17 April 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. भारत की जनसांख्यिकी में बदलाव
- A2. अमेरिका का 'गोल्ड कार्ड' प्रस्ताव
- A3. डीपसीक: चैटजीपीटी को पछाड़ा!
- A4. ई-नाम: अब और भी व्यापक!
- A5. सबके लिए समान कानून: उत्तराखंड का ऐतिहासिक फैसला
- A6. तकनीकी गड़बड़ी रिपोर्टिंग का नया तरीका: आईस्पॉट
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
भारत की जनसांख्यिकी में बदलाव
India's
Shifting Demographics
भारत की प्रजनन दर में उल्लेखनीय गिरावट: ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) 2021 के अध्ययन के अनुसार, भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 1950 के दशक के 6.18 बच्चों प्रति महिला से घटकर 2021 में 1.9 बच्चों प्रति महिला हो गई है। यह एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय बदलाव है।
भविष्य में और गिरावट की आशंका: अनुमान है कि वर्ष 2100 तक भारत की TFR और भी गिरकर मात्र 1.04 बच्चे प्रति महिला रह जाएगी। इसका अर्थ है कि प्रति महिला औसतन केवल एक बच्चा होगा।
सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक चिंताएं: प्रजनन दर में इस तीव्र गिरावट के कारण सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिणामों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, खासकर भारत के दक्षिणी राज्यों में। कम प्रजनन दर से कार्यशील आयु की आबादी कम हो सकती है और वृद्धों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे सामाजिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है।
दक्षिणी राज्यों में पहले प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता: केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों ने उत्तरी राज्यों की तुलना में पहले ही प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता (लगभग 2.1 बच्चे प्रति महिला) हासिल कर ली है। प्रतिस्थापन स्तर वह दर है जिस पर जनसंख्या स्थिर रहती है।
केरल का अग्रणी स्थान: केरल ने दक्षिण भारत में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का नेतृत्व किया है। इस राज्य ने 1988 में ही प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन दर प्राप्त कर ली थी, जबकि अन्य दक्षिणी राज्यों ने इसे 2000 के मध्य तक हासिल किया। केरल में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर पहुंच, महिलाओं की उच्च साक्षरता दर और परिवार नियोजन को अपनाने जैसे कारकों ने प्रजनन दर में गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केरल में वृद्ध आबादी में वृद्धि: अनुमान है कि वर्ष 2036 तक केरल की वृद्ध आबादी (60 वर्ष और उससे अधिक) बच्चों (0-14 वर्ष) की आबादी से अधिक हो जाएगी। यह राज्य की सामाजिक और आर्थिक नीतियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
प्रवासी मजदूरों की बढ़ती संख्या: उच्च श्रम मजदूरी और जीवन की बेहतर गुणवत्ता के कारण, यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2030 तक केरल में प्रवासी मजदूरों की संख्या 60 लाख तक पहुंच जाएगी, जो राज्य की आबादी का लगभग छठा भाग होगा। यह राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के निष्कर्ष: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) (2019-21) के अनुसार, भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 2.2 बच्चे प्रति महिला (NFHS-4 (2015-16)) से घटकर 2.0 बच्चे प्रति महिला हो गई है। यह राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
प्रजनन दर में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शिक्षा का प्रसार, महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, शहरीकरण, परिवार नियोजन विधियों की उपलब्धता और शिशु मृत्यु दर में कमी शामिल हैं।
कम प्रजनन दर के दीर्घकालिक प्रभावों में कार्यशील आबादी का सिकुड़ना, सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों पर दबाव बढ़ना, और आर्थिक विकास की गति धीमी होना शामिल हो सकता है।
हालांकि कुछ चिंताएं हैं, कम प्रजनन दर पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को कम करने में भी मदद कर सकती है।
सरकार और नीति निर्माताओं को इन जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी होंगी, जिसमें वृद्धों की देखभाल, कार्यबल की कमी को दूर करने के उपाय और सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करना शामिल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) 2021 के अनुसार, 1950 के दशक में भारत की कुल प्रजनन दर कितनी थी?
a) 1.9
b) 2.2
c) 6.18
d) 1.04
2. अनुमान के अनुसार, किस वर्ष तक भारत की कुल प्रजनन दर गिरकर 1.04 बच्चे प्रति महिला हो जाएगी?
a) 2021
b) 2030
c) 2036
d) 2100
3. किस दक्षिणी राज्य ने वर्ष 1988 में ही प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन दर हासिल कर ली थी?
a) तमिलनाडु
b) कर्नाटक
c) केरल
d) आंध्र प्रदेश
4. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) किस समयावधि में आयोजित किया गया था, जिसके अनुसार भारत की TFR 2.0 बच्चे प्रति महिला थी?
a) 2015-16
b) 2019-21
c) 2021-23
d) 2023-25
5. अनुमान के अनुसार, किस वर्ष तक केरल में वृद्ध आबादी बच्चों की आबादी से अधिक हो जाएगी?
a) 2025
b) 2030
c) 2036
d) 2040
A2.
अमेरिका का
'गोल्ड कार्ड' प्रस्ताव
America's
'Gold Card' Proposal
यहाँ 25 फरवरी, 2025 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित "गोल्ड कार्ड" योजना के बारे में मुख्य बातें दी गई हैं:
प्रस्ताव: डोनाल्ड ट्रम्प ने सुझाव दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका अमीर विदेशी नागरिकों को एक "गोल्ड कार्ड" बेचेगा।
अधिकार: इस कार्ड के तहत, विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार मिलेगा।
शुल्क: इसके लिए $5 मिलियन (50 लाख अमेरिकी डॉलर) का शुल्क प्रस्तावित किया गया है।
नागरिकता का मार्ग: यह "गोल्ड कार्ड" धारकों के लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का एक संभावित मार्ग भी होगा।
ग्रीन कार्ड विशेषाधिकार: इस कार्ड से धारकों को ग्रीन कार्ड के समान अधिकार और विशेषाधिकार प्राप्त होंगे।
अतिरिक्त जानकारी:
ग्रीन कार्ड: ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड कहा जाता है, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने का अधिकार देता है। यह अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निवेश आधारित वीजा: वर्तमान में, अमेरिका में EB-5 वीजा नामक एक निवेश आधारित वीजा कार्यक्रम मौजूद है। यह कार्यक्रम विदेशी निवेशकों को अमेरिका में निवेश करने और कुछ निश्चित संख्या में नौकरियां पैदा करने पर ग्रीन कार्ड प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, EB-5 वीजा के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि आमतौर पर $800,000 या $1.05 मिलियन है, जो निवेश के क्षेत्र पर निर्भर करता है। ट्रम्प का प्रस्तावित "गोल्ड कार्ड" कार्यक्रम एक अलग और अधिक महंगा मार्ग हो सकता है।
राजनीतिक संदर्भ: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा दिया गया था। इस तरह के किसी भी कार्यक्रम को कानून बनने के लिए अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित किया जाना आवश्यक होगा। इसलिए, इस प्रस्ताव का भविष्य अनिश्चित है।
उद्देश्य: इस तरह के प्रस्ताव के पीछे संभावित उद्देश्य अमेरिका में महत्वपूर्ण पूंजी लाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना हो सकता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
6. डोनाल्ड ट्रम्प ने किस तिथि को अमीर विदेशियों के लिए "गोल्ड कार्ड" का प्रस्ताव दिया था?
a) 25 जनवरी,
2025
b) 25 फरवरी,
2024
c) 25 फरवरी,
2025
d) 15 मार्च,
2025
7. "गोल्ड कार्ड" के लिए प्रस्तावित शुल्क राशि कितनी है?
a) $1 मिलियन
b) $2.5 मिलियन
c) $5 मिलियन
d) $10 मिलियन
8. "गोल्ड कार्ड" धारकों को निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार मिलेगा?
a) केवल अमेरिका में घूमने का अधिकार
b) केवल अमेरिका में निवेश करने का अधिकार
c) अमेरिका में रहने और काम करने का अधिकार
d) बिना किसी शर्त के अमेरिकी नागरिकता
9. अमेरिका में वर्तमान में निवेश आधारित वीजा कार्यक्रम का क्या नाम है जिसका उल्लेख लेख में किया गया है?
a) H-1B वीजा
b) F-1 वीजा
c) EB-5 वीजा
d) J-1 वीजा
10. "गोल्ड कार्ड" प्राप्त करने के बाद, धारकों के लिए संभावित परिणाम क्या होगा?
a) उन्हें तुरंत अमेरिकी नागरिकता मिल जाएगी।
b) उन्हें केवल ग्रीन कार्ड के विशेषाधिकार मिलेंगे और नागरिकता का कोई मार्ग नहीं होगा।
c) यह अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का एक संभावित मार्ग होगा।
d) उन्हें हर साल $5 मिलियन का नवीनीकरण शुल्क देना होगा।
A3.
डीपसीक: चैटजीपीटी को पछाड़ा!
DeepSeek:
Overtaking ChatGPT!
चाइनीज AI का कमाल: चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने धूम मचा दी है।
एप्पल स्टोर पर बादशाहत: डीपसीक ऐप अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और भारत जैसे बड़े बाजारों में एप्पल के ऐप स्टोर की उत्पादकता (Productivity) श्रेणी में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला मुफ्त ऐप बन गया है। इसने ओपनएआई के लोकप्रिय चैटजीपीटी को भी पीछे छोड़ दिया है।
भारत में अलग कहानी: हालांकि, भारत में गूगल प्ले स्टोर पर डीपसीक उत्पादकता श्रेणी में 26वें स्थान पर है, जबकि चैटजीपीटी चौथे स्थान पर बना हुआ है। यह दर्शाता है कि अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं की प्राथमिकताएँ भिन्न हो सकती हैं।
शक्तिशाली R1 मॉडल: डीपसीक का R1 AI मॉडल काफी उन्नत बताया जा रहा है। दावा है कि यह कई मामलों में चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी (Gemini) जैसे बड़े मॉडलों के बराबर या उनसे भी बेहतर प्रदर्शन करता है।
मुफ्त का लाभ: डीपसीक की एक बड़ी खासियत यह है कि यह मुफ्त में उपलब्ध है। इसके विपरीत, चैटजीपीटी का मुफ्त संस्करण बहुत सीमित है, जिसके कारण डीपसीक को उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने में मदद मिल रही है।
संभावित कारण: डीपसीक की मुफ्त उपलब्धता और शक्तिशाली मॉडल इसे उन उपयोगकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं जो उन्नत AI क्षमताओं की तलाश में हैं लेकिन सदस्यता शुल्क का भुगतान नहीं करना चाहते हैं। एप्पल ऐप स्टोर पर इसकी सफलता संभवतः उपयोगकर्ता अनुभव और विशिष्ट सुविधाओं के कारण भी हो सकती है।
भविष्य की प्रतिस्पर्धा: डीपसीक का उदय AI के क्षेत्र में एक नई और मजबूत प्रतिस्पर्धा का संकेत देता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह अन्य बड़े AI मॉडलों को कैसे चुनौती देता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. किन प्रमुख बाजारों में डीपसीक ने एप्पल ऐप स्टोर की उत्पादकता श्रेणी में चैटजीपीटी को पीछे छोड़ा?
a. केवल अमेरिका और ब्रिटेन
b. चीन और भारत को छोड़कर सभी
c. अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और भारत
d. केवल चीन
12. भारत में गूगल प्ले स्टोर की उत्पादकता श्रेणी में चैटजीपीटी का स्थान क्या है?
a. पहला
b. दूसरा
c. तीसरा
d. चौथा
13. डीपसीक के किस AI मॉडल को चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी से बेहतर माना जा रहा है?
a. S1 मॉडल
b. R1 मॉडल
c. D1 मॉडल
d. C1 मॉडल
14. चैटजीपीटी के विपरीत डीपसीक की मुख्य विशेषता क्या है?
a. बेहतर ग्राहक सेवा
b. अधिक भाषाएँ समर्थित हैं
c. मुफ्त में उपलब्ध है
d. तेज प्रोसेसिंग गति
15. डीपसीक का उदय AI के क्षेत्र में किसका संकेत देता है?
a. मौजूदा मॉडलों का अंत
b. एक नई भाषा मॉडल की शुरुआत
c. एक नई और मजबूत प्रतिस्पर्धा
d. मुफ्त AI उपकरणों की कमी
A4.
ई-नाम: अब और भी व्यापक!
e-NAM:
Now Even More Comprehensive!
ई-नाम प्लेटफॉर्म का विस्तार:
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफॉर्म पर अब कारोबार की जाने वाली कृषि वस्तुओं की सूची का विस्तार कर दिया गया है।
इस प्लेटफॉर्म में 10 नई कृषि वस्तुओं को शामिल किया गया है, जिससे किसानों और व्यापारियों के लिए और भी अधिक विकल्प उपलब्ध हो गए हैं।
इन 10 नई वस्तुओं के जुड़ने के साथ, ई-नाम पर कारोबार की जाने वाली कुल कृषि वस्तुओं की संख्या बढ़कर 231 हो गई है। यह किसानों को अपनी उपज को राष्ट्रीय स्तर पर बेचने और बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा।
नई जोड़ी गई वस्तुओं की सूची:
फल: ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) - यह एक पौष्टिक और लोकप्रिय फल है जिसकी मांग बढ़ रही है।
मसाले: हींग (Asafoetida) - भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण मसाला है और इसके औषधीय गुण भी हैं।
मसाले: सूखी मेथी की पत्तियां (Dried Fenugreek
Leaves/Kasuri Methi) - यह भी एक लोकप्रिय मसाला है जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है।
सब्जियां: सिंघाड़ा (Water Chestnut) - यह एक जलीय सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
सब्जियां: बेबी कॉर्न (Baby Corn) - यह एक लोकप्रिय सब्जी है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है।
ई-नाम प्लेटफॉर्म किसानों को अपनी उपज को ऑनलाइन बेचने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भरता कम होती है और बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ती है।
यह प्लेटफॉर्म पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और पूरे देश में कृषि व्यापार को सुगम बनाता है।
ई-नाम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
यह प्लेटफॉर्म विभिन्न मंडियों को एक साथ जोड़ता है, जिससे किसानों को व्यापक बाजार तक पहुंच मिलती है।
सरकार ई-नाम प्लेटफॉर्म को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिसमें तकनीकी सुधार और अधिक किसानों एवं व्यापारियों को इससे जोड़ना शामिल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न :
16. ई-नाम प्लेटफॉर्म पर हाल ही में कितनी नई कृषि वस्तुएँ जोड़ी गई हैं?
a) 5
b) 10
c) 15
d) 20
17. नई जोड़ी गई वस्तुओं के साथ, ई-नाम पर कारोबार की जाने वाली कुल कृषि वस्तुओं की संख्या कितनी हो गई है?
a) 221
b) 231
c) 241
d) 251
18. निम्नलिखित में से कौन सी वस्तु हाल ही में ई-नाम प्लेटफॉर्म पर जोड़ी गई है?
a) गेहूं
b) चावल
c) हींग
d) कपास
19. ई-नाम प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराना
b) कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाना
c) कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना
d) उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध कराना
20. ई-नाम प्लेटफॉर्म किसानों को किस प्रकार लाभ पहुंचाता है?
a) उन्हें मुफ्त बीज प्रदान करके
b) उन्हें कृषि ऋण आसानी से उपलब्ध कराकर
c) उन्हें अपनी उपज को ऑनलाइन बेचने और बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करके
d) उन्हें भंडारण की सुविधा प्रदान करके
A5.
सबके लिए समान कानून: उत्तराखंड का ऐतिहासिक फैसला
Equal
Laws for All: Uttarakhand's Historic Decision
ऐतिहासिक कार्यान्वयन: 27 जनवरी,
2025 को उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन गया जिसने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) को लागू किया है।
उद्देश्य: यूसीसी का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत नागरिक कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार) को मानकीकृत करना है, ताकि राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल सकें, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो।
राजनीतिक प्रतिबद्धता: उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था, और सत्ता में दोबारा आने के बाद इसे पूरा किया गया।
समान नियम: यह कानून विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति के मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम बनाता है।
पंजीकरण अनिवार्य: उत्तराखंड में सभी विवाहों और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना अब अनिवार्य है।
प्रथाओं पर रोक: यह संहिता मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत प्रचलित हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाती है। (ध्यान दें: तीन तलाक को भारत में पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया है, लेकिन यूसीसी इसे स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है)।
महिलाओं के अधिकार: यूसीसी यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को संपत्ति और विरासत के मामलों में पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हों।
पंजीकरण का महत्व: विवाह और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य है और इसका पालन न करने पर सरकारी लाभों से वंचित किया जा सकता है।
संवैधानिक प्रावधान: समान नागरिक संहिता का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में है, जो राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है। हालांकि, इसे लागू करना सरकार के विवेक पर निर्भर करता है।
गोवा का उदाहरण: गोवा भारत का एकमात्र अन्य राज्य है जहाँ समान नागरिक संहिता लागू है। यह संहिता 1867 की पुर्तगाली नागरिक संहिता पर आधारित है। (अतिरिक्त जानकारी: गोवा में लागू कानून भारत में लागू किए गए यूसीसी से अलग है क्योंकि यह पुर्तगाली शासन के समय से चला आ रहा है)।
उत्तराखंड यूसीसी की विशेषताएं: उत्तराखंड के यूसीसी में विवाह की न्यूनतम आयु, विवाह पंजीकरण प्रक्रिया, तलाक के आधार, गुजारा भत्ता, बच्चों की Custody और उत्तराधिकार से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। यह जनजातीय समुदायों को इसके दायरे से बाहर रखता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता किस तिथि को लागू हुई?
a. 27 जनवरी,
2024
b. 27 जनवरी,
2025
c. 27 फरवरी,
2025
d. 1 जनवरी,
2025
22. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a. सभी धर्मों के लिए अलग-अलग कानून बनाना
b. व्यक्तिगत नागरिक कानूनों को मानकीकृत करना
c. केवल अल्पसंख्यक समुदायों के लिए विशेष कानून बनाना
d. आपराधिक कानूनों को बदलना
23. उत्तराखंड से पहले भारत का कौन सा राज्य समान नागरिक संहिता लागू कर चुका है?
a. उत्तर प्रदेश
b. हिमाचल प्रदेश
c. गोवा
d. केरल
24. उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता के तहत अब क्या अनिवार्य है?
a. केवल विवाह का पंजीकरण
b. केवल लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण
c. विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप दोनों का पंजीकरण
d. किसी भी रिश्ते का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है
25. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद समान नागरिक संहिता से संबंधित है?
a. अनुच्छेद 14
b. अनुच्छेद 21
c. अनुच्छेद 44
d. अनुच्छेद 370
A6.
तकनीकी गड़बड़ी रिपोर्टिंग का नया तरीका: आईस्पॉट
New
Way to Report Technical Glitches: iSPOT
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारत के वित्तीय बाजारों में तकनीकी गड़बड़ियों की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसका नाम 'ISPOT' है।
ISPOT का पूर्ण रूप अभी तक सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य तकनीकी समस्याओं की रिपोर्टिंग को अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाना है।
यह नया ISPOT पोर्टल पुरानी ईमेल-आधारित प्रणाली की जगह लेगा। ईमेल के माध्यम से रिपोर्टिंग में अक्सर देरी और सूचनाओं के व्यवस्थित न होने जैसी समस्याएँ आती थीं।
ISPOT पोर्टल मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) के लिए तकनीकी मुद्दों की रिपोर्ट करने का एक अधिक संरचित, कुशल और पारदर्शी तरीका प्रदान करेगा। MII में स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE, BSE), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (जैसे NSE Clearing, BSE Clearing)
और डिपॉजिटरी (जैसे NSDL, CDSL) शामिल हैं।
यह पोर्टल गड़बड़ियों की रिपोर्टिंग और उनके प्रबंधन के तरीके में एक महत्वपूर्ण सुधार है, जिससे नियामक और MII दोनों के लिए समस्याओं को ट्रैक करना और उनका समाधान करना आसान हो जाएगा।
ISPOT पोर्टल 3 फरवरी, 2025 को लाइव हो गया है, जिसका अर्थ है कि अब MII को तकनीकी गड़बड़ियों की रिपोर्ट करने के लिए इसी नए पोर्टल का उपयोग करना होगा।
इस पहल से वित्तीय बाजारों में स्थिरता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि तकनीकी समस्याओं को समय पर रिपोर्ट और हल किया जा सकेगा।
सेबी वित्तीय बाजारों की सुरक्षा और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है, और ISPOT इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पोर्टल रिपोर्ट की गई गड़बड़ियों पर त्वरित कार्रवाई और उनके विश्लेषण में भी मदद करेगा, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर उपाय किए जा सकेंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. सेबी ने वित्तीय बाजारों में तकनीकी गड़बड़ियों की रिपोर्टिंग के लिए कौन सी नई पहल शुरू की है?
a) आई-रिपोर्ट
b) एस-पोट
c) आईस्पॉट
d) टेक-रिपोर्ट
27. आईस्पॉट पोर्टल किस प्रणाली की जगह लेगा?
a) ऑनलाइन चैट प्रणाली
b) टेलीफोनिक रिपोर्टिंग प्रणाली
c) ईमेल-आधारित प्रणाली
d) डाक द्वारा रिपोर्टिंग प्रणाली
28. आईस्पॉट पोर्टल कब लाइव हुआ?
a) 3 जनवरी, 2025
b) 3 फरवरी,
2024
c) 3 मार्च,
2025
d) 3 फरवरी,
2025
29. एमआईआई
(MII) में निम्नलिखित में से क्या शामिल है?
a) केवल स्टॉक एक्सचेंज
b) केवल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन
c) केवल डिपॉजिटरी
d) स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरी
30. आईस्पॉट पोर्टल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) निवेशकों से सीधे शिकायतें प्राप्त करना
b) वित्तीय बाजारों में व्यापार की गति बढ़ाना
c) तकनीकी समस्याओं की रिपोर्टिंग को अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाना
d) विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना
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