक जीवित थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि पेंशन के लिए जेल में हिरासत की अवधि मायने नहीं रखेगी। यदि किसी व्यक्ति को आपातकाल के दौरान जेल में रखा गया था और वह जीवित है, तो वह इस पेंशन का हकदार होगा।
अन्य राज्यों की पहल: ओडिशा ऐसा करने वाला पहला राज्य नहीं है। मध्य प्रदेश पहले से ही आपातकाल के पीड़ितों को ₹15,000 से ₹25,000 प्रति वर्ष की सहायता दे रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ ₹5,000 से ₹25,000 प्रति माह और राजस्थान ₹20,000 प्रति माह की पेंशन दे रहा है। ओडिशा की यह नई पहल इन राज्यों के समकक्ष या उससे भी अधिक है।
आपातकाल: एक काला अध्याय: 25 जून, 1975 को भारत में आपातकाल की घोषणा की गई थी। इस दौरान, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजनीतिक विरोधियों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिए थे। बड़ी संख्या में राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया था। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक विवादास्पद और काला अध्याय माना जाता है।
पीड़ितों को सम्मान: ओडिशा सरकार का यह कदम आपातकाल के उन पीड़ितों को सम्मान और आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक प्रयास है जिन्होंने उस कठिन समय में कष्ट सहा। यह फैसला यह भी दर्शाता है कि सरकार उन लोगों को नहीं भूली है जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. ओडिशा सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल गए व्यक्तियों के लिए ₹20,000 की मासिक पेंशन और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा कब मंजूर की?
a) 13 जनवरी,
2024
b) 25 जून,
1975
c) 13 जनवरी,
2025
d) अगस्त,
2019
7. अगस्त,
2019 में, ओडिशा की तत्कालीन बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार ने आपातकाल में गिरफ्तार किए गए लोगों को मधुबाबू पेंशन योजना के तहत कितनी पेंशन देने की घोषणा की थी?
a) ₹20,000 मासिक
b) ₹500 मासिक
c) ₹15,000 से
₹25,000 वार्षिक
d) ₹5,000 से
₹25,000 मासिक
8. ओडिशा सरकार द्वारा मंजूर की गई ₹20,000 मासिक पेंशन के लिए पात्रता की मुख्य शर्त क्या है?
a) आपातकाल के दौरान कम से कम एक वर्ष की जेल की सजा
b) 1 जनवरी,
2025 तक जीवित होना
c) ओडिशा का मूल निवासी होना
d) 60 वर्ष से अधिक आयु होना
9. निम्नलिखित में से कौन सा राज्य पहले से ही आपातकाल के पीड़ितों को ₹20,000 प्रति माह की पेंशन दे रहा है?
a) मध्य प्रदेश
b) छत्तीसगढ़
c) राजस्थान
d) ओडिशा
10. भारत में आपातकाल कब घोषित किया गया था, जिसके कारण राजनीतिक विरोधियों की व्यापक गिरफ्तारी हुई?
a) 13 जनवरी,
2025
b) अगस्त,
2019
c) 25 जून,
1975
d) 1 जनवरी,
2025
A3.
भारत का बढ़ता राजमार्ग नेटवर्क: प्रगति की राह
India's
Expanding Highway Network: A Road to Progress
पिछले 10 वर्षों में भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में यह 91,287 किलोमीटर था, जो 60 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 1,46,195 किलोमीटर हो गया है। (सुधार: यहाँ "146, 195 किलोमीटर" को "1,46,195 किलोमीटर" के रूप में किया गया है)।
इस विस्तार के साथ, भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क बन गया है। यह देश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के विकास में भी अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 2014 में इनकी लंबाई केवल 93 किलोमीटर थी, जो 2024 तक बढ़कर 2,474 किलोमीटर हो गई है। यह तीव्र गति से परिवहन कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा।
30 नवंबर,
2024 तक, विश्व बैंक, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA), और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण सहायता प्राप्त परियोजनाओं (Externally Aided Projects
- EAP) के माध्यम से 2,540 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया गया है। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग देश के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
यह विस्तार न केवल बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और व्यापार को भी बढ़ावा देता है।
उच्च गुणवत्ता वाले राजमार्गों का विकास सुरक्षित और कुशल परिवहन के लिए आवश्यक है, जिससे यात्रा का समय और लागत कम होती है।
सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को और अधिक विस्तारित और उन्नत किया जाए, जिससे देश की समग्र विकास गति को बढ़ाया जा सके।
ज़रूर, यहाँ उपरोक्त लेख पर आधारित 5 बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक के 4 विकल्प (a, b, c, d), उत्तर और हिंदी में स्पष्टीकरण शामिल हैं। वर्तमान तिथि (11 अप्रैल, 2025) को ध्यान में रखते हुए काल का प्रयोग किया गया है:
11. पिछले 10 वर्षों में, अर्थात् 2014 से 2024 तक, भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में लगभग कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
(a) 40 प्रतिशत
(b) 50 प्रतिशत
(c) 60 प्रतिशत
(d) 70 प्रतिशत
12. वर्ष
2024 तक, राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर की कुल लंबाई कितनी हो गई थी, जबकि 2014 में यह मात्र 93 किलोमीटर थी?
(a) 1,474 किलोमीटर
(b) 2,474 किलोमीटर
(c) 3,474 किलोमीटर
(d) 4,474 किलोमीटर
13. 30 नवंबर,
2024 तक, किन अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण सहायता प्राप्त परियोजनाओं के माध्यम से 2,540 किलोमीटर राजमार्ग बनाए गए थे?
(a) विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
(b) जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) और एशियाई विकास बैंक (ADB)
(c) विश्व बैंक, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA), और एशियाई विकास बैंक (ADB)
(d) संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
14. राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए भारत सरकार का कौन सा मंत्रालय मुख्य रूप से जिम्मेदार है?
(a) वित्त मंत्रालय
(b) गृह मंत्रालय
(c) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
(d) रेल मंत्रालय
15. वर्ष
2024 में भारत, किस देश के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश बन गया है?
(a) चीन
(b) रूस
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) कनाडा
A4.
गद्दी कुत्ता: हिमालय का रक्षक
Gaddi
Dog: Guardian of the Himalayas
गद्दी कुत्ते को मिली स्वदेशी नस्ल की मान्यता: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR), करनाल, हरियाणा ने हिमालय की एक महत्वपूर्ण स्वदेशी कुत्ते की नस्ल, गद्दी कुत्ते को आधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान कर दी है। यह भारत के लिए एक गर्व का क्षण है।
चौथी स्वदेशी नस्ल: गद्दी कुत्ता तमिलनाडु की प्रसिद्ध राजपलायम और चिप्पीपराई नस्लों और कर्नाटक की फुर्तीली मुधील हाउंड के बाद पंजीकृत होने वाली चौथी स्वदेशी कुत्ते की नस्ल बन गया है। यह भारत की समृद्ध जैव विविधता और पशुधन धरोहर को दर्शाता है।
पहली हिमालयी नस्ल: यह आधिकारिक तौर पर पंजीकृत होने वाली पहली हिमालयी कुत्ते की नस्ल है। यह हिमालयी क्षेत्र की अनूठी परिस्थितियों और स्थानीय समुदायों की जरूरतों के अनुरूप विकसित हुई इस नस्ल के महत्व को रेखांकित करता है।
संरक्षण एवं प्रसार: COVAS पालमपुर विश्वविद्यालय में स्थापित गद्दी कुत्तों के संरक्षण-सह-प्रसार केंद्र के विशेषज्ञों ने इस महत्वपूर्ण नस्ल पर शोध करने और इसके संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों का दौरा किया और गद्दी कुत्तों के पिल्लों को एकत्र किया।
"भारतीय पैंथर हाउंड": अपनी अद्भुत बहादुरी और हिम तेंदुओं जैसे खतरनाक शिकारियों से अपने झुंड की रक्षा करने की अद्वितीय क्षमता के कारण, गद्दी कुत्ते को प्यार से "भारतीय पैंथर हाउंड" के रूप में भी जाना जाता है। यह नाम इसकी शक्ति और रक्षात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
गद्दी कुत्ते मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
ये कुत्ते चरवाहों के साथ रहकर उनके पशुधन, खासकर भेड़ और बकरियों की जंगली जानवरों से रक्षा करते हैं।
इनकी शारीरिक बनावट मजबूत और फुर्तीली होती है, जो इन्हें पहाड़ी इलाकों में काम करने के लिए अनुकूल बनाती है।
गद्दी कुत्ते अपनी वफादारी, साहस और सतर्कता के लिए जाने जाते हैं।
इनकी घनी और लंबी फर इन्हें ठंडे मौसम से बचाने में मदद करती है।
ICAR-NBAGR का यह कदम इस महत्वपूर्ण नस्ल के संरक्षण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
16. गद्दी कुत्ते को किस संस्थान ने स्वदेशी नस्ल की मान्यता दी?
a) भारतीय वन्यजीव संस्थान
b) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (ICAR-NBAGR)
c) पशुपालन विभाग, भारत सरकार
d) हिमालय पर्यावरण संस्थान
17. राजपलायम और चिप्पीपराई नस्लों के बाद गद्दी कुत्ता कौन सी पंजीकृत स्वदेशी नस्ल है?
a) पहली
b) दूसरी
c) तीसरी
d) चौथी
18. आधिकारिक रूप से पंजीकृत होने वाली पहली हिमालयी कुत्ते की नस्ल कौन सी है?
a) भूटिया
b) गद्दी
c) लेपचा हाउंड
d) तिब्बती मास्टिफ
19. गद्दी कुत्ते को और किस नाम से जाना जाता है?
a) हिमालयन गार्ड डॉग
b) पहाड़ी शिकारी कुत्ता
c) भारतीय पैंथर हाउंड
d) भेड़ रक्षक कुत्ता
20. गद्दी कुत्ते मुख्य रूप से भारत के किन क्षेत्रों में पाए जाते हैं?
a) राजस्थान और गुजरात
b) तमिलनाडु और केरल
c) हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर
d) पश्चिम बंगाल और सिक्किम
A5.
धर्म स्वतंत्रता कानून: अरुणाचल में फिर से चर्चा
Anti-Conversion
Law: Debate Reignites in Arunachal Pradesh
अरुणाचल प्रदेश सरकार 46 वर्ष से निष्क्रिय पड़े अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1978 को लागू करने के लिए नियम बना रही है। (सुधार: यहाँ 'के तहत्' की जगह 'के तहत' होना चाहिए।)
यह कानून जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया था।
1978 में अरुणाचल प्रदेश की पहली विधान सभा द्वारा इसे पारित किया गया था।
इस कानून के तहत, जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर दो वर्ष तक की कैद और ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस कदम से राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता, स्वदेशी संस्कृति की सुरक्षा, और आस्था के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस फिर से शुरू हो गई है।
कुछ लोगों का मानना है कि यह कानून धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बना सकता है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन कर सकता है।
वहीं, कुछ अन्य लोगों का तर्क है कि यह कानून स्वदेशी धार्मिक परंपराओं की रक्षा करने और धोखे से किए गए धर्मांतरण को रोकने के लिए आवश्यक है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत के संविधान में सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने, अभ्यास करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन यह स्वतंत्रता कुछ प्रतिबंधों के अधीन है, जैसे कि सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य।
विभिन्न राज्यों में इस तरह के धर्मांतरण विरोधी कानून मौजूद हैं, और इन कानूनों की संवैधानिकता और प्रभावशीलता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम कब पारित किया गया था?
a) 1958
b) 1968
c) 1978
d) 1988
22. अरुणाचल प्रदेश सरकार अब किस वर्ष के अधिनियम को लागू करने के लिए नियम बना रही है?
a) 1958
b) 1968
c) 1978
d) 2024
23. अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत जबरन धर्म परिवर्तन के लिए अधिकतम कैद की सजा कितनी है?
a) एक वर्ष
b) दो वर्ष
c) तीन वर्ष
d) पाँच वर्ष
24. हाल के कदम से अरुणाचल प्रदेश में किस विषय पर बहस फिर से शुरू हो गई है?
a) शिक्षा नीति
b) आर्थिक विकास
c) धार्मिक स्वतंत्रता और सरकारी हस्तक्षेप
d) सीमा सुरक्षा
25. कुछ लोगों का मानना है कि धर्मांतरण विरोधी कानून किस पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है?
a) स्वदेशी संस्कृति
b) धार्मिक बहुसंख्यकों
c) धार्मिक अल्पसंख्यकों
d) सरकारी नीतियां
A6.
संक्रामक रोगों से लड़ने की नई शक्ति: बेंगलुरु में IRDL
New
Power to Fight Infectious Diseases: IRDL in Bengaluru
संक्रामक रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, बेंगलुरु:
महत्वपूर्ण उपलब्धि: बेंगलुरु के मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) द्वारा दक्षिण भारत की पहली संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला (Infectious Disease
Research and Diagnostic Laboratory - IRDL) स्थापित करने के लिए चुना गया है।
केंद्रित अनुसंधान: यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला मुख्य रूप से बैक्टीरिया (जीवाणु), फंगस (कवक) और परजीनियों (Parasites) से होने वाली बीमारियों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
तेज़ और सटीक निदान: इस प्रयोगशाला की स्थापना से संक्रामक रोगों का तेज़ी से और अधिक सटीकता से निदान करना संभव हो सकेगा, जिससे रोगियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित किए जा सकेंगे।
क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता: अभी तक, कर्नाटक को संदिग्ध वायरल प्रकोपों और वैश्विक महामारी से संबंधित नमूनों के परीक्षण के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) प्रयोगशाला पर निर्भर रहना पड़ता था। बेंगलुरु में IRDL की स्थापना से इस निर्भरता में कमी आएगी।
राष्ट्रीय पहल का हिस्सा: यह प्रयोगशाला देश भर में स्थापित की जा रही सात प्रस्तावित आईआरडीएल (IRDLs) की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
अन्य प्रस्तावित IRDL: अन्य छह आईआरडीएल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली; एम्स, जोधपुर; एम्स, भोपाल; एम्स, रायपुर; एम्स, भुवनेश्वर; और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में स्थापित की जाएंगी। यह राष्ट्रीय स्तर पर संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डॉ. मनमोहन सिंह लोक प्रशासन संस्थान:
नाम परिवर्तन: हिमाचल प्रदेश के राज्य मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (Himachal Pradesh Institute
of Public Administration - HIPA) का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सम्मान और श्रद्धांजलि: यह नाम परिवर्तन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लोक प्रशासन के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान और उनके सम्मान में किया गया है।
महत्वपूर्ण संस्थान: हिपा हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है जो राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे उनकी कार्यकुशलता और प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि होती है। नाम परिवर्तन के साथ, संस्थान के महत्व और जिम्मेदारी में और वृद्धि होगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. दक्षिण भारत की पहली संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान प्रयोगशाला (IRDL) किस संस्थान में स्थापित की गई है?
a) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे
b) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली
c) बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI)
d) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
27. बेंगलुरु में स्थापित IRDL मुख्य रूप से किन रोगों पर ध्यान केंद्रित करेगी?
a) केवल वायरल रोग
b) केवल बैक्टीरियल रोग
c) बैक्टीरिया, फंगस और परजीवी रोग
d) हृदय और फेफड़ों के रोग
28. कर्नाटक को पहले संदिग्ध वायरल प्रकोपों के परीक्षण के लिए किस संस्थान पर निर्भर रहना पड़ता था?
a) बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI)
b) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे
c) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), बेंगलुरु
d) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR), नई दिल्ली
29. हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) का नया नाम क्या है, जिसे हाल ही में मंजूरी दी गई है?
a) अटल बिहारी वाजपेयी लोक प्रशासन संस्थान
b) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लोक प्रशासन संस्थान
c) डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान
d) सरदार वल्लभभाई पटेल लोक प्रशासन संस्थान
30. देश भर में कितनी प्रस्तावित संक्रामक रोग अनुसंधान और निदान प्रयोगशालाएँ (IRDL) स्थापित की जा रही हैं, जिनमें बेंगलुरु की प्रयोगशाला भी शामिल है?
a) पाँच
b) छह
c) सात
d) आठ
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