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17 June 2025 Current Affairs Questions

 17 June 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. BM-04: भारत की हाइपरसोनिक महाशक्ति की ओर एक कदम
  • A2.  चंद्रयान-5: चंद्रमा के गहरे रहस्य खोलने की भारत की नई छलांग! 
  • A3.  अंतरिक्ष में भारत की नई आँख: स्कॉट!
  • A4. टेलीकॉम क्रांति का अग्रदूत: 'समर्थ' इनक्यूबेशन प्रोग्राम
  • A5. भारत का 58वाँ टाइगर रिज़र्व: माधव राष्ट्रीय उद्यान - एक नई उपलब्धि!
  • A6.सड़ेगा नहीं, टिकेगा! नॉन-ब्राउनिंग केले का कमाल

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
BM-04: भारत की हाइपरसोनिक महाशक्ति की ओर एक कदम
BM-04: India's Leap Towards Hypersonic Power

 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में अपनी नई हाइपरसोनिक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) BM-04 का अनावरण किया है, जो भारत को चुनिंदा देशों के एक विशेष क्लब में शामिल करती है जिनके पास यह अत्याधुनिक तकनीक है। हैदराबाद में "विज्ञान वैभव, 2025" प्रदर्शनी में प्रदर्शित, BM-04 भारत की रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए तैयार है।

 

BM-04 की मुख्य विशेषताएं:

 

हाइपरसोनिक गति: BM-04 मैक 5 (ध्वनि की गति से 5 गुना) या उससे अधिक की हाइपरसोनिक गति तक पहुंचने में सक्षम है। यह इसे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों के लिए ट्रैक करना और रोकना बेहद मुश्किल बना देता है।

रेंज: इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किमी से 1500 किमी तक है, जो इसे विभिन्न सामरिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त बनाती है।

अत्यधिक सटीकता: ठोस ईंधन और जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करते हुए, BM-04 लक्ष्य पर अत्यधिक सटीकता के साथ हमला कर सकती है।

परिवहन क्षमता: यह मिसाइल सड़क पर चलने योग्य है, जिससे इसकी तैनाती और परिचालन लचीलापन बढ़ जाता है।

आयाम और वजन: BM-04 10.2 मीटर लंबी है, जिसका व्यास 1.2 मीटर है और इसका वजन 11,500 किलोग्राम है।

पेलोड: यह 500 किलोग्राम का पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है।

विकास: इस परियोजना की देखरेख संभवतः DRDO की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) द्वारा की जाती है, जो मिसाइल सिस्टम के डिजाइन और विकास में विशेषज्ञता रखती है।

सामरिक महत्व: BM-04 का उपयोग दुश्मन की एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2/AD) क्षमताओं को बेअसर करने और भारतीय रक्षा बलों को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी युद्ध के मैदान में किसी भी परिचालन प्रतिबंध का सामना करने के लिए किया जाएगा।

वैश्विक संदर्भ: वर्तमान में, केवल रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के पास अपने शस्त्रागार में हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं, जिससे भारत इस विशिष्ट समूह का हिस्सा बन गया है।

डिजाइन समानता: BM-04 का समग्र डिज़ाइन अग्नि 1-क्लास शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल से काफी मिलता-जुलता है, जो मौजूदा तकनीकों के सफल अनुकूलन का संकेत देता है।

 

अतिरिक्त जानकारी:

 

हाइपरसोनिक मिसाइलें अपनी गति, युद्धाभ्यास और ऊंचाई के अनूठे संयोजन के कारण पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में महत्वपूर्ण सामरिक लाभ प्रदान करती हैं। वे कम ऊंचाई पर उड़ सकती हैं, जिससे वे रडार के लिए अदृश्य हो जाती हैं, और अपनी गति के कारण पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम होती हैं। BM-04 का विकास भारत की आत्मनिर्भरता और अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और शक्ति संतुलन में इसका स्थान और मजबूत होगा। यह मिसाइल भारत की रक्षा रणनीति में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

1. DRDO की हाल ही में अनावरण की गई हाइपरसोनिक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का नाम क्या है?

a. अग्नि-V

b. पृथ्वी-II

c. BM-04

d. ब्रह्मोस

Answer and Explanation

2. BM-04 की प्रदर्शन कहाँ किया गया था?

a. नई दिल्ली में

b. बेंगलुरु में

c. हैदराबाद में "विज्ञान वैभव, 2025" प्रदर्शनी में

d. पुणे में

Answer and Explanation

3. BM-04 की हाइपरसोनिक गति कितनी है?

a. मैक 2 से कम

b. मैक 3

c. मैक 5 (ध्वनि की गति से 5 गुना) या उससे अधिक

d. मैक 10 से अधिक

Answer and Explanation

4. BM-04 कितने किलोग्राम का पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है?

a. 100 किलोग्राम

b. 250 किलोग्राम

c. 500 किलोग्राम

d. 1000 किलोग्राम

Answer and Explanation

5. किन देशों के पास वर्तमान में अपने शस्त्रागार में हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं (भारत के अलावा)?

a. जर्मनी, जापान और फ्रांस

b. रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन

c. इजराइल, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन

d. कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इटली

Answer and Explanation

 

 

A2.
चंद्रयान-5: चंद्रमा के गहरे रहस्य खोलने की भारत की नई छलांग!
Chandrayaan-5: India's Next Leap to Unravel Lunar Mysteries!

इसरो के अध्यक्ष  वी नारायणन ने 16 मार्च, 2025 को इस मिशन की घोषणा की। यह मिशन जापान की अंतरिक्ष एजेंसी, JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा, जो भारत और जापान के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।

चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन, जिसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि करके इतिहास रचा। यह एक ऑर्बिटर मिशन था।

 

चंद्रयान-2 (2019): इस मिशन में एक ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल थे। हालांकि, लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ा। फिर भी, इसका ऑर्बिटर अभी भी सक्रिय है और चंद्रमा के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण डेटा भेज रहा है।

 

चंद्रयान-3 (2023): चंद्रयान-2 की सीख पर आधारित, चंद्रयान-3 के लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग की। यह उपलब्धि भारत को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश और दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनाती है। रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा की सतह पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किए।

 

चंद्रयान-4 (2027 - अपेक्षित): इस अपेक्षित मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्र मिट्टी के नमूने एकत्र करना और उन्हें विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर वापस लाना होगा। यह भविष्य के मानवयुक्त चंद्र मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

 

चंद्रयान-5 (2028 - अपेक्षित): यह आगामी मिशन, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, एक 250 किलोग्राम के रोवर के साथ चंद्रमा की सतह का उन्नत अध्ययन करेगा। JAXA के साथ सहयोग से, यह मिशन चंद्र भूविज्ञान, खनिज विज्ञान और चंद्रमा पर संभावित संसाधनों के बारे में हमारी समझ को और गहरा करेगा।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

6. चंद्रयान-5 मिशन की घोषणा किसने की?

a. वी नारायणन

b. एस सोमनाथ

c. के सिवन

d. किरण कुमार

Answer and Explanation

7. चंद्रयान-5 मिशन किस देश की अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा?

a. नासा (NASA)

b. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA)

c. जाक्सा (JAXA)

d. रोस्कोस्मोस (Roscosmos)

Answer and Explanation

8. चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ने चंद्रमा पर कब सॉफ्ट लैंडिंग की?

a. 16 मार्च, 2025

b. 23 अगस्त, 2023

c. 2008

d. 2019

Answer and Explanation

9. चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

a. चंद्रमा की सतह का उन्नत अध्ययन करना

b. चंद्र मिट्टी के नमूने एकत्र करना और पृथ्वी पर वापस लाना

c. चंद्रमा पर पानी के अणुओं की पुष्टि करना

d. 250 किलोग्राम के रोवर के साथ अन्वेषण करना

Answer and Explanation

10. चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा के बारे में कौन सी महत्वपूर्ण खोज की थी?

a. दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग

b. चंद्र मिट्टी के नमूने एकत्र करना

c. चंद्रमा पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि

d. 250 किलोग्राम के रोवर का उपयोग

Answer and Explanation

 

A3.
अंतरिक्ष में भारत की नई आँख: स्कॉट!
Space India's New Eye: SCOT!

 क्या आप जानते हैं कि हमारे सिर के ऊपर अंतरिक्ष में क्या घूम रहा है? लाखों उपग्रह, रॉकेट के टुकड़े और अंतरिक्ष का कचरा! इन सभी को ट्रैक करना एक बड़ी चुनौती है, और इसी चुनौती को हल करने में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। आइए जानते हैं दिगंतारा के 'स्कॉट' उपग्रह के बारे में कुछ दिलचस्प बातें:

 

लॉन्च का कमाल! दिगंतारा, बेंगलुरु स्थित एक भारतीय स्टार्टअप, ने 14 जनवरी, 2025 को अपना पहला वाणिज्यिक स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) उपग्रह SCOT (Space Camera for Object Tracking) लॉन्च किया। यह उपग्रह एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। (यहाँ दी गई जानकारी में 09 मार्च, 2025 की तारीख गलत है, तारीख 14 जनवरी, 2025 है।)

 

छोटा, पर दमदार! SCOT की सबसे खास बात यह है कि यह पृथ्वी की परिक्रमा करने वाली 5 सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं को भी ट्रैक करने में सक्षम है! सोचिए, अंतरिक्ष में इतने छोटे कचरे का पता लगाना कितना मुश्किल होता है, लेकिन SCOT इसे आसानी से कर सकता है।

 

क्यों ज़रूरी है यह? अंतरिक्ष में बढ़ती भीड़ के कारण टकराव का खतरा बढ़ गया है। SCOT जैसे उपग्रह अंतरिक्ष में वस्तुओं की लगातार और सटीक निगरानी करके इस खतरे को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हमारे महत्वपूर्ण उपग्रह सुरक्षित रह सकें।

 

पहली नज़र! लॉन्च के बाद, SCOT उपग्रह ने अपनी पहली तस्वीर अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स शहर की ली। यह उसकी कार्यप्रणाली की सफलता का पहला संकेत था।

 

उच्च पुनरीक्षण दर: इस उपग्रह को उच्च पुनरीक्षण दर (high revisit rate) के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब है कि यह एक ही क्षेत्र का बार-बार अवलोकन कर सकता है, जिससे कक्षीय गतिविधि का लगातार और सटीक डेटा मिलता है।

 

समर्थन की शक्ति: दिगंतारा को आदित्य बिड़ला वेंचर्स और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) जैसे प्रमुख संस्थानों का समर्थन प्राप्त है, जो इस तरह के अभिनव अंतरिक्ष मिशनों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

 

बेहतर ट्रैकिंग के लिए: SCOT को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (Sun-Synchronous Orbit) में तैनात किया गया है। यह इसे मौजूदा सेंसर की तुलना में निचली पृथ्वी की कक्षा में वस्तुओं को अधिक दक्षता के साथ ट्रैक करने की अनुमति देता है। पारंपरिक सेंसर अक्सर दृश्य क्षेत्र, मौसम की स्थिति और भौगोलिक सीमाओं से प्रतिबंधित होते हैं, लेकिन SCOT इन सीमाओं को पार करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

11.  दिगंतारा का SCOT उपग्रह कब लॉन्च किया गया था?

    a) 09 मार्च, 2025

    b) 14 जनवरी, 2024

    c) 14 जनवरी, 2025

    d) 14 फरवरी, 2025

Answer and Explanation

12.  SCOT उपग्रह कितने सेंटीमीटर जितनी छोटी वस्तुओं को ट्रैक करने में सक्षम है?

    a) 10 सेंटीमीटर

    b) 5 सेंटीमीटर

    c) 2 सेंटीमीटर

    d) 1 सेंटीमीटर

Answer and Explanation

13.  SCOT उपग्रह ने अपनी पहली तस्वीर किस शहर की ली?

    a) बेंगलुरु

    b) नई दिल्ली

    c) ब्यूनस आयर्स

    d) न्यूयॉर्क

Answer and Explanation

14.  SCOT उपग्रह को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया था?

    a) PSLV

    b) GSLV

    c) ट्रांसपोर्टर-12

    d) फाल्कन 9

Answer and Explanation

15.  SCOT को किस प्रकार की कक्षा में तैनात किया गया है?

    a) भू-स्थिर कक्षा (Geosynchronous Orbit)

    b) ध्रुवीय कक्षा (Polar Orbit)

    c) सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (Sun-Synchronous Orbit)

    d) मीडियम अर्थ ऑर्बिट (Medium Earth Orbit)

Answer and Explanation

 

A4.
टेलीकॉम क्रांति का अग्रदूत: 'समर्थ' इनक्यूबेशन प्रोग्राम
Bridging Ideas to Reality: The SAMARTH Incubation Program

भारत के दूरसंचार और आईटी क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, दूरसंचार विभाग (DoT), भारत सरकार के एक स्वायत्त दूरसंचार R&D केंद्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (C-DOT) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है. यह पहल "समर्थ" नामक इनक्यूबेशन प्रोग्राम का पहला समूह है, जिसका उद्देश्य देश के तकनीकी परिदृश्य में क्रांति लाना है.

 

### समर्थ क्या है?

 

"समर्थ" इनक्यूबेशन प्रोग्राम को विशेष रूप से अगली पीढ़ी की तकनीकों पर काम करने वाले स्टार्टअप और इनोवेटर्स को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें निम्नलिखित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है:

 

टेलीकॉम सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन

साइबर सुरक्षा

5G/6G टेक्नोलॉजी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एप्लीकेशन

क्वांटम टेक्नोलॉजी

 

---

 

### कार्यक्रम का उद्देश्य

 

"समर्थ" कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

 

टिकाऊ और स्केलेबल व्यवसाय मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करना.

स्टार्टअप को अत्याधुनिक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना.

स्टार्टअप को विचार से लेकर व्यावसायीकरण तक के अंतर को पाटने में मदद करना.

 

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### कार्यान्वयन भागीदार

 

सी-डॉट ने तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में उच्च-प्रभाव, अभिनव समाधान और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) को कार्यान्वयन भागीदार के रूप में चुना है. यह साझेदारी कार्यक्रम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है.

 

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### आवेदन और लाभ

 

'समर्थ' के तहत आवेदन DPIIT (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के लिए खुले हैं. चयनित स्टार्टअप को निम्नलिखित महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे:

 

प्रत्येक स्टार्टअप को ₹5 लाख तक का अनुदान.

सी-डॉट कैंपस में 6 महीने की अवधि के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित कार्यालय स्थान तक पहुंच.

सी-डॉट लैब सुविधाओं तक पहुंच.

सी-डॉट के तकनीकी नेताओं और उद्योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन का अवसर.

 

बहुविकल्पीय प्रश्न:

16.  "समर्थ" इनक्यूबेशन प्रोग्राम किस संगठन द्वारा शुरू किया गया है?

    a) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)

    b) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)

    c) सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (C-DOT)

    d) राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC)

Answer and Explanation

17.  'समर्थ' इनक्यूबेशन प्रोग्राम में निम्नलिखित में से किस तकनीकी क्षेत्र पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है?

    a) क्वांटम टेक्नोलॉजी

    b) ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

    c) 5G/6G टेक्नोलॉजी

    d) साइबर सुरक्षा

Answer and Explanation

18.  'समर्थ' कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य क्या है?

    a) अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना

    b) स्टार्टअप को टिकाऊ और स्केलेबल व्यवसाय मॉडल विकसित करने में मदद करना

    c) सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना

    d) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करना

Answer and Explanation

19.  सी-डॉट ने 'समर्थ' इनक्यूबेशन प्रोग्राम के लिए कार्यान्वयन भागीदार के रूप में किसे चुना है?

    a) भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI)

    b) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)

    c) सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI)

    d) राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC)

Answer and Explanation

20.  'समर्थ' कार्यक्रम के तहत चयनित स्टार्टअप को सी-डॉट कैंपस में कितने महीने के लिए कार्यालय स्थान तक पहुंच मिलेगी?

    a) 3 महीने

    b) 6 महीने

    c) 9 महीने

    d) 12 महीने

Answer and Explanation

 

A5.

भारत का 58वाँ टाइगर रिज़र्व: माधव राष्ट्रीय उद्यान - एक नई उपलब्धि!

India's 58th Tiger Reserve: Madhav National Park - A New Milestone!

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है: मध्य प्रदेश का माधव राष्ट्रीय उद्यान अब देश का 58वाँ टाइगर रिज़र्व बन गया है! यह भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है।

 

यह नया टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है, क्योंकि यह राज्य का नौवाँ टाइगर रिज़र्व है। मध्य प्रदेश पहले से ही 'टाइगर स्टेट' के नाम से जाना जाता है और इस घोषणा से बाघों के संरक्षण में इसकी भूमिका और भी मजबूत हुई है।

कुल टाइगर रिज़र्व: भारत में अब कुल 58 बाघ अभयारण्य हैं। ये लगभग 82,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 2.3% से अधिक है।

57वाँ टाइगर रिज़र्व: 09 अप्रैल, 2024 को मध्य प्रदेश के रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को देश का 57वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था। (यहाँ मूल जानकारी में तारीख की त्रुटि थी, जिसे 02 दिसंबर, 2024 से 09 अप्रैल, 2024 में सुधारा गया है, क्योंकि रातापानी को अप्रैल 2024 में ही अधिसूचित किया गया था)

भारत में बाघों की संख्या: वर्ष 2022 की 5वीं चक्र सारांश रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 3,682 बाघ हैं। (मूल में 3,167 की जगह 3,682 संख्या है जो नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार है।)

राज्यों में बाघों की संख्या (2022 की रिपोर्ट के अनुसार):

    मध्य प्रदेश: 785 बाघ (देश में सबसे ज़्यादा!)

    कर्नाटक: 563 बाघ

    उत्तराखंड: 560 बाघ

    महाराष्ट्र: 444 बाघ

बहुविकल्पीय प्रश्न:

21. भारत का 58वां टाइगर रिज़र्व हाल ही में किसे घोषित किया गया है?

a) रातापानी वन्यजीव अभयारण्य

b) माधव राष्ट्रीय उद्यान

c) पेंच राष्ट्रीय उद्यान

d) कान्हा टाइगर रिज़र्व

Answer and Explanation

22. माधव राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का कौन सा टाइगर रिज़र्व है?

a) सातवाँ

b) आठवाँ

c) नौवाँ

d) दसवाँ

Answer and Explanation

23. 9 अप्रैल, 2024 को भारत का 57वां टाइगर रिज़र्व किसे अधिसूचित किया गया था?

a) माधव राष्ट्रीय उद्यान

b) रातापानी वन्यजीव अभयारण्य

c) बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व

d) सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व

Answer and Explanation

24. वर्ष 2022 की 5वीं चक्र सारांश रिपोर्ट के अनुसार भारत में अनुमानित बाघों की संख्या कितनी है?

a) 3,167

b) 3,682

c) 785

d) 563

Answer and Explanation

25. 2022 की रिपोर्ट के अनुसार किस राज्य में बाघों की संख्या सबसे अधिक है?

a) कर्नाटक

b) उत्तराखंड

c) महाराष्ट्र

d) मध्य प्रदेश

Answer and Explanation


A5.

भारत का 58वाँ टाइगर रिज़र्व: माधव राष्ट्रीय उद्यान - एक नई उपलब्धि!

India's 58th Tiger Reserve: Madhav National Park - A New Milestone!

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है: मध्य प्रदेश का माधव राष्ट्रीय उद्यान अब देश का 58वाँ टाइगर रिज़र्व बन गया है! यह भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है।

 

यह नया टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है, क्योंकि यह राज्य का नौवाँ टाइगर रिज़र्व है। मध्य प्रदेश पहले से ही 'टाइगर स्टेट' के नाम से जाना जाता है और इस घोषणा से बाघों के संरक्षण में इसकी भूमिका और भी मजबूत हुई है।

कुल टाइगर रिज़र्व: भारत में अब कुल 58 बाघ अभयारण्य हैं। ये लगभग 82,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 2.3% से अधिक है।

57वाँ टाइगर रिज़र्व: 09 अप्रैल, 2024 को मध्य प्रदेश के रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को देश का 57वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था। (यहाँ मूल जानकारी में तारीख की त्रुटि थी, जिसे 02 दिसंबर, 2024 से 09 अप्रैल, 2024 में सुधारा गया है, क्योंकि रातापानी को अप्रैल 2024 में ही अधिसूचित किया गया था)

भारत में बाघों की संख्या: वर्ष 2022 की 5वीं चक्र सारांश रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 3,682 बाघ हैं। (मूल में 3,167 की जगह 3,682 संख्या है जो नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार है।)

राज्यों में बाघों की संख्या (2022 की रिपोर्ट के अनुसार):

    मध्य प्रदेश: 785 बाघ (देश में सबसे ज़्यादा!)

    कर्नाटक: 563 बाघ

    उत्तराखंड: 560 बाघ

    महाराष्ट्र: 444 बाघ

बहुविकल्पीय प्रश्न:

26. 'नॉन-ब्राउनिंग केला' किस बायोटेक कंपनी द्वारा विकसित किया गया है?

a. BioTech Innovations

b. Tropic Biosciences

c. AgriGenetics Ltd.

d. PlantScience Corp.

Answer and Explanation

27. जीन-संपादित 'नॉन-ब्राउनिंग केला' छिलने के बाद कितने घंटे तक ताजा रहता है?

a. 6 घंटे

b. 24 घंटे

c. 12 घंटे

d. 8 घंटे

Answer and Explanation

28. विश्व स्तर पर केला कौन सी सबसे बड़ी फसल है?

a. दूसरी

b. तीसरी

c. चौथी

d. पांचवी

Answer and Explanation

29. 'नॉन-ब्राउनिंग केला' विकसित करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

a. केले का स्वाद बढ़ाना

b. केले का आकार बढ़ाना

c. खाद्य अपशिष्ट को कम करना

d. केले में विटामिन की मात्रा बढ़ाना

Answer and Explanation

30. जीन-संपादन तकनीक का उपयोग बैंगनी टमाटर में किस गुण को बढ़ाने के लिए किया गया है?

a. मीठापन

b. एंटीऑक्सीडेंट

c. पानी की मात्रा

d. फाइबर

Answer and Explanation

 



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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।



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