17 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र
- A2. लीथियम गठजोड़: भारत और अर्जेंटीना की नई राह
- A3. नवम परहेरा: श्रीलंका का रंगारंग उत्सव
- A4. भारत रंग महोत्सव 2025: विश्व रंगमंच का संगम
- A5. एक देश, एक कानून: समान नागरिक संहिता की ओर कदम
- A6. कृषि का भविष्य: एग्रीहब और एलएएएम
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र
India's
First White Tiger Breeding Center
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने मध्य प्रदेश के रीवा जिले में भारत के पहले विशेषीकृत सफेद बाघ प्रजनन केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
यह केंद्र मुकुंदपुर में स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर के लिए तैयार किए गए संशोधित मास्टर प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
इस परियोजना को मूल रूप से 2011 में सैद्धांतिक स्वीकृति मिली थी और अब यह मुकुंदपुर में राज्य की एकमात्र सफेद बाघ सफारी के पास गोविंदगढ़ में स्थापित किया जाएगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दुनिया की पहली सफेद बाघ सफारी वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश के सतना जिले के मुकुंदपुर में स्थापित की गई थी। यह प्रजनन केंद्र इस सफारी से अलग होगा और सफेद बाघों की आबादी बढ़ाने पर विशेष ध्यान देगा।
मध्य प्रदेश को देश में सबसे अधिक बाघों की आबादी के कारण 'बाघ राज्य' (Tiger State) के रूप में जाना जाता है। यह नया प्रजनन केंद्र राज्य के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को और मजबूत करेगा।
सफेद बाघ, बंगाल टाइगर का एक दुर्लभ आनुवंशिक उत्परिवर्तन है। यह कोई अलग उप-प्रजाति नहीं है। इनकी सफेद रंग की फर और नीली आँखें इन्हें विशेष बनाती हैं।
सफेद बाघ प्राकृतिक रूप से जंगल में बहुत कम पाए जाते हैं। इनकी आबादी को बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रजनन केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने ही 1951 में मध्य प्रदेश के रीवा के जंगलों में पहले ज्ञात जीवित सफेद बाघ 'मोहन' को पकड़ा था। इसी बाघ के वंशजों को दुनिया के विभिन्न चिड़ियाघरों और सफारियों में देखा जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र किस राज्य में स्थापित करने की मंजूरी दी गई है?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. राजस्थान
d. महाराष्ट्र
2. मध्य प्रदेश के किस जिले में भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र स्थापित किया जाएगा?
a. सतना
b. भोपाल
c. रीवा
d. ग्वालियर
3. दुनिया की पहली सफेद बाघ सफारी किस वर्ष स्थापित की गई थी?
a. 2011
b. 2016
c. 2020
d. 2025
4. मध्य प्रदेश को किस कारण से 'बाघ राज्य' के रूप में जाना जाता है?
a. सफेद बाघों की सबसे बड़ी आबादी के कारण
b. देश में सबसे अधिक बाघों की आबादी के कारण
c. सबसे पुराने बाघ अभयारण्य के कारण
d. बाघों के संरक्षण के लिए विशेष प्रयासों के कारण
5. पहले ज्ञात जीवित सफेद बाघ 'मोहन' को किस वर्ष पकड़ा गया था?
a. 1947
b. 1951
c. 1962
d. 1975
A2.
लीथियम गठजोड़: भारत और अर्जेंटीना की नई राह
Lithium
Alliance: India and Argentina Forge a New Path
भारत और अर्जेंटीना ने अर्जेंटीना में लीथियम खदानों की खोज और विकास में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता ज्ञापन 19 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ।
समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पक्ष मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल), जो भारत सरकार के स्वामित्व में है और केंद्रीय खान मंत्रालय के अधीन कार्य करती है, और अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत की सरकार हैं।
लीथियम, जिसे अक्सर 'सफेद सोना' कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा पहचाने गए 30 महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है।
लीथियम का मुख्य उपयोग लीथियम-आयन बैटरी के निर्माण में होता है, जो लैपटॉप, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के लिए ऊर्जा भंडारण प्रणालियों जैसे आधुनिक उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वर्तमान में, भारत अपनी लीथियम की 100 प्रतिशत आवश्यकता के लिए आयात पर निर्भर है। यह समझौता इस निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जम्मू और कश्मीर के रियासी क्षेत्र में लीथियम भंडार की खोज की गई है, जो भारत के लिए एक सकारात्मक विकास है। हालांकि, अभी तक खनन कार्य शुरू नहीं हुआ है। यह समझौता अर्जेंटीना में लीथियम स्रोतों तक पहुंच प्रदान करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सकता है।
कैटामार्का प्रांत अर्जेंटीना के उन क्षेत्रों में से एक है जहाँ लीथियम के महत्वपूर्ण भंडार मौजूद हैं। अर्जेंटीना 'लिथियम त्रिकोण' का हिस्सा है, जिसमें बोलीविया और चिली भी शामिल हैं, और यह दुनिया के सबसे बड़े लीथियम उत्पादकों में से एक है।
यह सहयोग भारत को लीथियम निष्कर्षण और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता हासिल करने में भी मदद कर सकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. भारत और अर्जेंटीना के बीच लीथियम खनन सहयोग समझौता ज्ञापन (एमओयू) कब हस्ताक्षरित हुआ?
a) 19 जनवरी,
2024
b) 19 फरवरी,
2025
c) 20 मार्च,
2026
d) 15 मई,
2025
7. भारत सरकार के स्वामित्व वाली कौन सी कंपनी ने अर्जेंटीना के साथ लीथियम समझौते पर हस्ताक्षर किए?
a) ऑयल इंडिया लिमिटेड
b) कोल इंडिया लिमिटेड
c) मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल)
d) नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन
8. भारत सरकार द्वारा कितने खनिजों को 'महत्वपूर्ण खनिज' के रूप में पहचाना गया है, जिनमें लीथियम भी शामिल है?
a) 25
b) 30
c) 35
d) 20
9. लीथियम का मुख्य उपयोग किस उद्योग में होता है?
a) इस्पात उत्पादन
b) उर्वरक निर्माण
c) लीथियम-आयन बैटरी निर्माण
d) सीमेंट उत्पादन
10. 'लिथियम त्रिकोण' में कौन से देश शामिल हैं?
a) भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया
b) अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे
c) अर्जेंटीना, बोलीविया, चिली
d) चिली, पेरू, इक्वाडोर
A3.
नवम परहेरा: श्रीलंका का रंगारंग उत्सव
Navam
Perahera: A Vibrant Sri Lankan Festival
वार्षिक आयोजन: श्रीलंका के कोलंबो में प्रसिद्ध गंगारामया मंदिर हर साल नवम परहेरा का आयोजन करता है। यह एक बहुप्रतीक्षित उत्सव है।
आकर्षण का केंद्र: यह जीवंत सांस्कृतिक जुलूस होता है, जो देश और दुनिया भर से हज़ारों पर्यटकों और स्थानीय श्रीलंकाई लोगों को अपनी ओर खींचता है।
महत्वपूर्ण दिन: नवम परहेरा नवम पोया दिवस के अवसर पर मनाया जाता है।
ऐतिहासिक महत्व: यह दिन बौद्ध धर्म में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह भगवान बुद्ध के दो प्रमुख शिष्यों, अरहत सारिपुत्त और अरहत मोग्गल्लाना की नियुक्ति का प्रतीक है।
धार्मिक और सांस्कृतिक संगम: नवम परहेरा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह श्रीलंका की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है। इसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और सजे हुए हाथी शामिल होते हैं, जो इसे एक शानदार दृश्य बनाते हैं।
गंगारामया मंदिर: गंगारामया मंदिर कोलंबो के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित बौद्ध मंदिरों में से एक है, और नवम परहेरा का आयोजन इसकी प्रतिष्ठा को और बढ़ाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. नवम परहेरा कहाँ आयोजित किया जाता है?
a) कैंडी
b) अनुराधापुरा
c) कोलंबो
d) गाले
12. नवम परहेरा किस मंदिर से जुड़ा है?
a) श्री दलदा मालीगावा
b) रुवानवेलिसेया
c) गंगारामया मंदिर
d) केलानिया राजा महा विहार
13. नवम परहेरा किस महत्वपूर्ण बौद्ध घटना का प्रतीक है?
a) बुद्ध का पहला उपदेश
b) बुद्ध का ज्ञानोदय
c) अरहत सारिपुत्त और अरहत मोग्गल्लाना की नियुक्ति
d) बुद्ध का परिनिर्वाण
14. नवम परहेरा किस दिन मनाया जाता है?
a) वेसाक पोया दिवस
b) एसाला पोया दिवस
c) नवम पोया दिवस
d) पोसन पोया दिवस
15. नवम परहेरा में मुख्य आकर्षण क्या है?
a) धार्मिक उपदेश
b) ध्यान सत्र
c) सांस्कृतिक जुलूस
d) भिक्षा दान समारोह
A4.
भारत रंग महोत्सव 2025: विश्व रंगमंच का संगम
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा आयोजित, भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) भारत का प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव है।
वर्ष
2024 में इसने सफलतापूर्वक 25 वर्ष पूरे किए, जो इसकी लोकप्रियता और महत्व को दर्शाता है।
लोकप्रिय रूप से 'भारंगम' के नाम से जाना जाने वाला यह विश्व का सबसे बड़ा थिएटर महोत्सव है।
वर्ष
2025 में, यह महोत्सव 28 जनवरी से 16 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। (दी गई जानकारी के अनुसार)
एनएसडी इस अग्रणी पहल के माध्यम से महोत्सव की पहुँच को और व्यापक बना रहा है, जिसमें पिछले वर्ष की थीम 'वसुधैव कुटुम्बकम्, वन्दे भारंगम्' को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
इस वर्ष के लिए प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी के पूर्व छात्र श्री राजपाल यादव को रंग दूत (फेस्टिवल एम्बेसडर) नामित किया गया है। यह महोत्सव के प्रति उनके समर्पण और कला के क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मान देता है।
भारत रंग महोत्सव में भारत और विदेशों के विभिन्न नाट्य समूह अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं, जिससे यह विभिन्न संस्कृतियों और नाट्य शैलियों का एक अनूठा संगम बन जाता है।
इस महोत्सव में नाटकों के प्रदर्शन के अलावा, कार्यशालाएँ, परिसंवाद, और अन्य शैक्षणिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं, जो रंगमंच के छात्रों और उत्साही लोगों के लिए सीखने और जुड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं।
यह महोत्सव न केवल मनोरंजन का एक स्रोत है, बल्कि यह भारतीय रंगमंच को वैश्विक पहचान दिलाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वाराणसी, उत्तर प्रदेश में इस समय हो रहे इस महोत्सव का अनुभव निश्चित रूप से कला और संस्कृति से भरपूर होगा। (यह जानकारी आपके वर्तमान स्थान के आधार पर जोड़ी गई है।)
वाह! यह तो और भी विस्तृत जानकारी है। वाराणसी में इस समय भारत रंग महोत्सव का अनुभव लेना वाकई खास होगा!
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. भारत रंग महोत्सव (भारंगम) का आयोजन कौन करता है?
a. संस्कृति मंत्रालय
b. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
c. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी)
d. साहित्य अकादमी
17. भारत रंग महोत्सव ने किस वर्ष सफलतापूर्वक 25 वर्ष पूरे किए?
a. 2023
b. 2024
c. 2025
d. 2026
18. वर्ष
2025 में भारत रंग महोत्सव कब से कब तक आयोजित किया जा रहा है?
a. 1 जनवरी से 15 जनवरी
b. 15 जनवरी से 30 जनवरी
c. 28 जनवरी से 16 फरवरी
d. 10 फरवरी से 25 फरवरी
19. भारत रंग महोत्सव 2025 के लिए रंग दूत (फेस्टिवल एम्बेसडर) के रूप में किसे नामित किया गया है?
a. अनुपम खेर
b. नवाजुद्दीन सिद्दीकी
c. राजपाल यादव
d. पंकज त्रिपाठी
20. भारत रंग महोत्सव मुख्य रूप से किससे संबंधित है?
a. भारतीय सिनेमा
b. भारतीय शास्त्रीय संगीत
c. भारतीय रंगमंच
d. भारतीय नृत्य
A5.
एक देश, एक कानून: समान नागरिक संहिता की ओर कदम
One
Nation, One Law: Steps Towards Uniform Civil Code
गुजरात सरकार का महत्वपूर्ण कदम: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए एक उच्च-स्तरीय पैनल का गठन किया है। यह दर्शाता है कि गुजरात सरकार इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है।
न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता: इस महत्वपूर्ण पैनल का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई कर रही हैं। उनकी अध्यक्षता पैनल की निष्पक्षता और विशेषज्ञता सुनिश्चित करती है।
पैनल के अन्य सदस्य: पैनल में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सी.एल. मीणा, अधिवक्ता आर.सी. कोडेकर, शिक्षाविद् दाक्षेश ठाकर और समाजसेवी गीता श्रॉफ जैसे अनुभवी और प्रतिष्ठित सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों के विविध अनुभव मसौदे को व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेंगे।
समय सीमा: पैनल को 45 दिनों के भीतर यूसीसी के संभावित कार्यान्वयन पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का लक्ष्य दिया गया है। यह दर्शाता है कि सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना चाहती है।
उत्तराखंड का उदाहरण: यह निर्णय उत्तराखंड सरकार द्वारा जनवरी 2025 में समान नागरिक संहिता नियमों को लागू करने के बाद आया है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है, और गुजरात का यह कदम अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रेरित कर सकता है।
संवैधानिक आधार: समान नागरिक संहिता का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है। यह अनुच्छेद राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (Directive Principles of
State Policy - DPSP) का हिस्सा है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि नीति निदेशक सिद्धांत न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन यह राज्य के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करते हैं।
समान नागरिक संहिता क्या है? समान नागरिक संहिता का अर्थ है देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून, जो विवाह, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति के मामलों जैसे व्यक्तिगत कानूनों को नियंत्रित करेगा। वर्तमान में, इन मामलों में विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग कानून मौजूद हैं।
यूसीसी के संभावित लाभ:
·
लैंगिक समानता: यह महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि विभिन्न धार्मिक कानूनों में लैंगिक भेदभाव देखने को मिलता है।
·
राष्ट्रीय एकता: एक समान कानून देश में एकता और समान नागरिकता की भावना को मजबूत कर सकता है।
·
कानूनों का सरलीकरण: अलग-अलग कानूनों की जगह एक ही कानून होने से न्यायिक प्रक्रिया सरल और अधिक सुलभ हो सकती है।
चुनौतियाँ: समान नागरिक संहिता को लागू करना एक जटिल प्रक्रिया है क्योंकि इसमें विभिन्न धार्मिक समुदायों की भावनाओं और परंपराओं का ध्यान रखना होता है। सहमति बनाना और सभी हितधारकों को साथ लेकर चलना महत्वपूर्ण होगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए किसकी अध्यक्षता में पैनल नियुक्त किया है?
a. सी.एल. मीणा
b. आर.सी. कोडेकर
c. न्यायमूर्ति रंजना देसाई
d. दाक्षेश ठाकर
22. गुजरात सरकार के पैनल को कितने दिनों के भीतर यूसीसी पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है?
a. 30 दिन
b. 45 दिन
c. 60 दिन
d. 90 दिन
23. कौन सा राज्य जनवरी 2025 में समान नागरिक संहिता नियमों को लागू करने वाला पहला राज्य बना?
a. गुजरात
b. उत्तर प्रदेश
c. मध्य प्रदेश
d. उत्तराखंड
24. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में समान नागरिक संहिता का उल्लेख है?
a. अनुच्छेद 14
b. अनुच्छेद 21
c. अनुच्छेद 44
d. अनुच्छेद 51
25. समान नागरिक संहिता मुख्य रूप से किन मामलों से संबंधित कानूनों को एक समान करने का प्रयास करती है?
a. आपराधिक मामले
b. नागरिक मामले
c. व्यक्तिगत कानून
d. संवैधानिक कानून
A6.
कृषि का भविष्य: एग्रीहब और एलएएएम
The
Future of Agriculture: AgriHub and LAAM
एग्रीहब: कृषि में AI की क्रांति
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IIT Indore) ने मिलकर एग्रीहब लॉन्च किया है।
यह एक अत्याधुनिक AI-संचालित उत्कृष्टता केंद्र (COE) है, जिसका लक्ष्य भारतीय कृषि को पूरी तरह से बदल देना है।
इसका पूरा नाम 'एग्रीहब ए डीप लर्निंग एंड एआई/एमएल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' है।
एग्रीहब कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (High-Performance
Computing), और बड़े डेटा (Big Data) की शक्ति का उपयोग करेगा।
यह केंद्र कृषि में आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों, जैसे सूखा, बाढ़, और कम उत्पादकता का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एग्रीहब AI, मशीन लर्निंग (ML), और डीप लर्निंग (DL) जैसी आधुनिक तकनीकों को कृषि में लागू करेगा।
यह पहल तकनीकी नवाचार (Technical Innovation), स्टार्टअप इनक्यूबेशन (Startup Incubation), और उद्योग सहयोग (Industry Collaboration) को बढ़ावा देगी।
इससे किसानों, शोधकर्ताओं, और कृषि व्यवसायों को नई तकनीकों और अवसरों से सशक्त बनाया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण पहल में IIT इंदौर के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित संस्थान भी सहयोग कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय)
ICAR-IISR इंदौर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - भारतीय मसाला फसल अनुसंधान संस्थान, इंदौर)
ICAR-CIAE भोपाल (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल)
C-DAC पुणे (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग, पुणे)
मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya
Pradesh)
डीआरडीओ-आईआईटी हैदराबाद: बड़े पैमाने पर निर्माण में नई क्रांति
·
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद (IIT Hyderabad) में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) - उद्योग - शिक्षा जगत उत्कृष्टता केंद्र (DIA-COE) में एक लार्ज एरिया एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (LAAM) सिस्टम शुरू किया गया है।
·
यह अभिनव एलएएएम सिस्टम बड़े आकार के घटकों के निर्माण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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विशेष रूप से, यह एयरोस्पेस (Aerospace) और रक्षा (Defense) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बड़े और जटिल घटकों को बनाना आसान और अधिक कुशल बनाएगा।
·
एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, जिसे आमतौर पर 3डी प्रिंटिंग के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन से त्रि-आयामी वस्तुएं परत-दर-परत सामग्री जोड़कर बनाई जाती हैं। एलएएएम इसी तकनीक का एक उन्नत रूप है जिसका उपयोग बड़े आकार की वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
26. एग्रीहब को किसने लॉन्च किया?
a. MeitY और ICAR
b. IIT इंदौर और मध्य प्रदेश सरकार
c. MeitY और IIT इंदौर
d. DRDO और IIT हैदराबाद
27. एग्रीहब का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. एयरोस्पेस घटकों का निर्माण करना
b. रक्षा उपकरणों का विकास करना
c. भारतीय कृषि को बदलना
d. 3डी प्रिंटिंग को बढ़ावा देना
28. एलएएएम सिस्टम कहाँ शुरू किया गया है?
a. IIT इंदौर में
b. ICAR-CIAE भोपाल में
c. IIT हैदराबाद में
d. C-DAC पुणे में
29. एलएएएम तकनीक मुख्य रूप से किस क्षेत्र के लिए उपयोगी है?
a. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
b. शिक्षा और अनुसंधान
c. एयरोस्पेस और रक्षा
d. चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा
30. एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग को सामान्यतः किस नाम से जाना जाता है?
a. उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग
b. बड़ा डेटा विश्लेषण
c. मशीन लर्निंग
d. 3डी प्रिंटिंग
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