Ticker

6/recent/ticker-posts

23 April 2025 Current Affairs Questions

23 April 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. एक अनोखा विशालकाय ब्लैक होल: LID-568
  • A2. चंद्रमा पर एक और कदम: एथेना  
  • A3. अफ्रीका में ऊर्जा क्रांति: मिशन 300
  • A4. एशिया आर्थिक वार्ता: विखंडन के युग में लचीलापन
  • A5. इसरो का शतक: अंतरिक्ष में भारत की उड़ान
  • A6. भारत और मध्य पूर्व: बढ़ते संबंध

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
एक अनोखा विशालकाय ब्लैक होल: LID-568
An Unusual Supermassive Black Hole: LID-568

अद्भुत खोज: खगोलविदों ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) और चंद्रा एक्स-रे वेधशाला की मदद से एक कम द्रव्यमान वाले विशालकाय ब्लैक होल की खोज की है, जिसका नाम LID-568 है। (ध्यान दें: आपके द्वारा दिए गए पाठ में "IWST" लिखा था, जिसे JWST - जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप - के रूप में सुधारा गया है)

ब्रह्मांड के शुरुआती दौर का रहस्य: यह ब्लैक होल बिग बैंग के लगभग 1.5 अरब साल बाद अस्तित्व में था। यह हमें शुरुआती ब्रह्मांड में ब्लैक होल के विकास को समझने में मदद कर सकता है।

एक्स-रे और इंफ्रारेड से मिली जानकारी: इस ब्लैक होल का पता एक्स-रे और अवरक्त (इंफ्रारेड) तरंगदैर्ध्य में किए गए अवलोकनों के माध्यम से चला।

शांत आकाशगंगा में शक्तिशाली उपस्थिति: LID-568 एक ऐसी आकाशगंगा में स्थित है जहाँ तारों का निर्माण बहुत कम हो रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ब्लैक होल से निकलने वाले शक्तिशाली प्रवाह (आउटफ्लो) के कारण हो सकता है, जो गैस और धूल को बाहर धकेल रहा है, जिससे नए तारे नहीं बन पा रहे हैं।

अविश्वसनीय गति से बढ़ रहा है: यह ब्लैक होल अपनी एडिंगटन सीमा से 40 गुना ज़्यादा दर पर पदार्थ को निगल रहा है। एडिंगटन सीमा वह अधिकतम दर है जिस पर कोई ब्लैक होल या तारा बिना विकिरण दबाव के पदार्थ को दूर धकेले उसे अपने अंदर खींच सकता है। इतनी तेज़ी से अभिवृद्धि (accretion) असामान्य है और यह इस ब्लैक होल को और भी दिलचस्प बनाती है।

कम द्रव्यमान, बड़ा प्रभाव: आमतौर पर, शुरुआती ब्रह्मांड के विशालकाय ब्लैक होल का द्रव्यमान बहुत अधिक माना जाता है। LID-568 का कम द्रव्यमान वैज्ञानिकों को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि ये शुरुआती ब्लैक होल कैसे इतने बड़े हुए।

अध्ययन का नया द्वार: LID-568 जैसे ब्लैक होल का अध्ययन हमें यह समझने में मदद करेगा कि आकाशगंगाएँ कैसे बनती और विकसित होती हैं और उनके केंद्र में मौजूद ब्लैक होल की क्या भूमिका होती है। यह प्रारंभिक ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

1. LID-568 नामक विशालकाय ब्लैक होल की खोज किन दूरबीनों का उपयोग करके की गई थी?

a) केवल जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

b) केवल चंद्रा एक्स-रे वेधशाला

c) जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और हबल स्पेस टेलीस्कोप

d) जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और चंद्रा एक्स-रे वेधशाला

Answer and Explanation

2. बिग बैंग के कितने साल बाद LID-568 ब्लैक होल अस्तित्व में आया था?

a) 150 मिलियन वर्ष

b) 500 मिलियन वर्ष

c) 1.5 अरब वर्ष

d) 15 अरब वर्ष

 Answer and Explanation

3. LID-568 किस प्रकार की आकाशगंगा में स्थित है?

a) एक सक्रिय आकाशगंगा जहाँ बहुत सारे तारे बन रहे हैं

b) एक ऐसी आकाशगंगा जहाँ तारों का निर्माण अल्पतम होता है

c) एक सर्पिल आकाशगंगा

d) एक अण्डाकार आकाशगंगा

Answer and Explanation

4. LID-568 अपनी एडिंगटन सीमा से कितनी गुना अधिक दर पर अभिवृद्धि कर रहा है?

a) 10 गुना

b) 20 गुना

c) 30 गुना

d) 40 गुना

Answer and Explanation

5. वैज्ञानिकों के अनुसार, LID-568 से निकलने वाले शक्तिशाली प्रवाह का आकाशगंगा पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

a) यह आकाशगंगा के आकार को बदल रहा है।

b) यह आकाशगंगा में नए तारों के निर्माण को रोक रहा है।

c) यह आकाशगंगा को और अधिक तेज़ी से घुमा रहा है।

d) इसका आकाशगंगा पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

Answer and Explanation

 

A2.
चंद्रमा पर एक और कदम: एथेना
Another Step on the Moon: Athena

एथेना: एक रोबोटिक चंद्र लैंडर: एथेना एक मानवरहित चंद्र लैंडर है, जिसे चंद्रमा की सतह पर उतरकर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इंट्यूटिव मशीन्स का दूसरा चंद्र मिशन: यह मिशन टेक्सास स्थित कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स का चंद्रमा के लिए दूसरा प्रयास है।

ऐतिहासिक पहला मिशन (IM-1): इंट्यूटिव मशीन्स ने फरवरी 2024 में अपने पहले IM-1 मिशन के साथ इतिहास रचा, जो चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाली पहली निजी कंपनी और पहला कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) मिशन बन गया। इस मिशन का लैंडर ओडिशियस (Odysseus) था, कि जैसा कि पाठ में उल्लेख किया गया है।

मिशन का नाम: IM-2: एथेना को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर चंद्रमा की कक्षा में भेजा जाएगा। इस पूरे मिशन को IM-2 नाम दिया गया है।

लक्ष्य: चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव: एथेना का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित शेकलटन क्रेटर के आसपास के क्षेत्र में उतरना है। यह क्षेत्र वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पानी के बर्फ के भंडार होने की संभावना है।

नासा का CLPS कार्यक्रम: इंट्यूटिव मशीन्स का यह लैंडर नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत नासा निजी कंपनियों को चंद्रमा पर वैज्ञानिक उपकरण और अन्य पेलोड भेजने के लिए अनुबंधित करता है।

वैज्ञानिक उपकरणों से लैस:  एथेना कई उन्नत वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा, जिनमें शामिल हैं:

·      एक ड्रिल (Drill): जो चंद्रमा की सतह में गहराई तक ड्रिल करके नमूने एकत्र कर सकेगा।

·      एक छोटा रोबोट (Small Robot): जो लैंडर से अलग होकर आसपास के इलाके का निरीक्षण कर सकेगा।

·      एक छोटा रोवर (Small Rover): जो अधिक दूरी तक जा सकेगा और विभिन्न स्थानों से डेटा एकत्र कर सकेगा।

उद्देश्य: पानी के बर्फ की खोज: इन उपकरणों की मदद से एथेना खतरनाक गड्ढों से भरे इलाके का पता लगाएगा और यह निर्धारित करने की कोशिश करेगा कि क्या वहाँ पानी के बर्फ के कोई सबूत मौजूद हैं। चंद्रमा पर पानी की बर्फ की खोज भविष्य के मानव चंद्र मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो सकती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

6. एथेना क्या है?

a) एक चंद्र रोवर

b) एक अंतरिक्ष दूरबीन

c) एक रोबोटिक चंद्र लैंडर

d) एक मंगल ग्रह का मिशन

Answer and Explanation

7. इंट्यूटिव मशीन्स का पहला चंद्रमा मिशन, IM-1, कब चंद्रमा पर उतरा?

a) फरवरी 2025

b) जनवरी 2024

c) फरवरी 2024

d) मार्च 2023

Answer and Explanation

8. IM-2 मिशन के तहत एथेना किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा?

a) फाल्कन हेवी

b) स्टारशिप

c) फाल्कन 9

d) एटलस वी

Answer and Explanation

9. एथेना चंद्रमा के किस ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है?

a) उत्तरी ध्रुव

b) पूर्वी ध्रुव

c) पश्चिमी ध्रुव

d) दक्षिणी ध्रुव

Answer and Explanation

10. नासा का CLPS कार्यक्रम किससे संबंधित है?

a) मंगल ग्रह पर मानव मिशन

b) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन

c) चंद्रमा पर वाणिज्यिक पेलोड सेवाएं

d) पृथ्वी की निगरानी के उपग्रह

Answer and Explanation

 

A3.
अफ्रीका में ऊर्जा क्रांति: मिशन 300
Africa's Energy Revolution: Mission 300

ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन: 27-28 जनवरी, 2025 को तंजानिया के दार एस सलाम में मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। यह अफ्रीका में ऊर्जा पहुँच को तेज़ी से बढ़ाने पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण सभा थी।

आयोजक: इस शिखर सम्मेलन का आयोजन संयुक्त गणराज्य तंजानिया की सरकार, अफ्रीकी संघ, अफ्रीकी विकास बैंक समूह (AfDB), और विश्व बैंक समूह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

महत्वाकांक्षी लक्ष्य: इस पहल का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2030 तक अफ्रीका में 300 मिलियन लोगों तक बिजली पहुँचाना है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को "मिशन 300" के नाम से जाना जाता है।

घोषणा: दार एस सलाम में "दार एस सलाम ऊर्जा घोषणा" जारी की गई। यह घोषणा ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए अफ्रीकी सरकारों की प्रतिबद्धताओं और व्यावहारिक कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

राष्ट्रीय ऊर्जा समझौते: इस घोषणा के तहत, राष्ट्रीय ऊर्जा समझौतों का पहला समूह तैयार किया गया है। ये समझौते देश-विशिष्ट लक्ष्यों और समयसीमाओं के साथ महत्वपूर्ण सुधारों को लागू करने के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करेंगे।

मिशन 300 की घोषणा: मिशन 300 की घोषणा अप्रैल 2024 में अफ्रीकी विकास बैंक समूह और विश्व बैंक समूह द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य अफ्रीका में ऊर्जा की कमी की चुनौती का समाधान करना है।

ऊर्जा पहुँच का महत्व: ऊर्जा तक पहुँच सतत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में, अफ्रीका में एक बड़ी आबादी बिजली से वंचित है, जो उनके विकास और प्रगति में बाधा डालती है।

शिखर सम्मेलन का महत्व: यह शिखर सम्मेलन विभिन्न हितधारकों - सरकारों, वित्तीय संस्थानों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज - को एक साथ लाकर ऊर्जा पहुँच को बढ़ाने के लिए रणनीतियों और सहयोग पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

11.  मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन कब आयोजित हुआ?

    a) 27-28 जनवरी, 2024

    b) 27-28 फरवरी, 2025

    c) 27-28 जनवरी, 2025

    d) 27-28 मार्च, 2026

Answer and Explanation

12.  मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य क्या है?

    a) 2050 तक 300 उद्योगों को बिजली पहुँचाना

    b) 2030 तक 300 शहरों को बिजली पहुँचाना

    c) 2030 तक 300 मिलियन लोगों तक बिजली पहुँचाना

    d) 2025 तक 300 मिलियन घरों तक बिजली पहुँचाना

Answer and Explanation

13.  दार एस सलाम ऊर्जा घोषणा किससे संबंधित है?

    a) कृषि क्षेत्र में सुधार

    b) ऊर्जा क्षेत्र में सुधार

    c) शिक्षा क्षेत्र में सुधार

    d) स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार

Answer and Explanation

14.  मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन की घोषणा किस वर्ष की गई थी?

    a) 2022

    b) 2023

    c) 2024

    d) 2025

Answer and Explanation

15.  मिशन 300 अफ्रीका ऊर्जा शिखर सम्मेलन में किन हितधारकों ने भाग लिया?

    a) केवल सरकारें

    b) केवल वित्तीय संस्थान

    c) सरकारें, वित्तीय संस्थान, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज

    d) केवल निजी क्षेत्र और नागरिक समाज

Answer and Explanation

 

A4.

एशिया आर्थिक वार्ता: विखंडन के युग में लचीलापन

Asia Economic Dialogue: Resilience in an Era of Fragmentation

9वीं एशिया आर्थिक वार्ता का आयोजन: 21-22 फरवरी, 2025 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में सफलतापूर्वक आयोजित हुई।

आयोजक: यह प्रतिष्ठित वार्ता विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) द्वारा आयोजित की जाती है।

वार्ता का स्वरूप: एशिया आर्थिक वार्ता भू-अर्थशास्त्र (Geo-economics) पर आधारित विदेश मंत्रालय की एक वार्षिक प्रमुख 'ट्रैक 1.5 वार्ता' (Track 1.5 Dialogue) है। ध्यान दें: दी गई जानकारी में इसे 'ट्रैक 1 वार्ता' कहा गया है, जिसे सुधार कर 'ट्रैक 1.5 वार्ता' किया गया है। ट्रैक 1.5 वार्ता में सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ गैर-सरकारी विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं, जिससे यह अधिक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।

सहयोग: इस तीन दिवसीय महत्वपूर्ण आयोजन में पुणे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Pune International Centre) ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

मुख्य विषय: इस वर्ष की वार्ता का केंद्रीय विषय था - "विखंडन के युग में आर्थिक लचीलापन और पुनरुत्थान" (Economic Resilience and Revival in an Era of Fragmentation)

उद्देश्य: इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य वर्तमान वैश्विक आर्थिक विखंडन की जटिल चुनौतियों का समाधान खोजना है। इसके अतिरिक्त, इसका लक्ष्य आर्थिक लचीलापन (economic resilience) और पुनरुत्थान (revival) को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक और कार्रवाई योग्य सुझावों की पहचान करना भी है।

महत्व: यह मंच एशिया और दुनिया भर के प्रमुख नीति निर्माताओं, विद्वानों, और उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लाता है ताकि महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके। इस प्रकार की वार्ताएँ क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पुणे का महत्व: पुणे, महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है जो शिक्षा, अनुसंधान और विकास के केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। इस शहर में इस महत्वपूर्ण वार्ता का आयोजन इसकी बढ़ती हुई वैश्विक प्रासंगिकता को दर्शाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

16. 9वीं एशिया आर्थिक वार्ता कब आयोजित हुई?

(a) 20-21 फरवरी, 2024

(b) 21-22 फरवरी, 2025

(c) 23-24 फरवरी, 2026

(d) 19-20 फरवरी, 2023

Answer and Explanation

17. एशिया आर्थिक वार्ता किसके द्वारा आयोजित की जाती है?

(a) वित्त मंत्रालय

(b) विदेश मंत्रालय

(c) रक्षा मंत्रालय

(d) नीति आयोग

Answer and Explanation

18. एशिया आर्थिक वार्ता किस प्रकार की वार्ता है?

(a) ट्रैक 1 वार्ता

(b) ट्रैक 2 वार्ता

(c) ट्रैक 1.5 वार्ता

(d) ट्रैक 3 वार्ता

Answer and Explanation

19. 9वीं एशिया आर्थिक वार्ता का मुख्य विषय क्या था?

(a) जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास

(b) विखंडन के युग में आर्थिक लचीलापन और पुनरुत्थान

(c) डिजिटल अर्थव्यवस्था का भविष्य

(d) ऊर्जा सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

Answer and Explanation

20. 9वीं एशिया आर्थिक वार्ता के आयोजन में किसने सहयोग किया?

(a) भारतीय रिज़र्व बैंक

(b) पुणे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र

(c) विश्व बैंक

(d) एशियाई विकास बैंक

Answer and Explanation


 

A5.
इसरो का शतक: अंतरिक्ष में भारत की उड़ान
ISRO's Century: India's Flight in Space

ऐतिहासिक 100वाँ मिशन: 29 जनवरी, 2025 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 100वाँ मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

उपग्रह का नाम: इस मिशन में NVS-02 नामक उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया।

प्रक्षेपण यान: इस उपग्रह को भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV-F15) का उपयोग करके लॉन्च किया गया।

प्रक्षेपण स्थल: यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR), श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से किया गया, जो इसरो का प्रमुख अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र है।

पहला प्रक्षेपण: इसरो ने अपना पहला रॉकेट, साउंडिंग रॉकेट RH-125, वर्ष 1971 में श्रीहरिकोटा से ही लॉन्च किया था। इस पहले प्रक्षेपण से लेकर 100वें मिशन तक की यात्रा भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में प्रगति और दृढ़ता को दर्शाती है।

जीएसएलवी का प्रक्षेपण: यह जीएसएलवी का 17वाँ प्रक्षेपण था, जो भारी उपग्रहों को भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने की भारत की क्षमता को दर्शाता है।

स्वदेशी तकनीक: यह मिशन स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी का आठवाँ परिचालन प्रक्षेपण था। क्रायोजेनिक तकनीक जटिल है और इस क्षमता का विकास भारत को अंतरिक्ष प्रक्षेपण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाता है।

NavIC प्रणाली: NVS-02 उपग्रह नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) प्रणाली के लिए दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों की श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है। NavIC एक क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है जिसे भारत में विकसित किया गया है। यह उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, नेविगेशन और समय की जानकारी प्रदान करता है।

दूसरी पीढ़ी के NavIC उपग्रह: इसरो द्वारा दूसरी पीढ़ी के पाँच NavIC उपग्रह लॉन्च किए जाएँगे, जो इस प्रणाली की क्षमताओं और कवरेज को और बढ़ाएंगे।

पहला NVS उपग्रह: दूसरी पीढ़ी के NavIC का पहला उपग्रह, NVS-01, मई 2023 में लॉन्च किया गया था और इसमें एक स्वदेशी परमाणु घड़ी लगी हुई है। परमाणु घड़ी उच्च परिशुद्धता वाली समय जानकारी प्रदान करती है, जो नेविगेशन प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का एक और उदाहरण है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

21. इसरो का 100वाँ मिशन कब लॉन्च हुआ?

a) 2023

b) 2024

c) 2025

d) 2022

Answer and Explanation

22. इसरो के 100वें मिशन में किस उपग्रह को लॉन्च किया गया था?

a) NVS-01

b) RH-125

c) GSLV-F15

d) NVS-02

Answer and Explanation

23. NVS-02 उपग्रह किस प्रणाली से संबंधित है?

a) इनसैट

b) आईआरएस

c) NavIC

d) एडुसैट

Answer and Explanation

24. इसरो का पहला रॉकेट किस वर्ष लॉन्च हुआ था?

a) 1971

b) 1980

c) 2001

d) 2010

Answer and Explanation

25. मई 2023 में लॉन्च किए गए NavIC की दूसरी पीढ़ी के पहले उपग्रह में क्या विशेषता थी?

a) उन्नत कैमरा

b) बड़ा सौर पैनल

c) स्वदेशी परमाणु घड़ी

d) शक्तिशाली संचार एंटीना

 Answer and Explanation

 

A6.
भारत और मध्य पूर्व: बढ़ते संबंध
India and the Middle East: Strengthening Ties

प्रथम रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन का आयोजन 28 और 29 जनवरी, 2025 को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में हुआ।

इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर थे।

रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख सम्मेलन है जो भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर केंद्रित है। यह वैश्विक समुदाय के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाता है।

पहले रायसीना मध्य पूर्व संवाद का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation - ORF) द्वारा यूएई के विदेश मंत्रालय और भारत के विदेश मंत्रालय की साझेदारी में किया गया था।

यह ध्यान देने योग्य है कि रायसीना डायलॉग का मुख्य संस्करण प्रतिवर्ष नई दिल्ली में आयोजित होता है। यह पहला अवसर था जब इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का एक विशिष्ट संस्करण मध्य पूर्व क्षेत्र पर केंद्रित था।

इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत और मध्य पूर्व के देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। यह क्षेत्र की महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक गतिशीलता और साझा हितों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।

इस तरह के संवाद से दोनों क्षेत्रों के बीच समझ और विश्वास को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी और सहयोग के नए रास्ते खुलते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

26.  प्रथम रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन कब आयोजित किया गया?

    a. जनवरी 2024

    b. फरवरी 2025

    c. जनवरी 2025

    d. मार्च 2024

Answer and Explanation

27.  पहले रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन के मुख्य अतिथि कौन थे?

    a. यूएई के विदेश मंत्री

    b. भारत के प्रधानमंत्री

    c. भारत के विदेश मंत्री

    d. यूएई के प्रधानमंत्री

Answer and Explanation

28.  रायसीना डायलॉग मुख्य रूप से किस विषय पर केंद्रित है?

    a. संस्कृति और शिक्षा

    b. विज्ञान और प्रौद्योगिकी

    c. भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र

    d. स्वास्थ्य और पर्यावरण

Answer and Explanation

29.  पहले रायसीना मध्य पूर्व संवाद के आयोजन में किन संस्थानों ने साझेदारी की?

    a. ORF और यूएई का वाणिज्य मंत्रालय

    b. भारतीय विदेश मंत्रालय और यूएई का वित्त मंत्रालय

    c. ORF और भारतीय विदेश मंत्रालय

    d. ORF, यूएई का विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश मंत्रालय

Answer and Explanation

30.  रायसीना डायलॉग का मुख्य संस्करण प्रतिवर्ष कहाँ आयोजित होता है?

    a. अबू धाबी

    b. दुबई

    c. नई दिल्ली

    d. जेरूसलम

Answer and Explanation

 


Live quiz खेलने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

Subscribe



नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।



Tags:
  • current affairs
  • current affairs in hindi
  • current affairs of April 2025
  • current affairs quiz
  • current affairs quizzes online
  • current events quiz
  • current affairs quiz with answers
  • current affairs quiz in hindi
  • current affairs quiz for students
  • current affairs quiz 2025
  • current affairs quiz questions and answers pdf
  • SelfStudy Meter, self study metre, selfstudymeter

Post a Comment

0 Comments