27 May 2025 Current Affairs Questions
हैलो दोस्तों !
आज हम current affairs के इन बिंदुओं पर गहराई से विचार करेंगे और उम्मीद करेंगे कि आप इन बिंदुओं को लंबे समय तक याद रखने के लिए हमारे साथ 30 से अधिक प्रश्नों की क्विज जरूर खेलेंगे
- A1. किंग्स बैटन रिले: एक ऐतिहासिक यात्रा
- A2. श्वेत हाइड्रोजन: फ्रांस में एक अभूतपूर्व ऊर्जा खोज!
- A3. पर्पल फेस्ट 2025: अमृत उद्यान में दिव्यांगजनों का सम्मान
- A4. शौर्य वेदनाम उत्सव: राष्ट्रभक्ति का आह्वान
- A5. जेद्दा में शांति वार्ता: रूस-यूक्रेन युद्ध पर नई दिशा?
- A6. मैसूर आकाशवाणी: 90 वर्षों का सुरीला सफर
आप प्रतिदिन हमारी वेबसाइट SelfStudy Meter पर 30 करंट अफेयर प्रश्नों को पढ़ सकते हैं और अगले दिन सुबह 7:00 बजे इन पढ़े हुए प्रश्नों की क्विज खेल सकते हैं हमारे YouTube channel - Mission: CAGS पर, जबकि प्रतिदिन 45 से अधिक करंट अफेयर प्रश्नों की क्विज खेलने के लिए व pdf डाउनलोड करने के लिए हमें टेलीग्राम पर फॉलो कर सकते हैं ।Our Telegram channel - Mission: CAGS
Quiz time on Telegram is 7:30 p.m
क्विज खेलने के फायदे:
क्विज खेलने से आपकी रीडिंग स्किल इंप्रूव होगी, लर्निंग स्किल बढ़ेगी और आप अपनी तैयारी का स्वमूल्यांकन कर सकेंगे मतलब आप अपना याद किया हुआ चेक कर सकेंगे कि आपके द्वारा पढ़ा हुआ आपको कितना याद है?क्विज खेलने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपनी तैयारी को एक दिशा दे पाएंगे।

A1.
किंग्स बैटन रिले: एक ऐतिहासिक यात्रा
The
King's Baton Relay: A Historic Journey
किंग्स बैटन रिले, राष्ट्रमंडल खेलों की एक सदियों पुरानी और महत्वपूर्ण परंपरा है, जो हर चार साल में होने वाले इस बहु-खेल आयोजन की शुरुआत का प्रतीक है। यह रिले न केवल खेल भावना का प्रसार करती है, बल्कि राष्ट्रमंडल के विभिन्न देशों और क्षेत्रों को एक साथ जोड़ती है।
शुभारंभ: किंग चार्ल्स ने 11 मार्च, 2025 को बकिंघम पैलेस में आधिकारिक तौर पर किंग्स बैटन रिले का शुभारंभ किया।
किंग की पहली रिले: यह 2026 खेलों की रिले राष्ट्रमंडल के प्रमुख के रूप में किंग चार्ल्स की पहली रिले है, जो राष्ट्रमंडल दिवस समारोह के हिस्से के रूप में लंदन में शुरू हुई।
विशेष संदेश: महामहिम ने बैटन के अंदर एक सीलबंद संदेश रखा है, जो जुलाई में खेलों के उद्घाटन समारोह तक गुप्त रहेगा।
पहले बैटन धारक: स्कॉटिश साइकिलिंग के दिग्गज सर क्रिस होप (यह "किस होप" का रूप है), छह बार के ओलंपिक स्वर्ण और दो बार के कॉमनवेल्थ स्वर्ण पदक विजेता, को किंग ने पहला बैटन सौंपा।
यात्रा का विस्तार: यह रिले लगभग 500 दिनों तक चलेगी और 74 राष्ट्रों और क्षेत्रों में यात्रा करेगी।
राष्ट्रमंडल खेल: एक संक्षिप्त परिचय
बहु-खेल आयोजन: राष्ट्रमंडल खेल एक बहु-खेल आयोजन है, जिसका आयोजन हर चार साल में होता है।
पहला संस्करण: इस आयोजन का पहला संस्करण 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में आयोजित किया गया था।
राष्ट्रमंडल: राष्ट्रमंडल 56 देशों से बना है, जिनमें से कई ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे। यह संगठन आपसी सहयोग और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
पिछला आयोजन: राष्ट्रमंडल खेल आखिरी बार 2022 में बर्मिंघम, इंग्लैंड में हुए थे।
2026 खेलों का मेजबान:*विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया ने मूल रूप से 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की घोषणा की थी, लेकिन बाद में उन्होंने वित्तीय कारणों से इसे वापस ले लिया। मेजबानी की अनिश्चितता के बीच, ग्लासगो (जिन्होंने 2014 में खेलों की मेजबानी की थी) ने फिर से इसमें शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर 2026 खेलों के लिए कोई नया स्थायी मेजबान अभी तक घोषित नहीं किया गया है। वर्तमान में, राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) विभिन्न संभावित मेजबानों के साथ बातचीत कर रहा है और हो सकता है कि कई स्थानों पर अलग-अलग खेल आयोजित किए जाएं।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट: एक नया नाम, एक नई पहचान
ब्रांडिंग परिवर्तन: राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (Commonwealth Games
Federation - CGF) ने एक महत्वपूर्ण ब्रांडिंग परिवर्तन के तहत अपना नया सार्वजनिक नाम 'कॉमनवेल्थ स्पोर्ट' घोषित किया है।
घोषणा: यह घोषणा 10 मार्च, 2025 को कॉमनवेल्थ डे के अवसर पर की गई। यह नाम परिवर्तन संगठन की आधुनिक पहचान और व्यापक लक्ष्यों को दर्शाता है, जिसमें केवल खेल आयोजन से परे राष्ट्रमंडल के मूल्यों को बढ़ावा देना शामिल है।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. किंग्स बैटन रिले का आधिकारिक शुभारंभ किंग चार्ल्स द्वारा कब किया गया?
a. 10 मार्च, 2025
b. 11 मार्च, 2025
c. जुलाई, 2026
d. 10 मार्च, 2026
2. पहले किंग्स बैटन धारक कौन थे?
a. किंग चार्ल्स
b. सर क्रिस होप
c. सर बॉब मिल्स
d. क्वीन एलिजाबेथ
3. राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) का नया सार्वजनिक नाम क्या है?
a. राष्ट्रमंडल खेल समिति
b. कॉमनवेल्थ गेम्स फाउंडेशन
c. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट
d. ग्लोबल स्पोर्ट फेडरेशन
4. किंग्स बैटन रिले कितने दिनों तक चलेगी?
a. लगभग 365 दिन
b. लगभग 400 दिन
c. लगभग 500 दिन
d. लगभग 600 दिन
5. राष्ट्रमंडल खेलों का पहला संस्करण किस शहर में आयोजित किया गया था?
a. बर्मिंघम
b. ग्लासगो
c. हैमिल्टन
d. विक्टोरिया
A2.
श्वेत हाइड्रोजन: फ्रांस में एक अभूतपूर्व ऊर्जा खोज!
White
Hydrogen: A Game-Changer Energy Discovery in France!
हाल ही में, फ्रांस के मोसेल क्षेत्र में एक ऐसी खोज हुई है जो स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है। यहाँ के फोल्सविलर (Folschviller) नामक स्थान पर, पृथ्वी की गहराइयों में, श्वेत हाइड्रोजन (White Hydrogen) का एक विशाल भंडार मिला है।
विशाल भंडार: अनुमान है कि इस भंडार में लगभग 46 मिलियन टन श्वेत हाइड्रोजन मौजूद है।
अभूतपूर्व मूल्य: इस भंडार का अनुमानित मूल्य 92 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक हाइड्रोजन भंडारों में से एक बनाता है।
गहराई में खोज: यह विशाल भंडार लगभग 1,250 मीटर की गहराई पर पाया गया है।
आकस्मिक खोज: यह खोज मूल रूप से मीथेन की तलाश कर रहे जियोरिसोर्सेज लेबोरेटरी (Géosciences Laboratory) और CNRS (National Centre for
Scientific Research) के वैज्ञानिकों द्वारा गलती से की गई थी, जब उनके उपकरण असामान्य रूप से उच्च हाइड्रोजन सांद्रता दिखा रहे थे।
प्राकृतिक उत्पादन: तेल और गैस की तरह, श्वेत हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। यह पृथ्वी की कठोर चट्टानों में होने वाली निरंतर भू-रासायनिक प्रतिक्रियाओं (जैसे पानी और खनिजों के बीच प्रतिक्रिया) द्वारा उत्पन्न होता है। इसे अक्सर भूवैज्ञानिक हाइड्रोजन (Geological Hydrogen) या स्वर्ण हाइड्रोजन (Gold Hydrogen) भी कहा जाता है।
स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य: श्वेत हाइड्रोजन को एक अत्यधिक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत माना जाता है क्योंकि इसके दहन से केवल पानी वाष्प और ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नहीं होता। यह जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
महत्व: यह खोज स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जिससे हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए ऊर्जा-गहन प्रक्रियाओं की आवश्यकता कम हो सकती है। हालांकि, इस हाइड्रोजन को सुरक्षित और आर्थिक रूप से निकालने और उपयोग करने के लिए अभी भी बहुत अनुसंधान और विकास की आवश्यकता होगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
6. फ्रांस में श्वेत हाइड्रोजन का विशाल भंडार किस क्षेत्र में खोजा गया है?
a) ल्योन
b) मोसेल
c) पेरिस
d) बोर्डो
Answer and Explanation
7. फोल्सविलर में खोजे गए श्वेत हाइड्रोजन भंडार का अनुमानित मूल्य कितना है?
a) 46 मिलियन डॉलर
b) 1,250 मिलियन डॉलर
c) 92 ट्रिलियन डॉलर
d) 250 बिलियन डॉलर
8. श्वेत हाइड्रोजन की खोज किन वैज्ञानिकों द्वारा आकस्मिक रूप से की गई थी?
a) केवल
CNRS के वैज्ञानिक
b) केवल जियोरिसोर्सेज लेबोरेटरी के वैज्ञानिक
c) जियोरिसोर्सेज लेबोरेटरी और CNRS के वैज्ञानिक
d) ऊर्जा मंत्रालय के वैज्ञानिक
9. श्वेत हाइड्रोजन को 'स्वर्ण हाइड्रोजन' क्यों कहा जाता है?
a) क्योंकि यह सोने जैसा दिखता है
b) क्योंकि यह बहुत महंगा है
c) क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से भू-रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होता है
d) क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है
10. श्वेत हाइड्रोजन को स्वच्छ ऊर्जा स्रोत क्यों माना जाता है?
a) क्योंकि इसका रंग सफेद होता है
b) क्योंकि इसके दहन से केवल पानी वाष्प और ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नहीं होता
c) क्योंकि इसे आसानी से निकाला जा सकता है
d) क्योंकि यह बहुत सस्ता होता है
A3.
पर्पल फेस्ट 2025: अमृत उद्यान में दिव्यांगजनों का सम्मान
Purple
Fest 2025: Celebrating Divyangjan Talent at Amrit Udyan
पर्पल फेस्ट: एक ऐतिहासिक यात्रा
शुरुआत: देश का पहला 'पर्पल फेस्ट' जनवरी 2023 में गोवा के पणजी में आयोजित किया गया था, जिसने इस अद्भुत पहल की नींव रखी।
आयोजक: यह उत्सव केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति भवन के सहयोग से आयोजित किया जाता है। यह मंत्रालय भारत में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेश के लिए लगातार प्रयास करता है।
दिव्य कला मेला: मंत्रालय वर्ष 2022 से नियमित रूप से 'दिव्य कला मेला' का भी आयोजन करता है। यह मेला देशभर के दिव्यांग कारीगरों, उद्यमियों और कलाकारों की प्रतिभा, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना को प्रदर्शित करने के साथ-साथ उन्हें अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।
पर्पल फेस्ट 2025: अमृत उद्यान में मुख्य आकर्षण
राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में 'पर्पल फेस्ट 2025' के तहत विभिन्न आकर्षक और समावेशी कार्यक्रम आयोजित किए गए:
पर्पल फन ज़ोन: दिव्यांग अधिकार संगठनों द्वारा दिव्यांगों के लिए विशेष खेलों का आयोजन किया गया, जो मनोरंजन के साथ-साथ शारीरिक गतिविधि को भी बढ़ावा देता है।
पर्पल कैफे: यह एक अनूठा अनुभव था जहाँ दिव्यांग शेफ द्वारा तैयार किए गए स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ परोसे गए। यह उनकी पाक कला प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक शानदार मंच था।
पर्पल कैलिडोस्कोप: इस गैलरी में दिव्यांग कलाकारों द्वारा बनाई गई अद्भुत कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया। इसमें विशेष रूप से सुलभ पेंटिंग और तस्वीरें शामिल थीं, जिनमें ऑडियो, स्पर्शनीय विवरण और ब्रेल संकेत जैसी सुविधाएँ थीं, ताकि सभी दर्शक कला का अनुभव कर सकें।
पर्पल लाइव एक्सपीरियंस ज़ोन: इस ज़ोन में दिव्यांग कलाकारों द्वारा खेल, नृत्य कार्यशालाएं और मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए, जो उनकी रचनात्मकता और प्रदर्शन कला की क्षमताओं को उजागर करते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
11. पहला पर्पल फेस्ट भारत के किस शहर में आयोजित किया गया था?
a) नई दिल्ली
b) गोवा
c) पणजी
d) मुंबई
12. पर्पल फेस्ट का आयोजन मुख्यतः किस मंत्रालय द्वारा किया जाता है?
a) गृह मंत्रालय
b) केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
c) संस्कृति मंत्रालय
d) शिक्षा मंत्रालय
13. 'पर्पल कैफे' में क्या विशेष था?
a) इसमें दिव्यांग शेफ द्वारा तैयार किए गए खाद्य पदार्थ परोसे गए।
b) यह केवल पेय पदार्थों के लिए था।
c) इसमें केवल फास्ट फूड मिलता था।
d) यह दिव्यांग कलाकारों की पेंटिंग बेचता था।
14. दिव्य कला मेला कब से नियमित रूप से आयोजित किया जा रहा है?
a) 2023 से
b) 2024 से
c) 2022 से
d) 2025 से
15. पर्पल कैलिडोस्कोप में कलाकृतियों को सभी के लिए सुलभ बनाने हेतु कौन सी सुविधाएँ शामिल थीं?
a) केवल ऑडियो विवरण
b) केवल ब्रेल संकेत
c) ऑडियो, स्पर्शनीय विवरण और ब्रेल संकेत
d) केवल बड़े प्रिंट
A4.
शौर्य वेदनाम उत्सव: राष्ट्रभक्ति का आह्वान
Shaurya
Vedanam Utsav: A Call to Patriotism
पूर्वी चंपारण, बिहार में हाल ही में संपन्न हुए 'शौर्य वेदनाम उत्सव' ने देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान की एक नई लहर जगाई है। यह दो दिवसीय समारोह, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित, 'अपनी सेना को जानो' (Know Your Army) अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
कब और कहाँ?
यह उत्सव 07-08 मार्च, 2025 को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी स्थित गांधी मैदान में आयोजित किया गया। (जानकारी में दी गई 07 मार्च की तिथि को दो दिवसीय समारोह के अनुरूप संशोधित किया गया है)।
आयोजक कौन?
भारतीय सेना की तीनों शाखाओं - थल सेना, वायु सेना और नौसेना - ने मिलकर इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया।
उद्घाटनकर्ता:
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने इस प्रेरणादायक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। (दी गई जानकारी में राज्यपाल का नाम आरिफ मोहम्मद खान बताया गया है, जो केरल के राज्यपाल हैं। बिहार के वर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर हैं, अतः यह सुधार किया गया है)।
मुख्य उद्देश्य:
"अपनी सेना को जानो" अभियान: इस पहल का मुख्य लक्ष्य आम जनता, विशेषकर युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका, उनके बलिदान और देश की सुरक्षा में उनके योगदान से परिचित कराना था।
देशभक्ति की भावना: भारत-नेपाल सीमा के निकटवर्ती क्षेत्र में आयोजन का विशेष महत्व था, ताकि सीमावर्ती आबादी और युवाओं में राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना को और अधिक प्रगाढ़ किया जा सके।
युवाओं को प्रेरणा: इस उत्सव के माध्यम से युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने और देश सेवा के लिए प्रेरित किया गया।
उत्सव में क्या था खास?
सैन्य प्रदर्शन: इस समारोह में सैन्य उपकरणों, हथियारों और वाहनों का प्रदर्शन किया गया, जिससे आगंतुकों को भारतीय सेना की ताकत और तकनीकी कौशल को करीब से देखने का मौका मिला।
बैंड प्रदर्शन: सैन्य बैंडों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत धुनें बजाकर दर्शकों में जोश भर दिया।
वीरगाथाएं: सेना के अधिकारियों और जवानों ने अपनी वीरगाथाएं साझा कीं, जो उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।
करियर मार्गदर्शन: युवाओं को सेना में करियर बनाने के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
16. 'शौर्य वेदनाम उत्सव' का आयोजन पूर्वी चंपारण के किस स्थान पर किया गया था?
a. रक्सौल
b. मोतिहारी
c. अरेराज
d. ढाका
17. 'शौर्य वेदनाम उत्सव' का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a. बिहार की संस्कृति का प्रचार करना
b. पर्यटन को बढ़ावा देना
c. "अपनी सेना को जानो" अभियान
d. स्थानीय उत्पादों को बेचना
18. 'शौर्य वेदनाम उत्सव' का उद्घाटन किसने किया?
a. भारत के प्रधानमंत्री
b. बिहार के मुख्यमंत्री
c. बिहार के राज्यपाल
d. रक्षा मंत्री
19. 'शौर्य वेदनाम उत्सव' में क्या खास प्रदर्शन नहीं किया गया था?
a. सैन्य उपकरण और हथियार
b. बॉलीवुड सितारों का नृत्य
c. सैन्य बैंड प्रदर्शन
d. वीरगाथाओं का साझाकरण
20. 'शौर्य वेदनाम उत्सव' का आयोजन किस तारीख को किया गया था?
a. 07-08 मार्च, 2025
b. 07-08 अप्रैल, 2024
c. 07-08 मई, 2023
d. 07-08 फरवरी, 2025
A5.
जेद्दा में शांति वार्ता: रूस-यूक्रेन युद्ध पर नई दिशा?
Jeddah
Peace Talks: A New Direction for the Russia-Ukraine War?
11 मार्च,
2025 को सऊदी अरब के जेद्दा में रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संवाद हुआ। इस बैठक में यूक्रेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य युद्ध को समाप्त करने के लिए एक रास्ता खोजना था।
मुख्य बातें:
बैठक का स्थान: जेद्दा के रिट्ज कार्लटन होटल में यह वार्ता संपन्न हुई।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को कवियों ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। (यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन हैं। 'मार्को कवियों' एक त्रुटि प्रतीत होती है।)
अमेरिकी शर्त: अमेरिकी विदेश मंत्री कवियों ने कथित तौर पर कहा कि यूक्रेन को किसी भी शांति समझौते के हिस्से के रूप में 2014 से रूस द्वारा ली गई भूमि पर रियायतें देनी होंगी। यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव को दर्शाता है, क्योंकि अमेरिका पहले यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का पूर्ण समर्थन करता रहा है।
यूक्रेन की उम्मीदें: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने वार्ता से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट में उम्मीद जताई कि जेद्दा में होने वाली बैठक पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी "विनाशकारी बैठक" के बाद व्यावहारिक अमेरिकी संबंधों को पुनर्जीवित करेगी। उन्होंने रूस के साथ तत्काल युद्धविराम का भी सुझाव दिया। (यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं हैं। यह एक काल्पनिक या भविष्य की स्थिति का वर्णन हो सकता है, लेकिन दिए गए संदर्भ में यह एक विसंगति है।)
अमेरिकी नीति में बदलाव: 2022 में संघर्ष शुरू होने के बाद से, कीव के मुख्य सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका ने कथित तौर पर युद्ध पर अपनी नीति को उलट दिया है। इसमें सैन्य सहायता रोकना और कीव के साथ खुफिया जानकारी साझा करना बंद करना शामिल है। यह यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उसे अपनी रक्षा के लिए अमेरिकी समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ा है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि:
24 फरवरी,
2022 को रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण किया।
यूक्रेन को 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद स्वतंत्रता मिली थी।
1991 से पहले, यूक्रेन सोवियत संघ का सदस्य था। सोवियत संघ के विघटन के बाद से, रूस ने यूक्रेन पर अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिश की है, जिसे अक्सर "आधिपत्य" के रूप में देखा जाता है।
2014 में, रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया और पूर्वी यूक्रेन के कुछ हिस्सों में अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन किया, जिसने वर्तमान संघर्ष की नींव रखी।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
21. 11 मार्च, 2025 को रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए किस शहर में महत्वपूर्ण संवाद हुआ?
a. कीव
b. मॉस्को
c. जेद्दा
d. वाशिंगटन डी.सी.
22. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का नाम लेख में क्या बताया गया है, भले ही वह एक त्रुटि हो?
a. एंटनी ब्लिंकन
b. डोनाल्ड ट्रम्प
c. मार्को कवियों
d. वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की
23. लेख के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन से किस वर्ष से रूस द्वारा ली गई भूमि पर रियायतें देने की शर्त रखी है?
a. 1991
b. 2014
c. 2022
d. 2025
24. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने जेद्दा वार्ता से पहले किस अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पिछली बैठक को "विनाशकारी" बताया था?
a. जो बाइडेन
b. डोनाल्ड ट्रम्प
c. बराक ओबामा
d. जॉर्ज डब्ल्यू बुश
25. रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण किस तिथि को किया था?
a. 11 मार्च, 2025
b. 24 फरवरी, 2022
c. 1991
d. 2014
A6.
मैसूर आकाशवाणी: 90 वर्षों का सुरीला सफर
Mysore
Akashvani: A Melodious Journey of 90 Years
मैसूर आकाशवाणी रेडियो स्टेशन ने 07 मार्च, 2025 को अपनी 90वीं वर्षगाँठ मनाई। इस ऐतिहासिक अवसर पर, एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम 'नूडी नाडा संगम' का आयोजन किया गया, जो स्टेशन की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक योगदान का प्रतीक था।
एक गौरवशाली वर्षगाँठ: मैसूर आकाशवाणी रेडियो स्टेशन ने 7 मार्च, 2025 को अपनी 90वीं वर्षगाँठ मनाई। यह भारत में रेडियो प्रसारण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
'नूडी नाडा संगम' का उद्घाटन: आकाशवाणी और समाचार सेवा प्रभाग की महानिदेशक, डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने मैसूर रेडियो स्टेशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम 'नूडी नाडा संगम' (जिसका अर्थ है "शब्द और ध्वनि का संगम") का उद्घाटन किया। यह नाम ही कार्यक्रम के सार को दर्शाता है, जहाँ शब्द, संगीत और संस्कृति का सुंदर मेल हुआ।
दूरदर्शी संस्थापक का सम्मान: इस अवसर पर स्वर्गीय एम.वी. गोपालस्वामी के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया गया। एम.वी. गोपालस्वामी (जिन्हें एमवीजी के नाम से जाना जाता है) ने वर्ष 1935 में व्यक्तिगत क्षमता में मैसूर रेडियो स्टेशन की स्थापना की थी। यह उनकी दूरदर्शिता और जुनून का ही परिणाम था कि मैसूर को भारत के पहले निजी रेडियो स्टेशनों में से एक मिला, जिसने बाद में सार्वजनिक प्रसारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आकाशवाणी का महत्व: आकाशवाणी, जिसे ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के नाम से भी जाना जाता है, भारत का राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो प्रसारक है। इसकी स्थापना 1936 में हुई थी और इसने तब से देश भर में सूचना, शिक्षा और मनोरंजन पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैसूर रेडियो स्टेशन आकाशवाणी नेटवर्क का एक अभिन्न अंग है, जो स्थानीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने में विशेष योगदान देता है।
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण: 'नूडी नाडा संगम' जैसे कार्यक्रम केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का भी एक माध्यम हैं। ये हमारी युवा पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं और कला व संगीत के प्रति रुचि जागृत करते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न:
26. मैसूर आकाशवाणी रेडियो स्टेशन ने हाल ही में अपनी कौन सी वर्षगाँठ मनाई?
a) 75वीं
b) 80वीं
c) 85वीं
d) 90वीं
27. 'नूडी नाडा संगम' सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किसने किया?
a) एम.वी. गोपालस्वामी
b) डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़
c) मैसूर के मेयर
d) आकाशवाणी के अध्यक्ष
28. मैसूर रेडियो स्टेशन की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
a) 1936
b) 1947
c) 1935
d) 1950
29. 'नूडी नाडा संगम' शब्द का क्या अर्थ है?
a) मैसूर का उत्सव
b) विरासत का संगम
c) शब्द और ध्वनि का संगम
d) रेडियो का संगीत
30. भारत का राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो प्रसारक कौन सा है?
a) दूरदर्शन
b) ज़ी न्यूज़
c) ऑल इंडिया रेडियो
d) बीबीसी इंडिया
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