1 June 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. भारत का पहला विश्व शांति केंद्र: गुरुग्राम में एक नया सवेरा
- A2. मोरान समुदाय: असम और अरुणाचल के बीच पुल
- A3. भारत में प्रवासी धन प्रवाह: बदलती तस्वीर
- A4. महाटेक: महाराष्ट्र की तरक्की का नया अध्याय
- A5. हिमाचल प्रदेश में नया सवेरा: API, ग्रीन हाइड्रोजन और 2G इथेनॉल का संगम
- A6. प्रोजेक्ट हिफाजत: सुरक्षा, सशक्तिकरण और सहारा
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
भारत का पहला विश्व शांति केंद्र: गुरुग्राम में एक नया सवेरा
India's
First World Peace Center: A New Dawn in Gurugram
हरियाणा के गुरुग्राम में देश का पहला विश्व शांति केंद्र (World Peace Center) स्थापित किया गया है! यह केंद्र सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि शांति, अहिंसा और मानवीय मूल्यों को समर्पित एक जीवंत प्रयास है।
स्थान: यह अद्वितीय केंद्र हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) में स्थित है, जो इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शांति के एक नए गढ़ के रूप में स्थापित करता है।
संस्थापक: इस केंद्र की स्थापना अहिंसा विश्व भारती (Ahimsa Vishwa Bharti) संगठन द्वारा की गई है।
प्रेरणास्रोत: इस नेक पहल के पीछे जैन आचार्य लोकेश (Jain Acharya Lokesh) का मार्गदर्शन है, जिनके विचार और शिक्षाएं इस केंद्र के मूलभूत सिद्धांतों को आकार देती हैं।
मुख्य उद्देश्य: इस केंद्र का प्राथमिक लक्ष्य निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना है:
अहिंसा को बढ़ावा: 'जियो और जीने दो' के सिद्धांत को व्यवहार में लाना।
आध्यात्मिक जागरूकता: व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करना।
मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करना: दया, करुणा, प्रेम और सहिष्णुता जैसे सार्वभौमिक मूल्यों को स्थापित करना।
सार्वभौमिक भाईचारा: जाति, धर्म, या राष्ट्रीयता से परे होकर सभी मनुष्यों के बीच एकता और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. भारत का पहला विश्व शांति केंद्र किस शहर में स्थापित किया गया है?
a. फरीदाबाद
b. चंडीगढ़
c. गुरुग्राम
d. पानीपत
2. विश्व शांति केंद्र की स्थापना किस संगठन द्वारा की गई है?
a. भारतीय शांति प्रतिष्ठान
b. अहिंसा विश्व भारती
c. विश्व बंधुत्व संघ
d. आध्यात्मिक जागृति मिशन
3. विश्व शांति केंद्र की प्रेरणा और मार्गदर्शन किस जैन आचार्य से मिला है?
a. आचार्य महाप्रज्ञ
b. आचार्य विद्यासागर
c. आचार्य लोकेश
d. आचार्य तुलसी
4. विश्व शांति केंद्र का एक मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
b. सैन्य शक्ति को मजबूत करना
c. मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करना
d. केवल योग सिखाना
5. 'जियो और जीने दो' का सिद्धांत किस अवधारणा से संबंधित है जिसे विश्व शांति केंद्र बढ़ावा देता है?
a. भाईचारा
b. आध्यात्मिक जागरूकता
c. अहिंसा
d. सहिष्णुता
A2.
मोरान समुदाय: असम और अरुणाचल के बीच पुल
Moran
Community: A Bridge Between Assam and Arunachal
अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले मोरान समुदाय को लेकर हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। असम सरकार ने इन मोरान सदस्यों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र (PRC) देने का फैसला किया है, जो इस समुदाय के लिए एक बड़ी राहत है।
मूल पहचान: मोरान समुदाय को असम की एक मूल जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है। इनकी एक छोटी आबादी पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में भी निवास करती है।
PRC का महत्व: असम में PRC उन भारतीय नागरिकों को प्रदान किया जाता है जिनके पूर्वज वहाँ 50 वर्षों से अधिक समय से रह रहे हों और जो स्वयं कम से कम 20 वर्षों से वहाँ निवास कर रहे हों। यह प्रमाण पत्र इन व्यक्तियों के स्थायी निवास का आधिकारिक प्रमाण होता है।
स्थानिक संबंध: असम का डिब्रूगढ़ जिला, तिनसुकिया से सटा हुआ है, जहाँ असम में मोरान समुदाय की सबस बड़ी आबादी है। वहीं, तिनसुकिया अरुणाचल प्रदेश के नामसाई और चांगलांग जिलों से भी सटा हुआ है।
गैर-अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति (गैर-एपीएसटी) की स्थिति: नामसाई और चांगलांग में मोरान समुदाय के साथ पाँच अन्य समुदाय - आदिवासी, देवरी, गोरखा, मिशिंग और सोनोवाल कछारी - भी निवास करते हैं। इन सभी समुदायों को अरुणाचल प्रदेश में "गैर-एपीएसटी" (गैर-अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति) माना जाता है। यह वर्गीकरण अरुणाचल प्रदेश में इन समुदायों के अधिकारों और दर्जे को प्रभावित करता है।
अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा: मोरान समुदाय असम में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की भी लगातार माँग कर रहा है। यह दर्जा उन्हें कई सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ उठाने में मदद करेगा।
अतिरिक्त जानकारी:
अरुणाचल प्रदेश में "गैर-एपीएसटी" के रूप में वर्गीकृत किए जाने वाले समुदायों को अक्सर भूमि अधिकारों और अन्य सामाजिक-आर्थिक लाभों को लेकर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
स्थाई निवास प्रमाण पत्र (PRC) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो शिक्षा, सरकारी नौकरियों और अन्य योजनाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने में मदद करता है। असम सरकार का यह निर्णय अरुणाचल प्रदेश में रह रहे मोरान समुदाय के सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोरान समुदाय का इतिहास असम के ताई-अहोम साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। वे अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. असम सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले किस समुदाय के सदस्यों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र (PRC) देने का निर्णय लिया है?
a. सोनोवाल कछारी
b. देवरी
c. मोरान
d. गोरखा
7. असम में स्थाई निवास प्रमाण पत्र (PRC) प्राप्त करने के लिए पूर्वजों को कितने वर्षों से अधिक समय से निवास करना आवश्यक है?
a. 10 वर्ष
b. 20 वर्ष
c. 30 वर्ष
d. 50 वर्ष
8. मोरान समुदाय असम में किस दर्जे की लगातार माँग कर रहा है?
a. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
b. अनुसूचित जाति (SC)
c. अनुसूचित जनजाति (ST)
d. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)
9. अरुणाचल प्रदेश में मोरान समुदाय के साथ कितने अन्य समुदायों को "गैर-एपीएसटी" माना जाता है?
a. तीन
b. चार
c. पाँच
d. छह
10. मोरान समुदाय का इतिहास असम के किस साम्राज्य से जुड़ा हुआ है?
a. गुप्त साम्राज्य
b. मौर्य साम्राज्य
c. ताई-अहोम साम्राज्य
d. मुगल साम्राज्य
A3.
भारत में प्रवासी धन प्रवाह: बदलती तस्वीर
India's
Remittance Inflow: A Changing Landscape
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के हालिया आवक प्रेषण सर्वेक्षण (2023-24) के छठे दौर के परिणामों ने भारत को प्राप्त होने वाले प्रवासी धन (रेमिटेंस) के पैटर्न में कुछ दिलचस्प बदलाव दिखाए हैं। यह सर्वेक्षण वैश्विक स्तर पर भारतीयों द्वारा अपने देश भेजे जाने वाले धन के रुझानों को समझने में मदद करता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका शीर्ष पर: वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत में प्रेषण का सबसे बड़ा हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका (27.7%) से आया, जो यह दर्शाता है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों का योगदान लगातार बढ़ रहा है।
यूएई का दूसरा स्थान:*संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 19.2% के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
पश्चिमी देशों का बढ़ता दबदबा:
·
पिछले वित्तीय वर्ष (FY24) में, यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम से आने वाला धन लगभग दुगुना हो गया, जिससे बैंकों के माध्यम से भारत में आने वाले कुल धन का लगभग 40% इन दोनों देशों से आया।
·
FY21 में अमेरिका शीर्ष स्रोत बन गया था, जिसने 23.4% आवक धन भेजा, जो FY24 में बढ़कर लगभग 28% हो गया।
·
FY17 में यूके से भारत में आने वाले हस्तांतरण का लगभग 3% ही था, जो FY24 में बढ़कर 10.8% हो गया।
सिंगापुर का रिकॉर्ड योगदान: FY24 में सिंगापुर की हिस्सेदारी 6.6% थी, जो FY17 के बाद से अब तक की सर्वाधिक थी (जब यह 5.5% थी)।
ऑस्ट्रेलिया एक नया प्रमुख योगदानकर्ता:*ऑस्ट्रेलिया महत्त्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में एक नया जुड़ाव है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में कुल प्रेषण का 2.3% हिस्सा बनाया।
खाड़ी देशों की घटती हिस्सेदारी:
·
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की हिस्सेदारी FY2017 में 27% से घटकर FY2024 में 19.2% हो गई।
·
सऊदी अरब से धन की हिस्सेदारी FY2017 में 11.6% से घटकर FY2024 में 6.7% हो गई।
·
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) राष्ट्रों - यूएई, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान और बहरीन ने वर्ष 2023-24 में भारत के कुल प्रेषण का 37.9% हिस्सा रखा, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। यह दर्शाता है कि भारत के प्रवासी अब सिर्फ खाड़ी देशों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पश्चिमी देशों में भी उनकी संख्या बढ़ रही है।
सर्वाधिक प्राप्तकर्ता राज्य:
·
आरबीआई सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्यों के मामले में महाराष्ट्र, उसके बाद केरल और तमिलनाडु प्रमुख हैं। ये राज्य पारंपरिक रूप से प्रवासी भारतीयों की बड़ी आबादी वाले क्षेत्र रहे हैं।
·
जबकि हरियाणा, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों को भेजे जाने वाले धन की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई, लेकिन भारत के कुल आवक प्रेषण की तुलना में ये सभी राज्य 5% के भीतर रहे।
डिजिटलीकरण का प्रभाव:
सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि डिजिटलीकरण के कारण भारत में प्रेषण भेजने की लागत में कमी आई है। ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सेवाओं और फिनटेक कंपनियों के उदय ने प्रेषण प्रक्रिया को अधिक कुशल और लागत प्रभावी बना दिया है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत को सर्वाधिक प्रेषण किस देश से प्राप्त हुआ?
a. संयुक्त अरब अमीरात
b. यूनाइटेड किंगडम
c. संयुक्त राज्य अमेरिका
d. सऊदी अरब
12. पिछले वित्तीय वर्ष (FY24) में, यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम से आने वाले धन ने बैंकों के माध्यम से भारत में आने वाले कुल धन का लगभग कितना प्रतिशत बनाया?
a. 20%
b. 30%
c. 40%
d. 50%
13. वित्त वर्ष 2023-24 में प्रेषण प्राप्त करने वाले राज्यों के मामले में कौन सा राज्य शीर्ष पर रहा?
a. केरल
b. तमिलनाडु
c. गुजरात
d. महाराष्ट्र
14. वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2024 के बीच किस खाड़ी देश की प्रेषण हिस्सेदारी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई?
a. संयुक्त अरब अमीरात
b. सऊदी अरब
c. कुवैत
d. कतर
5. सर्वेक्षण के अनुसार, डिजिटलीकरण का भारत में प्रेषण भेजने की प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ा है?
a. लागत में वृद्धि हुई है
b. प्रक्रिया धीमी हो गई है
c. लागत में कमी आई है
d. कोई प्रभाव नहीं पड़ा है
A4.
महाटेक: महाराष्ट्र की तरक्की का नया अध्याय
MahaTech:
Maharashtra's New Growth Engine
महाराष्ट्र सरकार राज्य की विकास यात्रा को नई गति देने और एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इसी क्रम में 'महाटेक' नामक एक नए संगठन की स्थापना की जा रही है. यह संगठन राज्य की योजना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करेगा.
महाटेक क्या है और यह कैसे काम करेगा?
उद्देश्य: महाटेक का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र की योजना प्रक्रिया को गति देना और राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है.
संरचना: यह सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (MRSAC) को एक साथ लाएगा, जिससे सभी सरकारी विभागों में विकास कार्यों में तालमेल और तेजी आएगी.
प्रौद्योगिकी का लाभ: महाटेक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी (Geospatial
Technology) का उपयोग करेगा. इसका लाभ इन क्षेत्रों में मिलेगा:
संपत्ति प्रबंधन: संपत्तियों की कुशल योजना और प्रबंधन.
शहरी विकास: शहरों के नियोजित विकास में सहायता.
प्राकृतिक संसाधन नियोजन: प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उपयोग की योजना.
पारदर्शी प्रशासन: इन तकनीकों का उपयोग लोगों को केंद्र में रखने वाले और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करेगा.
सलाहकार की भूमिका: शुरुआत में, भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) महाटेक की स्थापना में एक सलाहकार के रूप में मदद करेगा. BISAG-N भारत सरकार का एक प्रमुख संस्थान है जो अंतरिक्ष और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों में विशेषज्ञता रखता है.
महाटेक क्यों महत्वपूर्ण है?
महाटेक की स्थापना महाराष्ट्र के विकास के लिए एक दूरदर्शी कदम है. यह आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके सरकारी कामकाज में दक्षता लाएगा, जिससे परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी. यह अंततः राज्य के नागरिकों के लिए बेहतर सेवाएं और अधिक समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा.
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने और योजना प्रक्रिया को गति देने के लिए किस नए संगठन की स्थापना की जा रही है?
a. MRSAC
b. BISAG-N
c. MahaTech
d. IT
17. महाटेक किन दो प्रमुख घटकों को एकीकृत करेगा?
a. संपत्ति प्रबंधन और शहरी विकास
b. सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और MRSAC
c. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी
d. BISAG-N और IT
18. महाटेक किस संस्थान को शुरुआती सलाहकार के रूप में नियुक्त करेगा?
a. महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (MRSAC)
b. सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विभाग
c. भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N)
d. इनमें से कोई नहीं
19. महाटेक किन तकनीकों का लाभ उठाकर कुशल योजना बनाएगा?
a. केवल सूचना प्रौद्योगिकी
b. केवल भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी
c. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी
d. पारंपरिक योजना विधियाँ
20. महाटेक की स्थापना का एक महत्वपूर्ण परिणाम क्या होगा?
a. केवल शहरी विकास में सुधार
b. सरकार द्वारा कम तकनीक का उपयोग
c. लोगों को उन्मुख और पारदर्शी प्रशासन को मजबूत करना
d. केवल प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
A5.
हिमाचल प्रदेश में नया सवेरा: API, ग्रीन हाइड्रोजन और 2G इथेनॉल का संगम
Himachal
Pradesh: A New Dawn with India's First Integrated API, Green Hydrogen & 2G
Ethanol Facility
हिमाचल प्रदेश जल्द ही भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है! सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में देश की पहली एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित की जा रही है, जो एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API), ग्रीन हाइड्रोजन और 2G इथेनॉल का उत्पादन करेगी. यह परियोजना न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मील का पत्थर साबित होगी.
ऐतिहासिक समझौता: हिमाचल प्रदेश सरकार और मेसर्स सो इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड (जैसा कि आपकी जानकारी में 'को इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड' दिया गया है, नाम 'सो इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड' होने की संभावना है) के बीच 5 मार्च, 2025 को शिमला में एक प्रतिबद्धता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जो इस महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त करता है.
मेगा निवेश और रोज़गार: इस एकीकृत प्लांट में कुल 1400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इस परियोजना से सीधे तौर पर 1000 से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
API उत्पादन का केंद्र: इस सुविधा में एक आधुनिक एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API) प्लांट स्थापित किया जाएगा. API किसी भी दवा का वह सक्रिय घटक होता है जो उपचार के लिए ज़िम्मेदार होता है (जैसे टैबलेट, कैप्सूल, क्रीम या इंजेक्शन में). भारत की API के लिए विदेशी निर्भरता कम करने में यह प्लांट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
हरित हाइड्रोजन का भविष्य: परियोजना के तहत शुरुआत में 30 मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसे बाद में 50 मेगावाट क्षमता तक बढ़ाया जाएगा. ग्रीन हाइड्रोजन, अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर या पवन ऊर्जा) का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से उत्पन्न होता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता. यह भविष्य के स्वच्छ ईंधन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है.
2G इथेनॉल उत्पादन: यह सुविधा 2G इथेनॉल का भी उत्पादन करेगी. 2G इथेनॉल (सेकंड जनरेशन इथेनॉल) कृषि अपशिष्ट और लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास जैसे गैर-खाद्य स्रोतों से बनाया जाता है. यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है.
भारत सरकार की जी-वन योजना का समर्थन: इस परियोजना को भारत सरकार की प्रधानमंत्री जी-वन (जैव ईंधन वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण) योजना का समर्थन प्राप्त है. यह योजना वर्ष 2019 में लॉन्च की गई थी और इसे बाद में वर्ष 2028-29 तक बढ़ा दिया गया है. इसका उद्देश्य बायोमास से उन्नत जैव ईंधन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
हरित ऊर्जा राज्य का लक्ष्य: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मार्च, 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. यह एकीकृत विनिर्माण सुविधा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
बहुविकल्पीय प्रश्न
21. हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के किस क्षेत्र में भारत की पहली एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित की जा रही है?
a. धर्मशाला
b. मनाली
c. बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़
d. शिमला
22. हिमाचल प्रदेश सरकार और मेसर्स सो इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड के बीच MoU पर किस तारीख को हस्ताक्षर किए गए?
a. 5 मार्च,
2024
b. 5 मार्च,
2025
c. 5 अप्रैल,
2025
d. 5 अप्रैल,
2024
23. एकीकृत विनिर्माण सुविधा में शुरुआत में कितने मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित किया जाएगा?
a. 10 मेगावाट
b. 20 मेगावाट
c. 30 मेगावाट
d. 50 मेगावाट
24. हिमाचल प्रदेश सरकार ने देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने का लक्ष्य किस वर्ष तक रखा है?
a. मार्च,
2025
b. मार्च,
2026
c. मार्च,
2027
d. मार्च,
2028
25. प्रधानमंत्री जी-वन योजना का संबंध किससे है?
a. सड़क निर्माण
b. ग्रामीण विकास
c. उन्नत जैव ईंधन परियोजनाएं
d. स्वास्थ्य सेवा
A6.
प्रोजेक्ट हिफाजत: सुरक्षा, सशक्तिकरण और सहारा
Project
Hifazat: A New Initiative for Women and Child Safety
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा एक गंभीर सामाजिक चुनौती है, जिससे निपटने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने 'प्रोजेक्ट हिफाजत' की शुरुआत की है।
क्या है प्रोजेक्ट हिफाजत?
लॉन्च की तारीख: 07 मार्च, 2025 को पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री बलजीत कौर द्वारा इसका अनावरण किया गया।
मुख्य उद्देश्य: हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाना और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा के पीड़ितों के लिए प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना।
केंद्र बिंदु: यह पहल विशेष रूप से उन महिलाओं और बच्चों की मदद पर केंद्रित है जो किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार हुए हैं।
आधार: 'प्रोजेक्ट हिफाजत' की रीढ़ की हड्डी के रूप में 24×7 महिला एवं बाल हेल्पलाइन काम करेगी। यह हेल्पलाइन भारत सरकार के दो महत्वपूर्ण मिशनों - 'मिशन शक्ति' और 'मिशन वात्सल्य' - के तहत संचालित होगी।
अतिरिक्त जानकारी:
मिशन शक्ति: यह महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार का एक एकीकृत कार्यक्रम है। इसके तहत विभिन्न योजनाएं जैसे 'वन स्टॉप सेंटर', 'महिला हेल्पलाइन' आदि शामिल हैं।
मिशन वात्सल्य: यह बच्चों के संरक्षण और कल्याण के लिए भारत सरकार का एक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य बच्चों के सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें विकास के अवसर प्रदान करना है।
हेल्पलाइन का महत्व: 24×7 हेल्पलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि हिंसा का शिकार हुए लोगों को तत्काल सहायता और मार्गदर्शन मिल सके, चाहे समय कुछ भी हो। यह पीड़ितों को कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श और आश्रय जैसी सेवाएं प्रदान करने में सहायक होगी।
सामुदायिक भागीदारी: ऐसे प्रोजेक्ट्स की सफलता के लिए सामुदायिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोगों को 'प्रोजेक्ट हिफाजत' के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसकी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. पंजाब सरकार द्वारा 'प्रोजेक्ट हिफाजत' का अनावरण कब किया गया था?
a) 07 मार्च, 2024
b) 07 मार्च, 2025
c) 07 मई, 2025
d) 07 जून, 2024
27. 'प्रोजेक्ट हिफाजत' का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) केवल बच्चों को शिक्षित करना
b) महिलाओं और बच्चों के लिए खेल सुविधाओं का विकास करना
c) हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाना
d) केवल महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना
28.'प्रोजेक्ट हिफाजत' की रीढ़ की हड्डी के रूप में क्या काम करेगा?
a) सामुदायिक भवन
b) 24×7 महिला एवं बाल हेल्पलाइन
c) सरकारी स्कूल
d) स्वयं सहायता समूह
29. 'प्रोजेक्ट हिफाजत' किस भारत सरकार के मिशनों के तहत संचालित होगा?
a) केवल मिशन शक्ति
b) केवल मिशन वात्सल्य
c) मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य
d) मिशन इंद्रधनुष
30.'मिशन वात्सल्य' का मुख्य उद्देश्य किससे संबंधित है?
a) महिलाओं का वित्तीय सशक्तिकरण
b) बच्चों का संरक्षण और कल्याण
c) ग्रामीण विकास
d) शहरी बुनियादी ढांचे का विकास
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