16 June 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. इंदौर का हरित क्रांति: कचरे से कमाई!
- A2. केरल का प्राचीन खजाना: मलमपुझा में महापाषाण
- A3. BIS प्रमाणित बेंगलुरु जल बोर्ड: एक नई मिसाल!
- A4. भारत में पहली बार: पंजाब विधानसभा ने सांकेतिक भाषा में कार्यवाही प्रसारित की!
- A5. NECTAR: पूर्वोत्तर में तकनीकी क्रांति की आधारशिला
- A6. केरल का अभिनव कदम: वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आयोग!
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।
A1.
इंदौर का हरित क्रांति: कचरे से कमाई!
Indore's
Green Revolution: Turning Waste into Wealth!
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत, इंदौर ने एक बार फिर देश को राह दिखाई है! इस बार, शहर ने भारत के पहले ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट (हरित कचरा प्रसंस्करण संयंत्र) का शुभारंभ करके कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पहला PPP
मॉडल प्लांट: यह प्लांट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर आधारित भारत का पहला ऐसा संयंत्र है। इसका मतलब है कि इसमें सरकार और निजी क्षेत्र दोनों की साझेदारी है, जो इसकी सफलता के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।
कचरे से मूल्यवान संसाधन: इस अभूतपूर्व पहल का मुख्य उद्देश्य शहर के हरे कचरे (ग्रीन वेस्ट) को मूल्यवान संसाधनों में बदलना है। "हरा कचरा" आमतौर पर पेड़ों की पत्तियों, टहनियों, लकड़ी और अन्य जैविक पदार्थों को संदर्भित करता है जो बागानों, पार्कों और पेड़ों की छंटाई से उत्पन्न होते हैं।
राजस्व सृजन का मॉडल: यह सुविधा सिर्फ कचरा संसाधित नहीं करेगी, बल्कि राजस्व भी उत्पन्न करेगी! यह इंदौर नगर निगम (IMC) के लिए आय का एक नया स्रोत बनेगा, जिससे शहर की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी।
रॉयल्टी मॉडल: प्लांट को लकड़ी और शाखाओं की आपूर्ति के लिए ₹3,000 प्रति टन रॉयल्टी का भुगतान किया जाएगा। यह दर्शाता है कि कचरे को तरीके से प्रबंधित करने से आर्थिक लाभ भी मिल सकता है।
स्थान और आकार: यह अत्याधुनिक संयंत्र बिचोली हप्सी में 55,000 वर्ग फुट (लगभग 5,109 वर्ग मीटर) भूमि पर निर्मित किया गया है।
मुख्य उत्पाद: लकड़ी के छर्रे (वुड पेलेट्स): यह संयंत्र लकड़ी और शाखाओं को रीसाइकिल करके लकड़ी के छर्रे (वुड पेलेट्स) बनाएगा। ये छर्रे कोयले के विकल्प के रूप में काम करेंगे, जिससे ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी।
पर्यावरणीय लाभ: कोयले के स्थान पर लकड़ी के छर्रों का उपयोग करने से कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी योगदान मिलेगा।
सर्कुलर इकोनॉमी की ओर एक कदम: यह पहल एक चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) का बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ अपशिष्ट को संसाधन के रूप में देखा जाता है और उसका पुन: उपयोग किया जाता है, बजाय इसके कि उसे सिर्फ फेंक दिया जाए।
शहर के वनों से कचरे का प्रबंधन: बड़े पेड़ों की शाखाओं को विशेष रूप से "सिटी फॉरेस्ट" (शहर के वन) में स्थित ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में भेजा जाएगा। यहाँ उन्हें मूल्यवान उत्पादों में बदला जाएगा, जिससे शहरी हरित क्षेत्रों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. इंदौर में भारत का पहला ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट किस मॉडल पर आधारित है?
a) सरकारी मॉडल
b) निजी मॉडल
c) सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल
d) गैर-लाभकारी मॉडल
2. ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का मुख्य उत्पाद क्या है?
a) खाद
b) लकड़ी के छर्रे (वुड पेलेट्स)
c) बिजली
d) बायो-गैस
3. बिचोली हप्सी में निर्मित ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का कुल क्षेत्रफल कितना है?
a) 3,000 वर्ग फुट
b) 5,109 वर्ग मीटर
c) 55,000 वर्ग मीटर
d) 55,000 वर्ग फुट
4. इंदौर नगर निगम (IMC) को लकड़ी और शाखाओं की आपूर्ति के लिए प्रति टन कितनी रॉयल्टी मिलेगी?
a) ₹500
b) ₹1,000
c) ₹3,000
d) कोई रॉयल्टी नहीं
5. ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट किस प्रकार की अर्थव्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करता है?
a) रैखिक अर्थव्यवस्था (Linear Economy)
b) उपभोज्य अर्थव्यवस्था (Consumable Economy)
c) चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy)
d) साझा अर्थव्यवस्था (Sharing Economy)
A2.
केरल का प्राचीन खजाना: मलमपुझा में महापाषाण
Kerala's
Ancient Secret: Malampuzha Megaliths
केरल के पलक्कड़ जिले में स्थित प्रसिद्ध मलम्पुझा बाँध, अब सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज के लिए भी जाना जाएगा। हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए गए उत्खनन में, इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में महापाषाणकालीन (Megalithic) संरचनाएं मिली हैं, जो हमें केरल के प्राचीन इतिहास की एक नई झलक दिखा रही हैं।
विशाल खोज: ASI की टीम को मलम्पुझा बाँध के पास लगभग 45 हेक्टेयर (लगभग 110 एकड़) भूमि पर फैले 110 से अधिक महापाषाणकालीन संरचनाएं मिली हैं। यह संख्या इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को उजागर करती है।
संरचनाओं की प्रकृति: ये संरचनाएं मुख्य रूप से विशाल ग्रेनाइट स्लैब और बोल्डर से बनी हैं। कुछ स्थानों पर लेटराइट पत्थर का भी उपयोग देखा गया है। महापाषाणकालीन संरचनाएं अक्सर बड़े पत्थरों से बनी होती हैं, जो स्मारक या कब्रगाह के रूप में उपयोग की जाती थीं।
अवधि का अनुमान: ये महापाषाणकालीन संरचनाएं आमतौर पर लौह युग (Iron Age) से संबंधित मानी जाती हैं, जिसकी अवधि लगभग 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक मानी जाती है। ये संरचनाएं उस समय के समाजों की अंत्येष्टि प्रथाओं, धार्मिक विश्वासों और इंजीनियरिंग कौशल को दर्शाती हैं।
पुरातात्विक महत्व: इस खोज से केरल के प्राचीन इतिहास, विशेषकर महापाषाणकालीन संस्कृति और उनके जीवनशैली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। यह हमें उस समय के लोगों के सामाजिक संगठन, शिल्पकला और धार्मिक अनुष्ठानों को समझने में मदद करेगा।
भविष्य की संभावनाएं: यह खोज इस क्षेत्र में आगे के शोध और उत्खनन के लिए नई संभावनाएं खोलती है, जिससे केरल के समृद्ध पुरातात्विक अतीत के बारे में और भी रहस्य उजागर हो सकते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
6. मलम्पुझा बाँध के पास हाल ही में पुरातात्विक उत्खनन में किस प्रकार की प्राचीन संरचनाएँ खोजी गई हैं?
a. हड़प्पाकालीन ईंटें
b. महापाषाणकालीन संरचनाएँ
c. गुप्तकालीन मंदिर
d. मुगलकालीन किले
7. मलम्पुझा बाँध के पास कितनी महापाषाणकालीन संरचनाएँ मिली हैं?
a. 50 से कम
b. लगभग 75
c. 110 से अधिक
d. 200 से अधिक
8. खोजी गई महापाषाणकालीन संरचनाएँ मुख्य रूप से किन सामग्रियों से बनी हैं?
a. लकड़ी और मिट्टी
b. ईंट और चूना पत्थर
c. विशाल ग्रेनाइट स्लैब और बोल्डर
d. संगमरमर और बलुआ पत्थर
Answer and Explanation
9. महापाषाणकालीन संरचनाएँ आमतौर पर किस काल से संबंधित मानी जाती हैं?
a. पाषाण युग
b. कांस्य युग
c. लौह युग
d. मध्यकालीन युग
10. मलम्पुझा में इस पुरातात्विक खोज का मुख्य महत्व क्या है?
a. यह केरल के पर्यटन को बढ़ावा देगा।
b. यह प्राचीन केरल के महापाषाणकालीन संस्कृति और जीवनशैली की जानकारी देगा।
c. यह कृषि तकनीकों पर प्रकाश डालेगा।
d. यह भविष्य के बांध निर्माण स्थलों की पहचान करेगा।
A3.
BIS प्रमाणित बेंगलुरु जल बोर्ड: एक नई मिसाल!
BIS Certified Bengaluru Water Board: A New
Benchmark!
ऐतिहासिक उपलब्धि: बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) भारत का पहला जल बोर्ड बन गया है जिसने अपनी पाइप पेयजल आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणन प्राप्त किया है। यह एक राष्ट्रीय मिसाल है!
BIS क्या है? BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है। यह उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मानक स्थापित करता है और प्रमाणन प्रदान करता है।
BWSSB को क्यों मिला यह प्रमाणन? BWSSB ने BIS द्वारा स्थापित कठोर मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह प्रमाणन उनके कुशल, सुरक्षित और टिकाऊ जल प्रबंधन प्रथाओं का प्रमाण है।
इसका क्या मतलब है? यह प्रमाणन बेंगलुरु के निवासियों के लिए एक बड़ी खबर है। इसका मतलब है कि उन्हें मिलने वाला पीने का पानी उच्च गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है, जो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
अन्य जल बोर्डों के लिए प्रेरणा: BWSSB की यह उपलब्धि देश के अन्य जल बोर्डों को भी अपने जल प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करने और BIS प्रमाणन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। यह भारत में पेयजल आपूर्ति की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
11. BIS
प्रमाणन प्राप्त करने वाला भारत का पहला जल बोर्ड कौन सा है?
a) दिल्ली जल बोर्ड
b) बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB)
c) मुंबई जल बोर्ड
d) चेन्नई मेट्रोवाटर
12. BIS का पूर्ण रूप क्या है?
a) भारतीय उद्योग मानक
b) भारतीय गुणवत्ता सुरक्षा
c) भारतीय मानक ब्यूरो
d) भारत सूचना सेवाएँ
13. BWSSB को BIS
प्रमाणन क्यों मिला?
a) उन्होंने सबसे नया सॉफ्टवेयर उपयोग किया।
b) उन्होंने जल प्रबंधन में कुशल, सुरक्षित और टिकाऊ प्रथाओं का पालन किया।
c) उन्होंने सबसे कम शुल्क लिया।
d) उन्होंने सबसे बड़ा नेटवर्क स्थापित किया।
14. BIS प्रमाणन प्राप्त करने से बेंगलुरु के निवासियों को क्या लाभ हुआ?
a) उन्हें मुफ्त पानी मिलेगा।
b) उन्हें मिलने वाला पीने का पानी उच्च गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है।
c) उनके पानी के बिल कम हो जाएंगे।
d) उन्हें 24 घंटे बिजली मिलेगी।
15.BWSSB की यह उपलब्धि अन्य जल बोर्डों को किस बात के लिए प्रेरित करेगी?
a) अधिक पानी बर्बाद करने के लिए
b) अपनी जल प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करने और BIS प्रमाणन प्राप्त करने के लिए
c) पानी का निजीकरण करने के लिए
d) अंतरराष्ट्रीय ऋण लेने के लिए
A4.
भारत में पहली बार: पंजाब विधानसभा ने सांकेतिक भाषा में कार्यवाही प्रसारित की!
India's
First: Punjab Assembly Broadcasts Proceedings in Sign Language!
हाल ही में पंजाब ने एक ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पंजाब भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपनी विधानसभा की कार्यवाही को सांकेतिक भाषा (Sign Language) में प्रसारित करना शुरू किया है! यह पहल बधिर समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
पंजाब सरकार की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस महत्वपूर्ण जानकारी को साझा किया। उनकी घोषणा ने इस अनूठी पहल की गंभीरता और इसके दूरगामी प्रभावों पर प्रकाश डाला।
क्यों है यह पहल इतनी महत्वपूर्ण?
सुलभता में वृद्धि: यह कदम बधिरता से पीड़ित व्यक्तियों के लिए पंजाब विधानसभा की कार्यवाही को पूरी तरह से सुलभ बनाता है। अब वे भी अपने प्रतिनिधियों की बातें सीधे समझ सकेंगे।
जागरूकता और सशक्तिकरण: इस प्रसारण के माध्यम से बधिर समुदाय के लोग सरकारी नीतियों, विधायी चर्चाओं और राज्य के महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में जागरूक हो सकेंगे। यह उन्हें समाज के साथ और अधिक जुड़ने और सशक्त होने का अवसर देगा।
समावेशी लोकतंत्र की ओर: यह पहल वास्तव में एक समावेशी लोकतंत्र की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहां हर नागरिक, चाहे उसकी शारीरिक क्षमता कैसी भी हो, शासन-प्रशासन में अपनी भूमिका निभा सके।
नज़ीर स्थापित: पंजाब ने अन्य राज्यों के लिए एक नज़ीर स्थापित की है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इस प्रेरणादायक कदम का अनुसरण करेंगे और अपनी विधानसभाओं की कार्यवाही को सांकेतिक भाषा में प्रसारित करने पर विचार करेंगे।
प्रारंभिक शुरुआत:
पंजाब विधानसभा के हाल ही में संपन्न हुए बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल के भाषण का पारंपरिक रूप से सांकेतिक भाषा में प्रसारण किया गया। यह इस महत्वपूर्ण पहल की औपचारिक शुरुआत थी, जो भविष्य में और व्यापक रूप लेगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. पंजाब विधानसभा ने हाल ही में क्या ऐतिहासिक कदम उठाया है?
a. अपनी कार्यवाही को ऑनलाइन प्रसारित करना शुरू किया है।
b. अपनी कार्यवाही को सांकेतिक भाषा में प्रसारित करना शुरू किया है।
c. अपने सत्रों की संख्या बढ़ा दी है।
d. विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करना शुरू किया है।
17. इस पहल का मुख्य उद्देश्य किस समुदाय को लाभ पहुँचाना है?
a. वरिष्ठ नागरिक
b. नेत्रहीन समुदाय
c. बधिर समुदाय
d. प्रवासी भारतीय
18. पंजाब विधानसभा की सांकेतिक भाषा में कार्यवाही प्रसारित करने की पहल से किन व्यक्तियों को सीधा लाभ मिलेगा?
a. ऐसे व्यक्ति जो बोल नहीं सकते
b. ऐसे व्यक्ति जो सुन नहीं सकते
c. ऐसे व्यक्ति जो देख नहीं सकते
d. ऐसे व्यक्ति जो चल नहीं सकते
19. सांकेतिक भाषा में प्रसारण की शुरुआत पंजाब विधानसभा के किस सत्र में राज्यपाल के भाषण से हुई?
a. शीतकालीन सत्र
b. मानसून सत्र
c. बजट सत्र
d. विशेष सत्र
Answer and Explanation
20. यह पहल (विधानसभा की कार्यवाही को सांकेतिक भाषा में
प्रसारित करना) किस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है?
a. आर्थिक विकास
b. समावेशी लोकतंत्र
c. पर्यावरण संरक्षण
d. शिक्षा सुधार
A5.
NECTAR:
पूर्वोत्तर में तकनीकी क्रांति की आधारशिला
NECTAR:
Laying the Foundation for Technological Revolution in Northeast India
ऐतिहासिक क्षण: 13 मार्च, 2025 को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शिलांग के मावदियांगडियांग में नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (NECTAR) के स्थायी परिसर की आधारशिला रखी। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NECTAR क्या है?
NECTAR विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
इसका मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना और उसे बढ़ावा देना है।
यह नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के माध्यम से क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करता है।
स्थापना:
NECTAR की स्थापना वर्ष 2012 में की गई थी, न कि 2014 में जैसा कि मूल पाठ में दिया गया था। यह भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और स्थायी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक दूरदर्शी पहल थी।
मिशन केसर (Mission Saffron):
पूर्वोत्तर में केसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में NECTAR द्वारा "मिशन केसर" लॉन्च किया गया था, न कि 2021 में।
यह परियोजना विशेष रूप से सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में केसर की खेती की संभावनाओं का पता लगाने और उसे बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
इसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और क्षेत्र की कृषि-अर्थव्यवस्था को विविधतापूर्ण बनाना है। यह पारंपरिक रूप से कश्मीर में होने वाली केसर की खेती को पूर्वोत्तर में लाने का एक अभिनव प्रयास है।
NECTAR का महत्व:
NECTAR पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी सेतु का कार्य करता है।
यह स्थानीय जरूरतों के अनुरूप प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और लागू करने में मदद करता है, जैसे कि बांस प्रौद्योगिकी, ग्रामीण इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण।
यह क्षेत्र में उद्यमिता और कौशल विकास को भी बढ़ावा देता है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
भविष्य की दिशा: NECTAR का स्थायी परिसर अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं और प्रशिक्षण केंद्रों से लैस होगा, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचार को एक नई गति प्रदान करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. NECTAR के स्थायी परिसर की आधारशिला किस वर्ष रखी गई थी?
a. 2020
b. 2021
c. 2022
d. 2025
22. NECTAR किस भारतीय सरकारी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है?
a. गृह मंत्रालय
b. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)
c. कृषि मंत्रालय
d. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
23. NECTAR की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
a. 2012
b. 2014
c. 2020
d. 2025
24. "मिशन केसर" NECTAR द्वारा किस वर्ष लॉन्च किया गया था?
a. 2012
b. 2014
c. 2020
d. 2021
25. NECTAR का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. केवल आपदा न्यूनीकरण पर ध्यान केंद्रित करना।
b. पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
c. केवल केसर की खेती को बढ़ावा देना।
d. भारत के पश्चिमी राज्यों में प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का विस्तार करना।
A6.
केरल का अभिनव कदम: वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आयोग!
Kerala's
Groundbreaking Move: A Commission for Senior Citizens!
केरल ने एक बार फिर देश में अपनी अलग पहचान बनाई है! यह राज्य भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों, कल्याण और पुनर्वास पर केंद्रित एक विशेष आयोग की स्थापना की है। यह पहल बुजुर्गों के सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पहला राज्य: केरल भारत का पहला राज्य है जिसने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आयोग का गठन किया है। यह दर्शाता है कि राज्य बुजुर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से लेता है।
उद्देश्य: इस आयोग का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा और शोषण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना, उनके कल्याण को सुनिश्चित करना और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों का समाधान करना है।
सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा: मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस बात पर जोर दिया कि नया कानून समाज में वरिष्ठ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देगा। यह सिर्फ उनकी देखभाल के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें समाज का एक अभिन्न और सक्रिय हिस्सा बनाने के बारे में भी है।
बुजुर्गों के कल्याण में अग्रणी: केरल पहले से ही बुजुर्गों के कल्याण के मामले में देश में पहले स्थान पर है। इस आयोग की स्थापना से यह अपनी इस अग्रणी स्थिति को और मजबूत कर रहा है। यह अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।
कौशल का उपयोग: आयोग वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव और कौशल का लाभ उठाने के लिए भी पहल करेगा। यह मान्यता है कि बुजुर्गों के पास ज्ञान और अनुभव का एक विशाल भंडार होता है जिसका उपयोग समाज के समग्र विकास के लिए किया जा सकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों, कल्याण और पुनर्वास पर केंद्रित एक विशेष आयोग स्थापित करने वाला भारत का पहला राज्य कौन सा है?
a. कर्नाटक
b. तमिलनाडु
c. केरल
d. महाराष्ट्र
27. वरिष्ठ नागरिक आयोग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना।
b. वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा और शोषण से सुरक्षा प्रदान करना।
c. बच्चों की शिक्षा में सुधार करना।
d. कृषि विकास को बढ़ावा देना।
28. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अनुसार, नया कानून समाज में किसकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देगा?
a. छात्रों की
b. वरिष्ठ नागरिकों की
c. व्यवसायियों की
d. सरकारी कर्मचारियों की
29. बुजुर्गों के कल्याण के मामले में केरल का देश में कौन सा स्थान है?
a. दूसरा
b. तीसरा
c. चौथा
d. पहला
30. आयोग वरिष्ठ नागरिकों के किस चीज़ का उपयोग करने के लिए पहल करेगा?
a. वित्तीय संसाधनों का
b. केवल शारीरिक शक्ति का
c. अनुभव और कौशल का
d. केवल राजनीतिक प्रभाव का
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