2 June 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. संयुक्त राष्ट्र के दो नए महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय दिवस: आशा और न्यायिक कल्याण
- A2. अटल संस्थान: मॉरीशस में सुशासन की नई सुबह!
- A3. साहित्य अकादमी साहित्य महोत्सव 2025: अक्षर यात्रा का महाकुंभ
- A4. होला मोहल्ला: खालसा का शक्ति प्रदर्शन
- A5. खुशबूदार शुरुआत: मिजोरम का एंथुरियम पहुँचा सिंगापुर
- A6. चापचर कुट: मिज़ो संस्कृति का जीवंत वसंत उत्सव
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
संयुक्त राष्ट्र के दो नए महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय दिवस:
आशा और न्यायिक कल्याण
UN's
Two New Important International Days: Hope and Judicial Well-being
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय दिवसों को अपनी सूची में शामिल किया है, जो वैश्विक शांति, सहिष्णुता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से:
अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस (International Day
of Hope): 12 जुलाई
पृष्ठभूमि: बहरीन और किरिबाती द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में 12 जुलाई को "अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस" घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया था।
समर्थन: इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से स्वीकार किया गया, जिसमें 161 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया। यह वैश्विक एकजुटता और बेहतर भविष्य की आकांक्षा को दर्शाता है।
भारत की स्थिति: भारत, तुर्की (सूचना में 'सूकी' गलत है, नाम 'तुर्की' है), पेरू और पैराग्वे ने इस मतदान से अनुपस्थित रहने का विकल्प चुना।
अमेरिका का रुख: संयुक्त राज्य अमेरिका एकमात्र ऐसा देश था जिसने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
उद्देश्य: इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को "आशा को बढ़ावा देने, शांति, सहिष्णुता और सामाजिक स्थिरता को प्रोत्साहित करने, विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और आपसी समझ के माध्यम से कल्याण को बढ़ाने" के लिए प्रेरित करना है। यह व्यक्तियों और समुदायों में सकारात्मक दृष्टिकोण और लचीलेपन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Judicial Well-being): 25 जुलाई
पृष्ठभूमि: महासभा ने "न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस" नामक मसौदा प्रस्ताव (दस्तावेज़ A/79/L.52) पर विचार किया।
स्वीकृति: इस प्रस्ताव को भी व्यापक समर्थन मिला, जिसमें 160 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया।
विरोध और अनुपस्थिति: संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक बार फिर इसके खिलाफ मतदान किया, जबकि हैती, मेडागास्कर और सीरिया अनुपस्थित रहे।
उद्देश्य: इस दिवस का उद्देश्य न्यायपालिका के सदस्यों, जैसे न्यायाधीशों, वकीलों, और न्यायिक कर्मचारियों के कल्याण और अधिकारों को पहचानना और उनका सम्मान करना है। एक स्वस्थ और सुचारु रूप से कार्य करने वाली न्यायपालिका किसी भी समाज के लिए महत्वपूर्ण है, और यह दिवस उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालता है। यह न्याय प्रणाली की दक्षता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में उनके कल्याण के महत्व को भी रेखांकित करता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस किस तारीख को घोषित किया है?
a. 25 जुलाई
b. 12 जुलाई
c. 12 अगस्त
d. 25 अगस्त
2. अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस घोषित करने का प्रस्ताव किन देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया गया था?
a. भारत और तुर्की
b. अमेरिका और पेरू
c. बहरीन और किरिबाती
d. पराग्वे और हैती
3. न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की घोषणा किस तारीख को की गई है?
a. 12 जुलाई
b. 25 जुलाई
c. 12 जून
d. 25 जून
4. अंतर्राष्ट्रीय आशा दिवस पर हुए मतदान में निम्नलिखित में से कौन सा देश अनुपस्थित रहा?
a. संयुक्त राज्य अमेरिका
b. बहरीन
c. तुर्की
d. किरिबाती
5. न्यायिक कल्याण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाला एकमात्र देश कौन सा था?
a. भारत
b. तुर्की
c. संयुक्त राज्य अमेरिका
d. सीरिया
A2.
अटल संस्थान: मॉरीशस में सुशासन की नई सुबह!
Atal
Institute: A New Dawn of Good Governance in Mauritius!
12 मार्च,
2025 को एक ऐतिहासिक पल आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने संयुक्त रूप से मॉरीशस के रेडुइट में अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान का उद्घाटन किया। यह संस्थान सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
यह संस्थान क्यों है महत्वपूर्ण?
ज्ञान और अनुसंधान का केंद्र: यह संस्थान मॉरीशस में सीखने और शोध के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में काम करेगा।
प्रशिक्षण का हब: यह विशेष रूप से मॉरीशस के सिविल सेवकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसमें मंत्रालयों, सार्वजनिक कार्यालयों, अर्ध-सरकारी निकायों और सरकारी उद्यमों के अधिकारी शामिल होंगे।
भारत का योगदान: इस अत्याधुनिक संस्थान का वित्तपोषण 2017 के एक समझौता ज्ञापन के तहत भारत द्वारा दिए गए 4.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान से किया गया है।
उत्कृष्टता का केंद्र: प्रशिक्षण से परे, यह संस्थान लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरेगा।
संबंधों को बढ़ावा: यह संस्थान अनुसंधान, शासन अध्ययन और भारत के साथ संस्थागत संबंधों को भी बढ़ावा देगा, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।
प्रेरणा स्रोत: इस संस्थान का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक महान दूरदर्शी, अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर रखा गया है, जो लोक सेवा और नवाचार के प्रतीक थे। उनका जीवन और कार्य इस संस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।
एक और दिल छू लेने वाला पल:
इस उद्घाटन समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस की प्रथम महिला को सादेली बॉक्स में एक खूबसूरत बनारसी साड़ी भी भेंट की। यह उपहार दोनों देशों की सांस्कृतिक निकटता और आपसी सम्मान का प्रतीक है, जो संबंधों में एक व्यक्तिगत स्पर्श जोड़ता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान का उद्घाटन कब हुआ?
a) 12 मार्च,
2024
b) 12 मार्च,
2025
c) 12 फरवरी,
2025
d) 12 फरवरी,
2024
7. अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान का उद्घाटन किन दो प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से किया?
a) नरेंद्र मोदी और प्रवीण जगन्नाथ
b) नरेंद्र मोदी और नवीनचंद्र रामगुलाम
c) राजनाथ सिंह और नवीनचंद्र रामगुलाम
d) अमित शाह और प्रवीण जगन्नाथ
8. अटल बिहारी वाजपेयी
लोक सेवा और नवाचार संस्थान के वित्तपोषण के लिए भारत ने कितने मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान दिया है?
a) 3.74 मिलियन
b) 4.74 मिलियन
c) 5.74 मिलियन
d) 2.74 मिलियन
9. अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा और नवाचार संस्थान मुख्य रूप से किनके प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगा?
a) मॉरीशस के छात्रों की
b) भारतीय सिविल सेवकों की
c) मॉरीशस के सिविल सेवकों की
d) भारतीय व्यापारियों की
10. उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस की प्रथम महिला को क्या भेंट किया?
a) एक पुस्तक
b) एक मूर्ति
c) एक बनारसी साड़ी
d) एक पेंटिंग
A3.
साहित्य अकादमी साहित्य महोत्सव 2025: अक्षर यात्रा का महाकुंभ
Sahitya Akademi Literature Festival 2025: A Grand
Confluence of Letters
भारत की प्रमुख साहित्यिक संस्था, साहित्य अकादमी, ने संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में अपने वार्षिक "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" का सफल आयोजन किया। यह भव्य साहित्यिक उत्सव 7 मार्च से 12 मार्च, 2025 तक रवींद्र भवन, नई दिल्ली में संपन्न हुआ।
महोत्सव की मुख्य बातें:
उद्घाटन: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस प्रतिष्ठित आयोजन का उद्घाटन किया।
मुख्य अतिथि: प्रसिद्ध अंग्रेजी नाटककार महेश दत्तानी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार: 23 भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किए गए, जो भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हैं।
एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक समागम: इस महोत्सव को एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव माना जाता है। इसमें 700 से अधिक लेखकों, 50 से अधिक भाषाओं के प्रतिनिधियों और 100 से अधिक साहित्यिक सत्रों ने भाग लिया।
मुख्य विषय: इस वर्ष का मुख्य विषय "भारतीय साहित्यिक परंपराएँ" रहा, जिसने भारतीय साहित्य की समृद्ध विरासत पर प्रकाश डाला।
ज्ञान और सृजन का मंच: यह महोत्सव विभिन्न साहित्यिक विधाओं, भाषाओं और संस्कृतियों के बीच संवाद और आदान-प्रदान का एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जिससे साहित्य प्रेमियों और लेखकों को एक साथ आने और भारतीय साहित्यिक परंपराओं की गहराई को जानने का अवसर मिलता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. साहित्य अकादमी का "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" कहाँ आयोजित किया गया था?
a. मुंबई
b. कोलकाता
c. नई दिल्ली
d. चेन्नई
12. "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" का उद्घाटन किसने किया?
a. महेश दत्तानी
b. गजेंद्र सिंह शेखावत
c. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष
d. संस्कृति मंत्रालय के सचिव
13. "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" में कितने भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किए गए?
a. 18
b. 20
c. 23
d. 25
14. "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" का मुख्य विषय क्या था?
a. विश्व साहित्य की प्रवृत्तियाँ
b. भारतीय साहित्य में युवा लेखक
c. भारतीय साहित्यिक परंपराएँ
d. क्षेत्रीय साहित्य का भविष्य
15. साहित्य अकादमी के "फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025" को किस रूप में वर्णित किया गया है?
a. भारत का सबसे छोटा साहित्य महोत्सव
b. एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव
c. एक क्षेत्रीय साहित्यिक बैठक
d. एक ऑनलाइन साहित्यिक सम्मेलन
A4.
होला मोहल्ला: खालसा का शक्ति प्रदर्शन
Hola
Mohalla: A Grand Display of Sikh Valour
कब और कहाँ? होला मोहल्ला का वार्षिक उत्सव 15 मार्च, 2025 को पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। (यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 15 मार्च, 2025 को होला मोहल्ला संपन्न हुआ, जबकि 2024 में यह 24 से 26 मार्च तक मनाया गया था। होला मोहल्ला की तारीखें चंद्र कैलेंडर के अनुसार बदलती रहती हैं, जो होली के एक दिन बाद शुरू होता है।)
खालसा का जन्मस्थान: श्री आनंदपुर साहिब को खालसा पंथ का जन्मस्थान माना जाता है, जहाँ 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा की स्थापना की थी। यह सिख धर्म के लिए एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थान है।
क्यों मनाया जाता है? होला मोहल्ला का आयोजन गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1701 ईस्वी में किया था, ताकि सिख योद्धाओं को युद्ध अभ्यास और सैन्य कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिल सके। यह त्यौहार सिखों के शौर्य, बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
मुख्य आकर्षण:
श्री अखंड पाठ साहिब का भोग: तख्त श्री केसगढ़ साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए, जो इस पवित्र अवसर की शुरुआत का प्रतीक है।
पारंपरिक मोहल्ला: विभिन्न निहंग सिंह संगठनों ने हाथी और घोड़ों पर सवार होकर गुरुद्वारा गुरु का बाग से एक भव्य और पारंपरिक मोहल्ला (जुलूस) निकाला। यह जुलूस सिख मार्शल आर्ट 'गटका' के प्रदर्शनों से भरा होता है, जिसमें निहंग तलवारबाजी, भाला चलाना और अन्य पारंपरिक हथियार कौशल का प्रदर्शन करते हैं।
नारे और रंग: पूरे गौरव के साथ 'जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के जोशीले नारे लगाए जाते हैं, जो माहौल में एक अद्भुत ऊर्जा भर देते हैं। नीले, पीले और केसरिया कपड़े पहने श्रद्धालुओं के सैलाब से श्री आनंदपुर साहिब की पूरी धरती रंगीन हो जाती है, जो एकता और भक्ति का प्रतीक है।
निहंग सिंह: निहंग सिंह सिख धर्म के एक प्राचीन और विशिष्ट योद्धा समूह हैं, जो अपनी नीली पोशाक, पारंपरिक हथियारों और मार्शल आर्ट कौशल के लिए जाने जाते हैं। होला मोहल्ला में उनका प्रदर्शन इस उत्सव का एक मुख्य आकर्षण होता है।
विश्वभर से श्रद्धालु: श्री आनंदपुर साहिब, जिसे आमतौर पर आनंदपुर के रूप में जाना जाता है, न केवल सिखों के बीच अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अब दुनिया भर से लोग इस समृद्ध विरासत, अद्वितीय संस्कृति और खालसा के शौर्य का अनुभव करने के लिए यहाँ पहुँचते हैं।
एक अनूठा अनुभव: होला मोहल्ला केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह सिख संस्कृति, इतिहास और वीरता का एक जीवंत प्रदर्शन है। यह एक ऐसा अनुभव है जो आपको पंजाब की समृद्ध विरासत से गहराई से जोड़ता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. होला मोहल्ला का वार्षिक उत्सव 2025 में किस तारीख को संपन्न हुआ?
a) 24 मार्च
b) 26 मार्च
c) 15 मार्च
d) 1 अप्रैल
17. खालसा पंथ की स्थापना किस स्थान पर हुई थी?
a) अमृतसर
b) पटना साहिब
c) श्री आनंदपुर साहिब
d) दिल्ली
18. होला मोहल्ला का आयोजन किस सिख गुरु ने किया था?
a) गुरु नानक देव जी
b) गुरु अर्जन देव जी
c) गुरु गोबिंद सिंह जी
d) गुरु तेग बहादुर जी
19. होला मोहल्ला में निहंग सिंह मुख्य रूप से किस मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं?
a) कलरिपयट्टु
b) गटका
c) कुंग फू
d) कराटे
20. निहंग सिंह आमतौर पर किस रंग की पोशाक पहनते हैं?
a) लाल
b) काला
c) हरा
d) नीला
A5.
खुशबूदार शुरुआत: मिजोरम का एंथुरियम पहुँचा सिंगापुर
Blooms
in Singapore: A New Chapter in Flower Export
हाल ही में, भारतीय कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), जिसने भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ने मिजोरम सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से, आइजोल, मिजोरम से सिंगापुर के लिए एंथुरियम फूलों की पहली ऐतिहासिक खेप का सफल निर्यात सुनिश्चित किया है।
यह निर्यात न केवल मिजोरम के किसानों के लिए नए अवसर खोलता है, बल्कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
ऐतिहासिक निर्यात: यह मिजोरम से सिंगापुर के लिए एंथुरियम फूलों का पहला सीधा निर्यात है, जो दोनों क्षेत्रों के बीच नए व्यापार संबंधों की शुरुआत का प्रतीक है।
निर्यात की मात्रा: इस पहली खेप में 50 नालीदार बक्सों में सावधानीपूर्वक पैक किए गए कुल 1,024 एंथुरियम कटे हुए फूल थे, जिनका कुल वजन 70 किलोग्राम था। एंथुरियम अपनी चमकदार, दिल के आकार की पंखुड़ियों और लंबे समय तक ताज़े रहने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, जो इन्हें कटे हुए फूलों के बाज़ार में अत्यधिक लोकप्रिय बनाते हैं।
भागीदार:
निर्यातक: आईवीसी एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड (IVC Agrovet Private
Limited) ने इस खेप को आइजोल, मिजोरम से कोलकाता के रास्ते सिंगापुर निर्यात किया।
उत्पादक: ये सुंदर फूल एंथुरियम ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी, आइजोल, मिजोरम से प्राप्त किए गए थे, जो मिजोरम में एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आयातकर्ता: सिंगापुर में वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड (Veg Pro Singapore Private
Limited) ने इन फूलों का आयात किया।
APEDA की भूमिका: APEDA ने इस पूरे निर्यात प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें लॉजिस्टिक्स, प्रमाणन और विपणन सहायता शामिल है। APEDA नियमित रूप से कृषि उत्पादों के लिए नए बाज़ार तलाशने और किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्पादों को तैयार करने में मदद करने के लिए काम करता है।
पर्यटन को बढ़ावा: मिजोरम में हर साल वार्षिक "एंथुरियम महोत्सव" का भी आयोजन किया जाता है। यह त्योहार न केवल एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देता है बल्कि राज्य में पर्यटन को भी आकर्षित करता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। यह दर्शाता है कि बागवानी कैसे स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग बन सकती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. मिजोरम से एंथुरियम फूलों की पहली खेप का निर्यात किस देश को किया गया था?
a. थाईलैंड
b. मलेशिया
c. सिंगापुर
d. इंडोनेशिया
22. मिजोरम से एंथुरियम फूलों की पहली खेप का निर्यात
में एंथुरियम फूलों की कुल मात्रा (किलोग्राम में) कितनी थी?
a. 50 किलोग्राम
b. 70 किलोग्राम
c. 1024 किलोग्राम
d. 500 किलोग्राम
23. सिंगापुर में एंथुरियम फूलों का आयात किस कंपनी ने किया था?
a. आईवीसी एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड
b. एंथुरियम ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी
c. वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड
d. एपीईडीए
24. मिजोरम में एंथुरियम की खेती को बढ़ावा देने और पर्यटन को आकर्षित करने के लिए कौन सा वार्षिक आयोजन होता है?
a. पुष्प प्रदर्शनी
b. एंथुरियम महोत्सव
c. बागवानी मेला
d. किसान मेला
Answer and Explanation
25. भारतीय कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में कौन सा संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसने इस निर्यात में भी सहयोग किया?
a. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
b. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
c. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
d. नाबार्ड (NABARD)
A6.
चापचर कुट:
मिज़ो संस्कृति का जीवंत वसंत उत्सव
Chapchar
Kut: Mizoram's Vibrant Spring Festival
7 मार्च,
2025 को पूरे मिज़ोरम में चापचर कुट 2025 का भव्य आयोजन किया गया, जिसने राज्य की समृद्ध परंपराओं और विरासत को जीवंत कर दिया। यह उत्सव मिज़ो समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उनकी कृषि पद्धति 'झूम' (स्थानांतरित खेती) से जुड़ा है।
चापचर कुट क्या है?
चापचर कुट मिज़ो संस्कृति में गहराई से समाया एक वसंत उत्सव है। यह उस समय मनाया जाता है जब झूम खेती के लिए ताज़े कटे हुए बाँस और पेड़ों को जलाने से पहले सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। यह त्योहार झूम चक्र में "चाप" (पेड़ काटने) और "चर" (सूखने की अवधि) के बाद "कुट" (त्योहार) का प्रतीक है।
उत्सव की मुख्य बातें:
भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम: चापचर कुट पर पूरे राज्य में पारंपरिक मिज़ो गीत, नृत्य और संगीत के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 'चेराव' या बाँस नृत्य (Bamboo Dance) इस उत्सव का एक अभिन्न और मंत्रमुग्ध कर देने वाला हिस्सा है, जहाँ नर्तक ज़मीन पर बिछे बाँस के डंडों पर लयबद्ध रूप से कदम रखते हैं।
कला एवं संस्कृति विभाग का योगदान: इस वर्ष, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित 'फाल्कन में पारंपरिक मिजो जीवन का लाइव प्रदर्शन' (यह संभवतः 'फैल्कन' या किसी प्रदर्शनी हॉल का नाम हो सकता है जहाँ प्रदर्शन हुआ, या 'फोकलोरिक' का गलत अनुवाद हो सकता है) एक प्रमुख आकर्षण था। इसमें मिज़ो समुदाय के जीवनशैली और रीति-रिवाजों की झलक देखने को मिली।
संरक्षण और संवर्धन पर जोर: मुख्यमंत्री के सलाहकार पु टीबीसी लालवेंचुंगा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और मिज़ो संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। यह उत्सव न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने और अपनी विरासत पर गर्व करने का अवसर भी प्रदान करता है।
दावत और सामाजिक मेलजोल: चापचर कुट के दौरान समुदाय के सदस्य एक साथ आते हैं, पारंपरिक भोजन तैयार करते हैं और सामूहिक दावतों का आनंद लेते हैं। यह सामाजिक मेलजोल और एकजुटता का भी समय होता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. चापचर कुट 2025 का आयोजन मिजोरम में कब किया गया था?
a) 7 मार्च, 2024
b) 7 अप्रैल, 2025
c) 7 मार्च, 2025
d) 7 फरवरी, 2025
27. चापचर कुट उत्सव किस कृषि पद्धति से जुड़ा है?
a) सीढ़ीदार खेती
b) झूम खेती
c) स्थायी खेती
d) बागवानी
28. चापचर कुट में "कुट" शब्द का क्या अर्थ है?
a) पेड़ काटना
b) सूखने की अवधि
c) त्योहार
d) बाँस
29. चापचर कुट उत्सव का एक अभिन्न और मंत्रमुग्ध कर देने वाला हिस्सा कौन सा नृत्य है?
a) बिहू नृत्य
b) चेराव या बाँस नृत्य
c) गरबा नृत्य
d) भांगड़ा नृत्य
30. मिज़ो संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने पर किसने जोर दिया?
a) कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव
b) मुख्यमंत्री
c) मुख्यमंत्री के सलाहकार पु टीबीसी लालवेंचुंगा
d) स्थानीय ग्राम प्रधान
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