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23 May 2025 Current Affairs Questions

 23 May 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. NASM-SR: भारतीय नौसेना के लिए गेम चेंजर मिसाइल
  • A2. भारत में हाइपरलूप का उदय: गति का नया आयाम 
  • A3. भारत में वन भूमि का उपयोग: एक दशक का लेखा-जोखा 
  • A4. पर्यावरण और विकास: 24वाँ वैश्विक मंच दिल्ली में
  • A5. AI से खेती में क्रांति: प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स की सफलता गाथा
  • A6. भारत का भविष्य: गुणवत्ता, स्थिरता और कौशल

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
NASM-SR: भारतीय नौसेना के लिए गेम चेंजर मिसाइल
NASM-SR: A Game Changer Missile for the Indian Navy

भारत ने अपनी समुद्री शक्ति को और मजबूत करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है! रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने मिलकर देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित एयर-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल (NASM-SR) का सफल उड़ान परीक्षण किया है। यह 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

NASM-SR मिसाइल: मुख्य बातें

 

सफल परीक्षण: 25 फरवरी, 2024 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से NASM-SR का सफल उड़ान परीक्षण किया गया।

लॉन्च प्लेटफॉर्म: इस मिसाइल को भारतीय नौसेना के सी किंग Mk 42B हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया, जिसने समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ इसकी क्षमता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया।

महत्व: यह भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित एयर-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है, जिसमें समुद्र में उड़ान भरने की क्षमता (सी-स्कीमिंग) है। यह भारतीय नौसेना के लिए एक गेम चेंजर साबित होगी।

मिसाइल की विशेषताएं:

मिसाइल परिवार: यह NASM मिसाइलों के परिवार का एक हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया जाने वाला संस्करण है।

गति: यह एक सबसोनिक हथियार है, जिसकी औसत क्रूज गति मैक 0.8 (ध्वनि की गति का 0.8 गुना) है।

संचालन: यह दो-चरणीय ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर द्वारा संचालित है।

आयाम: मिसाइल की कुल लंबाई 3.6 मीटर, व्यास 300 मिमी और वजन लगभग 380 किलोग्राम है।

•  रेंज: मिसाइल की अधिकतम सीमा 55 किमी है।

विकास और निर्माण:

विकासकर्ता: DRDO ने अपने अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI), रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL), उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) और टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (TBRL) के महत्वपूर्ण योगदान से इस मिसाइल को विकसित किया है।

निर्माता: अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी इस मिसाइल का निर्माण कर रही है, जो निजी क्षेत्र की रक्षा उत्पादन में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1.  NASM-SR मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किस तारीख को किया गया था?

    a. 25 फरवरी, 2023

    b. 25 फरवरी, 2024

    c. 25 फरवरी, 2025

    d. 25 फरवरी, 2026

Answer and Explanation

2.  NASM-SR मिसाइल को किस हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया था?

    a. चेतक हेलीकॉप्टर

    b. ध्रुव हेलीकॉप्टर

    c. सी किंग Mk 42B हेलीकॉप्टर

    d. अपाचे हेलीकॉप्टर

Answer and Explanation

3.  NASM-SR मिसाइल की अधिकतम सीमा (रेंज) कितनी है?

    a. 35 किमी

    b. 45 किमी

    c. 55 किमी

    d. 65 किमी

Answer and Explanation

4.  NASM-SR मिसाइल की औसत क्रूज गति क्या है?

    a. मैक 0.8

    b. मैक 1.2

    c. मैक 2.0

    d. मैक 0.5

Answer and Explanation

5.  NASM-SR मिसाइल का निर्माण कौन सी कंपनी कर रही है?

    a. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)

    b. भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL)

    c. अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी

    d. लार्सन एंड टुब्रो (L&T)

Answer and Explanation

 

 

A2.
भारत में हाइपरलूप का उदय: गति का नया आयाम
Hyperloop's Future: A New Revolution in India!

एशिया की पहली वैश्विक हाइपरलूप प्रतियोगिता:

    भारत ने 21-25 फरवरी, 2025 को चेन्नई में एशिया की पहली वैश्विक हाइपरलूप प्रतियोगिता की मेजबानी की, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT-M) ने आयोजित किया।

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समापन समारोह को वर्चुअली संबोधित किया।

    यह प्रतियोगिता IIT-M के सैटेलाइट कैंपस 'डिस्कवरी' में हुई।

    इसमें दुनिया भर से लगभग 150 उद्योग प्रतिनिधियों और 10 टीमों ने भाग लिया, जिन्होंने हाई-स्पीड यात्रा के भविष्य पर मंथन किया।

 

भारतीय रेलवे और IIT मद्रास का सहयोग:

    रेल मंत्री ने घोषणा की कि भारतीय रेलवे और IIT-मद्रास वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग व्हीकल (VTOL) तकनीक पर मिलकर काम करेंगे।

    इस महत्वपूर्ण परियोजना का वित्तपोषण भारतीय रेलवे द्वारा किया जाएगा। VTOL तकनीक भविष्य में हवाई यात्रा को अधिक सुगम और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

 

भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक:

    IIT-मद्रास में 422 मीटर लंबा भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक विकसित किया गया है।

    दर्शकों के लिए इस अत्याधुनिक सुविधा का एक वीडियो क्लिप भी चलाया गया, जो इसकी निर्माण प्रगति को दर्शाता है।

    यह ट्रैक भारतीय रेलवे, आर्सेलर मित्तल, लार्सन एंड टूब्रो (L&T) और हिंडाल्को के सहयोग से बनाया गया है। यह भारत की तकनीकी क्षमता का एक बेहतरीन उदाहरण है।

 

हाइपरलूप कॉरिडोर का विकास:

    IIT मद्रास द्वारा 422 मीटर का टेस्ट ट्रैक सफलतापूर्वक बनाने के बाद, भारत वाणिज्यिक परिवहन के लिए 50 किलोमीटर का हाइपरलूप कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी कर रहा है। यह एक गेम-चेंजर साबित होगा।

    हाइपरलूप क्या है? यह एक हाई-स्पीड ट्रेन प्रणाली है जो लगभग वैक्यूम ट्यूब में यात्रा करती है। ट्यूब के अंदर कम वायु प्रतिरोध के कारण, कैप्सूल 1,000 किमी/घंटा से अधिक की अविश्वसनीय गति तक पहुंच सकते हैं, जिससे यात्रा का समय नाटकीय रूप से कम हो जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

6. एशिया की पहली वैश्विक हाइपरलूप प्रतियोगिता का आयोजन किस शहर में किया गया था?

a) बेंगलुरु

b) मुंबई

c) चेन्नई

d) दिल्ली

Answer and Explanation

7. भारतीय रेलवे और IIT मद्रास मिलकर किस नई तकनीक पर काम करेंगे, जिसका वित्तपोषण रेलवे द्वारा किया जाएगा?

a) सोलर पैनल टेक्नोलॉजी

b) वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग व्हीकल (VTOL) तकनीक

c) अंडरवाटर सबमरीन टेक्नोलॉजी

d) 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी

Answer and Explanation

8. भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक IIT मद्रास में कितनी लंबाई का है?

a) 100 मीटर

b) 250 मीटर

c) 422 मीटर

d) 500 मीटर

Answer and Explanation

9. IIT मद्रास द्वारा टेस्ट ट्रैक बनाने के बाद, भारत वाणिज्यिक परिवहन के लिए कितने किलोमीटर का हाइपरलूप कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी कर रहा है?

a) 10 किलोमीटर

b) 25 किलोमीटर

c) 50 किलोमीटर

d) 100 किलोमीटर

Answer and Explanation

10. हाइपरलूप में कैप्सूल लगभग किस गति से यात्रा कर सकते हैं?

a) 500 किमी/घंटा से कम

b) 750 किमी/घंटा

c) 1,000 किमी/घंटा से अधिक

d) केवल 200 किमी/घंटा

Answer and Explanation

 

A3.
भारत में वन भूमि का उपयोग: एक दशक का लेखा-जोखा
Forest Land Diversion in India: A Decade's Review

भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 से 2023-24 तक दस वर्षों की अवधि में, कुल 1,734 वर्ग किलोमीटर वन भूमि को विकास और गैर-वन उपयोगों के लिए परिवर्तित किया गया है। यह आंकड़ा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में वन भूमि का उपयोग किन कार्यों के लिए किया गया है।

आइए, कुछ मुख्य बिंदुओं पर नज़र डालें:

सबसे अधिक डायवर्जन मध्य प्रदेश में: केंद्र सरकार के अनुसार, गैर-वनीय उपयोग के लिए वन भूमि का सबसे अधिक डायवर्जन मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया, जहाँ पिछले दस वर्षों में 385.52 वर्ग किलोमीटर वन भूमि को डायवर्ट किया गया है। यह आंकड़ा राज्य में चल रहे विकास परियोजनाओं की गहनता को दर्शाता है।

अन्य प्रमुख राज्य: मध्य प्रदेश के बाद, अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर वन भूमि का डायवर्जन हुआ है:

    ओडिशा: लगभग 244 वर्ग किलोमीटर

    तेलंगाना: 114.22 वर्ग किलोमीटर

    गुजरात: 99.85 वर्ग किलोमीटर

    अरुणाचल प्रदेश: 94.95 वर्ग किलोमीटर

    राजस्थान: 87.96 वर्ग किलोमीटर

    महाराष्ट्र: लगभग 85 वर्ग किलोमीटर

    झारखंड: 83.53 वर्ग किलोमीटर

    छत्तीसगढ़: 79.25 वर्ग किलोमीटर

    उत्तर प्रदेश: 70.59 वर्ग किलोमीटर

    उत्तराखंड: 64.71 वर्ग किलोमीटर

    आंध्र प्रदेश: 54.55 वर्ग किलोमीटर

कानूनी प्रक्रिया का पालन: भले ही भारत में वन क्षेत्र संरक्षित हैं, लेकिन कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करके इनका उपयोग बुनियादी ढांचे के निर्माण, खनन, या अन्य गैर-वन्य उपयोगों के लिए किया जा सकता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि वन भूमि का उपयोग मनमाने ढंग से हो।

 

वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980: इस महत्वपूर्ण अधिनियम के तहत, किसी भी राज्य सरकार या सक्षम प्राधिकारी को वन भूमि को गैर-वन्य उपयोग के लिए अनुमति देने से पहले केंद्र सरकार की अनिवार्य अनुमति लेनी होती है। यह अधिनियम वनों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण ढाल है और यह सुनिश्चित करता है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक संतुलन बना रहे।

अतिरिक्त जानकारी:

• वन भूमि का डायवर्जन अक्सर विभिन्न विकास परियोजनाओं जैसे सड़कों, रेलवे लाइनों, बिजली परियोजनाओं, सिंचाई परियोजनाओं, खनन और औद्योगिक इकाइयों के लिए होता है। हालांकि ये परियोजनाएं देश के आर्थिक विकास और जनता की ज़रूरतों के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इनके पर्यावरणीय प्रभाव भी गंभीर हो सकते हैं। वनोन्मूलन से जैव विविधता का नुकसान, जलवायु परिवर्तन में वृद्धि और स्थानीय समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

• भारत सरकार वन भूमि के डायवर्जन की भरपाई के लिए प्रतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation) जैसे उपाय भी करती है, जिसके तहत डायवर्ट की गई वन भूमि के बदले में अन्य अनुपयोगी भूमि पर वन लगाए जाते हैं। हालांकि, प्राकृतिक वनों की पारिस्थितिक जटिलता को पूरी तरह से नए वनों द्वारा प्रतिस्थापित करना मुश्किल होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

11.  भारत में 2014-15 से 2023-24 तक दस वर्षों की अवधि में कुल कितनी वन भूमि को विकास और गैर-वन उपयोगों के लिए परिवर्तित किया गया है?

    a. 1,500 वर्ग किलोमीटर

    b. 1,734 वर्ग किलोमीटर

    c. 2,000 वर्ग किलोमीटर

    d. 1,250 वर्ग किलोमीटर

Answer and Explanation

12.  पिछले दस वर्षों में किस राज्य में गैर-वनीय उपयोग के लिए वन भूमि का सबसे अधिक डायवर्जन दर्ज किया गया है?

    a. ओडिशा

    b. गुजरात

    c. मध्य प्रदेश

    d. महाराष्ट्र

Answer and Explanation

13.  वन (संरक्षण) अधिनियम किस वर्ष में स्थापित किया गया था?

    a. 1970

    b. 1980

    c. 1990

    d. 2000

Answer and Explanation

14.  वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अनुसार, वन भूमि को गैर-वन्य उपयोग के लिए अनुमति देने से पहले किसे केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी?

    a. केवल निजी कंपनियों को

    b. किसी भी राज्य सरकार या सक्षम प्राधिकारी को

    c. केवल ग्राम पंचायतों को

    d. केवल पर्यावरण कार्यकर्ताओं को

Answer and Explanation

15.  वन भूमि के डायवर्जन की भरपाई के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाया जाने वाला एक उपाय क्या है?

    a. शहरीकरण

    b. कृषि विस्तार

    c. प्रतिपूरक वनीकरण

    d. पर्यटन विकास

Answer and Explanation

 

 

 

A4.
पर्यावरण और विकास: 24वाँ वैश्विक मंच दिल्ली में
Environment & Development: The 24th Global Platform in Delhi

24वें विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (WSDS) 2025 का सफल आयोजन नई दिल्ली में हुआ, जिसने एक बार फिर वैश्विक मंच पर सतत विकास के मुद्दों पर भारत की प्रतिबद्धता को उजागर किया। यह शिखर सम्मेलन, जो वैश्विक दक्षिण में सतत विकास और पर्यावरण पर एकमात्र स्वतंत्र रूप से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होने का दावा करता है, भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक हरित और अधिक न्यायसंगत दुनिया बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

यहाँ इस महत्वपूर्ण आयोजन से जुड़ी मुख्य बातें बुलेट पॉइंट्स में दी गई हैं:

 

आयोजन की तिथि और स्थान:

    24वाँ विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 5 से 7 मार्च, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

    यह 7 मार्च, 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

 

उद्घाटन और प्रमुख व्यक्तित्व:

    शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने 6 मार्च, 2025 को किया।

    (यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उद्घाटन सामान्यतः कार्यक्रम के पहले दिन या उसके अगले दिन होता है, इसलिए 6 मार्च की तारीख सटीक लगती है, हालांकि कार्यक्रम 5 मार्च से शुरू हुआ था। मुख्य संबोधन और औपचारिक उद्घाटन अक्सर दूसरे दिन होते हैं।)

 

शिखर सम्मेलन का महत्व:

    WSDS (World Sustainable Development Summit) 'ऊर्जा और संसाधन संस्थान' (The Energy and Resources Institute - TERI) द्वारा आयोजित एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है।

    यह शिखर सम्मेलन नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, व्यापारिक नेताओं और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान करता है ताकि सतत विकास के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा सके और समाधान तलाशे जा सकें।

    यह विशेष रूप से "वैश्विक दक्षिण" (Global South) के देशों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें अपनी विशिष्ट चुनौतियों और अनुभवों को साझा करने का अवसर देता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

16.  24वाँ विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (WSDS) 2025 किस शहर में आयोजित किया गया था?

    a. मुंबई

    b. बेंगलुरु

    c. नई दिल्ली

    d. चेन्नई

Answer and Explanation

17.  24वें विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किसने किया था?

    a. भारत के प्रधानमंत्री

    b. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री

    c. TERI के अध्यक्ष

    d. संयुक्त राष्ट्र महासचिव

Answer and Explanation

18.  विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (WSDS) का आयोजन किस संस्था द्वारा किया जाता है?

    a. नीति आयोग

    b. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)

    c. ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI)

    d. विश्व बैंक

Answer and Explanation

19.  24वाँ विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2025 कब संपन्न हुआ?

    a. 5 मार्च, 2025 को

    b. 6 मार्च, 2025 को

    c. 7 मार्च, 2025 को

    d. 8 मार्च, 2025 को

Answer and Explanation

20.  WSDS को वैश्विक दक्षिण में सतत विकास और पर्यावरण पर किस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन बताया गया है?

    a. सरकारी वित्त पोषित

    b. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित

    c. एकमात्र स्वतंत्र रूप से आयोजित

    d. कॉर्पोरेट प्रायोजित

Answer and Explanation

 

A5.
AI से खेती में क्रांति: प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स की सफलता गाथा
AI Revolutionizes Farming: The Success Story of Project FarmVibes

हाल ही में, माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन सत्य नडेला ने महाराष्ट्र के बारामती में 'प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स' (PFV) के माध्यम से कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। यह परियोजना भारतीय कृषि के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है, जिसने कम संसाधनों की खपत के साथ-साथ फसल की उपज में 40% तक की वृद्धि दर्ज की है।

 

क्या है प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स?

 

प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स को माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च द्वारा कृषि विकास ट्रस्ट, बारामती (महाराष्ट्र) के साथ मिलकर 2023 में विकसित किया गया था। यह कृषि-केंद्रित प्रौद्योगिकियों का एक ओपन-सोर्स AI सूट है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि के साथ कृषि को आधुनिक बनाना है, जिससे शोधकर्ताओं और किसानों दोनों को सशक्त बनाया जा सके।

 

AI कैसे बदल रहा है भारतीय कृषि?

 

प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स AI और मशीन लर्निंग (ML) तकनीकों का उपयोग करके खेत के डेटा (जैसे मिट्टी का प्रकार, मौसम की स्थिति, पौधों का स्वास्थ्य) का विश्लेषण करता है और किसानों को सटीक और कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करता है। यह जानकारी उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है, जिससे खेती अधिक कुशल और टिकाऊ बनती है।

 

प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स के प्रभावशाली परिणाम:

 

फसल उत्पादन में वृद्धि: इस परियोजना ने फसल उत्पादन में 40% की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक स्वस्थ और लचीली फसलें प्राप्त हुई हैं।

उर्वरक लागत में कमी: सटीक, AI-निर्देशित स्पॉट निषेचन (Spot Fertilization) के माध्यम से उर्वरक की लागत में 25% की कमी आई है। इसका अर्थ है कि उर्वरक केवल वहीं लगाए जाते हैं जहां उनकी आवश्यकता होती है, जिससे बर्बादी कम होती है।

जल खपत में बचत: प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स के तहत 50% कम जल खपत दर्ज की गई है, जो सतत सिंचाई (Sustainable Irrigation) को बढ़ावा देता है। यह जल-बचत तकनीक भारतीय कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।

समग्र कृषि दक्षता: AI-संचालित उपकरण किसानों को कीटों और बीमारियों का जल्द पता लगाने, मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी करने और इष्टतम रोपण और कटाई के समय निर्धारित करने में मदद करते हैं, जिससे समग्र कृषि दक्षता में सुधार होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

21. प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स (PFV) को किस कंपनी के चेयरमैन ने हाल ही में महाराष्ट्र के बारामती में कृषि में AI के प्रभाव पर प्रकाश डाला?

a) गूगल

b) माइक्रोसॉफ्ट

c) अमेज़न

d) टेस्ला

Answer and Explanation

22. प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स (PFV) के कारण फसल की उपज में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?

a) 25%

b) 30%

c) 40%

d) 50%

Answer and Explanation

23. प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स को माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ने किस वर्ष में कृषि विकास ट्रस्ट, बारामती के साथ मिलकर विकसित किया था?

a) 2022

b) 2023

c) 2024

d) 2025

Answer and Explanation

24. प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स के उपयोग से उर्वरक लागत में कितने प्रतिशत की कमी आई है?

a) 10%

b) 15%

c) 20%

d) 25%

Answer and Explanation

25. प्रोजेक्ट फार्म वाइब्स के तहत जल खपत में कितने प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है?

a) 30%

b) 40%

c) 50%

d) 60%

Answer and Explanation

 

 

A6.
भारत का भविष्य: गुणवत्ता, स्थिरता और कौशल
India's Future: Quality, Sustainability & Skill

27 फरवरी, 2025 को मुंबई में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित 'भारत कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2025' का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया। यह सम्मेलन 'विकासशील भारत- 2047 का मार्गः सभी के लिए समृद्धि की राह' (Vikasit Bharat - The Path to 2047: A Journey to Prosperity for All) के महत्त्वपूर्ण विषय पर केंद्रित था, जिसमें मंत्री गोयल ने मुख्य वक्ता के रूप में भारत के भविष्य के लिए एक सशक्त दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

इस सम्मेलन के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

अपार अवसरों का देश: केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत वर्तमान में अपार अवसरों के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। यह समय देश के आर्थिक विकास और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अद्वितीय है।

 

गुणवत्ता क्रांति का केंद्र: पहले, भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता अक्सर चिंता का विषय रही है, जिसने हमारी अंतर्राष्ट्रीय साख को प्रभावित किया। हालाँकि, मंत्री गोयल ने रेखांकित किया कि भारत अब गुणवत्ता क्रांति के केंद्र में है। इसका अर्थ है कि भारतीय निर्माता अब विश्वस्तरीय गुणवत्ता मानकों को अपनाने और उन पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह "मेड इन इंडिया" उत्पादों की वैश्विक स्वीकार्यता और विश्वसनीयता को बढ़ाएगा।

अच्छी विनिर्माण प्रथाओं का महत्त्व: मंत्री ने भारत को अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (Good Manufacturing Practices - GMP) का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। यह सुनिश्चित करेगा कि उत्पादों का उत्पादन उच्च मानकों के अनुसार हो, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़े और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मकता बेहतर हो।

 

व्यापार और वाणिज्य में स्थिरता: व्यापार और वाणिज्य का एक अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू स्थिरता (Sustainability) है। इसका तात्पर्य पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को अपनाना है, जो दीर्घकालिक विकास और एक स्वस्थ ग्रह के लिए आवश्यक हैं। स्थायी व्यावसायिक मॉडल अपनाने से केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।

 

कौशल निर्माण: अर्थव्यवस्था का आधार: पीयूष गोयल ने कहा कि कौशल निर्माण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है। कौशल विकास से भविष्य में और अधिक नौकरियां पैदा होंगी, जो भारत की युवा आबादी के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह केवल व्यक्तियों को सशक्त करेगा, बल्कि देश के समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। यह 'कौशल भारत, कुशल भारत' (Skill India, Skilled India) के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण है।

 

अतिरिक्त जानकारी:

 

विकासित भारत 2047: यह भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण है जिसका लक्ष्य देश की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित कई आयाम शामिल हैं।

 

आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री: यह भारत का एक प्रमुख व्यापार और वाणिज्यिक संगठन है जो उद्योगों और व्यापारिक घरानों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

26. 'भारत कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2025' का उद्घाटन किस शहर में किया गया था?

a. नई दिल्ली

b. बेंगलुरु

c. मुंबई

d. चेन्नई

Answer and Explanation

27. 'भारत कॉलिंग कॉन्फ्रेंस 2025' का मुख्य विषय क्या था?

a. डिजिटल इंडिया: भविष्य की ओर

b. मेक इन इंडिया: वैश्विक नवाचार

c. विकासशील भारत- 2047 का मार्गः सभी के लिए समृद्धि की राह

d. हरित भारत: सतत ऊर्जा

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28. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किस पहलू पर जोर दिया, जिसे भारत 'गुणवत्ता क्रांति के केंद्र' में होने का संकेत देता है?

a. नई तकनीक का आयात

b. उत्पादों की घटिया सामग्री

c. विश्वस्तरीय गुणवत्ता मानकों को अपनाना

d. केवल निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना

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29. पीयूष गोयल के अनुसार, व्यापार और वाणिज्य का एक महत्त्वपूर्ण पहलू क्या है जो दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है?

a. अधिकतम लाभ कमाना

b. स्थिरता

c. केवल आयात पर ध्यान देना

d. त्वरित विकास

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30. 'कौशल विकास' से भविष्य में क्या पैदा होने की उम्मीद है, जैसा कि पीयूष गोयल ने बताया?

a. कम नौकरियां

b. अधिक सरकारी नीतियां

c. और अधिक नौकरियां

d. विदेशी निवेश में कमी

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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।





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