10 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. संविधान और धार्मिक प्रथाएँ: लाउडस्पीकर का परिप्रेक्ष्य
- A2. खनिजों का नया अध्याय: कुछ 'छोटे' बने 'बड़े'!
- A3. सरस्वती महोत्सव 2025: ज्ञान और संस्कृति का संगम
- A4. सिमोलु महोत्सव: प्रकृति और संस्कृति का उत्सव
- A5. कुंभ मेला 2025: जाँच शुरू
- A6. विश्व पुस्तक मेला 2025: ज्ञान और संस्कृति का संगम
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
संविधान और धार्मिक प्रथाएँ: लाउडस्पीकर का परिप्रेक्ष्य
Constitution
and Religious Practices: The Loudspeaker Perspective
बॉम्बे उच्च न्यायालय का फैसला: बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि लाउडस्पीकर का उपयोग करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) या अनुच्छेद 19(1)(a) (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के तहत किसी भी धर्म का आवश्यक धार्मिक आचरण (Essential Religious
Practice - ERP) नहीं है।
डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र मामला (2016): इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय सुनाया। यह फैसला लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंधों को और मजबूत करता है।
आवश्यक धार्मिक आचरण (ERP): ERP का मतलब किसी धर्म के उन सिद्धांतों और प्रथाओं से है जो उस धर्म के लिए बुनियादी और अभिन्न हैं। इन्हें संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सुरक्षा प्राप्त है।
न्यायपालिका का निर्धारण: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि न्यायपालिका धार्मिक ग्रंथों और सिद्धांतों के आधार पर यह तय करती है कि कोई प्रथा ERP है या नहीं। यह धार्मिक नेताओं या समुदायों की राय से अलग हो सकता है।
चर्च ऑफ गॉड केस (2000) में सुप्रीम कोर्ट का संदर्भ: बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें यह कहा गया था कि लाउडस्पीकर का उपयोग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है, न तो अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत और न ही अनुच्छेद 25 के तहत।
धार्मिक उद्देश्यों के लिए अनिवार्यता नहीं: अदालत ने स्पष्ट किया कि धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाउडस्पीकर आवश्यक नहीं हैं।
प्रतिबंध: शांत क्षेत्रों और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध है, सिवाय कुछ धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजनों के लिए साल में 15 दिनों की छूट के। यह ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से है।
ईआरपी परीक्षण (ERP Test): यह सिद्धांत शिरूर मठ मामले (1954) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित किया गया था। इस परीक्षण के माध्यम से यह निर्धारित किया जाता है कि कोई धार्मिक प्रथा धर्म का अभिन्न अंग है या नहीं। इस परीक्षण ने धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे को बढ़ाया है।
श्री आदि विशेश्वर केस (1997): इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष (गैर-धार्मिक) कार्यों के बीच स्पष्ट अंतर किया। यह ERP के सिद्धांत को समझने में महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल धार्मिक कार्य ही सुरक्षा के हकदार हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. बॉम्बे उच्च न्यायालय के अनुसार, क्या लाउडस्पीकर का उपयोग करना संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत आवश्यक धार्मिक आचरण है?
a) हाँ, यह मौलिक अधिकार है।
b) हाँ, कुछ शर्तों के साथ।
c) नहीं।
d) न्यायालय ने इस पर कोई राय नहीं दी।
Answer and Explanation
2. डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र मामला किस वर्ष में सुनाया गया था?
a) 2000
b) 1997
c) 2016
d) 1954
Answer and Explanation
3. सर्वोच्च न्यायालय ने किस मामले में धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष कार्यों के बीच अंतर किया?
a) शिरूर मठ मामला
b) चर्च ऑफ गॉड केस
c) डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र मामला
d) श्री आदि विशेश्वर केस
Answer and Explanation
4. शिरूर मठ मामला, जो आवश्यक धार्मिक आचरण (ERP) परीक्षण से संबंधित है, किस वर्ष में आया था?
a) 2016
b) 2000
c) 1954
d) 1997
Answer and Explanation
5. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने लाउडस्पीकर के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के किस फैसले का हवाला दिया?
a) शिरूर मठ मामला (1954)
b) श्री आदि विशेश्वर केस (1997)
c) चर्च ऑफ गॉड केस (2000)
d) डॉ. महेश विजय बेडेकर बनाम महाराष्ट्र मामला (2016)
Answer and Explanation
A2.
खनिजों का नया अध्याय: कुछ 'छोटे'
बने
'बड़े'!
New
Chapter for Minerals: Some 'Minor' Become 'Major'!
हाल ही में, भारत सरकार के खान मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। उन्होंने बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक (माइका), और क्वार्ट्ज को अब तक माने जाने वाले लघु खनिजों की श्रेणी से निकालकर प्रमुख खनिजों की श्रेणी में शामिल कर दिया है। यह बदलाव एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से किया गया है।
इस महत्वपूर्ण निर्णय की सिफारिश नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत की अध्यक्षता में गठित खान और खनिज क्षेत्र पर अंतर-मंत्रालयी समिति ने की थी। समिति ने महसूस किया कि इन खनिजों को अब प्रमुख खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
अच्छी खबर यह है कि बैराइट, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज के इस नए वर्गीकरण से मौजूदा खनन पट्टों की अवधि पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे पहले की तरह ही चलते रहेंगे।
प्रमुख खनिजों के रूप में वर्गीकृत होने के बाद, इन खनिजों के लिए नए पट्टे दिए जाने की अवधि अनुदान की तिथि से 50 वर्ष तक होगी। यदि पहले से कोई नवीनीकरण अवधि चल रही है, तो वह अवधि भी मान्य रहेगी, जो भी बाद में समाप्त हो। यह खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 8ए के अनुसार होगा।
अब इन खदानों को धीरे-धीरे भारतीय खान ब्यूरो (Indian Bureau of Mines) के साथ पंजीकृत किया जाएगा और इनका विनियमन भी प्रमुख खनिजों के नियमों के अनुसार होगा।
इस नए बदलाव को सुचारू रूप से लागू करने के लिए चार महीने का संक्रमण काल दिया गया है, जो 30 जून, 2025 तक चलेगा। इस दौरान, इन खनिजों की खदानों से प्राप्त होने वाला राजस्व पहले की तरह राज्य सरकार को ही मिलता रहेगा।
अतिरिक्त जानकारी:
• प्रमुख खनिज आमतौर पर वे खनिज होते हैं जिनका देश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इनके खनन और प्रबंधन के लिए अक्सर केंद्र सरकार द्वारा विशिष्ट नीतियां और नियम बनाए जाते हैं।
• लघु खनिज अपेक्षाकृत कम महत्व के माने जाते हैं और इनका विनियमन अक्सर राज्य सरकारों के अधीन होता है।
• बैराइट का उपयोग मुख्य रूप से तेल और गैस ड्रिलिंग में किया जाता है।
• फेल्सपार का उपयोग सिरेमिक, कांच और पेंट उद्योगों में होता है।
• अभ्रक एक विद्युत और ऊष्मा का कुचालक है, इसलिए इसका उपयोग बिजली के उपकरणों और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों में किया जाता है।
• क्वार्ट्ज का उपयोग कांच निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण सामग्री में होता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. हाल ही में, भारत सरकार के किस मंत्रालय ने कुछ खनिजों को प्रमुख खनिजों की श्रेणी में स्थानांतरित किया है?
a. वित्त मंत्रालय
b. गृह मंत्रालय
c. खान मंत्रालय
d. वाणिज्य मंत्रालय
Answer and Explanation
7. किसकी अध्यक्षता वाली समिति ने कुछ खनिजों को प्रमुख खनिजों के रूप में वर्गीकृत करने की सिफारिश की थी?
a. डॉ. मनमोहन सिंह
b. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
c. डॉ. वी. के. सारस्वत
d. श्री अमित शाह
Answer and Explanation
8. बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज के पुनर्वर्गीकरण से मौजूदा खनन पट्टों की अवधि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
a. अवधि कम हो जाएगी
b. अवधि बढ़ जाएगी
c. कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
d. अनिश्चित प्रभाव पड़ेगा
Answer and Explanation
9. प्रमुख खनिजों के रूप में वर्गीकृत होने के बाद, इन खनिजों के लिए दिए जाने वाले नए पट्टों की अधिकतम अवधि कितनी होगी?
a. 25 वर्ष
b. 30 वर्ष
c. 50 वर्ष
d. 100 वर्ष
Answer and Explanation
10. इन खनिजों की खदानों को प्रमुख खनिजों के रूप में विनियमित करने के लिए कितने महीने का संक्रमण काल दिया गया है, जो कब समाप्त होगा?
a. दो महीने, 30 अप्रैल 2025
b. तीन महीने, 31 मई 2025
c. चार महीने, 30 जून 2025
d. पाँच महीने, 31 जुलाई 2025
Answer and Explanation
A3.
सरस्वती महोत्सव 2025: ज्ञान और संस्कृति का संगम
Saraswati
Mahotsav 2025: Confluence of Knowledge and Culture
उद्घाटन: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने 29 जनवरी, 2025 को यमुनानगर जिले के आदि बद्री में सात दिवसीय 'अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव', 2025 का उद्घाटन किया।
आयोजन: इस वर्ष, हरियाणा सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन बड़े पैमाने पर किया गया है।
प्रेरणा: यह आयोजन हाल ही में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तर्ज पर आयोजित किया गया है, जो हरियाणा में बड़े सांस्कृतिक आयोजनों की सफलता को दर्शाता है।
आयोजक: अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन हरियाणा सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड द्वारा किया गया है। यह बोर्ड सरस्वती नदी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।
आदि बद्री का महत्व: आदि बद्री को सरस्वती नदी का उद्गम स्थल माना जाता है, जिससे इस स्थान का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
महोत्सव का उद्देश्य: इस महोत्सव का उद्देश्य सरस्वती नदी की प्राचीनता, उसके सांस्कृतिक महत्व और वर्तमान में इसके पुनरुद्धार के प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसके साथ ही, यह कला, संस्कृति, ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को भी प्रोत्साहित करता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव, 2025 का उद्घाटन कब किया गया?
a) 20 जनवरी, 2025
b) 29 जनवरी, 2025
c) 5 फरवरी, 2025
d) 15 जनवरी, 2025
Answer and Explanation
12. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव, 2025 का आयोजन किस जिले में हुआ?
a) कुरुक्षेत्र
b) करनाल
c) यमुनानगर
d) पानीपत
Answer and Explanation
13. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव, 2025 कितने दिनों तक चला?
a) पाँच दिन
b) सात दिन
c) दस दिन
d) तीन दिन
Answer and Explanation
14. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन किसके द्वारा किया गया?
a) हरियाणा पर्यटन विभाग
b) हरियाणा कला और संस्कृति विभाग
c) हरियाणा सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड
d) हरियाणा शिक्षा विभाग
Answer and Explanation
15. आदि बद्री को किस नदी का उद्गम स्थल माना जाता है?
a) गंगा नदी
b) यमुना नदी
c) सरस्वती नदी
d) सतलुज नदी
Answer and Explanation
A4.
सिमोलु महोत्सव: प्रकृति और संस्कृति का उत्सव
Simolu
Festival: A Celebration of Nature and Culture
शुरुआत: दूसरा सिमोलु महोत्सव असम के लाओखोवा के बारुंगुरी में स्थित एक जातीय इको-रिसॉर्ट, बिसांग-ना में आयोजित किया गया।
अवधि: यह दो दिवसीय महोत्सव था।
उद्देश्य: इस महोत्सव का आयोजन बॉम्बेक्स सीबा, जिसे आमतौर पर शिमुल का पेड़ कहा जाता है, के फूलों के खिलने की खुशी मनाने के लिए किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य इको-टूरिज्म (पारिस्थितिक पर्यटन), पर्यावरण संरक्षण, और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना भी था।
आकर्षण: इस कार्यक्रम में कई मनोरंजक और जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियाँ शामिल थीं, जैसे:
·
साइकिल चलाना
·
कैम्पिंग (शिविर लगाना)
·
स्थानीय या जातीय व्यंजन प्रदर्शन
·
सांस्कृतिक कार्यक्रम
·
जागरूकता सत्र (संभवतः पर्यावरण और संस्कृति से जुड़े विषयों पर)
महत्व: इस महोत्सव ने प्रकृति प्रेमियों, साइकिल चालकों और संस्कृति में रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित किया, जिससे उन्हें खूबसूरत सिमोलु ट्रैक का आनंद लेने का अवसर मिला। यह प्रकृति, संस्कृति और स्थानीय समुदाय के बीच एक सकारात्मक संबंध को बढ़ावा देता है।
अतिरिक्त जानकारी:
बॉम्बेक्स सीबा (शिमुल): यह पेड़ अपने बड़े, चमकीले लाल फूलों के लिए जाना जाता है जो वसंत ऋतु में खिलते हैं। यह अपनी सुंदरता के साथ-साथ औषधीय गुणों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसकी रूई का उपयोग गद्दे और तकिए भरने में किया जाता है।
लाओखोवा: यह असम का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहाँ लाओखोवा वन्यजीव अभयारण्य भी स्थित है।
बिसांग-ना: एक जातीय इको-रिसॉर्ट होने के नाते, यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. दूसरा सिमोलु महोत्सव कहाँ आयोजित किया गया था?
a) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
b) बारुंगुरी, लाओखोवा
c) गुवाहाटी शहर
d) माजुली द्वीप
Answer and Explanation
17. सिमोलु महोत्सव मुख्य रूप से किस चीज़ के खिलने का जश्न मनाता है?
a) कमल के फूल
b) गुलाब के फूल
c) बॉम्बेक्स सीबा (शिमुल) के फूल
d) सूरजमुखी के फूल
Answer and Explanation
18. सिमोलु महोत्सव का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना
b) केवल साइकिल चलाने और कैम्पिंग को बढ़ावा देना
c) इको-टूरिज्म, संरक्षण और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना
d) असम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
Answer and Explanation
19. बिसांग-ना क्या है, जहाँ सिमोलु महोत्सव आयोजित हुआ था?
a) एक प्रसिद्ध मंदिर
b) एक वन्यजीव अभयारण्य
c) एक जातीय इको-रिसॉर्ट
d) एक ऐतिहासिक किला
Answer and Explanation
20. सिमोलु महोत्सव में शामिल गतिविधियों में से एक क्या थी?
a) नौका विहार
b) पतंग उड़ाना
c) साइकिल चलाना
d) घुड़सवारी
Answer and Explanation
A5.
कुंभ मेला 2025: जाँच शुरू
Kumbh
Mela 2025: Investigation Begins
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 29 जनवरी, 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ में हुई भगदड़ की जाँच के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया है।
इस समिति के अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार हैं।
अन्य दो सदस्य पूर्व पुलिस महानिदेशक वी. के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी. के. सिंह हैं।
यह दुखद घटना 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या के दिन संगम क्षेत्र में भोर से पहले हुई। इस दिन पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए थे।
भगदड़ के कारण 30 लोगों की मृत्यु हो गई और 60 लोग घायल हो गए।
2025 का कुंभ मेला*13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया गया था।
अतिरिक्त जानकारी: कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो चार अलग-अलग स्थानों (प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक, और उज्जैन) पर प्रत्येक 12 वर्षों के चक्र में आयोजित होता है। प्रयागराज में यह गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर लगता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान का विशेष महत्व होता है, जिसके कारण इस दिन भारी भीड़ उमड़ती है। इस तरह की घटनाओं की जाँच के लिए न्यायिक समितियाँ गठित करना पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की जाँच के लिए गठित न्यायिक समिति का अध्यक्ष कौन है?
a. वी. के. गुप्ता
b. डी. के. सिंह
c. न्यायमूर्ति हर्ष कुमार
d. योगी आदित्यनाथ
Answer and Explanation
22. महाकुंभ में यह दुखद भगदड़ किस तिथि को हुई थी?
a. 13 जनवरी, 2025
b. 26 फरवरी, 2025
c. 29 जनवरी, 2025
d. 11 मई, 2025
Answer and Explanation
23. 2025 का कुंभ मेला किस अवधि के दौरान आयोजित किया गया था?
a. 29 जनवरी से 26 फरवरी, 2025
b. 13 जनवरी से 29 जनवरी, 2025
c. 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025
d. 29 जनवरी से 11 मई, 2025
Answer and Explanation
24. भगदड़ की घटना के परिणामस्वरूप कितने लोगों की जान गई थी?
a. 60
b. 30
c. 90
d. कोई नहीं
Answer and Explanation
25. न्यायिक समिति में सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार के अतिरिक्त अन्य दो सदस्य कौन थे?
a. योगी आदित्यनाथ और वी. के. गुप्ता
b. वी. के. गुप्ता और डी. के. सिंह
c. डी. के. सिंह और हर्ष कुमार
d. इनमें से कोई नहीं
Answer and Explanation
A6.
विश्व पुस्तक मेला
2025: ज्ञान और संस्कृति का संगम
World
Book Fair 2025: A Confluence of Knowledge and Culture
भव्य आयोजन: 'विश्व पुस्तक मेला, 2025' का आयोजन नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में किया गया।
समयावधि: यह ज्ञान का मेला 01 फरवरी, 2025 से शुरू होकर 09 फरवरी, 2025 तक चला।
आयोजक: इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है।
मुख्य विषय: इस वर्ष के मेले का मुख्य विषय 'रिपब्लिक @75' रहा, जो भारत के गणतंत्र के 75 गौरवशाली वर्षों को समर्पित है। यह विषय पुस्तकों के माध्यम से देश की लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास यात्रा को दर्शाता है।
विशिष्ट अतिथि देश: इस वर्ष मेले का फोकस देश रूस रहा, जिससे भारतीय पाठकों को रूसी साहित्य और संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिला।
अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता: इस मेले में फ्रांस, अर्जेंटीना, स्पेन, कोलंबिया, अबू धाबी और कतर सहित 50 से अधिक देशों ने भाग लिया, जो इसे एक वैश्विक साहित्यिक मंच बनाता है। यह विभिन्न देशों की साहित्यिक परंपराओं और ज्ञान को एक साथ लाता है।
ज्ञान और संस्कृति का केंद्र: विश्व पुस्तक मेला सिर्फ पुस्तकों की प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों, लेखक सम्मेलनों, परिचर्चाओं, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी केंद्र होता है। यहाँ हर आयु और रुचि के लोगों के लिए कुछ न कुछ अवश्य होता है।
सीखने का अवसर: यह मेला छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और सामान्य पाठकों के लिए ज्ञान का भंडार है। यहाँ विभिन्न विषयों की नवीनतम पुस्तकें और प्रकाशन उपलब्ध होते हैं, जो सीखने और ज्ञानवर्धन के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं।
संस्कृति का आदान-प्रदान: विभिन्न देशों की सहभागिता से यह मेला संस्कृति के आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण मंच बनता है, जिससे लोगों को विभिन्न संस्कृतियों को समझने और उनका सम्मान करने की प्रेरणा मिलती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. विश्व पुस्तक मेला 2025 का आयोजन कहाँ किया गया था?
a. प्रगति मैदान, नई दिल्ली
b. इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा
c. भारत मंडपम, नई दिल्ली
d. तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली
Answer and Explanation
27. विश्व पुस्तक मेला 2025 किस तिथि तक चला?
a. 01 फरवरी, 2025 से 07 फरवरी, 2025
b. 02 फरवरी, 2025 से 10 फरवरी, 2025
c. 01 फरवरी, 2025 से 09 फरवरी, 2025
d. 01 जनवरी, 2025 से 08 जनवरी, 2025
Answer and Explanation
28. विश्व पुस्तक मेला 2025 का मुख्य विषय (थीम) क्या था?
a. शिक्षा और विकास
b. नारी शक्ति
c. रिपब्लिक @75
d. डिजिटल इंडिया
Answer and Explanation
29. विश्व पुस्तक मेला 2025 में फोकस देश कौन सा था?
a. फ्रांस
b. रूस
c. स्पेन
d. अर्जेंटीना
Answer and Explanation
30. विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है?
a. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
b. विदेश मंत्रालय, भारत सरकार
c. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट)
d. साहित्य अकादमी
Answer and Explanation
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