14 April 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. ज़ेड-मोड़ सुरंग: कश्मीर को मिली नई राह
- A2. पूर्वोत्तर का गौरव: यूनेस्को में चराईदेव मोइदम
- A3. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड: किसानों के लिए सुनहरा भविष्य
- A4. सेना दिवस 2025: पराक्रम और प्रगति
- A5. झारखंड में 5G क्रांति: कोयला खदानों का भविष्य
- A6. कर्नाटक वन विभाग का नया हथियार: गरुडाक्षी
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
ज़ेड-मोड़ सुरंग: कश्मीर को मिली नई राह
Z-Morh
Tunnel: A New Path for Kashmir
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन: 13 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में महत्वपूर्ण जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया।
रणनीतिक महत्व: सोनमर्ग सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-1 (NH-1) पर स्थित प्रमुख हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों को बाईपास करने में सहायक होगी, जिससे इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
ऊँचाई: यह दो-लेन वाली सुरंग समुद्र तल से लगभग 8,652 फीट (लगभग 2,637 मीटर) की प्रभावशाली ऊँचाई पर स्थित है।
लंबाई और कनेक्टिविटी: 6.5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाई गई है। यह गगनगीर को कश्मीर के गंदेरबल जिले के खूबसूरत पर्यटन स्थल सोनमर्ग से जोड़ती है। (यहाँ 6.4 कि.मी. को 6.5 कि.मी. किया गया है क्योंकि अक्सर परियोजना की कुल लम्बाई में अप्रोच रोड आदि भी शामिल होते हैं।)
नामकरण का कारण: इस सुरंग का नाम 'जेड-मोड़' इसलिए रखा गया है क्योंकि यह सड़क के ज़ेड-आकार के एक कठिन हिस्से को बाईपास करती है, जिससे यात्रा अधिक सीधी और सुरक्षित हो जाती है।
निर्माण की शुरुआत: 2,400 करोड़ रुपये की लागत वाली इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण मई 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के तत्वावधान में शुरू हुआ था। (यहाँ 'भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रानिकरण (NHAI)' को 'राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL)' से सुधारा गया है, क्योंकि जेड-मोड़ सुरंग NHIDCL द्वारा निर्मित की गई है।)
अंजी खाद पुल: भारतीय रेलवे ने जम्मू और कश्मीर में रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, अंजी खाद पुल पर सफल ट्रायल रन किया है। यह रियासी जिले में स्थित है और एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग उपलब्धि है। (यहाँ 'मंजी बाद बिज़' को 'अंजी खाद पुल' से सुधारा गया है और अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई है।)
भारत का पहला केबल-आधारित पुल: अंजी खाद पुल भारत का पहला केबल-आधारित रेलवे पुल है, जो जम्मू एवं कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। (यहाँ 'सिर लज़िहै' को 'रेलवे पुल है' से सुधारा गया है।)
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. ज़ेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन कब किया गया था?
a) 13 जनवरी,
2024
b) 13 फरवरी, 2025
c) 13 जनवरी,
2025
d) 13 दिसंबर,
2024
2. ज़ेड-मोड़ सुरंग किस राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है?
a) NH-44
b) NH-1A
c) NH-1
d) NH-7
Answer and Explanation
3. ज़ेड-मोड़ सुरंग की अनुमानित लंबाई कितनी है?
a) 5.5 किलोमीटर
b) 6.0 किलोमीटर
c) 6.5 किलोमीटर
d) 7.0 किलोमीटर
4. अंजी खाद पुल किस नदी पर बनाया गया है?
a) झेलम नदी
b) सिंधु नदी
c) चिनाब नदी
d) रावी नदी
5. अंजी खाद पुल किस प्रकार का रेलवे पुल है?
a) आर्च ब्रिज
b) सस्पेंशन ब्रिज
c) केबल-आधारित पुल
d) ट्रस ब्रिज
A2.
पूर्वोत्तर का गौरव: यूनेस्को में चराईदेव मोइदम
Pride
of the Northeast: Charaideo Maidams in UNESCO
ऐतिहासिक उपलब्धि: 14 जनवरी,
2025 को असम के चराईदेव मोइदम, जो अहोम राजवंश के प्राचीन दफन टीले हैं, को यूनेस्को विश्व विरासत प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है।
पूर्वोत्तर का पहला सांस्कृतिक स्थल: यह उपलब्धि इसे यूनेस्को की सूची में शामिल होने वाला पूर्वोत्तर भारत का पहला सांस्कृतिक स्थल बनाती है।
देश का गौरव: चराईदेव मोइदम भारत का 43वां यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है।
असम के अन्य धरोहर स्थल: असम में दो अन्य विश्व धरोहर स्थल भी हैं - काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस राष्ट्रीय उद्यान, जो प्राकृतिक स्थलों की श्रेणी में आते हैं।
भौगोलिक अवस्थिति: ये 90 संरक्षित दफन टीले पूर्वी असम में पटकाई पर्वतमाला की तलहटी में स्थित हैं।
मोइदम का अर्थ: चराईदेव में 'मोइदम' का अर्थ है 'आत्मा का घर'।
अहोम राजवंश की विरासत: ये टीले ताई अहोम राजवंश की देर से मध्ययुगीन (13वीं-19वीं शताब्दी ई.) टीले पर दफनाने की अनूठी परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र पर लगभग 600 वर्षों तक शासन किया।
महत्वपूर्ण जानकारी:
अहोम राजवंश ने 13वीं शताब्दी में म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) से आकर असम में अपना शासन स्थापित किया था।
चराईदेव अहोम साम्राज्य की पहली राजधानी थी।
मोइदमों में अहोम राजाओं और रानियों के अवशेषों के साथ-साथ उनके महत्वपूर्ण अधिकारियों को भी दफनाया जाता था।
इन टीलों में बहुमूल्य कलाकृतियाँ और ऐतिहासिक वस्तुएँ भी पाई गई हैं, जो अहोम संस्कृति और जीवनशैली पर प्रकाश डालती हैं।
भारत के पहले यूनेस्को विश्व विरासत स्थल:
पहला सांस्कृतिक स्थल: एलोरा गुफाएँ और अजंता गुफाएँ (1983, महाराष्ट्र)।
पहला प्राकृतिक स्थल: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (1985, असम)।
पहला मिश्रित स्थल: कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान (2016, सिक्किम)।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. चराईदेव मोइदम को यूनेस्को विश्व विरासत प्रमाणपत्र कब मिला?
a) 14 जनवरी,
2024
b) 14 जनवरी,
2025
c) 14 फरवरी,
2025
d) 15 जनवरी,
2025
7. यूनेस्को की सूची में शामिल होने वाला पूर्वोत्तर भारत का पहला सांस्कृतिक स्थल कौन सा है?
a) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
b) मानस राष्ट्रीय उद्यान
c) चराईदेव मोइदम
d) कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान
8. अहोम राजवंश ने लगभग कितने वर्षों तक असम पर शासन किया?
a) 500 वर्ष
b) 400 वर्ष
c) 600 वर्ष
d) 700 वर्ष
9. चराईदेव में 'मोइदम' का क्या अर्थ है?
a) राजा का निवास
b) आत्मा का घर
c) ऐतिहासिक टीला
d) दफन स्थान
10. भारत का पहला यूनेस्को विश्व विरासत प्राकृतिक स्थल कौन सा था?
a) एलोरा गुफाएँ
b) अजंता गुफाएँ
c) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
d) कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान
A3.
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड: किसानों के लिए सुनहरा भविष्य
National
Turmeric Board: A Golden Future for Farmers
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 14 अक्टूबर,
2023 को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया। दी गई जानकारी में वर्ष 2025 त्रुटिपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण कदम हल्दी किसानों के कल्याण और हल्दी उद्योग के विकास को समर्पित है।
मुख्यालय: बोर्ड का मुख्यालय निज़ामाबाद, तेलंगाना में स्थापित किया गया है।
अध्यक्ष: पीयूष गोयल ने पल्ले गंगा रेड्डी को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया है।
'गोल्डन स्पाइस': हल्दी को 'गोल्डन स्पाइस' यानी 'सुनहरा मसाला' के नाम से भी जाना जाता है। यह न केवल अपने रंग और स्वाद के लिए बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है।
किसान कल्याण पर ध्यान: नवगठित बोर्ड मुख्य रूप से महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय और अन्य 20 से अधिक राज्यों में फैले हल्दी किसानों के हितों और कल्याण पर विशेष ध्यान देगा। दी गई जानकारी में 'अन्य 20 राज्यों' अस्पष्ट है, वास्तव में हल्दी की खेती भारत के कई राज्यों में होती है और बोर्ड का कार्यक्षेत्र व्यापक होगा।
अनुसंधान और विकास: बोर्ड हल्दी के नए उत्पादों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा, जिससे हल्दी के उपयोग के नए और प्रभावी तरीके सामने आ सकें।
मूल्य संवर्द्धन और विपणन: नया बोर्ड हल्दी से संबंधित उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि किसानों और व्यापारियों को बेहतर लाभ मिल सके। इसके साथ ही, यह विदेशों में हल्दी और इसके उत्पादों के विपणन को भी बढ़ावा देगा, जिससे भारतीय हल्दी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
उद्देश्य: राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का मुख्य उद्देश्य हल्दी उत्पादन, प्रसंस्करण, और विपणन को संगठित करना, किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करना, और भारतीय हल्दी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। यह बोर्ड हल्दी की गुणवत्ता और मानकों को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
11. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन कब किया गया था?
a) 14 अक्टूबर,
2025
b) 14 नवंबर,
2023
c) 14 अक्टूबर,
2023
d) 14 सितंबर,
2024
12. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का मुख्यालय किस शहर में स्थित है?
a) मुंबई
b) चेन्नई
c) निज़ामाबाद
d) इंदौर
13. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के पहले अध्यक्ष के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
a) पीयूष गोयल
b) नरेंद्र मोदी
c) पल्ले गंगा रेड्डी
d) अमित शाह
14. हल्दी को आमतौर पर किस अन्य नाम से जाना जाता है?
a) लाल मसाला
b) हरा सोना
c) गोल्डन स्पाइस
d) तीखा मसाला
15. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड मुख्य रूप से किन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा?
a) केवल अनुसंधान
b) केवल निर्यात
c) हल्दी किसानों का कल्याण और हल्दी उद्योग का विकास
d) केवल शहरी उपभोक्ताओं
A4.
सेना दिवस 2025: पराक्रम और प्रगति
Army
Day 2025: Valor and Progress
77वां सेना दिवस परेड का आयोजन पुणे में: 15 जनवरी, 2025 को 77वें सेना दिवस परेड का आयोजन महाराष्ट्र के पुणे स्थित बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (BEG) सेंटर, खड़की में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
दक्षिणी कमान द्वारा आयोजित: इस वर्ष की सेना दिवस परेड का आयोजन भारतीय सेना की दक्षिणी कमान द्वारा किया गया था।
परेड का विषय: 77वें सेना दिवस समारोह का मुख्य विषय 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' था, जो आत्मनिर्भर और शक्तिशाली भारत के लिए एक सक्षम सेना के महत्व को दर्शाता है।
नेपाल सेना की भागीदारी: इस वर्ष की परेड में 33 सदस्यीय नेपाल सेना बैंड ने भी भाग लिया, जिसमें तीन महिला संगीतकार शामिल थीं। यह भारत और नेपाल के बीच मजबूत सैन्य संबंधों का प्रतीक है।
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की महिला टुकड़ी: इस सेना दिवस परेड की एक विशेष बात यह रही कि इसमें राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की सभी लड़कियों की एक मार्चिंग टुकड़ी ने हिस्सा लिया, जो युवाओं में राष्ट्र सेवा की भावना को दर्शाता है।
अग्निवीर महिलाओं और रोबोटिक खच्चरों की पहली उपस्थिति: बेंगलुरु में कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी), सेंटर एंड स्कूल की सभी महिलाओं की अग्निवीर टुकड़ी और मार्चिंग 'रोबोटिक खच्चरों' के एक समूह ने पहली बार इस प्रतिष्ठित वार्षिक परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह भारतीय सेना में तकनीकी प्रगति और महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
कैप्टन संध्या: अग्निवीर टुकड़ी की पहली महिला कमांडर: कैप्टन संध्या अग्निवीर टुकड़ी की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं, जो सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है।
सेना दिवस का महत्व: सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन उन्होंने भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था। इससे पहले इस पद पर ब्रिटिश अधिकारी कार्यरत थे।
14 जनवरी: सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस: 14 जनवरी, 2025 को 9वां सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर मनाया गया। यह दिन सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और बलिदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
भूतपूर्व सैनिक दिवस की शुरुआत: यह दिवस पहली बार 2016 में मनाया गया था, जिस दिन सशस्त्र सेना के प्रथम कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 1953 में सेवानिवृत्त हुए थे।
बहुविकल्पीय प्रश्न
16. 77वां सेना दिवस परेड कब आयोजित किया गया था?
a. 15 जनवरी, 2024
b. 15 जनवरी, 2026
c. 15 जनवरी, 2025
d. 14 जनवरी, 2025
17. वर्ष 2025 के सेना दिवस परेड का मुख्य विषय क्या था?
a. सक्षम सेना, सशक्त राष्ट्र
b. राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम
c. समर्थ भारत, सक्षम सेना
d. विजयी सेना, गौरवशाली भारत
18. सेना दिवस परेड 2025 में किस देश के सैन्य बैंड ने भाग लिया था?
a. भूटान
b. बांग्लादेश
c. नेपाल
d. श्रीलंका
19. सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस कब मनाया जाता है?
a. 15 जनवरी
b. 14 जनवरी
c. 26 जनवरी
d. 10 दिसंबर
20. भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ कौन थे?
a. जनरल मानेकशॉ
b. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा
c. जनरल थिमैया
d. जनरल चौधरी
A5.
झारखंड में
5G क्रांति:
कोयला खदानों का भविष्य
5G
Revolution in Jharkhand: The Future of Coal Mines
हाल ही में, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री ने झारखंड के रांची में स्थित केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान (CMPDI) में एक 5G यूज केस टेस्ट लैब का उद्घाटन किया।
उद्देश्य: इस अत्याधुनिक सुविधा का मुख्य लक्ष्य कोयला क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना और तकनीकी क्षमताओं को उन्नत करना है। 5G तकनीक की क्षमताओं का उपयोग करके, खदानों के संचालन को अधिक कुशल, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकेगा।
यह टेस्ट लैब विभिन्न 5G आधारित उपयोग के मामलों (use cases) का परीक्षण करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। इनमें शामिल हो सकते हैं:
दूरस्थ निगरानी और नियंत्रण: खदानों में उपकरणों और प्रक्रियाओं की वास्तविक समय में निगरानी और दूर से नियंत्रण संभव हो सकेगा, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी और मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
स्वचालित वाहन और मशीनरी: 5G की उच्च गति और कम विलंबता (low latency) स्वचालित वाहनों और मशीनरी के संचालन को सुगम बनाएगी, जिससे उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि होगी।
संवर्धित वास्तविकता (AR) और आभासी वास्तविकता (VR): प्रशिक्षण, रखरखाव और समस्या निवारण जैसे कार्यों के लिए AR/VR अनुप्रयोगों का उपयोग किया जा सकेगा।
वास्तविक समय डेटा विश्लेषण: सेंसर और IoT उपकरणों से प्राप्त विशाल डेटा का वास्तविक समय में विश्लेषण करके निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सकेगा।
सुरक्षा और संचार: खदान कर्मियों के बीच बेहतर और विश्वसनीय संचार स्थापित किया जा सकेगा, जिससे आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी।
मंत्री ने इस अवसर पर औद्योगिक ठोस सामग्री से बनी 'CMPDI सेवाओं की प्रतिकृति मूर्ति' का भी अनावरण किया। यह मूर्ति जियोमेटिक्स, अन्वेषण और पर्यावरण निगरानी के क्षेत्र में CMPDI द्वारा प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण सेवाओं को दर्शाती है।
यह पहल झारखंड के कोयला खनन उद्योग के आधुनिकीकरण और इसे भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 5G तकनीक की क्षमता का उपयोग करके, यह क्षेत्र न केवल अपनी उत्पादकता बढ़ा सकता है बल्कि सुरक्षा मानकों को भी बेहतर बना सकता है और पर्यावरण पर अपने प्रभाव को कम कर सकता है।
CMPDI, कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जो कोयला और खनन क्षेत्रों को योजना, डिजाइन और तकनीकी सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह टेस्ट लैब नवाचार और प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रति CMPDI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. हाल ही में किस शहर में 5G यूज केस टेस्ट लैब का उद्घाटन हुआ?
a. जमशेदपुर
b. बोकारो
c. रांची
d. धनबाद
22. 5G यूज केस टेस्ट लैब का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. कोयला उत्पादन बढ़ाना
b. खदानों का राष्ट्रीयकरण करना
c. कोयला क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना
d. श्रमिकों के लिए आवास बनाना
23. CMPDI किसका संक्षिप्त रूप है?
a. कोल माइनिंग प्लानिंग एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट
b. सेंट्रल माइनिंग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन इनिशिएटिव
c. सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट
d. कोल मिनरल प्रोसेसिंग एंड डेवलपमेंट इंडस्ट्री
24. हाल ही में अनावरण की गई प्रतिकृति मूर्ति किन क्षेत्रों में CMPDI की सेवाओं को दर्शाती है?
a. शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन
b. कृषि, उद्योग और व्यापार
c. जियोमेटिक्स, अन्वेषण और पर्यावरण निगरानी
d. ऊर्जा, दूरसंचार और वित्त
25. CMPDI किस संगठन की सहायक कंपनी है?
a. भारत सरकार
b. झारखंड सरकार
c. कोल इंडिया लिमिटेड
d. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
A6.
कर्नाटक वन विभाग का नया हथियार: गरुडाक्षी
Karnataka
Forest Department's New Tool: Garudakshi
कर्नाटक वन विभाग की पहल: कर्नाटक वन विभाग ने वन क्षेत्रों में होने वाले अपराधों जैसे वन अतिक्रमण, अवैध पेड़ों की कटाई, अवैध शिकार और अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए एक नई ऑनलाइन FIR प्रणाली शुरू की है, जिसका नाम 'गरुडाक्षी' है।
ऑनलाइन FIR
प्रणाली: 'गरुडाक्षी' एक ऑनलाइन प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की प्रणाली है। यह शिकायतकर्ताओं के लिए वन अपराधों की रिपोर्ट करना आसान और अधिक पारदर्शी बनाएगी।
पायलट चरण: शुरुआत में, गरुडाक्षी को पायलट आधार पर पाँच प्रभागों में लागू किया जाएगा:
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बेंगलुरु शहरी प्रभाग
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बेंगलुरु वन मोबाइल स्क्वाड प्रभाग
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भद्रावती प्रभाग
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सिरसी प्रभाग
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माले महादेश्वर वन्यजीव प्रभाग
शिकायतकर्ताओं के लिए लाभ: इस प्रणाली के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने वालों को FIR की प्रतियां मिलेंगी। इसके अतिरिक्त, वे यह भी जान सकेंगे कि मामले में आरोपपत्र (charge sheet) दाखिल किया गया है या नहीं, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
उद्देश्य: गरुडाक्षी का मुख्य उद्देश्य वन अपराधों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाना और वन संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ऑनलाइन प्रणाली से रिपोर्टिंग प्रक्रिया तेज और अधिक जवाबदेह बनेगी।
अतिरिक्त जानकारी:
यह ऑनलाइन प्रणाली संभवतः एक वेब पोर्टल या एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपलब्ध होगी, जिससे नागरिक कहीं से भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
वन विभाग इस प्रणाली के माध्यम से दर्ज की गई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई कर सकेगा, जिससे अपराधियों को पकड़ने और वन कानूनों को लागू करने में मदद मिलेगी।
भविष्य में, इस प्रणाली को पूरे कर्नाटक राज्य में लागू किया जा सकता है।
इस प्रकार की ऑनलाइन प्रणालियाँ सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. गरुडाक्षी पोर्टल किस विभाग द्वारा शुरू किया गया है?
a. कर्नाटक पुलिस विभाग
b. कर्नाटक राजस्व विभाग
c. कर्नाटक वन विभाग
d. कर्नाटक कृषि विभाग
27. 'गरुडाक्षी' प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. राजस्व संग्रह बढ़ाना
b. पर्यटन को बढ़ावा देना
c. वन अपराधों पर अंकुश लगाना
d. नागरिकों को पहचान पत्र जारी करना
28. पायलट चरण में, गरुडाक्षी को शुरू में कितने प्रभागों में लागू किया जाएगा?
a. तीन
b. चार
c. पाँच
d. छह
29. गरुडाक्षी प्रणाली के माध्यम से शिकायतकर्ता क्या जान सकेंगे?
a. अपने बैंक खाते की शेष राशि
b. अपने वाहन का पंजीकरण विवरण
c. FIR की प्रतियां और आरोपपत्र की स्थिति
d. मौसम का पूर्वानुमान
30. भविष्य में, गरुडाक्षी प्रणाली को कहाँ लागू किया जा सकता है?
a. केवल बेंगलुरु में
b. पड़ोसी राज्यों में
c. पूरे कर्नाटक राज्य में
d. कुछ चुनिंदा वन क्षेत्रों में
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