31 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. उत्तर प्रदेश के 5 नए आध्यात्मिक गलियारे: एक धार्मिक यात्रा
- A2. छात्रों की मानसिक सेहत: सुप्रीम कोर्ट की नई पहल
- A3. छात्रों की मानसिक सेहत: सुप्रीम कोर्ट की नई पहल
- A4. PBMoney: आपके वित्त का स्मार्ट साथी!
- A5. एलिम्को का पूर्वोत्तर में पहला कदम: त्रिपुरा में 45 करोड़ का निवेश
- A6. D-SII दर्जा: भारतीय बीमा का सुरक्षा कवच
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
उत्तर प्रदेश के
5 नए आध्यात्मिक गलियारे: एक धार्मिक यात्रा
Uttar
Pradesh's 5 New Spiritual Corridors: A Sacred Journey
26 फरवरी,
2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल समापन के बाद राज्य के आध्यात्मिक परिदृश्य को और समृद्ध करने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने 05 नए आध्यात्मिक गलियारों के विकास की बात कही, जो न केवल तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाएंगे, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देंगे।
ये 5 नए आध्यात्मिक गलियारे उत्तर प्रदेश के समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोएंगे:
1. प्रयागराज-विंध्याचल-काशी गलियारा: यह गलियारा प्रयागराज के संगम से शुरू होकर देवी विंध्याचल धाम और फिर भगवान शिव की नगरी काशी (वाराणसी) तक आध्यात्मिक यात्रा को जोड़ता है। यह तीनों ही स्थल उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से हैं।
2. प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर गलियारा: यह मार्ग प्रयागराज को भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से जोड़ता है, जहाँ गोरखनाथ मंदिर स्थित है। यह गलियारा वैष्णव संप्रदाय के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
3. प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य मार्ग: यह गलियारा प्रयागराज को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से होते हुए नैमिषारण्य धाम से जोड़ता है। नैमिषारण्य को 88,000 ऋषियों की तपोभूमि माना जाता है और इसका हिंदू धर्मग्रंथों में गहरा महत्व है।
4. प्रयागराज-राजापुर-चित्रकूट गलियारा: यह आध्यात्मिक गलियारा प्रयागराज को चित्रकूट से जोड़ता है, जो भगवान राम के वनवास काल से जुड़ा एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह गलियारा बांदा जिले में स्थित गोस्वामी तुलसीदास के जन्मस्थान राजापुर से होकर गुजरेगा, जिससे साहित्य प्रेमियों और भक्तों दोनों को लाभ होगा।
5. प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुक तीर्थ गलियारा: इस गलियारे के माध्यम से तीर्थयात्री बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपयोग करके प्रयागराज से सीधे मथुरा-वृंदावन, जो भगवान कृष्ण की जन्मभूमि और लीलास्थली है, तक पहुँच सकते हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण जोड़ "शुक तीर्थ" भी है, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित है। यह मान्यता है कि यहीं पर महर्षि शुकदेव ने परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनाया था। यह गलियारा विशेष रूप से वैष्णव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के समापन के बाद कितने नए आध्यात्मिक गलियारों की घोषणा की?
a) 3
b) 4
c) 5
d) 6
2. निम्नलिखित में से कौन सा गलियारा प्रयागराज को काशी और विंध्याचल से जोड़ता है?
a) प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर गलियारा
b) प्रयागराज-विंध्याचल-काशी गलियारा
c) प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य मार्ग
d) प्रयागराज-राजापुर-चित्रकूट गलियारा
3. गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान राजापुर, किस आध्यात्मिक गलियारे के अंतर्गत आता है?
a) प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर गलियारा
b) प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य मार्ग
c) प्रयागराज-राजापुर-चित्रकूट गलियारा
d) प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुक तीर्थ गलियारा
4. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उपयोग करके तीर्थयात्री प्रयागराज से किन स्थानों तक पहुँच सकते हैं, जैसा कि लेख में बताया गया है?
a) अयोध्या और गोरखपुर
b) लखनऊ और नैमिषारण्य
c) मथुरा, वृंदावन और शुक तीर्थ
d) राजापुर और चित्रकूट
5. शुक तीर्थ उत्तर प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
a) प्रयागराज
b) वाराणसी
c) मुजफ्फरनगर
d) अयोध्या
A2.
छात्रों की मानसिक सेहत: सुप्रीम कोर्ट की नई पहल
Student
Mental Health: Supreme Court's New Initiative
हाल ही में, भारत के सर्वोच्च
न्यायालय ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ती आत्महत्याओं
को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एक चिंताजनक वास्तविकता को स्वीकार करते
हुए कि छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले अब कृषि संकट के कारण किसानों की आत्महत्याओं
से भी आगे निकल गए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए एक 'राष्ट्रीय
टास्क फोर्स' का गठन किया है।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन: सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्याओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है।
अध्यक्षता: इस महत्वपूर्ण टास्क फोर्स की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट करेंगे।
पीठ: जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया है।
टास्क फोर्स का उद्देश्य:
·
यह टास्क फोर्स उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू मौजूदा कानूनों, नीतियों और संस्थागत ढाँचों की प्रभावशीलता का गहन मूल्यांकन करेगा।
·
यह आकलन करेगा कि क्या ये ढाँचे छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों (जैसे शैक्षणिक दबाव, साथियों का दबाव, करियर की अनिश्चितता, सामाजिक अलगाव आदि) का पर्याप्त रूप से समाधान करते हैं।
·
यह जहाँ आवश्यक हो, वहाँ सुरक्षा को मजबूत करने और छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए ठोस सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।
संदर्भ की गंभीरता: सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि छात्रों की आत्महत्या की घटनाएँ अब कृषि संकट के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों से भी आगे निकल गई हैं, जो इस मुद्दे की भयावहता को रेखांकित करता है। यह दर्शाता है कि मानसिक स्वास्थ्य, विशेषकर युवा वर्ग में, एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को रोकने के लिए किस बॉडी का गठन किया है?
a. राज्य स्तरीय समिति
b. राष्ट्रीय टास्क फोर्स
c. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
d. शिक्षा मंत्रालय
7. राष्ट्रीय टास्क फोर्स की अध्यक्षता कौन करेगा?
a. जस्टिस जे. बी. पारदीवाला
b. जस्टिस आर. महादेवन
c. न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट
d. शिक्षा मंत्री
8. सुप्रीम कोर्ट की किस पीठ ने छात्रों की आत्महत्या के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया?
a. न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला
b. जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन
c. जस्टिस आर. महादेवन और शिक्षा मंत्री
d. इनमें से कोई नहीं
9. राष्ट्रीय टास्क फोर्स का एक मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. छात्रों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करना।
b. केवल नए कानून बनाना।
c. उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू मौजूदा कानूनों, नीतियों और संस्थागत ढाँचों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना।
d. विदेश में अध्ययन के अवसरों को बढ़ावा देना।
10. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या के मामलों की तुलना किस अन्य गंभीर मुद्दे से की है?
a. सड़क दुर्घटनाएं
b. कृषि संकट के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या
c. बेरोजगारी
d. प्राकृतिक आपदाएं
A3.
दुबई में FDI: भारत बना नंबर
1, वैश्विक निवेश का नया केंद्र!
Dubai's
FDI Boom: India Emerges as Top Investor, a Global Investment Hub!
दुबई, लगातार चौथे वर्ष ग्रीनफील्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) परियोजनाओं के लिए दुनिया का नंबर 1 गंतव्य बन गया है! यह उपलब्धि फाइनेंशियल टाइम्स लिमिटेड के 'FDI मार्केट्स' डेटा द्वारा पुष्ट की गई है, जो इसकी बढ़ती वैश्विक अपील का प्रमाण है।
दुबई का वैश्विक दबदबा: दुबई ने लगातार चौथे वर्ष ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाओं के लिए दुनिया के नंबर 1 गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। यह वैश्विक निवेशकों के लिए इसकी विश्वसनीयता और आकर्षक निवेश माहौल को दर्शाता है।
भारत का ऐतिहासिक उदय: वर्ष 2024 में, भारत दुबई में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का शीर्ष स्रोत देश बन गया है, जिसने $3 बिलियन से अधिक का निवेश किया। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि भारत ने इस दौड़ में यूएसए, फ्रांस और यूके जैसे पारंपरिक निवेश दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है।
FDI प्रवाह में भारत का योगदान:
दुबई के अर्थव्यवस्था और पर्यटन विभाग के दुबई FDI मॉनिटर के अनुसार, FDI प्रवाह में भारत का योगदान 21.5% रहा।
इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (13.7%), फ्रांस (11%), यूनाइटेड किंगडम (10%), और स्विट्जरलैंड (6.9%) का स्थान रहा।
भारत: परियोजनाओं की संख्या में भी आगे:
भारत दुबई में एफडीआई परियोजनाओं की संख्या (project count) में भी दूसरा सबसे बड़ा निवेशक था, जिसकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत थी।
ब्रिटेन 17 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर था। (मूल पाठ में "दूसरा सबसे बड़ा विस" के स्थान पर "परियोजनाओं की संख्या में दूसरा सबसे बड़ा" अधिक सटीक है)।
रोजगार सृजन में उछाल: विदेशी निवेश ने वर्ष 2024 में अनुमानित 58,680 नई नौकरियां पैदा कीं, जो वर्ष 2023 में 44,745 से 31 प्रतिशत अधिक है। यह दुबई की अर्थव्यवस्था पर एफडीआई के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है, जिससे न केवल पूंजी आती है बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं।
क्या है ग्रीनफील्ड FDI? ग्रीनफील्ड एफडीआई तब होता है जब एक विदेशी कंपनी एक नए स्थान पर एक नया संयंत्र या सुविधा बनाती है, जैसे कि एक नया कारखाना, कार्यालय या खुदरा स्टोर। यह निवेश का एक महत्वपूर्ण रूप है क्योंकि यह न केवल पूंजी लाता है बल्कि रोजगार भी पैदा करता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
दुबई की सफलता के पीछे के कारण: दुबई की रणनीतिक स्थिति, अनुकूल व्यापार नीतियां, आधुनिक बुनियादी ढांचा, और एक विविध अर्थव्यवस्था निवेश के लिए इसे एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। सरकार की निवेशक-अनुकूल पहल और व्यापार करने में आसानी ने भी इसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
11. दुबई को लगातार कितने वर्षों से ग्रीनफील्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) परियोजनाओं के लिए दुनिया का नंबर 1 गंतव्य नामित किया गया है?
a. 2
b. 3
c. 4
d. 5
Answer and Explanation
12. वर्ष 2024 में दुबई में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का शीर्ष स्रोत देश कौन सा है?
a. यूएसए
b. फ्रांस
c. यूके
d. भारत
13. वर्ष 2024 में दुबई के कुल FDI प्रवाह में भारत का योगदान कितने प्रतिशत रहा?
a. 13.7%
b. 11%
c. 21.5%
d. 10%
14. वर्ष 2024 में विदेशी निवेश से दुबई में कितनी नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है?
a. 44,745
b. 58,680
c. 31,000
d. 65,000
15. ग्रीनफील्ड FDI क्या है?
a. जब एक विदेशी कंपनी किसी मौजूदा कंपनी में शेयर खरीदती है।
b. जब एक विदेशी कंपनी एक नए स्थान पर एक नया संयंत्र या सुविधा बनाती है।
c. जब एक विदेशी कंपनी किसी स्थानीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम करती है।
d. जब एक विदेशी कंपनी किसी देश में केवल वित्तीय निवेश करती है।
A4.
PBMoney:
आपके वित्त का स्मार्ट साथी!
PBMoney:
Your Smart Financial Companion!
पैसाबाज़ार ने हाल ही में PBMoney लॉन्च किया है, जो एक शानदार पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है. इसका मकसद आपको अपने पैसों को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद करना है.
यह नया प्लेटफॉर्म आपको क्या देगा?
·
एक ही जगह पर पूरी वित्तीय जानकारी: अब आपको अलग-अलग जगहों पर अपने बैंक खातों, निवेशों और अन्य वित्तीय संपत्तियों को ट्रैक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. PBMoney आपको इन सबका एक एकीकृत (unified) दृश्य देगा.
·
निवेश की बेहतर सलाह: PBMoney आपको डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि (data-driven
insights) के आधार पर निवेश से जुड़ी सलाह भी देगा, ताकि आप फैसले ले सकें.
·
समझदार वित्तीय निर्णय: यह प्लेटफॉर्म आपको अपने पैसे और निवेश के बारे में बेहतर सुझाव देगा, जिससे आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकें.
यह सब कैसे संभव हुआ?
दरअसल, यह कदम पैसाबाज़ार की सहायक कंपनी PB Financial Account
Aggregator को RBI
(भारतीय रिजर्व बैंक) से NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) अकाउंट एग्रीगेटर के रूप में लाइसेंस मिलने के बाद उठाया गया है.
अकाउंट एग्रीगेटर क्या होते हैं?
अकाउंट एग्रीगेटर ऐसी इकाइयां होती हैं जो आपकी सहमति से विभिन्न वित्तीय संस्थाओं (जैसे बैंक, म्यूचुअल फंड कंपनियां) के बीच आपके वित्तीय डेटा को सुरक्षित रूप से साझा करने की सुविधा देती हैं. इसका मतलब है कि आप अपनी सहमति देकर PBMoney को अपने विभिन्न वित्तीय संस्थानों से डेटा एक्सेस करने की अनुमति दे सकते हैं.
इसके और भी फायदे हैं!
PBMoney जैसे पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म, जो कई संस्थानों से ग्राहक डेटा तक पहुंच रखते हैं, न केवल आपको अपने पैसे और निवेश पर एकीकृत दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद करते हैं, बल्कि:
·
प्रतिस्पर्धी ऋण प्रस्ताव: यह प्लेटफार्म आपको विभिन्न ऋणदाताओं से प्रतिस्पर्धी ऋण प्रस्ताव प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि ऋणदाता आपकी समेकित वित्तीय जानकारी के आधार पर बेहतर पेशकश कर सकते हैं.
·
व्यक्तिगत वित्तीय योजना: यह आपको अपनी आय, खर्च और बचत को ट्रैक करके एक व्यक्तिगत वित्तीय योजना बनाने में मदद कर सकता है.
· स्मार्ट बचत और खर्च: डेटा विश्लेषण के जरिए, यह आपको अनावश्यक खर्चों को पहचानने और बचत के नए अवसर खोजने में मदद कर सकता है.
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. PBMoney किसने लॉन्च किया है?
a. RBI
b. SEBI
c. पैसाबाज़ार
d. कोई और बैंक
17. PBMoney का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. केवल ऋण प्रदान करना
b. उपयोगकर्ताओं को उनके वित्त का प्रबंधन करने में मदद करना
c. केवल निवेश सलाह देना
d. सरकारी योजनाएं बताना
18. पैसाबाज़ार की किस सहायक कंपनी को RBI से अकाउंट एग्रीगेटर का लाइसेंस मिला है?
a. PB Finance
b. PB Financial Account Aggregator
c. Paisabazaar Aggregator
d. PB Money Solutions
19. अकाउंट एग्रीगेटर क्या सुविधा प्रदान करते हैं?
a. सीधे ऋण प्रदान करना
b. वित्तीय संस्थानों के बीच सहमति-आधारित वित्तीय डेटा साझा करना
c. केवल म्यूचुअल फंड बेचना
d. वित्तीय सलाह देना
20. PBMoney जैसे पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म से क्या अतिरिक्त लाभ मिल सकते हैं?
a. केवल बैंकिंग सेवाओं का लाभ
b. प्रतिस्पर्धी ऋण प्रस्ताव
c. केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी
d. विदेशी मुद्रा विनिमय
A5.
एलिम्को का पूर्वोत्तर में पहला कदम: त्रिपुरा में 45 करोड़ का निवेश
ALIMCO's
First Step in Northeast: ₹45 Crore Investment in Tripura
भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रम, त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के पुरबा लक्ष्मीबिल में अपना पहला सहायक उत्पादन केंद्र (AAPC) स्थापित करने जा रहा है। यह पहल न केवल सहायक उपकरणों के उत्पादन में वृद्धि करेगी, बल्कि क्षेत्र में दिव्यांगजनों तक सेवाओं की पहुँच को भी सुगम बनाएगी।
निवेश और प्रभाव: इस केंद्र की स्थापना में लगभग ₹45 करोड़ का महत्वपूर्ण निवेश किया जा रहा है। यह निवेश पूर्वोत्तर क्षेत्र में सहायक उपकरण निर्माण और सेवा वितरण में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह केंद्र न केवल उपकरणों के निर्माण में तेजी लाएगा बल्कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा।
स्थान का महत्व: त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के पुरबा लक्ष्मीबिल में स्थित यह केंद्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह स्थान पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के दिव्यांगजनों के लिए भी आसानी से सुलभ होगा, जिससे पूरे क्षेत्र में सहायक उपकरणों की पहुँच में सुधार होगा।
एलिम्को का उद्देश्य: एलिम्को (Artificial Limbs
Manufacturing Corporation of India) का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना है। इस नए केंद्र के साथ, एलिम्को पूर्वोत्तर के दूरदराज के क्षेत्रों में भी अपनी पहुँच बढ़ाएगा, जिससे अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को लाभ मिल सकेगा।
रोजगार के अवसर: इस केंद्र की स्थापना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उत्पादन, वितरण और संबंधित सेवाओं में कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रालय की पहल: यह परियोजना केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य देश भर में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
अतिरिक्त जानकारी:
एलिम्को का इतिहास: एलिम्को की स्थापना 1972 में हुई थी और तब से यह देश भर में दिव्यांगजनों की सेवा कर रहा है। इसका मुख्यालय कानपुर, उत्तर प्रदेश में है।
अन्य केंद्र: यह त्रिपुरा केंद्र, एलिम्को का सहायक उत्पादन केंद्र होगा। एलिम्को के पास देश के विभिन्न हिस्सों में पहले से ही कई उत्पादन इकाइयाँ और क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र (RRC) मौजूद हैं, जो दिव्यांगजनों को विभिन्न सेवाएँ प्रदान करते हैं।
सहायक उपकरणों की आवश्यकता: भारत में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन हैं जिन्हें दैनिक जीवन में स्वतंत्रता और गतिशीलता के लिए सहायक उपकरणों की आवश्यकता होती है। यह नया केंद्र इस आवश्यकता को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. एलिम्को
(ALIMCO) अपना पहला सहायक उत्पादन केंद्र (AAPC) भारत के किस राज्य में स्थापित कर रहा है?
a) असम
b) त्रिपुरा
c) मणिपुर
d) मेघालय
22. त्रिपुरा में एलिम्को के नए केंद्र की स्थापना में अनुमानित निवेश कितना है?
a) ₹30 करोड़
b) ₹45 करोड़
c) ₹60 करोड़
d) ₹75 करोड़
23. एलिम्को किस केंद्रीय मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है?
a) केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
b) केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
c) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय
d) केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
Answer and Explanation
24. एलिम्को का मुख्यालय भारत के किस शहर में स्थित है?
a) नई दिल्ली
b) मुंबई
c) कानपुर
d) बेंगलुरु
25. त्रिपुरा में एलिम्को का नया सहायक उत्पादन केंद्र स्थापित करने का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
a) कृषि उपकरणों का उत्पादन बढ़ाना
b) पर्यटन को बढ़ावा देना
c) पूर्वोत्तर क्षेत्र में सहायक उपकरण निर्माण और सेवा वितरण को सुगम बनाना
d) स्थानीय कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देना
A6.
D-SII
दर्जा:
भारतीय बीमा का सुरक्षा कवच
D-SII
Status: The Pillars of Indian Insurance
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ऐसी ही कुछ कंपनियों को 'घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता' या D-SII का दर्जा दिया है।
D-SII का क्या मतलब है?
·
D-SII उन बीमाकर्ताओं को कहा जाता है जो आकार में बहुत बड़े होते हैं, बाजार में उनका प्रभाव बहुत ज़्यादा होता है, और वे घरेलू व वैश्विक वित्तीय प्रणाली से गहराई से जुड़े होते हैं।
·
इन कंपनियों में यदि कोई संकट आता है या वे विफल हो जाती हैं, तो इसका परिणाम देश की वित्तीय प्रणाली में एक बड़ी अव्यवस्था के रूप में हो सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो, ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि सरकार और नियामक इन्हें गिरने नहीं दे सकते।
IRDAI की नवीनतम घोषणा:
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अपनी 129वीं बैठक (जो 12 मार्च, 2025 को हुई) के निर्णयों और चर्चाओं के आधार पर, वर्ष 2024-25 के लिए तीन बीमा कंपनियों को फिर से D-SII के रूप में नामित किया है।
यह दर्शाता है कि नियामक इन कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे मजबूत बनी रहें।
कौन हैं ये तीन महत्वपूर्ण बीमाकर्ता?
·
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC): भारत की सबसे बड़ी और पुरानी जीवन बीमा कंपनी, जिसकी पहुंच देश के कोने-कोने तक है।
·
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (New India Assurance
Company Ltd.): भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों में से एक।
·
भारतीय साधारण बीमा निगम (GIC Re - General Insurance
Corporation of India): यह एक पुनर्बीमा कंपनी है, जिसका अर्थ है कि यह अन्य बीमा कंपनियों को उनके बीमा जोखिमों का बीमा करती है। GIC Re भारत की एकमात्र राष्ट्रीय पुनर्बीमाकर्ता है और विश्व स्तर पर भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहचान?
D-SII के रूप में नामित होने का मतलब है कि इन कंपनियों को नियामक की ओर से अतिरिक्त पर्यवेक्षण और सख्त नियामक आवश्यकताओं का पालन करना होता है।
उन्हें अपनी पूंजी पर्याप्तता, शासन संरचनाओं और जोखिम प्रबंधन प्रथाओं को और मजबूत करना होता है ताकि वे किसी भी वित्तीय संकट का सामना कर सकें।
यह दर्जा इन कंपनियों की स्थिरता और भारत की वित्तीय प्रणाली की समग्र सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. IRDAI
ने वर्ष 2024-25 के लिए कितनी बीमा कंपनियों को D-SII के रूप में नामित किया है?
a. एक
b. दो
c. तीन
d. चार
27. निम्नलिखित में से कौन सी कंपनी D-SII के रूप में नामित तीन बीमाकर्ताओं में से एक नहीं है?
a. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
b. एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance)
c. न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (New India Assurance
Company Ltd.)
d. भारतीय साधारण बीमा निगम (GIC Re)
28. IRDAI की वह बैठक किस तारीख को हुई थी जिसमें D-SII के नामकरण पर निर्णय लिया गया था?
a. 12 मार्च,
2024
b. 12 मार्च,
2025
c. 12 अप्रैल,
2024
d. 12 अप्रैल,
2025
29. D-SII का पूर्ण रूप क्या है?
a. घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (Domestic Systemically
Important Insurers)
b. डिजिटल प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (Digital Systemically
Important Insurers)
c. विकासशील प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (Developing Systemically
Important Insurers)
d. प्रत्यक्ष प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता (Direct Systemically
Important Insurers)
30. D-SII के रूप में नामित बीमा कंपनियों को किन अतिरिक्त आवश्यकताओं का पालन करना होता है?
a. केवल अधिक विज्ञापन करना
b. नियामक से अतिरिक्त पर्यवेक्षण और सख्त नियामक आवश्यकताओं का पालन करना
c. केवल प्रीमियम दरें बढ़ाना
d. केवल नई शाखाएँ खोलना
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