16 April 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. बीसीसीआई को मिले नए सचिव और कोषाध्यक्ष
- A2. सीआरपीएफ के नए मुखिया
- A3. वेनेजुएला के राष्ट्रपति: निकोलस मादुरो
- A4. परमाणु शक्ति का नया अध्याय
- A5. क्रोएशिया के राष्ट्रपति: ज़ोरान मिलनोविक का दूसरा कार्यकाल
- A6. विक्टर जोसेफ: LVM-3 परियोजना के नए कर्णधार
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
बीसीसीआई को मिले नए सचिव और कोषाध्यक्ष
BCCI
Gets New Secretary and Treasurer
ऐतिहासिक नियुक्ति: 12 जनवरी,
2025 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की विशेष आम बैठक (SGM) में महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ हुईं।
निर्विरोध निर्वाचन: देवजीत सैकिया और प्रभतेज सिंह भाटिया को क्रमशः बीसीसीआई के सचिव और कोषाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया। यह दर्शाता है कि इन नामों पर आम सहमति थी।
देवजीत सैकिया: नए सचिव: असम के एक पूर्व प्रतिष्ठित क्रिकेटर और एक कुशल वकील, देवजीत सैकिया अब जय शाह की जगह बीसीसीआई के नए सचिव बने हैं। जय शाह काफी समय से इस पद पर कार्यरत थे और उन्होंने बीसीसीआई को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देवजीत सैकिया का क्रिकेट और कानूनी पृष्ठभूमि का संयोजन उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है।
प्रभतेज सिंह भाटिया: कोषाध्यक्ष: प्रभतेज सिंह भाटिया को बीसीसीआई का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। कोषाध्यक्ष का पद बीसीसीआई के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करने में महत्वपूर्ण होता है। उनकी नियुक्ति यह सुनिश्चित करेगी कि बोर्ड के वित्तीय संचालन सुचारू रूप से चलते रहें।
बीसीसीआई का महत्व: बीसीसीआई भारत में क्रिकेट के लिए सर्वोच्च शासी निकाय है और विश्व स्तर पर सबसे शक्तिशाली क्रिकेट बोर्डों में से एक है। सचिव और कोषाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्तियाँ बोर्ड के भविष्य की दिशा और संचालन के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
भविष्य की दिशा: देवजीत सैकिया और प्रभतेज सिंह भाटिया की नियुक्ति से बीसीसीआई में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है। क्रिकेट प्रशासन और विकास के क्षेत्र में उनके अनुभव और दृष्टिकोण भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए क्या नई रणनीतियाँ और पहल करते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. बीसीसीआई के सचिव के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
a) जय शाह
b) प्रभतेज सिंह भाटिया
c) देवजीत सैकिया
d) सौरव गांगुली
2. प्रभतेज सिंह भाटिया को बीसीसीआई में किस पद पर निर्विरोध चुना गया है?
a) अध्यक्ष
b) उपाध्यक्ष
c) सचिव
d) कोषाध्यक्ष
3. बीसीसीआई की विशेष आम बैठक (SGM) कब आयोजित हुई थी जिसमें ये नियुक्तियाँ औपचारिक हुईं?
a) 12 जनवरी,
2024
b) 14 अप्रैल,
2025
c) 12 जनवरी,
2025
d) 14 मई,
2025
4. देवजीत सैकिया से पहले बीसीसीआई के सचिव कौन थे?
a) रोजर बिन्नी
b) शशांक मनोहर
c) अनुराग ठाकुर
d) जय शाह
5. बीसीसीआई भारत में किस खेल के लिए सर्वोच्च शासी निकाय है?
a) फुटबॉल
b) हॉकी
c) क्रिकेट
d) बैडमिंटन
A2.
सीआरपीएफ के नए मुखिया
The
New Chief of CRPF
नया नेतृत्व: 18 जनवरी, 2025 को, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का नया महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया है।
IPS अधिकारी: श्री सिंह असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के एक अनुभवी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं।
लंबा कार्यकाल: उनका कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख, 30 नवंबर, 2027 तक या सरकार के अगले आदेश तक रहेगा। यह उन्हें CRPF का नेतृत्व करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय देगा।
CRPF का इतिहास:
यह बल मूल रूप से 27 जुलाई, 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था।
स्वतंत्रता के बाद, संसद के एक अधिनियम के माध्यम से 28 दिसंबर, 1949 को इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कर दिया गया। यह दिन CRPF के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पहले महानिदेशक: सीआरपीएफ के पहले महानिदेशक श्री वी. जी. कानेटकर थे, जिन्होंने बल को शुरुआती दिशा और नेतृत्व प्रदान किया।
CRPF की भूमिका: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है। यह आंतरिक सुरक्षा, कानून और व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश की एकता और अखंडता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण शक्ति है।
अतिरिक्त जानकारी: सीआरपीएफ गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के अंतर्गत आता है। इसके जवान देश भर में विभिन्न चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तैनात रहते हैं और अपनी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
6. सीआरपीएफ के नए महानिदेशक के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
a. वी. जी. कानेटकर
b. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह
c. पंकज सिंह
d. सुजॉय लाल थाउसेन
7. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह किस बैच के IPS अधिकारी हैं?
a. 1989
b. 1990
c. 1991
d. 1992
8. सीआरपीएफ का नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कब किया गया था?
a. 27 जुलाई, 1939
b. 28 दिसंबर, 1947
c. 28 दिसंबर, 1949
d. 15 अगस्त, 1947
9. सीआरपीएफ के पहले महानिदेशक कौन थे?
a. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह
b. वी. जी. कानेटकर
c. पंकज सिंह
d. अनीश दयाल सिंह
10. सीआरपीएफ किस मंत्रालय के अंतर्गत आता है?
a. रक्षा मंत्रालय
b. विदेश मंत्रालय
c. गृह मंत्रालय
d. वित्त मंत्रालय
A3.
वेनेजुएला के राष्ट्रपति: निकोलस मादुरो
Venezuela's
President: Nicolás Maduro
वर्तमान राष्ट्रपति: निकोलस मादुरो वेनेजुएला के वर्तमान राष्ट्रपति हैं। उन्होंने हाल ही में विवादित चुनाव के बाद अपना तीसरा छह-वर्षीय कार्यकाल शुरू किया है। (दी गई जानकारी के अनुसार, वह 46वें नहीं, बल्कि वेनेजुएला के 51वें राष्ट्रपति हैं।)
विवादित चुनाव: मादुरो का तीसरा कार्यकाल विवादों से घिरा हुआ है। विपक्षी दलों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कई सदस्यों ने चुनाव की निष्पक्षता और वैधता पर सवाल उठाए हैं।
राष्ट्रपति बनने का सफर: निकोलस मादुरो का राष्ट्रपति बनने का सफर काफी दिलचस्प रहा है। वह पहले एक बस चालक थे।
चावेज़ के उत्तराधिकारी: वह
2013 में ह्यूगो चावेज़ की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति बने। चावेज़ एक प्रभावशाली नेता थे और मादुरो को उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
पिछला कार्यकाल: मादुरो को 2018 में भी फिर से चुना गया था, लेकिन उस चुनाव को भी व्यापक रूप से धोखाधड़ी और अनियमितताओं के आरोपों का सामना करना पड़ा था।
शासन की चुनौतियाँ: मादुरो के शासनकाल में वेनेजुएला ने गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकटों का सामना किया है। उच्च मुद्रास्फीति, भोजन और दवाओं की कमी, और बड़े पैमाने पर प्रवासन जैसी समस्याएं देश में व्याप्त हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: मादुरो के नेतृत्व को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मान्यता नहीं मिली है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने विपक्ष के नेता जुआन गुआइदो को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दी थी।
राजनीतिक विचारधारा: मादुरो चावेज़ की समाजवादी विचारधारा का पालन करते हैं, जिसे "चाविस्मो" के नाम से जाना जाता है। उनकी नीतियां अक्सर राज्य के नियंत्रण और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर केंद्रित होती हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. निकोलस मादुरो ने हाल ही में कौन सा कार्यकाल शुरू किया है?
a) पहला
b) दूसरा
c) तीसरा
d) चौथा
12. मादुरो किस वर्ष में पहली बार वेनेजुएला के राष्ट्रपति बने?
a) 2008
b) 2013
c) 2018
d) 2023
13. ह्यूगो चावेज़ की मृत्यु किस वर्ष में हुई थी?
a) 2010
b) 2013
c) 2016
d) 2019
14. मादुरो किस राजनीतिक विचारधारा का पालन करते हैं?
a) उदारवाद
b) रूढ़िवाद
c) चाविस्मो (समाजवाद)
d) पूंजीवाद
15. मादुरो के शासनकाल में वेनेजुएला ने किन मुख्य चुनौतियों का सामना किया है?
a) राजनीतिक स्थिरता
b) आर्थिक विकास
c) उच्च मुद्रास्फीति और भोजन की कमी
d) मजबूत अंतर्राष्ट्रीय संबंध
A4.
परमाणु शक्ति का नया अध्याय
India's
Atomic Energy Commission: A New Chapter
हाल ही में केंद्र सरकार ने परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission -
AEC) का पुनर्गठन किया है, जो भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
अजीत कुमार मोहंती, जो वर्तमान में परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic
Energy - DAE) के सचिव हैं, को AEC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि आमतौर पर DAE के सचिव ही AEC के अध्यक्ष होते हैं।
इस पुनर्गठित आयोग के प्रमुख सदस्यों में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, प्रमोद कुमार मिश्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल शामिल हैं। इनकी उपस्थिति परमाणु ऊर्जा नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच महत्वपूर्ण समन्वय को दर्शाती है।
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना अगस्त 1948 में की गई थी। उस समय, इसका गठन वैज्ञानिक अनुसंधान विभाग के तहत किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य देश में परमाणु ऊर्जा अनुसंधान की देखरेख करना था।
अतिरिक्त जानकारी:
परमाणु ऊर्जा आयोग भारत सरकार की एक शीर्ष निकाय है जो देश में परमाणु ऊर्जा के विकास और उपयोग से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों का निर्धारण करती है।
यह आयोग परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है।
भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग पर केंद्रित है, जिसमें बिजली उत्पादन, कृषि, चिकित्सा और अनुसंधान शामिल हैं।
होमी जहांगीर भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का जनक माना जाता है और उन्होंने AEC की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बहुविकल्पीय प्रश्न
16. परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) का हाल ही में क्या किया गया है?
a) विघटन
b) विलय
c) पुनर्गठन
d) राष्ट्रीयकरण
17. वर्तमान में परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के अध्यक्ष कौन हैं?
a) प्रमोद कुमार मिश्रा
b) अजीत डोभाल
c) अजीत कुमार मोहंती
d) होमी जहांगीर भाभा
18. परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) का गठन पहली बार कब किया गया था?
a) अगस्त
1958
b) जुलाई
1962
c) अगस्त
1948
d) सितंबर
1975
19. परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) किसके प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है?
a) प्रधानमंत्री कार्यालय
b) वैज्ञानिक अनुसंधान विभाग
c) परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE)
d) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
20. भारतीय परमाणु कार्यक्रम का जनक किसे माना जाता है?
a) विक्रम साराभाई
b) सी. वी. रमन
c) होमी जहांगीर भाभा
d) ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
A5.
क्रोएशिया के राष्ट्रपति: ज़ोरान मिलनोविक का दूसरा कार्यकाल
Croatia's
President: Zoran Milanović's Second Term
क्रोएशिया के राष्ट्रपति: ज़ोरान मिलनोविक एक बार फिर क्रोएशिया के राष्ट्रपति चुने गए हैं। यह उनका दूसरा 5 वर्ष का कार्यकाल होगा।
पुनः निर्वाचन: उन्हें विपक्षी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन प्राप्त था और उन्होंने भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, उन्होंने रन-ऑफ वोट का 59.27% से अधिक प्राप्त किया था। (दी गई जानकारी में 74% त्रुटिपूर्ण है।)
पहला कार्यकाल: ज़ोरान मिलनोविक पहली बार 2020 में क्रोएशिया के राष्ट्रपति बने थे।
राष्ट्रपति पद की भूमिका: क्रोएशिया में राष्ट्रपति का पद मुख्य रूप से ceremonial (औपचारिक) होता है, लेकिन राष्ट्रपति देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी होते हैं। वे विदेश नीति में भी कुछ भूमिका निभाते हैं।
ज़ोरान मिलनोविक का राजनीतिक करियर: राष्ट्रपति बनने से पहले, ज़ोरान मिलनोविक क्रोएशिया के प्रधान मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 2011 से 2016 तक यह पद संभाला था। वह सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक प्रमुख सदस्य रहे हैं।
क्रोएशिया: क्रोएशिया एक यूरोपीय देश है जो बाल्कन प्रायद्वीप पर स्थित है। इसकी राजधानी ज़ाग्रेब है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने खूबसूरत तटों, ऐतिहासिक शहरों और राष्ट्रीय उद्यानों के लिए जाना जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. क्रोएशिया के वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?
a) कोलिंडा ग्राबर-कितारोविक
b) ज़ोरान मिलनोविक
c) आंद्रेज प्लेंकोविक
d) स्टीपे मेसिच
22. ज़ोरान मिलनोविक पहली बार क्रोएशिया के राष्ट्रपति कब बने थे?
a) 2015
b) 2018
c) 2020
d) 2023
23. राष्ट्रपति बनने से पहले ज़ोरान मिलनोविक ने कौन सा महत्वपूर्ण राजनीतिक पद संभाला था?
a) विदेश मंत्री
b) रक्षा मंत्री
c) प्रधान मंत्री
d) वित्त मंत्री
24. क्रोएशिया की राजधानी क्या है?
a) स्प्लिट
b) डबरोवनिक
c) ज़ाग्रेब
d) रिजेका
25. 2025 तक, ज़ोरान मिलनोविक क्रोएशिया के राष्ट्रपति के रूप में कौन सा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं?
a) पहला
b) दूसरा
c) तीसरा
d) चौथा
A6.
विक्टर जोसेफ: LVM-3 परियोजना के नए कर्णधार
Victor
Joseph Leads ISRO's Heavy-Lift Project
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे भारी परिचालन प्रक्षेपण यान, LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क III) परियोजना के लिए एक नए निदेशक की नियुक्ति की है। इस यान को पहले जीएसएलवी एमके III (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III) के नाम से जाना जाता था।
नए निदेशक के रूप में विक्टर जोसेफ को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बीना ए.पी. का स्थान लिया है, जिन्होंने इस परियोजना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है।
विक्टर जोसेफ अब विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम में जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके III परियोजना के नए परियोजना निदेशक के रूप में भी कार्यभार संभालेंगे। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि LVM3 और जीएसएलवी एमके III एक ही वाहन हैं, जिसका नाम बदल दिया गया है।
अतिरिक्त जानकारी:
LVM3 इसरो का एक महत्वपूर्ण भारी-भरकम प्रक्षेपण यान है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से भारी संचार उपग्रहों को भू-तुल्यकालिक कक्षा (Geosynchronous Orbit -
GSO) में स्थापित करने के लिए किया जाता है।
इस यान में तीन चरण होते हैं: दो ठोस रॉकेट बूस्टर (S200), एक तरल कोर चरण (L110), और एक क्रायोजेनिक ऊपरी चरण (C25)।
LVM3 की क्षमता लगभग 4 टन के उपग्रहों को GSO में और लगभग 8 टन के उपग्रहों को निचली पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit - LEO) में ले जाने की है।
इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन को भी LVM3 द्वारा ही सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
विक्टर जोसेफ जैसे अनुभवी वैज्ञानिकों का नेतृत्व LVM3 परियोजना की भविष्य की सफलताओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें संभावित रूप से मानव अंतरिक्ष यान मिशन 'गगनयान' के लिए भी इसका उपयोग शामिल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. इसरो के सबसे भारी परिचालन प्रक्षेपण यान का वर्तमान नाम क्या है?
a) जीएसएलवी एमके II
b) एलवीएम-3
c) पीएसएलवी
d) एसएलवी
27. एलवीएम-3 परियोजना के नए निदेशक के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
a) बीना ए.पी.
b) के. सिवन
c) विक्टर जोसेफ
d) एस. सोमनाथ
28. विक्टर जोसेफ ने किस परियोजना निदेशक का स्थान लिया है?
a) के. राधाकृष्णन
b) माधवन नायर
c) बीना ए.पी.
d) किरण कुमार
29. एलवीएम-3 मुख्य रूप से किस प्रकार के उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाता है?
a) पृथ्वी अवलोकन उपग्रह
b) नेविगेशन उपग्रह
c) भारी संचार उपग्रह
d) मौसम संबंधी उपग्रह
30. चंद्रयान-2 मिशन को किस प्रक्षेपण यान द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था?
a) पीएसएलवी
b) जीएसएलवी एमके II
c) एलवीएम-3
d) एसएलवी
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