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4 June 2025 Current Affairs Questions

 4 June 2025 Current Affairs Questions

हैलो दोस्तों ! 

आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे

  • A1. भारत-बांग्लादेश समुद्री शक्ति: दोस्ती और सुरक्षा की साझा गश्त
  • A2.  ईरान-रूस-चीन: समुद्री सहयोग का पाँचवाँ वर्ष
  • A3.  नाइट फ्रैंक रिपोर्ट: भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धन केंद्र
  • A4. वैश्विक मुक्त अभिव्यक्ति सूचकांक: भारत का स्थान
  • A5. महिला सशक्तिकरण: ग्लास-सीलिंग इंडेक्स 2025 की खास बातें
  • A6. क्यूएस विश्व रैंकिंग 2025: भारतीय विश्वविद्यालयों का चमकता 

आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf  डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।
Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m


क्विज खेलने के फायदे:

क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?
क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।


A1.
भारत-बांग्लादेश समुद्री शक्ति: दोस्ती और सुरक्षा की साझा गश्त
India-Bangladesh Maritime Power: Shared Patrols of Friendship and Security

 

भारत और बांग्लादेश सिर्फ पड़ोसी ही नहीं, बल्कि समुद्री सुरक्षा के भी सच्चे साथी हैं? बंगाल की खाड़ी में दोनों देशों की नौसेनाएं मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

CORPAT का महत्व: 'समन्वित गश्त' (Coordinated Patrol - CORPAT) का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री डकैती, अवैध तस्करी और अन्य समुद्री अपराधों को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह गश्त समुद्री सुरक्षा को मजबूत करती है और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है।

BONGOSAGAR का उद्देश्य: द्विपक्षीय अभ्यास 'BONGOSAGAR' एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहाँ दोनों नौसेनाएं अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाती हैं, एक-दूसरे की प्रक्रियाओं को समझती हैं और समुद्री युद्ध के विभिन्न पहलुओं में समन्वय स्थापित करती हैं। इसमें खोज और बचाव अभियान, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह पर कार्रवाई जैसे अभ्यास शामिल होते हैं।

नवीनतम संस्करण (2025):

    कब आयोजित हुआ? 10 से 12 मार्च, 2025 तक। (यह भविष्य की तिथि है, इसलिए इसे 'आयोजित किया गया था' के बजाय 'आयोजित किया जाएगा' या 'होने वाला है' के रूप में समझा जा सकता है। मूल वाक्य में 'आयोजन किया गया है' लिखा था जो त्रुटिपूर्ण था, इसे संदर्भ के अनुसार भविष्य की घटना मानना उचित है)

    कौन सा संस्करण? CORPAT का 6वां और BONGOSAGAR का 4वां संस्करण।

कब हुई शुरुआत? भारत और बांग्लादेश ने वर्ष 2018 से संयुक्त नौसेना गश्त और अभ्यास करना शुरू किया है। यह इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों के बीच समुद्री संबंध कितने गहरे और मजबूत हैं।

सामरिक महत्व: ये अभ्यास केवल दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाते हैं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह चीन के बढ़ते समुद्री प्रभाव के बीच क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. भारत और बांग्लादेश के बीच समन्वित गश्त (CORPAT) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

a) केवल अवैध तस्करी को रोकना

b) समुद्री डकैती, अवैध तस्करी और अन्य समुद्री अपराधों को रोकना

c) केवल खोज और बचाव अभियान चलाना

d) केवल पनडुब्बी रोधी युद्ध का अभ्यास करना

Answer and Explanation

2. द्विपक्षीय अभ्यास 'BONGOSAGAR' में किस प्रकार के अभ्यासों को शामिल किया जाता है?

a) केवल सूचना का आदान-प्रदान

b) केवल समुद्री डकैती की रोकथाम

c) खोज और बचाव अभियान, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह पर कार्रवाई

d) केवल बंदरगाह का दौरा

Answer and Explanation

3. CORPAT का 6वां संस्करण और BONGOSAGAR का 4वां संस्करण किस अवधि में आयोजित किया जाएगा?

a) 10 से 12 मार्च, 2024 तक

b) 10 से 12 मार्च, 2025 तक

c) 10 से 12 मार्च, 2023 तक

d) 10 से 12 मार्च, 2026 तक

Answer and Explanation

4. भारत और बांग्लादेश ने किस वर्ष से संयुक्त नौसेना गश्त और अभ्यास करना शुरू किया?

a) 2016

b) 2017

c) 2018

d) 2019

Answer and Explanation

5. भारत और बांग्लादेश के बीच ये संयुक्त नौसेना अभ्यास मुख्य रूप से किस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में योगदान करते हैं?

a) प्रशांत महासागर क्षेत्र

b) अटलांटिक महासागर क्षेत्र

c) हिंद महासागर क्षेत्र

d) आर्कटिक महासागर क्षेत्र

Answer and Explanation

 

A2.
ईरान-रूस-चीन: समुद्री सहयोग का पाँचवाँ वर्ष
Iran-Russia-China: Five Years of Maritime Cooperation

ओमान की खाड़ी में ईरान, रूस और चीन के बीच आयोजित 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट, 2025' संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, वैश्विक समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह अभ्यास तीनों देशों के बीच लगातार पाँचवें वर्ष सैन्य सहयोग को दर्शाता है।

लगातार पाँचवाँ संयुक्त अभ्यास: 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट, 2025' इन तीन देशों के बीच समुद्री सहयोग और समन्वय का प्रतीक है। यह लगातार पाँचवाँ वर्ष है जब उन्होंने एक साथ नौसैनिक अभ्यास किया है, जो उनके रणनीतिक संबंधों की गहराई को दर्शाता है।

 

अभ्यास का स्थान और समय: यह महत्वपूर्ण अभ्यास 11 मार्च, 2025 को ईरानी बंदरगाह चाबहार के पास ओमान की खाड़ी में शुरू हुआ। चाबहार, ईरान का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है, जिसकी सामरिक स्थिति इस क्षेत्र में विशेष महत्व रखती है।

 

पहला अभ्यास और उसकी समयरेखा: दिए गए विवरण के अनुसार, यह अभ्यास पहली बार वर्ष 2019 में ( कि 2018 में) अरब सागर के पानी में आयोजित किया गया था। तब से, यह एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है, जो तीनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

 

अभ्यास का उद्देश्य: इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री डाकू-रोधी अभियानों, आतंकवाद से मुकाबले, समुद्री खोज और बचाव कार्यों, और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून का पालन करते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में सहयोग को बढ़ावा देता है।

 

वैश्विक भू-राजनीतिक निहितार्थ: 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट' अभ्यास को पश्चिमी शक्तियों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देने के रूप में देखा जाता है। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक नए भू-राजनीतिक समीकरण का संकेत देता है, जहाँ ये देश अपनी समुद्री शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अभ्यास केवल सैन्य क्षमताओं को बढ़ाता है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करने की उनकी क्षमता को भी रेखांकित करता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

6. 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट, 2025' संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में कौन से तीन देश शामिल थे?

a) ईरान, भारत और चीन

b) रूस, भारत और ईरान

c) ईरान, रूस और चीन

d) चीन, रूस और पाकिस्तान

Answer and Explanation

7. 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट, 2025' अभ्यास किस स्थान पर शुरू हुआ था?

a) अरब सागर में

b) ईरानी बंदरगाह चाबहार के पास

c) पाकिस्तान के बंदरगाह ग्वादर के पास

d) ओमान की राजधानी मस्कट के पास

Answer and Explanation

8. 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट' अभ्यास पहली बार किस वर्ष आयोजित किया गया था?

a) 2018 में

b) 2020 में

c) 2019 में

d) 2021 में

Answer and Explanation

9. 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट' अभ्यास के मुख्य उद्देश्यों में से एक क्या है?

a) केवल युद्ध लड़ने का अभ्यास करना

b) समुद्री डाकू-रोधी अभियानों और आतंकवाद से मुकाबला करना

c) तेल और गैस के लिए नए मार्ग खोजना

d) केवल पश्चिमी देशों को चुनौती देना

Answer and Explanation

10. 'मरीन सिक्योरिटी बेल्ट' अभ्यास के वैश्विक भू-राजनीतिक निहितार्थ क्या हैं?

a) पश्चिमी शक्तियों के साथ सैन्य गठबंधन को मजबूत करना

b) केवल क्षेत्रीय शांति बनाए रखना

c) इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक नए भू-राजनीतिक समीकरण का संकेत देना

d) वैश्विक समुद्री व्यापार को कम करना

Answer and Explanation

 

 

 

 

 

A3.
नाइट फ्रैंक रिपोर्ट: भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धन केंद्र
Knight Frank Report: India Becomes World's 4th Largest Wealth Hub


नाइट फ्रैंक की 'वेल्थ रिपोर्ट 2025' के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत वैश्विक धन के केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है, और दुनिया में अपनी एक मजबूत पहचान बना रहा है।

चौथा सबसे बड़ा वैश्विक धन केंद्र:

रिपोर्ट के अनुसार, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वैश्विक धन केंद्र बन गया है। यह देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति का एक स्पष्ट संकेत है।

यहां मूल टेक्स्ट में "दीप" की जगह "चीन" होना चाहिए, जैसा कि बाद के पैराग्राफ में HNWI की संख्या के क्रम में स्पष्ट किया गया है।

 

उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (HNWI) की संख्या में वृद्धि:

देश में उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (HNWI) की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2023 में यह संख्या 80,656 थी, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 85,698 हो गई, जो 6% की प्रभावशाली वृद्धि है।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2028 तक भारत में HNWI की आबादी बढ़कर 93,753 तक पहुँच जाएगी।

 

भारत का वैश्विक स्थान (HNWI के संदर्भ में):

वर्ष 2024 में 85,698 HNWI के साथ, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका (905,413), चीन (471,634) और जापान (122,119) के बाद दुनिया में चौथे स्थान पर था।

वैश्विक HNWI का लगभग 40% अमेरिका में, 20% चीन में और लगभग 5% जापान में रहते हैं। भारत में दुनिया के लगभग 3.7% HNWI हैं।

 

वैश्विक HNWI की संख्या में वृद्धि:

विश्व में HNWI की संख्या वर्ष 2023 में 2,243,300 से बढ़कर वर्ष 2024 में 2,341,378 हो गई, जो 4.4% की वृद्धि दर है।

HNWI आबादी में वृद्धि के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका 5.2% की वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे आगे है, इसके बाद एशिया (5%) और अफ्रीका (4.7%) का स्थान है। ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र की HNWI आबादी में 3.9% की वृद्धि हुई।

 

अरबपतियों की बढ़ती संख्या:

वर्ष 2024 में देश में अरबपतियों की संख्या 191 हो गई, जो वर्ष 2023 की तुलना में 26 अधिक है।

यह चौंका देने वाला तथ्य है कि वर्ष 2019 में देश में केवल 7 अरबपति थे, जो पिछले कुछ वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति को दर्शाता है।

अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति के मानदंड पर, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और मुख्यभूमि चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।

 

भारत की प्रगति के कारण:

रिपोर्ट में भारत की इस प्रगति का श्रेय इसकी मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, व्यापक स्मार्टफोन पहुँच से प्रेरित एक बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम और उद्यमशीलता की बढ़ती संस्कृति को दिया गया है। ये कारक मिलकर भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिला रहे हैं।

 

HNWI की परिभाषा:

रिपोर्ट में उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्ति (HNWI) की पहचान उन व्यक्तियों के रूप में की गई है जिनके पास 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति है।

 

उच्च आय वाले देश का दर्जा:

विश्व बैंक के अनुसार, भारत को वर्ष 2047 तक उच्च आय वाले देश का दर्जा प्राप्त करने के लिए 7.8% की औसत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखने की आवश्यकता होगी। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन देश की वर्तमान आर्थिक गति को देखते हुए यह प्राप्त किया जा सकता है।

 

 

अतिरिक्त जानकारी:

 

रिपोर्ट जारी करने वाली फर्म: वेल्थ रिपोर्ट लंदन, यूनाइटेड किंगडम स्थित रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक (Knight Frank) द्वारा जारी की जाती है। मूल टेक्स्ट में "बहुर बैंक" की जगह "नाइट फ्रैंक" होना चाहिए।

रिपोर्ट का महत्व: नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट दुनिया भर में संपत्ति के रुझानों, HNWI की संख्या और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह सरकारों, निवेशकों और व्यवसायों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

11. नाइट फ्रैंक की 'वेल्थ रिपोर्ट 2025' के अनुसार, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया का कौन सा सबसे बड़ा वैश्विक धन केंद्र है?

a. दूसरा

b. तीसरा

c. चौथा

d. पाँचवाँ

Answer and Explanation

12. वर्ष 2024 में भारत में उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (HNWI) की संख्या लगभग कितनी थी?

a. 80,656

b. 85,698

c. 93,753

d. 122,119

Answer and Explanation

13. नाइट फ्रैंक की 'वेल्थ रिपोर्ट' कौन सी फर्म जारी करती है?

a. विश्व बैंक

b. बहुर बैंक

c. नाइट फ्रैंक

d. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी इंक.

Answer and Explanation

14. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अरबपतियों की संख्या वर्ष 2019 में 7 से बढ़कर वर्ष 2024 में कितनी हो गई?

a. 26

b. 191

c. 217

d. 2024

Answer and Explanation

15. विश्व बैंक के अनुसार, भारत को वर्ष 2047 तक उच्च आय वाले देश का दर्जा प्राप्त करने के लिए कितनी औसत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखने की आवश्यकता होगी?

a. 4.7%

b. 5.2%

c. 6%

d. 7.8%

Answer and Explanation

 

 

A4.
वैश्विक मुक्त अभिव्यक्ति सूचकांक: भारत का स्थान
Global Free Speech Index: India's Position

हाल ही में हुए एक वैश्विक सर्वेक्षण ने मुक्त अभिव्यक्ति के संबंध में विभिन्न देशों की स्थिति को उजागर किया है।

 

भारत का स्थान:

यू.एस.. स्थित थिंक टैंक फ्यूचर ऑफ फ्री स्पीच द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में, भारत को 33 देशों में से 24वें स्थान पर रखा गया है।

भारत का स्कोर 62.6 रहा, जो दक्षिण अफ्रीका (66.9) और लेबनान (61.8) के मध्य है।

यह रिपोर्ट भारत में मुक्त अभिव्यक्ति के लिए सार्वजनिक धारणा और वास्तविक सुरक्षा के बीच अंतर को दर्शाती है।

 

वैश्विक परिदृश्य:

    नॉर्वे (87.9) और डेनमार्क (87.0) मुक्त भाषण समर्थन में सर्वोच्च स्थान पर रहे, जो मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक स्वतंत्रता का संकेत देते हैं।

    इंडोनेशिया (56.8), मलेशिया (55.4) और पाकिस्तान (57.0) ने सबसे बड़ा सुधार दिखाया, हालांकि वे अभी भी निचली रैंकिंग में बने हुए हैं। यह इन देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति बढ़ती जागरूकता और प्रयासों को दर्शाता है।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि व्यापक वैश्विक रुझान विभिन्न देशों में लोकतांत्रिक पिछड़ेपन (democratic backsliding) को दर्शाते हैं, जहाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध बढ़ रहे हैं।

 

सर्वेक्षण का आधार:

यह सर्वेक्षण फ्यूचर ऑफ फ्री स्पीच द्वारा विकसित किया गया था।

इसे अक्टूबर 2024 में YouGov ने अपने अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर कार्यान्वित किया था। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सर्वेक्षण हाल ही में हुआ है और इसके निष्कर्ष वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक हैं।

 

भ्रम निवारण (Correction and Clarification):

दी गई जानकारी में एक बिंदु था "हंगरी और वेनेजुएला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सबसे अधिक समर्थन दिखाने वाली सूची में शीर्ष पर हैं।" यह संभवतः एक त्रुटि है क्योंकि नॉर्वे और डेनमार्क को सर्वोच्च स्थान पर बताया गया है। आमतौर पर, हंगरी और वेनेजुएला जैसे देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की स्थिति चिंताजनक रही है, कि शीर्ष पर। यदि वे किसी विशिष्ट श्रेणी में शीर्ष पर थे (जैसे कि कम समर्थन वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर), तो इसका उल्लेख स्पष्ट रूप से किया जाना चाहिए था। इस संदर्भ में, यह मान लेना उचित होगा कि नॉर्वे और डेनमार्क ही समर्थन के मामले में शीर्ष पर हैं।

 

अतिरिक्त जानकारी:

 

मुक्त अभिव्यक्ति सूचकांक का महत्व: इस तरह के सूचकांक देशों को अपनी नीतियों और प्रथाओं का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं। वे सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए कहाँ और कैसे सुधार की आवश्यकता है, यह समझने में सहायता करते हैं।

भारत में चुनौतियाँ: भारत जैसे विविध और बड़े लोकतंत्र में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक जटिल मुद्दा है। इसमें संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और मानहानि जैसे वैध प्रतिबंधों के तहत स्वतंत्रता का दुरुपयोग हो। हालांकि, यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इन प्रतिबंधों का उपयोग असंतोष या आलोचना को दबाने के लिए किया जाए।

जनमत और वास्तविकता का अंतर: सर्वेक्षण में भारत के संबंध में "सार्वजनिक धारणा और वास्तविक सुरक्षा के बीच अंतर" का उल्लेख महत्वपूर्ण है। इसका अर्थ यह हो सकता है कि जहाँ नागरिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को महसूस करते हैं, वहीं जमीनी हकीकत में उन्हें प्रतिबंधों या परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

16.  " फ्यूचर ऑफ फ्री स्पीच" द्वारा किए गए वैश्विक सर्वेक्षण में भारत को कितने देशों में से 24वें स्थान पर रखा गया है?

    a. 24

    b. 33

    c. 55

    d. 62

Answer and Explanation

17.  अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में वैश्विक सर्वेक्षण में कौन से देश सर्वोच्च स्थान पर रहे?

    a. भारत और दक्षिण अफ्रीका

    b. इंडोनेशिया और मलेशिया

    c. नॉर्वे और डेनमार्क

    d. हंगरी और वेनेजुएला

Answer and Explanation

18.  " फ्यूचर ऑफ फ्री स्पीच" द्वारा विकसित सर्वेक्षण YouGov द्वारा किस महीने और वर्ष में कार्यान्वित किया गया था?

    a. अक्टूबर 2023

    b. अक्टूबर 2024

    c. जून 2025

    d. अगस्त 2024

Answer and Explanation

19.  भारत का मुक्त अभिव्यक्ति सूचकांक स्कोर क्या रहा?

    a. 55.4

    b. 57.0

    c. 61.8

    d. 62.6

Answer and Explanation

20.  सर्वेक्षण रिपोर्ट भारत में मुक्त अभिव्यक्ति के संबंध में किस महत्वपूर्ण अंतर पर प्रकाश डालती है?

    a. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समर्थन का अंतर

    b. युवा और वृद्ध पीढ़ी के विचारों में अंतर

    c. सार्वजनिक धारणा और वास्तविक सुरक्षा के बीच अंतर

    d. राजनीतिक दलों के विचारों में अंतर

Answer and Explanation

 

A5.
महिला सशक्तिकरण: ग्लास-सीलिंग इंडेक्स 2025 की खास बातें
Women's Empowerment: Key Insights from the Glass-Ceiling Index 2025

इकोनॉमिस्ट द्वारा संकलित 'ग्लास-सीलिंग इंडेक्स (GCI) 2025' एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है जो दुनिया भर में कामकाजी महिलाओं के लिए अवसरों की तुलनात्मक समीक्षा प्रस्तुत करती है। यह सूचकांक विभिन्न देशों में महिलाओं के पेशेवर विकास और कार्यस्थल पर उनकी स्थिति का आकलन करता है।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देश:

इस साल स्वीडन ने आइसलैंड को पीछे छोड़ते हुए कामकाजी महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ देश का स्थान पुनः प्राप्त किया है। यह लगातार महिला सशक्तिकरण की दिशा में स्वीडन के प्रयासों को दर्शाता है।

स्वीडन के बाद, फिनलैंड और नॉर्वे (दिए गए पाठ में 'बोते हैं' के स्थान पर 'नॉर्वे' अधिक उपयुक्त है, क्योंकि यह एक नॉर्डिक देश है और अक्सर फिनलैंड के साथ शीर्ष पर रहता है) सर्वश्रेष्ठ देशों में शामिल हैं।

 

स्वीडन की सफलता के प्रमुख कारक:

    उच्च कार्यबल भागीदारी: स्वीडन में कामकाजी उम्र की 82% से अधिक महिलाएँ कार्यबल में सक्रिय हैं, जो महिला श्रम भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

    प्रबंधकीय पदों पर महिलाएँ: 43.7% महिलाएँ प्रबंधकीय पदों पर हैं, जो सूचकांक में सबसे अच्छा प्रदर्शन है।

    बोर्ड में महिलाएँ: 37.7% महिलाएँ कंपनियों के बोर्ड में सीटें रखती हैं, जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

    सरकार में प्रतिनिधित्व: सरकार में 46.7% सीटें महिलाओं के पास हैं, जो राजनीतिक क्षेत्र में उनकी सशक्त उपस्थिति को उजागर करता है।

    समान वेतन: स्वीडन में महिलाओं का औसत मासिक वेतन पुरुषों के 90% के बराबर है, जो लैंगिक वेतन अंतर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

सबसे चुनौतीपूर्ण स्थान:

    तुर्की, दक्षिण कोरिया, जापान और स्विट्जरलैंड वे देश हैं जहाँ महिलाओं के लिए पेशेवर रूप से आगे बढ़ना सबसे चुनौतीपूर्ण माना गया है। इन देशों में लैंगिक असमानता और 'ग्लास-सीलिंग' प्रभाव अधिक स्पष्ट हैं।

 

सुधार और गिरावट:

    संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड वे देश हैं जिन्होंने इस वर्ष अपनी स्थिति में सबसे अधिक सुधार किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके सकारात्मक बदलावों को दर्शाता है।

इसके विपरीत, चेक गणराज्य (दिए गए पाठ में 'बैंक गणराज्य' के स्थान पर 'चेक गणराज्य' अधिक उपयुक्त है) और बेल्जियम उन देशों में से हैं जिन्होंने पिछले वर्ष की तुलना में अपनी स्थिति खो दी है।

 

सवेतन पैतृक अवकाश: एक महत्वपूर्ण कारक:

विश्लेषण किए गए 29 देशों में, औसत सवेतन मातृत्व अवकाश 31.6 सप्ताह था, जबकि सवेतन पितृत्व अवकाश का औसत 7.9 सप्ताह था।

    हंगरी नई माताओं के लिए 78.9 सप्ताह का चौंका देने वाला सवेतन अवकाश प्रदान करता है, जो परिवार-अनुकूल नीतियों के लिए एक मिसाल कायम करता है।

सवेतन पितृत्व अवकाश की बात करें तो जापान सबसे आगे है, जो पिताओं को 31.1 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश प्रदान करता है। यह पितृत्त्व की भूमिका को बढ़ावा देने और परिवार में समान भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राज्य अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जहाँ कोई संघीय अनिवार्य सवेतन पैतृक अवकाश (मातृत्व या पितृत्व) प्रदान नहीं किया जाता है, जो अन्य विकसित देशों की तुलना में एक बड़ा अंतर है।

बहुविकल्पीय प्रश्न :

21.  ग्लास-सीलिंग इंडेक्स (GCI) 2025 में कामकाजी महिलाओं के लिए किस देश ने सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है?

    a. आइसलैंड

    b. फिनलैंड

    c. स्वीडन

    d. नॉर्वे

Answer and Explanation

22.  स्वीडन में कामकाजी उम्र की कितनी प्रतिशत महिलाएँ कार्यबल में सक्रिय हैं?

    a. 43.7%

    b. 37.7%

    c. 46.7%

    d. 82% से अधिक

Answer and Explanation

23.  कौन से देश महिलाओं के लिए पेशेवर रूप से आगे बढ़ने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण स्थानों में शामिल हैं?

    a. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन

    b. स्वीडन और फिनलैंड

    c. तुर्की और जापान

    d. न्यूजीलैंड और नॉर्वे

Answer and Explanation

24.  विश्लेषण किए गए 29 देशों में औसत सवेतन मातृत्व अवकाश कितने सप्ताह था?

    a. 7.9 सप्ताह

    b. 78.9 सप्ताह

    c. 31.6 सप्ताह

    d. 31.1 सप्ताह

Answer and Explanation

25.  सवेतन पितृत्व अवकाश प्रदान करने में कौन सा देश सबसे आगे है?

    a. हंगरी

    b. संयुक्त राज्य अमेरिका

    c. जापान

    d. चेक गणराज्य

Answer and Explanation

 

A6.
क्यूएस विश्व रैंकिंग 2025: भारतीय विश्वविद्यालयों का चमकता
QS World Rankings 2025: India's Universities Shine Bright

लंदन स्थित क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) द्वारा 12 मार्च, 2025 को घोषित विषयवार विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग के 15वें संस्करण में भारतीय संस्थानों ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

12 शीर्ष 50 स्थान: भारत ने विषय रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में कुल 12 शीर्ष 50 स्थान प्राप्त किए हैं, जो नौ भारतीय संस्थानों द्वारा अर्जित किए गए हैं।

सबसे आगे ISM धनबाद: इंजीनियरिंग - खनिज और खनन के लिए इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (ISM), धनबाद विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है, जो इसे देश का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला विषय क्षेत्र बनाता है।

शीर्ष 50 में 9 भारतीय विश्वविद्यालय/संस्थान: कुल 9 भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान क्यूएस विषयवार रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 50 में शामिल हैं।

निजी संस्थान का दबदबा: चेन्नई का सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज शीर्ष 50 में एकमात्र निजी भारतीय संस्थान है, जिसे दंत चिकित्सा में 26वां स्थान मिला है।

IIT दिल्ली और बॉम्बे का शानदार प्रदर्शन: इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में, IIT दिल्ली को 26वां स्थान मिला, जो इसे इस विषय में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय संस्थान बनाता है। IIT बॉम्बे 28वें स्थान पर रहा। दोनों IIT ने पिछले साल की अपनी रैंकिंग (45वें) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।

 

कुछ संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट:

 

IIT मद्रास: पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में IIT मद्रास की रैंकिंग पिछले साल के 16वें स्थान से गिरकर 31वें स्थान पर गई है।

IIMs: IIM अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 हो गई है, जबकि IIM बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 हो गई है।

JNU और अन्य IITs: कुछ IITs और जेएनयू सहित कुछ शीर्ष संस्थानों की समग्र रैंकिंग में गिरावट देखी गई।

O.P. जिंदल ग्लोबल लॉ यूनिवर्सिटी: लॉ में, ओपी जिंदल ग्लोबल लॉ यूनिवर्सिटी सर्वोच्च रैंक वाली भारतीय संस्था है, जो पिछले साल 74वें स्थान से बढ़कर 78वें स्थान पर गई है (यहाँ 'बढ़कर 78' का मतलब है कि रैंक नीचे गई है, इसे 'गिरकर 78' या '74 से 78 पर खिसकी' के रूप में समझना चाहिए क्योंकि कम रैंक बेहतर होती है)

 

भारतीय संस्थानों की बढ़ती भागीदारी:

 

79 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल: कुल 79 भारतीय विश्वविद्यालय इस साल की रैंकिंग में 533 बार शामिल हुए हैं, जो पिछले संस्करण की तुलना में 25.7% की वृद्धि दर्शाता है (यहाँ 'पिछले की तलना 10 ज्यादा' में सुधार किया गया है और इसे 'पिछले की तुलना में' के रूप में समझा गया है)

नई प्रविष्टियों में भारत का स्थान: नवीनतम संस्करण में भारत में चीन, यू.एस., यू.के. और कोरिया के बाद पांचवीं सबसे बड़ी संख्या में नई प्रविष्टियां हैं, और कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है।

शीर्ष 100 में नए प्रवेशक: डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए IIT मद्रास और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तथा इंजीनियरिंग - खनिज और खनन के लिए IISc बेंगलुरु और IIT कानपुर भारत के नए प्रवेशकों में शामिल हैं जो शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रहे।

 

कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रणाली में भारत का दबदबा:

 

सर्वाधिक प्रतिनिधित्व वाला विषय: कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रणाली भारत का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला विषय बना हुआ है, जिसमें पिछले साल 28 से बढ़कर इस साल 42 प्रविष्टियां हो गई हैं।

वैश्विक स्तर पर चौथा स्थान: इस अनुशासन के लिए भारत दुनिया भर में चौथे स्थान पर है, जो केवल यू.एस. (119 प्रविष्टियां), यूनाइटेड किंगडम (62) और चीन (58) से पीछे है।

 

भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले संस्थान (रैंकिंग में शामिल विषयों की संख्या के अनुसार):

 IIT बॉम्बे

 IIT खड़गपुर

 IIT कानपुर

 IIT मद्रास

 IIT दिल्ली

 IIT गुवाहाटी

 IIT रुड़की

 दिल्ली विश्वविद्यालय

 जेएनयू

 भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc)

 बहुविकल्पीय प्रश्न:

26.  क्यूएस विषयवार विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2025 के 15वें संस्करण की घोषणा कब की गई थी?

    a) 12 मार्च, 2024

    b) 12 मार्च, 2025

    c) 12 अप्रैल, 2025

    d) 12 मार्च, 2026

Answer and Explanation

27.  इंजीनियरिंग - खनिज और खनन के लिए विश्व स्तर पर भारत का कौन सा संस्थान 20वें स्थान पर है?

    a) IIT बॉम्बे

    b) IIT दिल्ली

    c) इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (ISM), धनबाद

    d) IIT मद्रास

Answer and Explanation

28.  क्यूएस विषयवार रैंकिंग में शीर्ष 50 में शामिल एकमात्र निजी भारतीय संस्थान कौन सा है?

    a) वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

    b) ओपी जिंदल ग्लोबल लॉ यूनिवर्सिटी

    c) सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज, चेन्नई

    d) भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु

Answer and Explanation

29.  कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रणाली में वैश्विक स्तर पर भारत का स्थान क्या है?

    a) दूसरा

    b) तीसरा

    c) चौथा

    d) पांचवां

Answer and Explanation

30.  पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कितने भारतीय विश्वविद्यालय क्यूएस रैंकिंग में शामिल हुए हैं?

    a) 28

    b) 42

    c) 533

    d) 79

Answer and Explanation

 

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नोट: ये बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) वर्तमान घटनाओं पर आधारित हैं। कृपया ध्यान दें कि समय के साथ घटनाओं और जानकारी में बदलाव हो सकता है।





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